01-04-2020, 10:19 PM
(This post was last modified: 05-08-2021, 12:57 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
टिट फक,चूँची चोदन
मारे ख़ुशी के अपनी दोनों कड़ी कड़ी गदरायी चूँचियों के बीच उनका लंड लेकर , कसर मसर
…………………………….
टिट फक,चूँची चोदन
मस्ती से उनकी हालत खराब हो रही थी ,
और ऊपर से मैं बीच बीच में मेरी चूँचियों के बीच से झांकते , उनके मोटे सुपाड़े को
कभी जीभ से चाट लेती तो कभी
होंठों के बीच लेकर चुभलाने लगती।
सिसकियों के बीच , उन्होंने पूछ ही लिया ,
और वो दूसरी बात , ?
" अरे आज से तीन दिन बाद, जिस दिन उन्हें खुद किचेन में बनाकर ,मटन ,पोर्क ,चिकेन ,फिश सब , ... तो बस उसी दिन
ऊपर के मुंह के साथ नीचे वाले मुंह की भी दावत करा देना। खुद ही तो उन्होंने तुम्हे हिंट दिया था , उस दिन उनकी ' वो वाली ' छुट्टी ख़त्म होगी।
बस,और उस दिन तो ऐसे चींटे काटते हैं बुर में , बस मटन पोर्क चिकेन ऊपर वाले मुंह में , नीचे वाले मुंह में पटक के चोद देना छिनार को."
" वो तो तीन दिन बाद ,तेरी जेठानी का नंबर लगेगा लेकिन पहले उनकी देवरानी को तो चोद दूँ। "
और अगले पल वो मेरे ऊपर थे ,मुझे दुहरी कर के ,मेरी दोनों लम्बी टाँगे उनके कंधे पर ,
और एक के बाद एक करारे धक्के।
चार पांच धक्को में ही उनका मोटा पहाड़ी आलू ऐसा सुपाड़ा सीधे मेरी बच्चेदानी पर ठोकर मारने लगा।
जब थोड़ी सांस लेने का मौक़ा मिला तो , उनकी बात को याद दिलाते उन्हें चिढ़ाते मैं बोली ,
" अच्छा , इसका मतलब अभी देवरानी को चोद रहे हो और तीन दिन बाद जेठानी को चोदोगे। "
कचकचा कर मेरी चूँची काटते , सुपाडे तक मूसल बाहर निकाल कर एक धक्के में पूरा पेलते मेरे सैयां बोले ,
" अरे आज तक तेरी बात टाली है मैंने जो ये टालूंगा , लेकिन तू भी ,.... "
उनका मतलब समझ नीचे से धक्के का जवाब धक्के से देती मैं बोली ,
" एकदम मेरे साजन , तेरे साथ ही रहूंगी ,पूरी रात ,बस सारी रात चोदना अपनी भौजाई को ,असली लंड क्या होता है उन्हें मालूम हो जाएगा "
और मन ही मन मैं सोच रही थी ,
मेरे बावरे बालम , अरे सिर्फ तेरी भौजाई ही नहीं जब तू अपनी छोटकी बहिनिया को चोदेगा ,अपनी माँ चोदेगा तब भी मैं तुम्हारे साथ रहूंगी। "
इसी बीच उन्होने तूफानी चुदाई के साथ तिहरा हमला बोल दिया ,
उनके होंठ मेरे निपल चूस रहे थे ,चूँची काट रहे थे ,
उंगलिया मेरी क्लीट मसल रही थीं ,रगड़ रही थीं
और लंड हर धक्के में सीधे मेरी बच्चेदानी पे ,
मारे ख़ुशी के अपनी दोनों कड़ी कड़ी गदरायी चूँचियों के बीच उनका लंड लेकर , कसर मसर
…………………………….
टिट फक,चूँची चोदन
मस्ती से उनकी हालत खराब हो रही थी ,
और ऊपर से मैं बीच बीच में मेरी चूँचियों के बीच से झांकते , उनके मोटे सुपाड़े को
कभी जीभ से चाट लेती तो कभी
होंठों के बीच लेकर चुभलाने लगती।
सिसकियों के बीच , उन्होंने पूछ ही लिया ,
और वो दूसरी बात , ?
" अरे आज से तीन दिन बाद, जिस दिन उन्हें खुद किचेन में बनाकर ,मटन ,पोर्क ,चिकेन ,फिश सब , ... तो बस उसी दिन
ऊपर के मुंह के साथ नीचे वाले मुंह की भी दावत करा देना। खुद ही तो उन्होंने तुम्हे हिंट दिया था , उस दिन उनकी ' वो वाली ' छुट्टी ख़त्म होगी।
बस,और उस दिन तो ऐसे चींटे काटते हैं बुर में , बस मटन पोर्क चिकेन ऊपर वाले मुंह में , नीचे वाले मुंह में पटक के चोद देना छिनार को."
" वो तो तीन दिन बाद ,तेरी जेठानी का नंबर लगेगा लेकिन पहले उनकी देवरानी को तो चोद दूँ। "
और अगले पल वो मेरे ऊपर थे ,मुझे दुहरी कर के ,मेरी दोनों लम्बी टाँगे उनके कंधे पर ,
और एक के बाद एक करारे धक्के।
चार पांच धक्को में ही उनका मोटा पहाड़ी आलू ऐसा सुपाड़ा सीधे मेरी बच्चेदानी पर ठोकर मारने लगा।
जब थोड़ी सांस लेने का मौक़ा मिला तो , उनकी बात को याद दिलाते उन्हें चिढ़ाते मैं बोली ,
" अच्छा , इसका मतलब अभी देवरानी को चोद रहे हो और तीन दिन बाद जेठानी को चोदोगे। "
कचकचा कर मेरी चूँची काटते , सुपाडे तक मूसल बाहर निकाल कर एक धक्के में पूरा पेलते मेरे सैयां बोले ,
" अरे आज तक तेरी बात टाली है मैंने जो ये टालूंगा , लेकिन तू भी ,.... "
उनका मतलब समझ नीचे से धक्के का जवाब धक्के से देती मैं बोली ,
" एकदम मेरे साजन , तेरे साथ ही रहूंगी ,पूरी रात ,बस सारी रात चोदना अपनी भौजाई को ,असली लंड क्या होता है उन्हें मालूम हो जाएगा "
और मन ही मन मैं सोच रही थी ,
मेरे बावरे बालम , अरे सिर्फ तेरी भौजाई ही नहीं जब तू अपनी छोटकी बहिनिया को चोदेगा ,अपनी माँ चोदेगा तब भी मैं तुम्हारे साथ रहूंगी। "
इसी बीच उन्होने तूफानी चुदाई के साथ तिहरा हमला बोल दिया ,
उनके होंठ मेरे निपल चूस रहे थे ,चूँची काट रहे थे ,
उंगलिया मेरी क्लीट मसल रही थीं ,रगड़ रही थीं
और लंड हर धक्के में सीधे मेरी बच्चेदानी पे ,