29-03-2020, 08:30 AM
(28-03-2020, 01:11 PM)Niharikasaree Wrote:कोमल जी
हम सभी एक ही नाव मैं सवार है , कभी पेट पूजा , कभी ऊँगली , फिर कुदाल। .......
कमोबेश यही हॉल है, मर्द तो फ्री हैं, कुदाल ले कर , मौका मिला और आजा। ............
हम्म, थोड़ा जायदा हो रहा है पर , धरती कब कुदाल से डरने लगी, संसार भी उसी मेल की निशानी है.
हम सब नारी यह समज़ती हैं , पर आपकी याद दिल से जाती नहीं,............कामुक उपदटेस की लालसा। ......... आपका प्यार। ........
बस इंतज़ार। ..............
निहारिका।
एक दम सही कहा आपने , ...और देखिये कल समय निकाल कर मैंने इस थ्रेड और मोहे रंग दे पर दो लम्बी पोस्ट्स दी. पोस्ट्स का लिखना उसके लिए पिक्स ढूंढना , ... थोड़ा टाइम तो लगता है
और मुझे लगता है कहानी के थ्रेड पर कहानी के अलावा अन्य विषयों पर चर्चा करने से कथा की गति रुकती है और अन्य पाठक /पाठिकाओं को जिन्हे उन सदर्भों में कोई लगाव नहीं है , वो भी , उन्हें भी कई बार लगता है की , ...
फिर सबसे बड़ी बात , अपने तो इतना बड़ा काम किया , आपका थ्रेड
मेरी किसी पाठिका / सहेली /ननद / भाभी को कुछ पूछना हो तो , आप का आँगन है न आप का थ्रेड , जाड़े की दुपहर मने जैसे सब सहेलियां , ननद भौजाई बैठ कर गप्प मारती हैं वैसा है आप का थ्रेड , बस वहीँ जमावड़ा हो , गप्प गपाष्टक हो , थोड़ी सच्ची , थोड़ी फैंटेसी , बल्कि सच्ची ज्यादा फैंटेसी कम , ... कुछ छेड़छाड़
जहाँ तक मेरा सवाल है ,जबतक ये हालत नहीं सुधरेगी मैं कोशिश करुँगी अपना ज्यादा तर समय कहानियों के अपडेट देने में दू ,
आप से मेरी व्यक्तिगत रिक्वेस्ट है , और बाकी महिला पाठिकाओं से भी , ... अगर वो मेरी बाकी कहानियां इस फोरम पर पढ़ें तो शायद मुझसे पूछने की जरूरत ही न रह जाए
अब यही कहानी , आज जो मैंने पोस्ट्स की हैं , वो मेरी वर्ड फ़ाइल में १००० वे पेज पर हैं , १००० पेज हिंदी में लिखना टाइप करना , उनके लिए चित्र ढूंढ़ना , आप सोच सकती हैं समय का संकट यह १००० पेज अगर प्रिंट में जाएँ तो शायद कम से कम ५०० पेज की किताब तो बन ही जाती
तो एक बार आप को फिर से धन्यवाद