01-04-2020, 12:46 PM
भैया बहिनिया
और उनके होंठ भी अब कस के उस जवान होती में ननद को उसकी आ रही जवानी का अहसास कराते , कस कस के चूम रहे थे ,उनकी वो मलाई जो थोड़ी देर पहले उनके खूंटे से मेरे होंठो पर ,
फिर मेरे होंठों से , उस दर्जा आठ वाली मेरी ननदिया के होंठों पर , ...
और अब मेरी ननद के होंठों से उन के होंठों पर ,.... उन के चुम्मे का असर मैं जानती थी ,
एकदम देह में आग लगा देता था , बस सिर्फ ये मन करता था की अब ये लड़का सीधे पटक के चोद दे ,
एकदम यही असर मेरी ननद रानी पर हो रहा था , वो एकदम चिपक गयी थी ,
उनके सीने में अपने छोटे छोटे जुबना रगड़ रही थी ,
उनके होंठों पर अपने होंठ ,
और आज तो उनसे कस के मेरी ननदिया उन्हें चूम रही थी , कस के अपने बाँहों में भरे ,
अपने होंठ कस कस के अपने भैया के होंठों पर रगड़ते , कसे टॉप में उसके जोबन एकदम छलक रहे थे , निप्स तक साफ साफ़ दिख रहे थे
और जैसे कोई लिफ़ाफ़े पर टिकट चिपका हो उस तरह अपने भैया से चिपकी , अपने कच्ची अमिया को उनके सीने में चुभोती
और उनका खूंटा भी एकदम पैंट फाड़ रहा था सीधे उसकी जाँघों के बीच ,
पर उसे कोई फरक नहीं पड़ रहा था
हाँ अपने भैया की मलाई , अभी भी उसने अपने मुंह में रोक कर रखा था , जैसे एक एक बूँद का स्वाद लेना चाहती हो ,
गाल उसके अभी भी एकदम फूले , ... और ये देखकर इनकी हालत और खराब
पर यही तो मैं चाहती थी
और यही मेरी ननदिया भी चाहती थी ,
मुझे याद आया , रात को यही तो मैंने इन्हे बताया था , ...
अगर उनकी ममेरी बहन आये और सीधे उनकी बाँहों में धंस जाए तो समझो उसकी 'हाँ '
तू उसे वहीँ खड़ी खड़ी चोद देगा तो वो चुदवा लेगी , लेकिन उसके लिए तेरी हाँ ,
अगर तुझे कहना है की तेरा भी मन करता है तो बस उस्सकी आ रही छोटी छोटी चूँचियो को बस एक बार हलके से पकड़ कर , ...
समझ गए ना ,
और ननद ने तो सिग्नल पूरा दे दिया था और अब मैं उन्हें देख रही थी ,
उनकी उंगलिया , कुछ देर तक हिचकी , झिझकीं , ,
सच में कुछ ज्यादा ही सीधे थे ये , एकदम बुद्धू , ....
कोई लड़की अगर खोल के भी इन्हे दे दे ना ,
तो भी ये सौ बार सोचेंगे
इसी लिए इतने दिन कुंवारे रहे , इनकी नथ मुझे उतारनी पड़ी
और उनके होंठ भी अब कस के उस जवान होती में ननद को उसकी आ रही जवानी का अहसास कराते , कस कस के चूम रहे थे ,उनकी वो मलाई जो थोड़ी देर पहले उनके खूंटे से मेरे होंठो पर ,
फिर मेरे होंठों से , उस दर्जा आठ वाली मेरी ननदिया के होंठों पर , ...
और अब मेरी ननद के होंठों से उन के होंठों पर ,.... उन के चुम्मे का असर मैं जानती थी ,
एकदम देह में आग लगा देता था , बस सिर्फ ये मन करता था की अब ये लड़का सीधे पटक के चोद दे ,
एकदम यही असर मेरी ननद रानी पर हो रहा था , वो एकदम चिपक गयी थी ,
उनके सीने में अपने छोटे छोटे जुबना रगड़ रही थी ,
उनके होंठों पर अपने होंठ ,
और आज तो उनसे कस के मेरी ननदिया उन्हें चूम रही थी , कस के अपने बाँहों में भरे ,
अपने होंठ कस कस के अपने भैया के होंठों पर रगड़ते , कसे टॉप में उसके जोबन एकदम छलक रहे थे , निप्स तक साफ साफ़ दिख रहे थे
और जैसे कोई लिफ़ाफ़े पर टिकट चिपका हो उस तरह अपने भैया से चिपकी , अपने कच्ची अमिया को उनके सीने में चुभोती
और उनका खूंटा भी एकदम पैंट फाड़ रहा था सीधे उसकी जाँघों के बीच ,
पर उसे कोई फरक नहीं पड़ रहा था
हाँ अपने भैया की मलाई , अभी भी उसने अपने मुंह में रोक कर रखा था , जैसे एक एक बूँद का स्वाद लेना चाहती हो ,
गाल उसके अभी भी एकदम फूले , ... और ये देखकर इनकी हालत और खराब
पर यही तो मैं चाहती थी
और यही मेरी ननदिया भी चाहती थी ,
मुझे याद आया , रात को यही तो मैंने इन्हे बताया था , ...
अगर उनकी ममेरी बहन आये और सीधे उनकी बाँहों में धंस जाए तो समझो उसकी 'हाँ '
तू उसे वहीँ खड़ी खड़ी चोद देगा तो वो चुदवा लेगी , लेकिन उसके लिए तेरी हाँ ,
अगर तुझे कहना है की तेरा भी मन करता है तो बस उस्सकी आ रही छोटी छोटी चूँचियो को बस एक बार हलके से पकड़ कर , ...
समझ गए ना ,
और ननद ने तो सिग्नल पूरा दे दिया था और अब मैं उन्हें देख रही थी ,
उनकी उंगलिया , कुछ देर तक हिचकी , झिझकीं , ,
सच में कुछ ज्यादा ही सीधे थे ये , एकदम बुद्धू , ....
कोई लड़की अगर खोल के भी इन्हे दे दे ना ,
तो भी ये सौ बार सोचेंगे
इसी लिए इतने दिन कुंवारे रहे , इनकी नथ मुझे उतारनी पड़ी