01-04-2020, 02:47 PM
(31-03-2020, 01:46 AM)Niharikasaree Wrote:कुसुम जी ,
कहा हो , लगता है ही बिजी हो , "कन्या रस " का जो मज़ा होता है।एक लड़की ही समझ सकती है एक लड़की के जिस्म की सॉफ्ट व् सेंसिटिव जगह , बूब्स, कमर, लिप्स , जाँघे , उंगलिया उफ़ क्या बताऊ पूरा जिस्म ही मादक होता है, कोमल जी भी सहमत होंगी।
"कन्या रस" का भोग अपना अलग ही मज़ा देता है , कोमल जी की के जादू भरे शब्द एकदम जिवंत चित्रण कर देते है , मज़ा आ जाता है, और जिस्म अगर ,नखरैल ननद का हो तो क्या कहना।
कुसुम जी आओ न , टाइम निकल के। .... गर्ल्स वाले थ्रेड पर.

आज कल थोड़ी व्यस्तता हो गयी है
मैं जरूर आऊंगी आप के थर्ड पर ओर आप मैं पूनम जी कोमल जी खूब बतियाएँगी वहां पर
बिल्कुल ठीक कहा आप ने कन्या रस का अलग मजा होता है जब कोई एक नारी दूसरी के जिस्म से खेलती है तो जो मजा जो लज्जत ऊफ़्फ़ सिर्फ महसूस की जा सकती है वो मस्ति
खैर, मैं भी क्या ले के बैठ गयी,
तो हां मैं भी जरूर आऊंगी आप सहेलियां महफ़िल सजाओ ना तब तक आप बहुत अच्छी यादें ताजा कर रही है बचपन की
बहुत अच्छा लग रहा है वहाँ पे ओर हसींन बनाओ थर्ड को सभी चुलबुली लड़कियां मिल के
