30-03-2020, 08:29 PM
(This post was last modified: 04-08-2021, 08:09 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
स्वीट डिश
खाने के बाद मैंने जेठानी जी को आँख मार के पूछा स्वीट डिश चलेगी।
समझते हुए भी अनजान बन कर बोलीं ,
" कौन सी स्वीट डिश ?"
"अरे दीदी ,आपका इत्ता स्वीट स्वीट देवर सामने बैठा है ,चलेगा। "
तबतक इनका खूंटा पूरा तन गया था , और बेशर्मी से उनके तने खूंटे को ,
शार्ट के ऊपर से पकड़ कर दबाते मसलते ,मैंने उनकी भौजाई को दिखाया ,
" मस्त चाको बार , चलेगा "
" क्या गलत सलत बोलती हो ,चॉकलेट के रंग का तो नहीं है। "
जेठानी जी मूड में आ गयी थी.
" अच्छा आपने तो देखा होगा ही , होली दिवाली में ,
चलिए चाको बार न सही कोरेनेटो सही ,अब आपने ऊपर वाले मुंह से आज नया नया स्वाद ले लिया है ,
तो नीचे वाले मुंह का भी स्वाद बदल ही लीजिये आज। "
मैंने अपनी जेठानी को चढ़ाया।
मना नहीं किया उन्होंने ,लेकिन बुरा सा मुंह बना के बोलीं ,
" यार ,मेरा पेट गड़गबड़ चल रहा है ,वरना ,... "
मतलब ,बिना समझे वो बोल उठे लेकिन उनकी भौजाई ने उन्हें खुल के समझा दिया।
" तू भी न बुद्धू , अरे मेरी पांच दिन वाली छुट्टी चल रही है। कल से शुरू हुयी है। "
उन्होंने अपनी परेशानी बताई।
" अरे दी , तो इसमें क्या परेशानी की बात है , अब चार दिन ,बल्कि तीन दिन ही तो बचे हैं , और हम लोग कल कौन वापस जाने वाले हैं ,पूरे हफ्ते भर के लिए आये हैं। "
मैंने अपनी जेठानी का मन हल्का कर दिया।
और इन्हे इशारा किया ,
" अरे चल नीचे वाले होंठ आउट आफ ऑर्डर हैं तो ऊपर वाले ही सही ,
गुड्डी की चुम्मी तभी मिलेगी जब मेरी जेठानी जी को खुश करोगे तुम , जरा एक छोटी सी चुम्मी लेकर दिखाओ न। "। "
और जब तक मेरी जेठानी समझे सम्हले , इनके होंठ अपनी भौजाई के होंठों पे ,
और भौजाई की दोनों कलाई मेरे कब्जे में।
सँड़सी ऐसी मेरी पकड़ ,
और मैंने अपनी जेठानी का आँचल नीचे कर दिया , गोल गोल गदराये और उन के हाथ सीधे वहीँ।
मैंने आँख तरेर कर देखा तो अगले पल उनका हाथ ब्लाउज के अंदर ,
बिचारी जेठानी कसर मसर कर रही थीं , छूटने की कोशिश कर रही थीं ,इन्हे बुरा भला कर रही थीं ,
पर हम तीनों जानते थे असल में उनका मन क्या कर रहा है।
और मैंने भला हो मोबाइल फोन वालों का ,
दसियों फोटों , एक डेढ़ मिनट का वीडियो
चलते समय मैंने जेठानी जी को वो फोटुए दिखा भी दी उनका देवर से जोबन मर्दन करवाते ,चुसवाते चुमवाते।
" सासु जी का व्हाट्सऐप नंबर है क्या आपके पास , "
मैंने जेठानी जी से भोलेपन से पूछा।
और बुद्धू वो बोले ,मेरे पास है।
' क्यों क्या करना है " जेठानी जी ने पूछा।
" बस ये सोच रही थी की , ... अपनी सासु जी को उनकी बड़ी बहू और छोटे बेटे की ये अच्छी अच्छी फोटुएं भेज दूँ। "
दूर से मोबाइल नचाते ,उन लोगों की हॉट हॉट फोटुएं दिखाते मैं हँसते हुए बोली।
" अरे डीलिट कर अभी , "
बेचारी जेठानी जी बोलीं ,
उनकी बात मान कर मैंने अपनी सासु जी जो तो नहीं भेजी लेकिन इनके सासु जी को तुरंत भेज दी। "
और इनकी सासु जी का कमेंट भी आ गया ,
" लगे रहो मुन्ना भाई , मस्त है लेकिन अपनी उस छुटकी बहिनिया के साथ ऐसी फोटुएं कब भेजोगे। लेकिन पूरा उघार कर दबाना उसकी। तेरे माल के कच्चे टिकोरे देखने के लिए मैं तरस रही हूँ। "
और उनकी सास से ज्यादा तगड़ा उनका कमेंट था ,
" जल्दी ,मॉम बहुत जल्दी। "
खाने के बाद मैंने जेठानी जी को आँख मार के पूछा स्वीट डिश चलेगी।
समझते हुए भी अनजान बन कर बोलीं ,
" कौन सी स्वीट डिश ?"
"अरे दीदी ,आपका इत्ता स्वीट स्वीट देवर सामने बैठा है ,चलेगा। "
तबतक इनका खूंटा पूरा तन गया था , और बेशर्मी से उनके तने खूंटे को ,
शार्ट के ऊपर से पकड़ कर दबाते मसलते ,मैंने उनकी भौजाई को दिखाया ,
" मस्त चाको बार , चलेगा "
" क्या गलत सलत बोलती हो ,चॉकलेट के रंग का तो नहीं है। "
जेठानी जी मूड में आ गयी थी.
" अच्छा आपने तो देखा होगा ही , होली दिवाली में ,
चलिए चाको बार न सही कोरेनेटो सही ,अब आपने ऊपर वाले मुंह से आज नया नया स्वाद ले लिया है ,
तो नीचे वाले मुंह का भी स्वाद बदल ही लीजिये आज। "
मैंने अपनी जेठानी को चढ़ाया।
मना नहीं किया उन्होंने ,लेकिन बुरा सा मुंह बना के बोलीं ,
" यार ,मेरा पेट गड़गबड़ चल रहा है ,वरना ,... "
मतलब ,बिना समझे वो बोल उठे लेकिन उनकी भौजाई ने उन्हें खुल के समझा दिया।
" तू भी न बुद्धू , अरे मेरी पांच दिन वाली छुट्टी चल रही है। कल से शुरू हुयी है। "
उन्होंने अपनी परेशानी बताई।
" अरे दी , तो इसमें क्या परेशानी की बात है , अब चार दिन ,बल्कि तीन दिन ही तो बचे हैं , और हम लोग कल कौन वापस जाने वाले हैं ,पूरे हफ्ते भर के लिए आये हैं। "
मैंने अपनी जेठानी का मन हल्का कर दिया।
और इन्हे इशारा किया ,
" अरे चल नीचे वाले होंठ आउट आफ ऑर्डर हैं तो ऊपर वाले ही सही ,
गुड्डी की चुम्मी तभी मिलेगी जब मेरी जेठानी जी को खुश करोगे तुम , जरा एक छोटी सी चुम्मी लेकर दिखाओ न। "। "
और जब तक मेरी जेठानी समझे सम्हले , इनके होंठ अपनी भौजाई के होंठों पे ,
और भौजाई की दोनों कलाई मेरे कब्जे में।
सँड़सी ऐसी मेरी पकड़ ,
और मैंने अपनी जेठानी का आँचल नीचे कर दिया , गोल गोल गदराये और उन के हाथ सीधे वहीँ।
मैंने आँख तरेर कर देखा तो अगले पल उनका हाथ ब्लाउज के अंदर ,
बिचारी जेठानी कसर मसर कर रही थीं , छूटने की कोशिश कर रही थीं ,इन्हे बुरा भला कर रही थीं ,
पर हम तीनों जानते थे असल में उनका मन क्या कर रहा है।
और मैंने भला हो मोबाइल फोन वालों का ,
दसियों फोटों , एक डेढ़ मिनट का वीडियो
चलते समय मैंने जेठानी जी को वो फोटुए दिखा भी दी उनका देवर से जोबन मर्दन करवाते ,चुसवाते चुमवाते।
" सासु जी का व्हाट्सऐप नंबर है क्या आपके पास , "
मैंने जेठानी जी से भोलेपन से पूछा।
और बुद्धू वो बोले ,मेरे पास है।
' क्यों क्या करना है " जेठानी जी ने पूछा।
" बस ये सोच रही थी की , ... अपनी सासु जी को उनकी बड़ी बहू और छोटे बेटे की ये अच्छी अच्छी फोटुएं भेज दूँ। "
दूर से मोबाइल नचाते ,उन लोगों की हॉट हॉट फोटुएं दिखाते मैं हँसते हुए बोली।
" अरे डीलिट कर अभी , "
बेचारी जेठानी जी बोलीं ,
उनकी बात मान कर मैंने अपनी सासु जी जो तो नहीं भेजी लेकिन इनके सासु जी को तुरंत भेज दी। "
और इनकी सासु जी का कमेंट भी आ गया ,
" लगे रहो मुन्ना भाई , मस्त है लेकिन अपनी उस छुटकी बहिनिया के साथ ऐसी फोटुएं कब भेजोगे। लेकिन पूरा उघार कर दबाना उसकी। तेरे माल के कच्चे टिकोरे देखने के लिए मैं तरस रही हूँ। "
और उनकी सास से ज्यादा तगड़ा उनका कमेंट था ,
" जल्दी ,मॉम बहुत जल्दी। "