28-03-2020, 12:56 PM
(This post was last modified: 12-07-2021, 12:02 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जीजू के साथ कल की रात ,...
(बीती हुयी, थोड़ा सा फ्लैश बैक )
बाहर बारिश तेज हो गयी थी ,और
अंदर मेरी गालियों की बारिश ,
साल्ले , भोंसड़ी के , तेरी माँ की फुद्दी मारूँ , रन्डी के जने ,गांड़चटटो
चाट मादरचोद चाट ,चाट गाँड़ ठीक से , चाट डाल दे जीभ अंदर ,
गांडू , मजा आया था ने मेरे जीजू से गांड मरवाने में , अभी तो बस ट्रेलर था ,
डाल न जीभ अपनी , तेरे बहन को तेरी रखैल बनाऊं ,
और उनकी जीभ सीधे मेरी गांड के कसे छेद पर जहां कल अजय और कमल जीजू का मूसल रात भर चला था।
कल सिर्फ उनकी ही कोरी गांड नहीं फटी थी ,
मेरी भी पहली पहली बार।
जब मेरी सहेलियां सुजाता ,अन्नया और सब ,अपनी गांड मराई के किस्से सुनातीं तो मन मेरा भी बहुत करता था
और मेरी दोनों कमीनी बहनें , कमल जीजू ने तो दूसरी तीसरी रात ही चीनू दी की गाँड़ मार ली थी और रीनू की अजय ने चौथे दिन , ... फिर कमल जी तो एक गाँड़ के शैदाई , ...
चीनू दी का हफ्ते में तीन चार बार पिछवाड़े का बाजा बज जाता ,
और रीनू का वीकेंड या कोई भी छुट्टी हो , उस दिन उस कमीनी की गाँड़ की अजय जीजू मार मार के छुट्टी कर देते थे ,
मेरी भी कोरी अजय जीजू ने ही ली थी , कल की ही तो बात है , ...
लेकिन बस दो बातें थी ,
एक तो मैंने जब से इनके मुंह से ये सुना था की इनके अर्ली टीनेज डेज में ,
तीन बार इनकी नेकर सरकायी गयी लेकिन ये बाल बाल बच गए , तो बस मैंने सोच लिया था की ,
पहले इनकी फटेगी तब फड़वाउंगी।
दुसरे बचपन में ही तय हुआ था की पहले मेरे जीजू मेरी कसी कोरी चूत में अपना मूसल चलाएंगे तब इनका नम्बर लगेगा ,
आखिर तीन बहनों में सबसे छोटी थी ,छोटी साली होने का फायदा ,
लेकिन मेरी शादी पहले हो गयी और मेरे बिचारे दोनों जीजू ,
छोटी साली की कसी कोरी कुँवारी चूत फाड़ने का मजा पाने से रह गए ,
तो बस चीनू की शादी में जब पहली बार मैं कमल जीजू से मिली थी तभी मैंने तय कर लिया था ,
कोमलिया भले ही आगे का उद्घाटन पति ने कर दिया लेकिन ,पीछे का जीजू से ही
और कल रात मैंने करवा ही लिया दोनों जीजू से , एक साथ सैंडविच बन के भी , अलग अलग गांड मरवा के भी
उधर उनकी जीभ की नोक अब बार बार पिछवाडे के छेद को कुरेद रही थी ,घुसने की कोशिश कर रही थी।
कल जहां कमल जीजू का मोटा लन्ड घुसा था ,
और मैंने पोज चेंज कर दिया , अब उसी पोज में जो मर्दो की फेवरिट पोज होती है ,
कुतिया बना के ,
बिस्तर पर मैं कुतिया बन गयी ,और खुद अपने हाथ से अपनी गांड का छेद कस के फैला के
चाट साले चाट गँड़ुये , अपनी बहन के भंडुए
कल इसी गांड से तो मेरे जीजू की मलाई भी खूब सपड़ सपड़ चाटी थी न , बोल आया था मजा न।
अरे ठीक से चाट तो , और जोर ,से डाल दे जीभ अंदर , अरे बस १० -१२ दिन की बात है ,
साल्ले , तुझसे तेरी माँ की भी गाँड़ चटवाउंगी , बोल चाटेगा न रंडी की , ...
कल इसी लिए न मोटे मोटे लन्ड घोंट रहा था गांड में की ,
तुझे तेरी माँ का भोंसड़ा मिलेगा।
मादरचोद ,चल पहले मेरी गांड चाट ठीक से
खूब जोर जोर से मैं गरिया रही थी ,
बिना इस बात की परवाह किये की कहीं मेरी जेठानी तो नहीं सुन लेंगी नीचे।
और वो भी अब सब परवाह छोड़ के मेरी गांड चाटने में लगे थे।
मेरा सर खिड़की की ओर था ,
इसलिए खुली खिड़की से हलकी हलकी बारिश की फुहारे
मेरे चेहरे पर मेरे उभारों पर बारिश की हलकी हलकी बौछार , मजा दस गुना कर दे रही थी।
जीभ थोड़ी सी अंदर घुसी ,
कभी घिसती कभी गोल गोल अंदर घूमती
चोदने में अगर मेरे दोनों जीजू नम्बर वन थे और गांड मारने में कमल जीजू की पी एच डी थी
तो बुर चाटने और गांड चाटने में ये मेरे दोनों जीजू से २१ - २२ नहीं २५ थे पूरे।
बिचारि उनकी साली रीनू तड़प के रह गयी थी ,
उसकी नीचे की दुकान पर ताला लगा था पांच दिन वाला।
लेकिन मैंने उससे पक्का वायदा किया था की काठमांडू से लौटने पर उसके जीजू उसकी चूत गांड सब चटवाउंगी।
गांड चाटने की ट्रेनिंग देने में तो उनकी सास का पूरा हाथ था लेकिन गांड के अंदर पूरी तरह जीभ डाल के गांड का ,...
ये खास तौर से मंजू बाई की ,..
अगर इनकी जुबान उसकी गांड के अंदर घुस के लसलसी ,...
तो फिर मार हाथ के ,इनकी गांड वो लाल कर देती थी ,
और उनके चेहरे पर बैठ कर इनकी नाक बंद कर देती ,
इनको एक एक साँस के लिए मुहाल कर देती जब तक इनकी जीभ मंजू बाई की गांड के अंदर पूरी तरह घुस के वो सब ,...लिसलिसी , ...
अच्छी तरह चाट चाट के गांड के अंदर का ,....
और मैंने भी फिर वही पोज अख्तियार कर लिया ,
वो लेटे और बिना मेरे कुछ कहे उनके दोनों होंठ पूरी तरह खुले ,
मैंने भी अपनी गांड के छेद को दोनों हाथों फैलाया और उनके मुंह पै सेंटर कर के बैठ गयी , आगे का काम इनका था ,
थोड़ी देर में ही इनकी जीभ २ इंच अंदर घूम घूम के मेरी गांड के अंदर
मैं गिनगिना रही थी मेरी पूरी देह में सनसनी दौड़ रही थी ,मैं महसूस कर रही थी इनकी जीभ कैसे करोच करोच कर , गाँड़ की अंदरूनी दीवाल से , ...सब कुछ , वो लिसलिसी सी ,
और मैंने कस के अपनी गांड को उनके मुंह से चिपका दिया ,...
किसी मोटे लन्ड से कम मजा नहीं देती थी उनकी जीभ ,
और मोटे लन्ड से मुझे और किसकी याद आती , कमल जीजू की याद
कल रात जैसे उन्होंने मेरी गांड मारी थी वो मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकती , सच पूछिये तो कल मेरी गांड की सुहागरात थी
और जैसे छोटी साली की होनी चाहिए दो जीजू के साथ एकसाथ। कल मुझे छोटी साली होने का असली मजा मिला।
इनकी जीभ मेरी गांड में गोल गोल घूम रही थी और
मेरी आँखों के सामने कल की रात घूम रही थी।
गनीमत था की मेरी गांड की सील अजय जीजू ने खोल दी थी वरना अगर कही कमल जीजू का मूसल सबसे पहले घुसता तो मैं दो दिन चल नहीं सकती थी।
कमल जीजू ने गांड मारने की आइडियल पोज में निहुरा दिया था , और ये सब स्टैंड अलोन मोड़ में हो रहा था ,
ये और इनकी साली रिंग साइड सीट पर बैठे थे मुझसे कुछ फीट दूर पर हीऔर अजय जीजू व्हिस्की की बोतल खोलने में लगे थे।
" बोल मरवाना है गांड़ , "
मेरे खुले चूतड़ पर प्यार से हलके हलके स्पैंक करते कमल जीजू ने पूछा ,
(बीती हुयी, थोड़ा सा फ्लैश बैक )
बाहर बारिश तेज हो गयी थी ,और
अंदर मेरी गालियों की बारिश ,
साल्ले , भोंसड़ी के , तेरी माँ की फुद्दी मारूँ , रन्डी के जने ,गांड़चटटो
चाट मादरचोद चाट ,चाट गाँड़ ठीक से , चाट डाल दे जीभ अंदर ,
गांडू , मजा आया था ने मेरे जीजू से गांड मरवाने में , अभी तो बस ट्रेलर था ,
डाल न जीभ अपनी , तेरे बहन को तेरी रखैल बनाऊं ,
और उनकी जीभ सीधे मेरी गांड के कसे छेद पर जहां कल अजय और कमल जीजू का मूसल रात भर चला था।
कल सिर्फ उनकी ही कोरी गांड नहीं फटी थी ,
मेरी भी पहली पहली बार।
जब मेरी सहेलियां सुजाता ,अन्नया और सब ,अपनी गांड मराई के किस्से सुनातीं तो मन मेरा भी बहुत करता था
और मेरी दोनों कमीनी बहनें , कमल जीजू ने तो दूसरी तीसरी रात ही चीनू दी की गाँड़ मार ली थी और रीनू की अजय ने चौथे दिन , ... फिर कमल जी तो एक गाँड़ के शैदाई , ...
चीनू दी का हफ्ते में तीन चार बार पिछवाड़े का बाजा बज जाता ,
और रीनू का वीकेंड या कोई भी छुट्टी हो , उस दिन उस कमीनी की गाँड़ की अजय जीजू मार मार के छुट्टी कर देते थे ,
मेरी भी कोरी अजय जीजू ने ही ली थी , कल की ही तो बात है , ...
लेकिन बस दो बातें थी ,
एक तो मैंने जब से इनके मुंह से ये सुना था की इनके अर्ली टीनेज डेज में ,
तीन बार इनकी नेकर सरकायी गयी लेकिन ये बाल बाल बच गए , तो बस मैंने सोच लिया था की ,
पहले इनकी फटेगी तब फड़वाउंगी।
दुसरे बचपन में ही तय हुआ था की पहले मेरे जीजू मेरी कसी कोरी चूत में अपना मूसल चलाएंगे तब इनका नम्बर लगेगा ,
आखिर तीन बहनों में सबसे छोटी थी ,छोटी साली होने का फायदा ,
लेकिन मेरी शादी पहले हो गयी और मेरे बिचारे दोनों जीजू ,
छोटी साली की कसी कोरी कुँवारी चूत फाड़ने का मजा पाने से रह गए ,
तो बस चीनू की शादी में जब पहली बार मैं कमल जीजू से मिली थी तभी मैंने तय कर लिया था ,
कोमलिया भले ही आगे का उद्घाटन पति ने कर दिया लेकिन ,पीछे का जीजू से ही
और कल रात मैंने करवा ही लिया दोनों जीजू से , एक साथ सैंडविच बन के भी , अलग अलग गांड मरवा के भी
उधर उनकी जीभ की नोक अब बार बार पिछवाडे के छेद को कुरेद रही थी ,घुसने की कोशिश कर रही थी।
कल जहां कमल जीजू का मोटा लन्ड घुसा था ,
और मैंने पोज चेंज कर दिया , अब उसी पोज में जो मर्दो की फेवरिट पोज होती है ,
कुतिया बना के ,
बिस्तर पर मैं कुतिया बन गयी ,और खुद अपने हाथ से अपनी गांड का छेद कस के फैला के
चाट साले चाट गँड़ुये , अपनी बहन के भंडुए
कल इसी गांड से तो मेरे जीजू की मलाई भी खूब सपड़ सपड़ चाटी थी न , बोल आया था मजा न।
अरे ठीक से चाट तो , और जोर ,से डाल दे जीभ अंदर , अरे बस १० -१२ दिन की बात है ,
साल्ले , तुझसे तेरी माँ की भी गाँड़ चटवाउंगी , बोल चाटेगा न रंडी की , ...
कल इसी लिए न मोटे मोटे लन्ड घोंट रहा था गांड में की ,
तुझे तेरी माँ का भोंसड़ा मिलेगा।
मादरचोद ,चल पहले मेरी गांड चाट ठीक से
खूब जोर जोर से मैं गरिया रही थी ,
बिना इस बात की परवाह किये की कहीं मेरी जेठानी तो नहीं सुन लेंगी नीचे।
और वो भी अब सब परवाह छोड़ के मेरी गांड चाटने में लगे थे।
मेरा सर खिड़की की ओर था ,
इसलिए खुली खिड़की से हलकी हलकी बारिश की फुहारे
मेरे चेहरे पर मेरे उभारों पर बारिश की हलकी हलकी बौछार , मजा दस गुना कर दे रही थी।
जीभ थोड़ी सी अंदर घुसी ,
कभी घिसती कभी गोल गोल अंदर घूमती
चोदने में अगर मेरे दोनों जीजू नम्बर वन थे और गांड मारने में कमल जीजू की पी एच डी थी
तो बुर चाटने और गांड चाटने में ये मेरे दोनों जीजू से २१ - २२ नहीं २५ थे पूरे।
बिचारि उनकी साली रीनू तड़प के रह गयी थी ,
उसकी नीचे की दुकान पर ताला लगा था पांच दिन वाला।
लेकिन मैंने उससे पक्का वायदा किया था की काठमांडू से लौटने पर उसके जीजू उसकी चूत गांड सब चटवाउंगी।
गांड चाटने की ट्रेनिंग देने में तो उनकी सास का पूरा हाथ था लेकिन गांड के अंदर पूरी तरह जीभ डाल के गांड का ,...
ये खास तौर से मंजू बाई की ,..
अगर इनकी जुबान उसकी गांड के अंदर घुस के लसलसी ,...
तो फिर मार हाथ के ,इनकी गांड वो लाल कर देती थी ,
और उनके चेहरे पर बैठ कर इनकी नाक बंद कर देती ,
इनको एक एक साँस के लिए मुहाल कर देती जब तक इनकी जीभ मंजू बाई की गांड के अंदर पूरी तरह घुस के वो सब ,...लिसलिसी , ...
अच्छी तरह चाट चाट के गांड के अंदर का ,....
और मैंने भी फिर वही पोज अख्तियार कर लिया ,
वो लेटे और बिना मेरे कुछ कहे उनके दोनों होंठ पूरी तरह खुले ,
मैंने भी अपनी गांड के छेद को दोनों हाथों फैलाया और उनके मुंह पै सेंटर कर के बैठ गयी , आगे का काम इनका था ,
थोड़ी देर में ही इनकी जीभ २ इंच अंदर घूम घूम के मेरी गांड के अंदर
मैं गिनगिना रही थी मेरी पूरी देह में सनसनी दौड़ रही थी ,मैं महसूस कर रही थी इनकी जीभ कैसे करोच करोच कर , गाँड़ की अंदरूनी दीवाल से , ...सब कुछ , वो लिसलिसी सी ,
और मैंने कस के अपनी गांड को उनके मुंह से चिपका दिया ,...
किसी मोटे लन्ड से कम मजा नहीं देती थी उनकी जीभ ,
और मोटे लन्ड से मुझे और किसकी याद आती , कमल जीजू की याद
कल रात जैसे उन्होंने मेरी गांड मारी थी वो मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकती , सच पूछिये तो कल मेरी गांड की सुहागरात थी
और जैसे छोटी साली की होनी चाहिए दो जीजू के साथ एकसाथ। कल मुझे छोटी साली होने का असली मजा मिला।
इनकी जीभ मेरी गांड में गोल गोल घूम रही थी और
मेरी आँखों के सामने कल की रात घूम रही थी।
गनीमत था की मेरी गांड की सील अजय जीजू ने खोल दी थी वरना अगर कही कमल जीजू का मूसल सबसे पहले घुसता तो मैं दो दिन चल नहीं सकती थी।
कमल जीजू ने गांड मारने की आइडियल पोज में निहुरा दिया था , और ये सब स्टैंड अलोन मोड़ में हो रहा था ,
ये और इनकी साली रिंग साइड सीट पर बैठे थे मुझसे कुछ फीट दूर पर हीऔर अजय जीजू व्हिस्की की बोतल खोलने में लगे थे।
" बोल मरवाना है गांड़ , "
मेरे खुले चूतड़ पर प्यार से हलके हलके स्पैंक करते कमल जीजू ने पूछा ,