01-04-2020, 05:40 PM
(This post was last modified: 01-04-2020, 05:42 PM by Niharikasaree. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैं - पिंक, वाइट, रेड, ब्लैक
सहेली - पूरी दुकान लेनी है क्या। ......................
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सहेली - पूरी दुकान लेनी है क्या। ......................
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आगे,
हम दोनों चलते हुए , बाज़ार तक आ गए।
मैं - कौन सी दुकान पर चलना है?
सहेली - चल, "सोनिया कलेक्शन" पर चलते हैं, वहां अच्छी डिज़ाइनर ब्रा मिलती हैं , रेट भी ठीक है.
मैं - अच्छा , चल जैसा तू कहे।
सहेली - हम्म,
हम दोनों दुकान पर आ गए , वाहन मैंने देखा की एक से एक डिज़ाइनर ब्रा का कलेक्शन है, मेकअप का सामान है, हेयर बैंड , लिपस्टिक, फाउंडेशन, नेलपेंट, और न जाने जाने क्या - क्या , उफ़ मैं तो आंखे खोल के देखती ही रह गयी ,
ऐसा नहीं है की, मैं पहेली बार बाज़ार गई थी, माँ के साथ बस झोला पकड़ी और साथ - साथ चल दी, जायदा ध्यान नहीं दिया , पर आज जब मैं अकेली थी, तब कुछ अलग अहसास था.
सहेली - पागल, क्या देख रही है , कहाँ खो गई ?
मैं - हम्म, कुछ नहीं, [ अपने आप को सम्हालते हुए ]
काउंटर पर देखा कोई महिला नहीं दिख रही, अब एक और मुसीबत,
मैंने सहेली से कहा - सुन , कोई लेडीज नहीं है, अब क्या करे ?
एक लड़का था , दिखने मैं ठीक , हलकी दाढ़ी - मूछ ब्लू - चेक की शर्ट व् जीन्स पहने था , गोरा , हाइट भी ठीक थी, मुज़से तो लम्बा ही था.
सहेली - क्या बात यही, ब्रा के साथ ब्रा वाला भी लेना है , ही ही ही फिर तो पूरी दुकान तेरी
मैं - पागल , कुछ भी बोलती है, पर अब क्या करे , इसको बोले ब्रा के लिए? तूने ली है यहाँ से ब्रा ?
सहेली - हम्म, कई बार , रेट ठीक है, फिर डिस्काउंट भी देता है , पर बहस करनी पड़ती है , और बिना बहस -बार्गेन के हम लड़किया कुछ नहीं खरीदती।
मैं - हमम, वो सब तो ठीक है, पर बोले कैसे , अच्छा तू बोल दे। .......
सहेली - तुझे ब्रा चाईए , तू ही बोल , मैं नहीं
तभी। . दुकान वाला बोला। .....
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका