Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
लेडीज - गर्ल्स टॉक [ गर्ल्स व् लेडीज की आपसी बातचीत , किसी भी विषय पर जैसे ड्रेसिंग,
#21
बहुत ही बढ़िया थ्रेड है , मैं भी कोशिश करुँगी बीच बीच में आ कर अपनी यादें ताजा करूँ और बस कुछ बतकही , ... ब्रा  और कच्ची अमिया की बात अपने एकदम बढ़िया शुरू की है , जब बचपन और जवानी के बीच में लड़की झूलती है , बाहर निकलो तो गली के लड़के जवान होने का अहसास कराते रहते हैं , और घर में फ्राक बहन कर , बड़ी औरतें ,... कुछ भी बात करेंगी और कोई इशारा करेगी की ' ये बैठी है ' तो दूसरी मुंह बिचका के बोलेगी , ' अरे अभी तो ये बच्ची है " 


बार बार शीशे के सामने , कॉलेज के लिए तैयार होते समय , निगाह वहीँ आ जाना , बस आते हुए उभारों पर , कॉलेज जाते हुए , किताबें इस तरह की ' वो दिखाई ' न दें , ... सहेलियों की छेड़ छाड़ , रास्ते में लौंडे ,  लेकिन घर लौट कर मम्मी की गोद में इठलाते हुए , भाई बहनों से वही झगड़े , मार पीट , ( कुछ कजिन्स की बात और है  उन्हें भी उभार दिखने लगते हैं ) 

पहली बार ब्रा का खरीदना , लेकिन सबसे भयानक होता है , पहली बार के पीरियड का अहसास ,.... और मम्मी का समझाना बुझाना
....................................................

 कोमल जी ,
बिलकुल सही कहा, आपने। एक - एक अहसास  प्रस्तुत करुँगी। ......

औरत की ज़िंदगी एक के बाद एक पड़ाव। ... सचमुच माइलस्टोन होते हैं.
यह  औरत ही समझ सकती है।  पहली बार ब्रा का खरीदना ....... सचमुच एक अलग अहसास होता है, जब जोबन दिखने शुरू होते हैं  तो माँ की हिदायत व् पूरी नज़र होती है लड़की पर। ..  कही फिसल न जाये। 

मुझे याद है , पहली बार ब्रा का खरीदना .....   एक पुरानी ब्रा     थी माँ की, ३४ बी की, पर मेरी साइज ३२ बी थी पिन लगा के पहेली बार पहनी थी, आज तो एक नई ब्रा लानी है बाजार से। ..... उलझन अकेले कैसे जाओ 

 फिर सोचा माँ  के साथ ,  न बाबा कुछ बोल दिया तो, पड़ोस  भाभी से बात करू उफ़ क्या सोचेगी जवानी आ रही है लड़की पे ,  क्या करू यही सोचते संडे का आधा दिन निकल गया , दोपहर को खाना खा कर जैसे तैसे खा लिया ,  

 पर  अब क्या करू हिम्मत कर के सहेली को फ़ोन लगाने के लिए पड़ोस की भाभी के पास गयी , भाभी नमस्ते 
भाभी - आओ निहारिका , कहा रहती हो आजकल ?
मैं -   भांभी  यही तो, घर के काम बस , और क्या 
भाभी - कैसे आना हुआ ?
- मैं - भाभी, वो एक फ़ोन करना थी, सहेली को 
भाभी - अच्छा  , आजा कर ले 
मैं - हम्म 

अब , मन मैं सोच रही थी कैसे बात करुँगी ? भाभी पास ही होंगी , सुन लेंगी उफ़।  करना तो है ही आज 

मैंने फ़ोन उठाया , दबा दिए फ़ोन नंबर , इधर फ़ोन की रिंग जाती , उधर मेरी धड़कन। ...............

है ,कैसे है तू, मैं निहारिका , खाना खा लिया तूने ?
- सहेली - हाँ , खा लिया ,और तू ने ?
मैं - हम्म, 
सहेली - क्या हुआ ,  परेशान है , बता क्या बात है 
मैं - वो , यार बाजार जाना था। ...................

इंतज़ार मैं। ........

आपकी निहारिका 


सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों,  आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका 
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


Messages In This Thread
RE: लेडीज - गर्ल्स टॉक [ गर्ल्स व् लेडीज की आपसी बातचीत , किसी भी विषय पर जैसे ड्रेसिंग, - by Niharikasaree - 29-03-2020, 10:05 PM



Users browsing this thread: 13 Guest(s)