01-04-2020, 09:25 PM
(This post was last modified: 04-08-2021, 02:08 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
( इनके ) मायके की दूसरी रात
और ऊपर कमरे में पहुंचते ही हम दोनों खिलखलाने लगे
दोनों पर जैसे हंसी का दौरा पड़ गया, हंसी रुक ही नहीं रही थी ,
और साथ में एक दूसरे के कपडे उतारने का भी,
उन्होंने मेरी कुर्ती उतार के फेंकी और बोले ,
" इम्पोर्टेड रशियन पनीर ,ही ही ही ही "
और मैंने उनकी बॉक्सर शार्ट खींच दी , बोली
" इम्पोर्टेड मशरूम "
और उन्होंने मेरी पजामी खींच दी ,
" वेज बिरयानी,... " और फिर हम दोनों पर हंसी का दौरा।
मैंने उनकी टी शर्ट उतार के फेंक दी और उन्हें पलंग पर धकेल कर गिरा दिया।
फिर मैंने उनपर हमला बोल दिया ,
होंठों ने ,हाथों ने
पहले उनके गाल मैंने काटे कचकचा के पूरी ताकत से ,
थे भी तो खूब नमकीन और कचकचौवा, एकदम मालपूआ।
फिर होंठ और जीभ अपनी उनके मुंह में ऐसे ठेल दी , जैसे
वो अपना लंड मेरी बुर में पेलते हैं , हचक के.
फिर उनके सीने पर उनके निपल्स को हलके हलके बाइट
और फिर नाभि में मेरी जीभ अटक गयी ,उसे छेड़ती चाटती ,
एक पल का टाक ब्रेक लेके मैं पचास बार तो बोली ही होउंगी ,
आई लव यू ,आई लव यू ,
यार यू आर जस्ट मेड फॉर मी
और
फिर हाथ भी मैदान में आ गए , उनके निपल को स्क्रैच करने लगे।
आज मैं बहुत खुश थी , बहुत , बहुत ,..
जीभ इनके खूंटे के बेस को सहलाती रही ,
फिर एक एक बॉल्स उनकी लेके मैं चूसने चुभलाने लगी।
मेरे हाथ अब उनके नितम्बो पर थे थोड़ा उन्हें उचकाकर बॉल्स और पिछवाड़े के बीच की जगह पर
और कभी कभी गोलकुण्डे के दरवाजे पर भी
माना गांड चाटने में वो एक नंबरी थे लेकिन मैं भी कोई कम नहीं थी।
कहने की बात नहीं खूंटा उनका खूब फनफनाया , तना एकदम ९० डिग्री पर।
जीभ एक बार फिर खूंटे के बेस से खुले सुपाड़े तक ,
कुछ देर चाटने चुटने के मैं ' उसी से ' बात करने लगी।
" भूलना मत ,ठीक तीन दिन बाद मेरी जेठानी की छुट्टी ख़तम होने वाली है छोड़ना मत उसे ,मादरचोद ,चोद देना पटक के। प
हले मेरी जेठानी, फिर मेरी सास और छिनार ननद भी तो है।
कसी कोरी चूत से लेकर रसीले भोंसडे तक ,तेरा मायका तो एकदम माल रोड हो रहा है।
अरे फेसबुक और व्हाट्सऐप से ढूंढ कर तेरी सारी कजिन्स की लिस्ट बना ली है मैंने ,जिनकी झांटे आनी बस शुरू हुयी है से लेकर चुदवाने में कालीन गंज ( इनके मायके की रेड लाइट एरिया ) रंडियों को मात कर देने वाली सारी ,सब की दिलवाऊंगी तुझे ,
मादरचोद ,बहनचोद ,भाभी चोद , सब बनाउंगी , ...आज तूने मेरा दिल खुश कर दिया। "
इसके बाद मेरी बोलती बंद हो गयी, क्योंकि मेरे लालची होंठों ने इनका मोटा सुपाड़ा गड़प कर लिया और लगे चूसने चुभलाने।
मेरी ऊँगली क्यों शैतानी से बाज आती ,और अब तो पीछे का रास्ता खुल भी गया था ,
बस गचाक से एक ऊँगली मैंने जड़ तक पेल दी. और लगी ऊँगली से उनकी गांड मारने।
गचागच गचागच।
बिचारे चूतड़ उठा के , मेरे होंठों का भी मजा ले रहे थे और ऊँगली का भी।
थोड़ी ही देर में इनका आधे से ज्यादा लंड मेरे मुंह में ,
और मेरी दो उँगलियाँ इनकी गांड में ,जड़ तक।
मैं जोर जोर से चूस रही थी , चाट रही थी।
मेरे गुलाबी रसीले होंठ इनके मोटे कड़े मूसल पे रगड़ते हुए ,
और ऊपर कमरे में पहुंचते ही हम दोनों खिलखलाने लगे
दोनों पर जैसे हंसी का दौरा पड़ गया, हंसी रुक ही नहीं रही थी ,
और साथ में एक दूसरे के कपडे उतारने का भी,
उन्होंने मेरी कुर्ती उतार के फेंकी और बोले ,
" इम्पोर्टेड रशियन पनीर ,ही ही ही ही "
और मैंने उनकी बॉक्सर शार्ट खींच दी , बोली
" इम्पोर्टेड मशरूम "
और उन्होंने मेरी पजामी खींच दी ,
" वेज बिरयानी,... " और फिर हम दोनों पर हंसी का दौरा।
मैंने उनकी टी शर्ट उतार के फेंक दी और उन्हें पलंग पर धकेल कर गिरा दिया।
फिर मैंने उनपर हमला बोल दिया ,
होंठों ने ,हाथों ने
पहले उनके गाल मैंने काटे कचकचा के पूरी ताकत से ,
थे भी तो खूब नमकीन और कचकचौवा, एकदम मालपूआ।
फिर होंठ और जीभ अपनी उनके मुंह में ऐसे ठेल दी , जैसे
वो अपना लंड मेरी बुर में पेलते हैं , हचक के.
फिर उनके सीने पर उनके निपल्स को हलके हलके बाइट
और फिर नाभि में मेरी जीभ अटक गयी ,उसे छेड़ती चाटती ,
एक पल का टाक ब्रेक लेके मैं पचास बार तो बोली ही होउंगी ,
आई लव यू ,आई लव यू ,
यार यू आर जस्ट मेड फॉर मी
और
फिर हाथ भी मैदान में आ गए , उनके निपल को स्क्रैच करने लगे।
आज मैं बहुत खुश थी , बहुत , बहुत ,..
जीभ इनके खूंटे के बेस को सहलाती रही ,
फिर एक एक बॉल्स उनकी लेके मैं चूसने चुभलाने लगी।
मेरे हाथ अब उनके नितम्बो पर थे थोड़ा उन्हें उचकाकर बॉल्स और पिछवाड़े के बीच की जगह पर
और कभी कभी गोलकुण्डे के दरवाजे पर भी
माना गांड चाटने में वो एक नंबरी थे लेकिन मैं भी कोई कम नहीं थी।
कहने की बात नहीं खूंटा उनका खूब फनफनाया , तना एकदम ९० डिग्री पर।
जीभ एक बार फिर खूंटे के बेस से खुले सुपाड़े तक ,
कुछ देर चाटने चुटने के मैं ' उसी से ' बात करने लगी।
" भूलना मत ,ठीक तीन दिन बाद मेरी जेठानी की छुट्टी ख़तम होने वाली है छोड़ना मत उसे ,मादरचोद ,चोद देना पटक के। प
हले मेरी जेठानी, फिर मेरी सास और छिनार ननद भी तो है।
कसी कोरी चूत से लेकर रसीले भोंसडे तक ,तेरा मायका तो एकदम माल रोड हो रहा है।
अरे फेसबुक और व्हाट्सऐप से ढूंढ कर तेरी सारी कजिन्स की लिस्ट बना ली है मैंने ,जिनकी झांटे आनी बस शुरू हुयी है से लेकर चुदवाने में कालीन गंज ( इनके मायके की रेड लाइट एरिया ) रंडियों को मात कर देने वाली सारी ,सब की दिलवाऊंगी तुझे ,
मादरचोद ,बहनचोद ,भाभी चोद , सब बनाउंगी , ...आज तूने मेरा दिल खुश कर दिया। "
इसके बाद मेरी बोलती बंद हो गयी, क्योंकि मेरे लालची होंठों ने इनका मोटा सुपाड़ा गड़प कर लिया और लगे चूसने चुभलाने।
मेरी ऊँगली क्यों शैतानी से बाज आती ,और अब तो पीछे का रास्ता खुल भी गया था ,
बस गचाक से एक ऊँगली मैंने जड़ तक पेल दी. और लगी ऊँगली से उनकी गांड मारने।
गचागच गचागच।
बिचारे चूतड़ उठा के , मेरे होंठों का भी मजा ले रहे थे और ऊँगली का भी।
थोड़ी ही देर में इनका आधे से ज्यादा लंड मेरे मुंह में ,
और मेरी दो उँगलियाँ इनकी गांड में ,जड़ तक।
मैं जोर जोर से चूस रही थी , चाट रही थी।
मेरे गुलाबी रसीले होंठ इनके मोटे कड़े मूसल पे रगड़ते हुए ,