28-03-2020, 01:11 PM
(28-03-2020, 08:37 AM)komaalrani Wrote: ऐसा कुछ नहीं है निहारिका जी , कुसुम जी पूनम जी , आप तीनो लोगों की बाते पढ़कर बहुत मज़ा आया लेकिन
असली प्राबलम है आज कल टाइम ,
आप तीनों तो खुद समझती हैं ,
बस , थोड़ी सी पेट पूजा कहीं भी कभी ,...और काम वाली भी नहीं आती आजकल , कोई मिलने जुलने वाला भी नहीं , तो बस जब देखा तब ,
और मैं भी मना नहीं करती , मर्द है तो मन करेगा ही , और जब बाहर इतनी ,... हम लोगों ने तो टीवी , न्यूज देखना सब छोड़ दिया है ,
बस एक काम ,...
इसलिए टाइम बिलकुल भी नहीं मिल पाता , इसलिए जब तक ये लॉक डाउन चलेगा न ,
बल्कि मैंने तो इनसे कहा है जब तक हालत एकदम ठीक न हो जाए, खबरदार जो एक कदम भी घर से बाहर निकाला ,
इसलिए न तो मैं अभी कुछ दिन न तो प्राइवेट मेसेज का जवाब दे पाउंगी , न किसी और बात का ,
हाँ कोशिश कर के , किसी तरह टाइम निकाल के अपडेट देने की जरूर कोशिश करुँगी ,
और ऊपर से तीन चार कहानियां चल रही हैं मेरी ,
मोहे रंग दे , होली के रंग , जोरू के गुलाम , कोमल के किस्से ,... सब में अपडेट
अभी मोहे रंग दे में अपडेट दिया है ,
इस कहानी में भी आज दे दूंगी ,
और कोशिश करुँगी बाकी दो में भी कल दे दूँ ,...
बस यही समझिये आज कल थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिस चल रही है ,
तुलसी दास जी ने कहा था
आपत्ति काल परखिये चारी ,
धीरज , धर्म , मित्र अरु नारी ,
तो बस मैं वो नारी धर्म निभा रही हूँ , ,..आप लोग भी बाकी सब छोड़के ,... पति सेवा ,...
तो जैसा मैंने कहा प्लीज मोहे रंग दे का अपडेट पढ़िए और आज यहाँ भी मिलेगा ,
कोमल जी
हम सभी एक ही नाव मैं सवार है , कभी पेट पूजा , कभी ऊँगली , फिर कुदाल। .......
कमोबेश यही हॉल है, मर्द तो फ्री हैं, कुदाल ले कर , मौका मिला और आजा। ............
हम्म, थोड़ा जायदा हो रहा है पर , धरती कब कुदाल से डरने लगी, संसार भी उसी मेल की निशानी है.
हम सब नारी यह समज़ती हैं , पर आपकी याद दिल से जाती नहीं,............
कामुक उपदटेस की लालसा। ......... आपका प्यार। ........
बस इंतज़ार। ..............
निहारिका।
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका