30-03-2020, 06:40 PM
(This post was last modified: 19-07-2021, 01:33 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
नयी सुबह
सुबह उतर कर चाय बनाना ,सास को जेठानी को चाय देना , फिर इनके लिए बेड टी ले जाना ऊपर रोज का रूटीन था।
तभी मुझे याद आया वो ज़माना अब गुजर चुका है , अब मेरा जमाना आ गया है ,क्योंकि
वो बेड टी की ट्रे ले के खड़े थे ,
हम दोनों ने साथ साथ बेड टी पी।
एक नयी सुबह हो चुकी थी हर मायने में।
....
और उसके बाद मैं तैयार हो गयी नीचे जाने के लिए,
मैंने तो आप लोगों को बताया ही था पहले की ,
इसके पहले ससुराल में अपने कमरे से निकलते समय , साडी ब्लाउज के अलावा मैं कुछ सोच भी नहीं सकती थी। और वो भी ,
साडी पूरे सर को ढके, बाल की झलक भी नहीं दिखनी चाहिए।
कल मैंने पहली बार इन के मायके में शलवार कुर्ता पहना था , और वही मेरी जेठानी को शाक देने के लिए काफी था ,
और आज मैंने शाक का लेवल थोड़ा बढ़ाया ,
एक बहुत छोटी सी लाइट प्याजी रंग की चिकन की कुर्ती , जो मेरे कमर के बहुत पहले ही ख़तम हो जाती ,
झलकौवा और नाभि दर्शना
हाँ आज एक बहुत छोटी सी हाफ कप वाली बस मेरे उभारो को हलके से नीचे से उभारने वाली ब्रा ,अंडर वायर्ड मैंने पहन ली
लेकिन उस झलकौवा कुर्ती में वो साफ़ साफ़ दिखती थी।
पहले तो मैंने सोचा की इसके साथ इनका कोई ट्रॉउजर पहन लूँ , फिर मुझे लगा सेकेण्ड डे के लिए बहुत हो जाएगा ,
इसलिए एक टाइट सी पजामी और हाई हील।
खटखट करते हुए मै जब उतरी तो पहले तो जेठानी जी मेरे देर से नीचे आने के लिए ढेर सारे ताने कमेंट्स सोच के बैठी थीं , पर
मेरा रूप देख के उनकी बोलती बंद हो गयी।
एक बहुत छोटी सी चिकन की आलमोस्ट ट्रांसपैरेंट कुर्ती कमर पेट नाभि सब खुली और एक फ्लोरल पजामी।
" नाश्ते में , ... "
उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की लेकिन मैंने उनकी बोलती बंद कर दी , उन्हें अपनी बाँहों में भींच लिया और ,
" अरे दीदी आप का ये छह फिट का देवर किसलिए है , बोलिये न जो आप को पंसद हो , अरे सासु जी नहीं है तो चलिए हम दोनों थोड़ी मस्ती करते हैं न , बचपन के इनके ज़रा आप किस्से सुनाइये न , फिर कोई सीरयल। "
और उनसे मैं बोली ,
" जो तेरी पसंद ,लेकिन जल्दी बिचारी तुम्हारी भाभी कितनी भूखी हैं न। "
थोड़ी ही देर में वो नाश्ता लेकर हाजिर।
खाना हम तीनो ने मिल के बनाया।
और मैं और जेठानी जी मिल के उन की खिंचाई करते रहे।
खाने के बाद जेठानी जी सोने चली गयीं और कलावती आ गयी।
सुबह उतर कर चाय बनाना ,सास को जेठानी को चाय देना , फिर इनके लिए बेड टी ले जाना ऊपर रोज का रूटीन था।
तभी मुझे याद आया वो ज़माना अब गुजर चुका है , अब मेरा जमाना आ गया है ,क्योंकि
वो बेड टी की ट्रे ले के खड़े थे ,
हम दोनों ने साथ साथ बेड टी पी।
एक नयी सुबह हो चुकी थी हर मायने में।
....
और उसके बाद मैं तैयार हो गयी नीचे जाने के लिए,
मैंने तो आप लोगों को बताया ही था पहले की ,
इसके पहले ससुराल में अपने कमरे से निकलते समय , साडी ब्लाउज के अलावा मैं कुछ सोच भी नहीं सकती थी। और वो भी ,
साडी पूरे सर को ढके, बाल की झलक भी नहीं दिखनी चाहिए।
कल मैंने पहली बार इन के मायके में शलवार कुर्ता पहना था , और वही मेरी जेठानी को शाक देने के लिए काफी था ,
और आज मैंने शाक का लेवल थोड़ा बढ़ाया ,
एक बहुत छोटी सी लाइट प्याजी रंग की चिकन की कुर्ती , जो मेरे कमर के बहुत पहले ही ख़तम हो जाती ,
झलकौवा और नाभि दर्शना
हाँ आज एक बहुत छोटी सी हाफ कप वाली बस मेरे उभारो को हलके से नीचे से उभारने वाली ब्रा ,अंडर वायर्ड मैंने पहन ली
लेकिन उस झलकौवा कुर्ती में वो साफ़ साफ़ दिखती थी।
पहले तो मैंने सोचा की इसके साथ इनका कोई ट्रॉउजर पहन लूँ , फिर मुझे लगा सेकेण्ड डे के लिए बहुत हो जाएगा ,
इसलिए एक टाइट सी पजामी और हाई हील।
खटखट करते हुए मै जब उतरी तो पहले तो जेठानी जी मेरे देर से नीचे आने के लिए ढेर सारे ताने कमेंट्स सोच के बैठी थीं , पर
मेरा रूप देख के उनकी बोलती बंद हो गयी।
एक बहुत छोटी सी चिकन की आलमोस्ट ट्रांसपैरेंट कुर्ती कमर पेट नाभि सब खुली और एक फ्लोरल पजामी।
" नाश्ते में , ... "
उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की लेकिन मैंने उनकी बोलती बंद कर दी , उन्हें अपनी बाँहों में भींच लिया और ,
" अरे दीदी आप का ये छह फिट का देवर किसलिए है , बोलिये न जो आप को पंसद हो , अरे सासु जी नहीं है तो चलिए हम दोनों थोड़ी मस्ती करते हैं न , बचपन के इनके ज़रा आप किस्से सुनाइये न , फिर कोई सीरयल। "
और उनसे मैं बोली ,
" जो तेरी पसंद ,लेकिन जल्दी बिचारी तुम्हारी भाभी कितनी भूखी हैं न। "
थोड़ी ही देर में वो नाश्ता लेकर हाजिर।
खाना हम तीनो ने मिल के बनाया।
और मैं और जेठानी जी मिल के उन की खिंचाई करते रहे।
खाने के बाद जेठानी जी सोने चली गयीं और कलावती आ गयी।