31-03-2020, 06:00 PM
सहेली - क्या हुआ , परेशान है , बता क्या बात है
मैं - वो , यार बाजार जाना था। ...................
......................................................................................................
प्यारी सहेलिओ ,
स्वागत है , कुछ पुराणी यादो के सफर मैं
अब आगे। ................
सहेली - तो चल न, कहाँ जाना है, क्या लाना है , कब चलना है,
मैं - उफ़, इतने सवाल , यह लड़की भी न , कुछ काम है, आजा मेरे घर जल्दी
सहेली - अच्छा बाबा आती हूँ , ओके बाय
मैं - हम्म,
फिर फ़ोन रख दिया, मन मैं सोचा की, अब भाभी ज़रूर पूछेगी तो क्या बोलूंगी
भाभी - ओह ू, तो बाजार जाना है , शॉपिंग कुछ खास , मैं भी चलू
मैं - ओह, भाभी कुछ खास नहीं , बस कुछ बुक्स वग़ैरा
भाभी - हम्म, ठीक है,
मैं - बाय , भाभी ,मन मैं सोचा , बच गए।
भाभी - बाई, निहारिका
घर जा कर , सोचा कुछ चेंज कर लू, बाजार जाना है , एक नया सूट जो पिंक कलर का था निकल लिया , सोचा नहा भी लू, मेरी सहेली जरा लेट लतीफ़ है , जब तक नहा लेती हूँ.
टॉवल ले कर , बाथरूम मैं गई , धड़कन तेज़ हो रही थी, वो पूछेगी की काया लाना है, उफ़, पागल घर मैं न बोल दे, ये सोचते हुए कुर्ती उतरी , फिर सलवार, पैंटी उतर के एक और रख दी।
मैं सिर्फ ब्रा मै थी, और आईने मैं खुद को देख रही रही थी , सोच रही थी कैसे ब्रा लू , किस कलर की, शेप कैसा लू, नयी ब्रा मैं कैसी लगूंगी। ......................
फिर शावर ों किआ , ब्रा उतारी , जोबन को दबाया , एक हलचल उठी, और पानी की फुहार जिस्म पर पड़ती चली गई। ...................
जाने किस दुनिआ मैं थी मैं। ......
मैं - वो , यार बाजार जाना था। ...................
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प्यारी सहेलिओ ,
स्वागत है , कुछ पुराणी यादो के सफर मैं
अब आगे। ................
सहेली - तो चल न, कहाँ जाना है, क्या लाना है , कब चलना है,
मैं - उफ़, इतने सवाल , यह लड़की भी न , कुछ काम है, आजा मेरे घर जल्दी
सहेली - अच्छा बाबा आती हूँ , ओके बाय
मैं - हम्म,
फिर फ़ोन रख दिया, मन मैं सोचा की, अब भाभी ज़रूर पूछेगी तो क्या बोलूंगी
भाभी - ओह ू, तो बाजार जाना है , शॉपिंग कुछ खास , मैं भी चलू
मैं - ओह, भाभी कुछ खास नहीं , बस कुछ बुक्स वग़ैरा
भाभी - हम्म, ठीक है,
मैं - बाय , भाभी ,मन मैं सोचा , बच गए।
भाभी - बाई, निहारिका
घर जा कर , सोचा कुछ चेंज कर लू, बाजार जाना है , एक नया सूट जो पिंक कलर का था निकल लिया , सोचा नहा भी लू, मेरी सहेली जरा लेट लतीफ़ है , जब तक नहा लेती हूँ.
टॉवल ले कर , बाथरूम मैं गई , धड़कन तेज़ हो रही थी, वो पूछेगी की काया लाना है, उफ़, पागल घर मैं न बोल दे, ये सोचते हुए कुर्ती उतरी , फिर सलवार, पैंटी उतर के एक और रख दी।
मैं सिर्फ ब्रा मै थी, और आईने मैं खुद को देख रही रही थी , सोच रही थी कैसे ब्रा लू , किस कलर की, शेप कैसा लू, नयी ब्रा मैं कैसी लगूंगी। ......................
फिर शावर ों किआ , ब्रा उतारी , जोबन को दबाया , एक हलचल उठी, और पानी की फुहार जिस्म पर पड़ती चली गई। ...................
जाने किस दुनिआ मैं थी मैं। ......
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका