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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
रात भर 

[Image: Teej-4e08c8f6cd9e6b6e28775f1029c9d5f4.jpg]


और आज इनकी जीभ ने बता दिया की गांड चाट चाट के भी कोई झाड़ सकता है।

 
इनकी जीभ  एकदम कमल जीजू के लंड की टक्कर में थी ,


 
मैं झड़ रही थी , बार बार
 
बाहर सावन की झड़ी लगी थी ,

 
और ये मेरी गांड लगातार
 
जब मैं एकदम लस्त पस्त हो गयी तब जाके उन्होंने छोड़ा और हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में ,लेटे खुली खिड़की से बाहर से आती फुहारों  का मजा लेते रहे।
 
 
मैं  तो सावन की फुहार की तरह अच्छी तरह बरस चुकी थी लेकिन

[Image: raindrops-2222.gif]

 
बिचारे उनका खूंटा वैसे ही खड़ा तन्नाया , भूखा।
 
पहले मेरी उँगलियों को उस पे दया आयी


 
फिर मेरे होंठों को और
 
फिर मेरे गदराये उभारों को।


बहुत प्यार से पहले मैंने उँगलियों से सिर्फ उस खड़े खूंटे को सिर्फ और सिर्फ सहलाया  जैसे कोई हलके हलके थपथपा रहा हो बच्चे को सुलाने के लिए 


लेकिन ये शरारती बच्चा तो और कस के जग गया , फिर जोर से मुट्ठी में दबा के , 



[Image: holding-cock-qq12328831.gif]




इतना मोटा मुट्ठी में ठीक से आ ही नहीं पाता था 



अब तो मुझे कमल और अजय जीजू के खूंटे का भी अंदाजा हो चुका था , मोटाई में मेरे वाले का उनसे १९ तो नहीं ही था , तो बस 



मथानी ,... दोनों हाथों में पकड़ कर , किसी जवान , जिसका जोबन फूटा पड़ रहा हो ऐसी ग्वालिन की तरह 



जोर जोर से मथानी चला चला के , 





पर मैं जान चुकी थी जो मोटू , मंजू बाई ऐसी छिनार को तीन पानी झाड़ देता हो बिना झड़े आज वो अपने मायके की पहली रात इतनी आसानी से , ... 





और फिर मेरे होंठ ,



पहले सुपाड़े पर हलकी सी चुम्मी और साथ में वादा 



" बहुत इंतजार कराया है , उस स्साली गुड्डी छिनार ने , बहुत जल्द दिलवाऊंगी उसकी , इसी तरह से लंड पकड़ के मुठियायेगी , इसी तरह होंठो में लेकर चूसेगी  वो कच्ची अमिया वाली 



और गुड्डी का नाम लेते ही लंड राजा तो एकदम फुफकारने लगे , 



पहले तो मैं थोड़ा थोड़ा चूसती रही फिर कस कस के , एकदम हलक तक 

[Image: BJ-lick-21287842.gif]



चूत नहीं मिली तो वो मेरे मुंह को ही चूत समझ कर चोद रहे थे , 



और मेरे गले पर कस के चोट पड़ रही थी , गाल दर्द कर रहे थे 



दस पंद्रह मिनट तक कस के चूसने के बाद मेरी चूँचियों ने मोर्चा सम्हाला 

[Image: tit-fuck-tumblr-559829c6e7ec88f45fb5bd01...cf-540.gif]





आखिर वो मेरी मम्मी की बड़ी बड़ी चूँची मेरे सामने चोद चुके थे ,

कितनी बार तो दिन में भी , 


चूँची चुदवाती मैं , 


उनका मोटा सुपाड़ा देख कर ललचा रही थी और बीच बीच में सुपाड़े को भी चुभला लेती थी , 


 
 
थोड़ी देर मैंने अपने बावरे सैयां के मतवाले लंड को मुठियाया
 
फिर अपने होंठों में लेकर चूसा ,चुभलाया
 
और और फिर अपने गदराये कड़े कड़े ३४ सी के बीच लेकर जोर जोर से दबाया मसला।
 
मैं उन्हें उठने नहीं दे रही थी ,  

बस  अपनी दोनों मस्त चूँचियों के बीच उनके लंड  को मैं रगड़ घिस्स कर रही थी , बीच बीच में अपने होंठों के बीच उसे दबा कर उसका भी स्वाद चख लेती थी।

[Image: tit-fuck-suck.gif]
 
थोड़ी  देर में हम दोनों 69 की मुद्रा में थे

[Image: sixty-nine-tumblr-p0s66z2-CTd1urlaw2o1-500.gif]


लेकिन इस बार भी मैं झड़ गयी और वो बिचारे,
 
चार बजे  के बाद ही मैं सोई होंगी


मैं एक बार फिर झड़ी कर्टसी मेरी सैयां की जीभ ,


[Image: pussy-clitoris-close-up-pics-600x400.jpg]

क्लिट 


पहले जीभ की टिप से हलके से क्लिट पर सुरसुरी करते थे वो , एकदम पूरी देह गिनगीना उठती थी , 

उसके बाद दोनों होंठों के बीच क्लिट को लेकर हल्के से चुभलाते चूसते थे , धीमे धीमे चूसने की रफ़्तार बढ़ती जाती 


और एक बार फिर से जीभ क्लिट को फ्लिक करने लगती 

जैसे किस बरसों से सोये सितार के तार को कोई छेड़ दे और चारों ओर सुर लहरी पूरे कमरे में भर जाए , 

बिलकुल उसी तरह , मेरी क्लिट चूसी जा रही थी , चाटी जा रही थी , ... 

वो दुष्ट , बदमाश मुझे बार बार झाड़ने के किनारे ले जा कर छोड़ देता था 

[Image: Pussy-licking-D-tumblr-npvx9nu5vo1ruz27bo2-250.gif]

पर झाड़ता नहीं था , 

मैं इतनी थेथर हो गयी थी की उसे गालियां भी नहीं दे पा रही थी  , बस अपनी देह उठाती , चूतड़ उचकाती जैसे बार  बार कह रही होऊं 

गुहार लगा रही होऊं 

झाड़ झाड़ दे , अपनी कोमलिया को , प्लीज मेरे राजा झाड़ दे न , 

और हलके से उन्होंने बहुत हल्के से क्लिट को काट लिया , दांत छू भर गए होंगे 

[Image: Pussy-Licking-CU-tumblr-pgu6uia-HSu1t8w951o1-1280.jpg]

तूफ़ान  आ गया  , ... बाहर के किसी भी तूफ़ान से तेज , 

मैं काँप रही थी उछल रही  थी , इसी कमरे में मेरी सुहाग रात हुई थी , उस दिन से आज तक कभी भी मैं ऐसे नहीं झड़ी जैसे उस समय झड़ रही थी 

पूरी देह काँप रही थी , रुकती , फिर कांपने लगती ,  मेरी चूत की पुत्तियाँ ,   जैसे तूफ़ान में दरवाजे अपने आप खुलते बंद होते हैं , धड़ धड़ , 

एकदम उसी तरह , ... अपने आप सिकुड़ रहे थे फ़ैल रहे थे , ... 

 बड़ी देर तक 
 


 मैं अपने साजन की बाँहों में , साजन  के मायके में सो गयी , 
 
(हाँ उसे मुठियाते ,चूसते ,चाटते मैंने वायदा किया   था डायरेक्ट उनके लंड से ,
 
जल्दी ही उसे उसकी माँ के भोंसडे का मजा चखाउंगी,
 
और उसके पहले उसकी बहन की कच्ची कोरी चूत का। ) 
 
 
और जब मेरी आंख खुली सुबह तो ,
 
सुबह कब की निकल गयी थी , पूरे दस बज गए थे।
 
और मैं एकदम घबड़ा गयी उफ़ इत्ती देर हो गयी मेरी सासु और जेठानी कित्ते ताने मारेंगी।
 
एक बार बस सात बजे से थोड़ी ही देर हुयी थी और गलती मेरी नहीं सासु जी के लड़के की थी ,
 
सुबह सुबह उनका मूड बन गया था और चलते चलते एक राउंड ,
 
लेकिन हड़कायी गयी मैं
 
" अरे आज सुबह बहुत देर से हुयी

मेरी जिठानी ने तंज किया तो किसी ने बोला ,
 
" अरे अटारी से उतरने की इतनी जल्दी क्या था , क्या कहते हैं वो बेड टी ऊपर ही भिजवा देती। "
 
सुबह उतर कर चाय बनाना ,सास को जेठानी को चाय देना , फिर इनके लिए बेड टी ले जाना ऊपर  रोज का रूटीन था।
 
 
तभी मुझे याद आया  वो ज़माना अब गुजर चुका है , अब मेरा जमाना गया है ,क्योंकि
 
 
वो बेड टी की ट्रे ले के खड़े थे ,
 
हम दोनों ने साथ साथ बेड टी पी।
 
एक नयी सुबह हो चुकी थी हर मायने में।
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Messages In This Thread
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 30-03-2020, 06:32 PM



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