15-02-2019, 11:41 AM
अभी पूनम की मम्मी आने वाली थी. उसके पापा अभी मम्मी को लाने गए हुए थे. पूनम एन्वेलोप को आलमीरा में छुपा दी थी और अपने सारे कपडे पहन ली थी। पूनम सब के लिए खाना बना रही थी और सोच रही थी की वो क्या कर रही है. उसके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। एक तरफ तो वो खुद को समझा रही थी कि जो वो कर रही है वो गलत है और दूसरी तरफ उसे लग रहा था कि कुछ गलत नहीं है। पूनम अपने ख्यालों के भँवर में ऊपर नीचे हो रही थी। और ये जंग उसके दिल और दिमाग के बीच नहीं, उसके चुत और दिमाग के बीच में चल रही थी।
'इस तरह की बात करने की क्या जरूरत है उस लड़के के साथ. इस तरह फ़ोन पे लंड, चूत, चोदना, चुदवाना बोलने की क्या जरूरत है. और आज तो मैं क्या क्या नहीं बोल दी। गांड मारने और मरवाने की बात कर दी।' पूनम शर्मा गयी की वो गुड्डू के साथ ये बात की जो अकेले में भी सोंचने पे उसे शर्म आता है। चुत और लण्ड की बात अलग है। चूदी चुदाई लड़की थी अब वो। 'लेकिन गांड.... उसमे लण्ड डालना.... छी।' पूनम को मुस्कुराने लगी की वो गांड मारना क्या समझती थी और वो होता क्या है।
पूनम सोच रही थी की आज वो और क्या क्या बोली है गुड्डू को और 'इस तरह तो मैं उसे बता रही हूँ की मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. तुम मुझे चोद लो. बोल भी तो दी उसे की चुदवाऊँगी। गांड भी मारवाऊंगी बोल दी। गुड्डू तो प्लानिंग भी कर लिया होगा की कैसे कैसे मुझे चोदेगा। और गुड्डू चोदेगा तो विक्की भी चोदेगा ही। गुड्डू तो बोला न कोई ऐसी चुत नहीं है जिसमे किसी एक का ही लण्ड गया हो। तो अगर मैं गुड्डू को बोल दी की चुदवाऊँगी तो मतलब ये की विक्की को भी बोल दी।'
पूनम को मज़ा आ रहा था। 'तो क्या हुआ यार चुदवा ही लूँगी तो। कोई कुँवारी कली तो रही नहीं मैं अब। वो साला हरामी अमित प्यार के नाम पर बेवकूफ बनाकर सील तो तोड़ ही दिया है मेरा। ठीक ही तो बोलता है गुड्डू की जब उससे दो बार चुदवा ली तो एक बार मेरे से भी चुदवा लो। एक ही बार चोदने को तो बोल ही रहा है वो। अच्छा ठीक है, दोनों चोद लेंगे एक एक बार। क्या फर्क पड़ जाएगा मेरे पे। चुत घिस थोड़े ही जायेगी। मज़ा तो आ जायेगा। हर तरह से चोदने की प्लानिंग किये बैठा है वो तो। और उसका लण्ड भी तो दमदार है।'
पूनम की चुत गीली होने लगी। वो इमेजिन करने लगी की उसी लड़की की तरह पूनम भी गुड्डू और विक्की दोनों से एक साथ चुदवा रही है और गुड्डू जिस तरह से बोला था, दोनों उसी तरह से उसी पोज़ में एक साथ पूनम को चोद रहे हैं, और गांड भी मार रहे हैं। पूनम सोचने लगी की गांड मरवाने में कैसा लगेगा।
लेकिन फिर थोड़ी देर बाद पूनम सोचने लगी 'नहीं.... अब मुझे ये सब कुछ नहीं करना। दो बार अमित से चुदवा ली, गलती की। पहले मैं कितनी अच्छी और शरीफ थी, ये गुड्डू ने गन्दी कहानियाँ पढ़ा कर और चुदाई वाली पिक्स दिखाकर मुझे बिगाड़ दिया। सही बोला था अमित की मैं मना कर दी थी तो वो मुझे छूता भी नहीं था, मैं उसे करने दी तब वो रेस्टुरेंट में वो सब किया। सब इसी फोटो और कहानी का किया धरा है कि मेरा मन चुदवाने का करने लगा था। और सिर्फ चुदवाने का क्या, मैं तो हर तरह से और हर पोज़ में चुदवाना चाहती थी। गुड्डू ने अमित को डराया नहीं होता तो मैं तो उसके साथ सबके कुछ करवाने के लिए रेडी ही थी और सब कुछ करवा भी चुकी होती।'
पूनम अपनी सोच में मगन थी। 'लेकिन अमित के साथ तो ठीक से कुछ कर ही नहीं पाई थी मैं। जिस दिन पहली बार किया, उस दिन तो दर्द और डर से ही कुछ समझ नहीं आया था।' पूनम को याद आ गया कि कैसे जब पहली बार अमित का लण्ड उसकी चुत में सटा था तो उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया था और वो शर्मा गयी। 'और उस रात आया था तो उससे तो हो ही नहीं रहा था। वो तो मेरे ऊपर चुदाई का बुखार चढ़ा हुआ था कि मैं जबर्दस्ती चुदवा ली, नहीं तो अमित तो ऐसे ही शांत था।' पूनम अपनी उस रात की हरकत को याद कर शर्मा भी गयी और मुस्कुरा भी दी। 'बेकार में उस दिन वैसे पागल की तरह होकर चुदवाई। उस रात अमित कुछ नहीं कर पाता, तब मज़ा आता उस फट्टू को। बहुत बड़ा मर्द बना फिरता है सबके सामने। 15-20 रात गुजारा है मेरे साथ, हुँह। एक रात में तो कुछ हुआ ही नहीं उससे। उससे तो सही में अच्छा है गुड्डू।'
पूनम की सोंच फिर से गुड्डू पे वापस आ गयी। 'अरे तो एक ही बार तो चुदवाने बोल रहा है वो। अब जब एक बार चुदवा कर सील टुटवा ही ली, तो गुड्डू से भी, अच्छा ठीक है... और विक्की से भी एक बार चुदवा लूँगी तो क्या हो जायेगा। कितना मस्त चोदते हैं ये लोग उन लड़कियों को। जैसे जैसे उन्होंने बताया था वैसे वैसे चोदेंगे मुझे। मैं सोची तो थी न अमित से उस उस तरह चुदवाने का। अमित से तो चुदवाती ही न। अब अमित तो धोखेबाज निकला। समझ लूँगी की अमित से ही चार बार चुदी और फिर उसने धोखा दिया। वैसे भी वो तो सबको बताया है कि मुझे 20-25 चोदा है। और अमित जितना मज़ा दिया, उससे ज्यादा मज़ा तो गुड्डू और हाँ... विक्की भी देगा। कितना बड़ा और मोटा है उनका। ....लण्ड...।'
पूनम मुस्कुरा दी। उसे याद आया की किस तरह वो गुड्डू के साथ आज क्या क्या बात की और क्या क्या बोली। उसे शर्म भी आ रही थी की किस तरह वो बोल रही थी की लण्ड चुत में डाला, लण्ड चूस रही है। "आहः" पूनम की चुत फिर से गीली हो रही थी। उसका मन हो रहा था कि फिर से अभी नंगी हो जाये और बेलन को अंदर डाल कर चुदवा ले गुड्डू से अपनी सोच में। लेकिन उसके मम्मी पापा के आने का वक़्त हो चूका था। पूनम खाना बनाती रही और सोंचती रही की कैसे कैसे वो गुड्डू और विक्की से चुदवा रही है और उसे कितना मज़ा आ रहा है। दोनों उसे अपने बीच में रखकर चोद रहे हैं और गांड भी मार रहे हैं। लण्ड भी चुसवा रहे हैं और दोनों एक साथ अपना वीर्य पिला रहे हैं।
थोड़ी देर के बाद पूनम के मम्मी पापा आ गए. पूनम उसके साथ बातें करने लगी और फिर खाना खा कर अपने रूम में आ गयी. उसने अपने फ़ोन को स्विच ऑफ कर दिया ताकि मम्मी के सामने गुड्डू का कॉल या मैसेज न आ जाये। मम्मी को अगर पता चल गया तो कांड हो जाता। और मम्मी को जल्दी पता चलने के चान्सेस ज्यादा थे, पापा को पता चलने से। पूनम के दिमाग में उस वक़्त भी चुदाई ही चल रहा था। उसकी पैंटी गीली ही थी। पैंटी को सूखने का मौका ही नहीं मिल रहा था। पूनम की चुत से सेक्स का झरना धीरे धीरे रिस ही रहा था। गुड्डू और विक्की उसकी चुत के साथ खेल ही रहे थे पूनम के ख्यालों में।
पूनम अपने रूम में आयी और गेट बंद कर ली और सबसे पहले अपने सारे कपडे उतारकर पूरी नंगी हो गयी। वो अपनी हल्की सी झांटों वाली चुत को सहलाई तो उसकी उँगलियाँ गीली हो गयी। पूनम अभी पूरी तरह वासना के नशे में थी। अगर अभी कहीं किसी तरह से गुड्डू इस बंद कमरे में प्रकट हो जाता तो पूनम खुद उससे लिपट जाती और खुद वो सब कुछ करती और करवाती जो जो उसने पिक में देखा था या कहानियों में पढ़ा था।
पूनम मोबाइल ऑन कर ली और आलमीरा से एन्वेलोप निकाल ली जिसके पिक देखते हुए वो गुड्डू से फोन पे चुदी थी और उसकी चुत से बहुत सारा कामरस बहा था। पूनम बेड पे अपनी दोनों टांगों को फैलाकर लेट गयी और एक हाथ से अपनी चुत सहलाने लगी और दूसरे हाथ से पिक्स उठा उठा कर देखने लगी। 'आओ गुड्डू राजा....आहः.....चोद लो मुझे भी....मेरे चुत की भी सैर करवा दो अपने लण्ड को और विक्की के लण्ड को भी। दोनों चोदोगे मुझे। आहः.... चोद लो न।'
उसके हाथ में अभी वो पिक था जिसमे लड़की एक के ऊपर लेटी हुई थी और उसका लण्ड चुत में था और पीछे से दूसरे ने अपना लण्ड गांड में डाला हुआ था। 'आहः.... गांड भी मारोगे? ..... तो मार लेना न...... सब कुछ कर लो। जो मन है करने का सब कर लो...... आहः' चुत के अंदर ऊँगली के आने जाने की रफ़्तार तेज़ हो गयी थी। बेलन किचन में था और वो उसे रूम में लाने का रिस्क नहीं लेना चाहती थी।
पूनम पिक्स रख दी और कहानी पढ़ने लगी। वो कहानी में चुदाई वाला सीन ढूंढी और उसे पढ़ने लगी। एक लड़की को दो लड़के मिल कर नंगी कर रहे थे और उसके बदन से खेल रहे थे। पूनम कुछ ही देर पढ़ी की उसकी चुत में पानी का बांध टूट गया और उसकी चुत पानी से भर गयी। पूनम लम्बी लम्बी साँस लेने लगी।
वो बेड पे उल्टी होकर लेट गयी और उसकी चुत से रस बहकर बाहर आकर बेड पे गिरने लगा। पूनम के कपड़े उससे दूर थे और उसमें इतना हिम्मत नहीं था कि वो अपनी पैंटी को उठाकर अपनी चुत के नीचे रख सके। वो चादर को गीला होने छोड़ दी।
थोड़ी देर बाद गुड्डू का कॉल आया। पूनम अभी तक इसी तरह लेटी हुई थी। वो फ़ोन को कट कर दी और स्विच ऑफ कर दी। उसे गुड्डू से बात नहीं करना था। उसे ये सब कुछ करना ही नहीं था। अब किसी से नहीं चुदवाना था।
वो इसी तरह उल्टी होकर नंगी लेटी रही और उसकी चुत से काम रस बहकर उसकी चादर को गीला करता रहा। बेड पे चुदाई वाली कहानी और वो पिक्स इधर उधर बिखरे रहे और वो सोचती सोचती सो गयी।
'अब ये सब कुछ नहीं करुँगी। न तो गुड्डू से बात करुँगी, न एन्वेलोप लूँगी और न ही ये सब कुछ करुँगी। मैं कितनी अच्छी लड़की थी, लेकिन उस हरामी गुड्डू ने जान बूझ कर मुझे ये सब दिया और मैं क्या से क्या करती गयी। अगर अमित के साथ मैं प्यार नहीं कर रही होती तो, इन पिक्स और कहानियों की वजह से जो मेरी हालत हुई है, तब तो मैं गुड्डू से ही चुदवा चुकी होती। लेकिन उस हरामी फट्टू अमित की किस्मत अच्छी थी की मैं उससे प्यार करती थी और पागल बनकर उससे चुदवा बैठी। अगर गुड्डू मुझे ये सब नहीं देता तो मैं आज भी कुँवारी होती और शरीफ लड़की होती, जैसे पहले थी।'
'अब चाहे कुछ भी हो जाये, एक बात तो तय है कि अब मैं किसी के साथ कुछ नहीं करवाने वाली। गुड्डू के साथ तो बिल्कुल नहीं। और अब से ये सब भी नहीं करुँगी। न तो नंगी होऊँगी और न ही चुत में ऊँगली या कुछ और करुँगी। जैसे पहले थी वैसे ही रहूँगी। ये सब भी फाड़ कर फ्लश में बहा देती हूँ।' पूनम का मन हुआ की अभी ही पिक्स और कहानी को बाथरूम में फ्लश कर दे, लेकिन अपनी स्थिति देखते हुए वो सुबह ये काम करने का फैसला ली।
'सुबह पक्का फेंक दूँगी इसे। छिह....कितनी गन्दी हो गयी हूँ मैं। कैसे मैं उसके सामने क्या क्या बोली। क्या सोचता होगा वो मेरे बारे में। वो मुझे भी अपनी रंडियों की तरह ही सोच रहा होगा। इसलिए तो उसने मुझे ये सब दिया था। वो तो आधा कामयाब भी हो गया है अपने मकसद में। लेकिन अब इससे ज्यादा और कुछ नहीं होगा। छिह....कैसे मैं बोल दी की चोदो मुझे। चुदवाऊँगी, गांड मारवाऊंगी। लण्ड चूस रही है, चुदवा रही है। छिह.... मैं बेशर्म हो गयी हूँ। एक लड़की ऐसा कैसे बोल सकती है किसी लड़के के सामने। अब कभी नहीं... कभी नहीं.... कभी नहीं।'
पूनम अपने आप को मजबूत बनाते हुए निर्णय की कि इन लड़कों के नजदीक होने की कोई जरूरत नहीं है और वो सोंचते सोंचते इसी तरह नंगी सो गयी।
गुड्डू भी पूनम को फ़ोन पे चोद कर बहुत खुश था। पूनम का फ़ोन कटने पर वो ख़ुशी ख़ुशी अपने अड्डे से बाहर निकला। उसे अब पूरा यकीन था कि उसके लण्ड को अब पुनम की चुत में घूमने का मौका मिलेगा। पूनम तो बोल ही दी थी की चुदवाऊँगी। लेकिन गुड्डू को ये भी पता था कि अभी उसे और मेहनत करनी होगी। मुर्गी के हलाल होने में अभी वक़्त था।
वो विक्की से मिला और उसे सब कुछ बताया कि कैसे पूनम फ़ोन पे क्या क्या बोली और ये भी बोली की चुदवाएगी और गांड भी मरवायेगी। गुड्डू इस बात को छुपा गया कि पूनम बस उसी से चुदवाने के लिए तैयार हुई है। वैसे भी इस बात का कोई मतलब नहीं था। चोदना तो दोनों को था और पूनम को दोनों से ही चुदवाना पड़ता।
विक्की को इन बातों में कोई इंटरेस्ट नहीं था। बोला "जब चोदने जाना हो तब बता देना। मुझे न तो उसे और न ही किसी और रण्डी को फ़ोन पे चोदना है। चोदने के लिए मेरे पास लण्ड है। तू फ़ोन पे चोद उसे, गांड मार। जब लण्ड से चोदने की बारी आये, तो मुझे बुला लेना। बस।" गुड्डू को पता था कि विक्की का रिएक्शन कुछ ऐसा ही होगा। वो दोनों बहुत पुराने दोस्त थे और बचपन से लेकर अब तक सब कुछ उन्होंने साथ में ही किया था।
'इस तरह की बात करने की क्या जरूरत है उस लड़के के साथ. इस तरह फ़ोन पे लंड, चूत, चोदना, चुदवाना बोलने की क्या जरूरत है. और आज तो मैं क्या क्या नहीं बोल दी। गांड मारने और मरवाने की बात कर दी।' पूनम शर्मा गयी की वो गुड्डू के साथ ये बात की जो अकेले में भी सोंचने पे उसे शर्म आता है। चुत और लण्ड की बात अलग है। चूदी चुदाई लड़की थी अब वो। 'लेकिन गांड.... उसमे लण्ड डालना.... छी।' पूनम को मुस्कुराने लगी की वो गांड मारना क्या समझती थी और वो होता क्या है।
पूनम सोच रही थी की आज वो और क्या क्या बोली है गुड्डू को और 'इस तरह तो मैं उसे बता रही हूँ की मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. तुम मुझे चोद लो. बोल भी तो दी उसे की चुदवाऊँगी। गांड भी मारवाऊंगी बोल दी। गुड्डू तो प्लानिंग भी कर लिया होगा की कैसे कैसे मुझे चोदेगा। और गुड्डू चोदेगा तो विक्की भी चोदेगा ही। गुड्डू तो बोला न कोई ऐसी चुत नहीं है जिसमे किसी एक का ही लण्ड गया हो। तो अगर मैं गुड्डू को बोल दी की चुदवाऊँगी तो मतलब ये की विक्की को भी बोल दी।'
पूनम को मज़ा आ रहा था। 'तो क्या हुआ यार चुदवा ही लूँगी तो। कोई कुँवारी कली तो रही नहीं मैं अब। वो साला हरामी अमित प्यार के नाम पर बेवकूफ बनाकर सील तो तोड़ ही दिया है मेरा। ठीक ही तो बोलता है गुड्डू की जब उससे दो बार चुदवा ली तो एक बार मेरे से भी चुदवा लो। एक ही बार चोदने को तो बोल ही रहा है वो। अच्छा ठीक है, दोनों चोद लेंगे एक एक बार। क्या फर्क पड़ जाएगा मेरे पे। चुत घिस थोड़े ही जायेगी। मज़ा तो आ जायेगा। हर तरह से चोदने की प्लानिंग किये बैठा है वो तो। और उसका लण्ड भी तो दमदार है।'
पूनम की चुत गीली होने लगी। वो इमेजिन करने लगी की उसी लड़की की तरह पूनम भी गुड्डू और विक्की दोनों से एक साथ चुदवा रही है और गुड्डू जिस तरह से बोला था, दोनों उसी तरह से उसी पोज़ में एक साथ पूनम को चोद रहे हैं, और गांड भी मार रहे हैं। पूनम सोचने लगी की गांड मरवाने में कैसा लगेगा।
लेकिन फिर थोड़ी देर बाद पूनम सोचने लगी 'नहीं.... अब मुझे ये सब कुछ नहीं करना। दो बार अमित से चुदवा ली, गलती की। पहले मैं कितनी अच्छी और शरीफ थी, ये गुड्डू ने गन्दी कहानियाँ पढ़ा कर और चुदाई वाली पिक्स दिखाकर मुझे बिगाड़ दिया। सही बोला था अमित की मैं मना कर दी थी तो वो मुझे छूता भी नहीं था, मैं उसे करने दी तब वो रेस्टुरेंट में वो सब किया। सब इसी फोटो और कहानी का किया धरा है कि मेरा मन चुदवाने का करने लगा था। और सिर्फ चुदवाने का क्या, मैं तो हर तरह से और हर पोज़ में चुदवाना चाहती थी। गुड्डू ने अमित को डराया नहीं होता तो मैं तो उसके साथ सबके कुछ करवाने के लिए रेडी ही थी और सब कुछ करवा भी चुकी होती।'
पूनम अपनी सोच में मगन थी। 'लेकिन अमित के साथ तो ठीक से कुछ कर ही नहीं पाई थी मैं। जिस दिन पहली बार किया, उस दिन तो दर्द और डर से ही कुछ समझ नहीं आया था।' पूनम को याद आ गया कि कैसे जब पहली बार अमित का लण्ड उसकी चुत में सटा था तो उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया था और वो शर्मा गयी। 'और उस रात आया था तो उससे तो हो ही नहीं रहा था। वो तो मेरे ऊपर चुदाई का बुखार चढ़ा हुआ था कि मैं जबर्दस्ती चुदवा ली, नहीं तो अमित तो ऐसे ही शांत था।' पूनम अपनी उस रात की हरकत को याद कर शर्मा भी गयी और मुस्कुरा भी दी। 'बेकार में उस दिन वैसे पागल की तरह होकर चुदवाई। उस रात अमित कुछ नहीं कर पाता, तब मज़ा आता उस फट्टू को। बहुत बड़ा मर्द बना फिरता है सबके सामने। 15-20 रात गुजारा है मेरे साथ, हुँह। एक रात में तो कुछ हुआ ही नहीं उससे। उससे तो सही में अच्छा है गुड्डू।'
पूनम की सोंच फिर से गुड्डू पे वापस आ गयी। 'अरे तो एक ही बार तो चुदवाने बोल रहा है वो। अब जब एक बार चुदवा कर सील टुटवा ही ली, तो गुड्डू से भी, अच्छा ठीक है... और विक्की से भी एक बार चुदवा लूँगी तो क्या हो जायेगा। कितना मस्त चोदते हैं ये लोग उन लड़कियों को। जैसे जैसे उन्होंने बताया था वैसे वैसे चोदेंगे मुझे। मैं सोची तो थी न अमित से उस उस तरह चुदवाने का। अमित से तो चुदवाती ही न। अब अमित तो धोखेबाज निकला। समझ लूँगी की अमित से ही चार बार चुदी और फिर उसने धोखा दिया। वैसे भी वो तो सबको बताया है कि मुझे 20-25 चोदा है। और अमित जितना मज़ा दिया, उससे ज्यादा मज़ा तो गुड्डू और हाँ... विक्की भी देगा। कितना बड़ा और मोटा है उनका। ....लण्ड...।'
पूनम मुस्कुरा दी। उसे याद आया की किस तरह वो गुड्डू के साथ आज क्या क्या बात की और क्या क्या बोली। उसे शर्म भी आ रही थी की किस तरह वो बोल रही थी की लण्ड चुत में डाला, लण्ड चूस रही है। "आहः" पूनम की चुत फिर से गीली हो रही थी। उसका मन हो रहा था कि फिर से अभी नंगी हो जाये और बेलन को अंदर डाल कर चुदवा ले गुड्डू से अपनी सोच में। लेकिन उसके मम्मी पापा के आने का वक़्त हो चूका था। पूनम खाना बनाती रही और सोंचती रही की कैसे कैसे वो गुड्डू और विक्की से चुदवा रही है और उसे कितना मज़ा आ रहा है। दोनों उसे अपने बीच में रखकर चोद रहे हैं और गांड भी मार रहे हैं। लण्ड भी चुसवा रहे हैं और दोनों एक साथ अपना वीर्य पिला रहे हैं।
थोड़ी देर के बाद पूनम के मम्मी पापा आ गए. पूनम उसके साथ बातें करने लगी और फिर खाना खा कर अपने रूम में आ गयी. उसने अपने फ़ोन को स्विच ऑफ कर दिया ताकि मम्मी के सामने गुड्डू का कॉल या मैसेज न आ जाये। मम्मी को अगर पता चल गया तो कांड हो जाता। और मम्मी को जल्दी पता चलने के चान्सेस ज्यादा थे, पापा को पता चलने से। पूनम के दिमाग में उस वक़्त भी चुदाई ही चल रहा था। उसकी पैंटी गीली ही थी। पैंटी को सूखने का मौका ही नहीं मिल रहा था। पूनम की चुत से सेक्स का झरना धीरे धीरे रिस ही रहा था। गुड्डू और विक्की उसकी चुत के साथ खेल ही रहे थे पूनम के ख्यालों में।
पूनम अपने रूम में आयी और गेट बंद कर ली और सबसे पहले अपने सारे कपडे उतारकर पूरी नंगी हो गयी। वो अपनी हल्की सी झांटों वाली चुत को सहलाई तो उसकी उँगलियाँ गीली हो गयी। पूनम अभी पूरी तरह वासना के नशे में थी। अगर अभी कहीं किसी तरह से गुड्डू इस बंद कमरे में प्रकट हो जाता तो पूनम खुद उससे लिपट जाती और खुद वो सब कुछ करती और करवाती जो जो उसने पिक में देखा था या कहानियों में पढ़ा था।
पूनम मोबाइल ऑन कर ली और आलमीरा से एन्वेलोप निकाल ली जिसके पिक देखते हुए वो गुड्डू से फोन पे चुदी थी और उसकी चुत से बहुत सारा कामरस बहा था। पूनम बेड पे अपनी दोनों टांगों को फैलाकर लेट गयी और एक हाथ से अपनी चुत सहलाने लगी और दूसरे हाथ से पिक्स उठा उठा कर देखने लगी। 'आओ गुड्डू राजा....आहः.....चोद लो मुझे भी....मेरे चुत की भी सैर करवा दो अपने लण्ड को और विक्की के लण्ड को भी। दोनों चोदोगे मुझे। आहः.... चोद लो न।'
उसके हाथ में अभी वो पिक था जिसमे लड़की एक के ऊपर लेटी हुई थी और उसका लण्ड चुत में था और पीछे से दूसरे ने अपना लण्ड गांड में डाला हुआ था। 'आहः.... गांड भी मारोगे? ..... तो मार लेना न...... सब कुछ कर लो। जो मन है करने का सब कर लो...... आहः' चुत के अंदर ऊँगली के आने जाने की रफ़्तार तेज़ हो गयी थी। बेलन किचन में था और वो उसे रूम में लाने का रिस्क नहीं लेना चाहती थी।
पूनम पिक्स रख दी और कहानी पढ़ने लगी। वो कहानी में चुदाई वाला सीन ढूंढी और उसे पढ़ने लगी। एक लड़की को दो लड़के मिल कर नंगी कर रहे थे और उसके बदन से खेल रहे थे। पूनम कुछ ही देर पढ़ी की उसकी चुत में पानी का बांध टूट गया और उसकी चुत पानी से भर गयी। पूनम लम्बी लम्बी साँस लेने लगी।
वो बेड पे उल्टी होकर लेट गयी और उसकी चुत से रस बहकर बाहर आकर बेड पे गिरने लगा। पूनम के कपड़े उससे दूर थे और उसमें इतना हिम्मत नहीं था कि वो अपनी पैंटी को उठाकर अपनी चुत के नीचे रख सके। वो चादर को गीला होने छोड़ दी।
थोड़ी देर बाद गुड्डू का कॉल आया। पूनम अभी तक इसी तरह लेटी हुई थी। वो फ़ोन को कट कर दी और स्विच ऑफ कर दी। उसे गुड्डू से बात नहीं करना था। उसे ये सब कुछ करना ही नहीं था। अब किसी से नहीं चुदवाना था।
वो इसी तरह उल्टी होकर नंगी लेटी रही और उसकी चुत से काम रस बहकर उसकी चादर को गीला करता रहा। बेड पे चुदाई वाली कहानी और वो पिक्स इधर उधर बिखरे रहे और वो सोचती सोचती सो गयी।
'अब ये सब कुछ नहीं करुँगी। न तो गुड्डू से बात करुँगी, न एन्वेलोप लूँगी और न ही ये सब कुछ करुँगी। मैं कितनी अच्छी लड़की थी, लेकिन उस हरामी गुड्डू ने जान बूझ कर मुझे ये सब दिया और मैं क्या से क्या करती गयी। अगर अमित के साथ मैं प्यार नहीं कर रही होती तो, इन पिक्स और कहानियों की वजह से जो मेरी हालत हुई है, तब तो मैं गुड्डू से ही चुदवा चुकी होती। लेकिन उस हरामी फट्टू अमित की किस्मत अच्छी थी की मैं उससे प्यार करती थी और पागल बनकर उससे चुदवा बैठी। अगर गुड्डू मुझे ये सब नहीं देता तो मैं आज भी कुँवारी होती और शरीफ लड़की होती, जैसे पहले थी।'
'अब चाहे कुछ भी हो जाये, एक बात तो तय है कि अब मैं किसी के साथ कुछ नहीं करवाने वाली। गुड्डू के साथ तो बिल्कुल नहीं। और अब से ये सब भी नहीं करुँगी। न तो नंगी होऊँगी और न ही चुत में ऊँगली या कुछ और करुँगी। जैसे पहले थी वैसे ही रहूँगी। ये सब भी फाड़ कर फ्लश में बहा देती हूँ।' पूनम का मन हुआ की अभी ही पिक्स और कहानी को बाथरूम में फ्लश कर दे, लेकिन अपनी स्थिति देखते हुए वो सुबह ये काम करने का फैसला ली।
'सुबह पक्का फेंक दूँगी इसे। छिह....कितनी गन्दी हो गयी हूँ मैं। कैसे मैं उसके सामने क्या क्या बोली। क्या सोचता होगा वो मेरे बारे में। वो मुझे भी अपनी रंडियों की तरह ही सोच रहा होगा। इसलिए तो उसने मुझे ये सब दिया था। वो तो आधा कामयाब भी हो गया है अपने मकसद में। लेकिन अब इससे ज्यादा और कुछ नहीं होगा। छिह....कैसे मैं बोल दी की चोदो मुझे। चुदवाऊँगी, गांड मारवाऊंगी। लण्ड चूस रही है, चुदवा रही है। छिह.... मैं बेशर्म हो गयी हूँ। एक लड़की ऐसा कैसे बोल सकती है किसी लड़के के सामने। अब कभी नहीं... कभी नहीं.... कभी नहीं।'
पूनम अपने आप को मजबूत बनाते हुए निर्णय की कि इन लड़कों के नजदीक होने की कोई जरूरत नहीं है और वो सोंचते सोंचते इसी तरह नंगी सो गयी।
गुड्डू भी पूनम को फ़ोन पे चोद कर बहुत खुश था। पूनम का फ़ोन कटने पर वो ख़ुशी ख़ुशी अपने अड्डे से बाहर निकला। उसे अब पूरा यकीन था कि उसके लण्ड को अब पुनम की चुत में घूमने का मौका मिलेगा। पूनम तो बोल ही दी थी की चुदवाऊँगी। लेकिन गुड्डू को ये भी पता था कि अभी उसे और मेहनत करनी होगी। मुर्गी के हलाल होने में अभी वक़्त था।
वो विक्की से मिला और उसे सब कुछ बताया कि कैसे पूनम फ़ोन पे क्या क्या बोली और ये भी बोली की चुदवाएगी और गांड भी मरवायेगी। गुड्डू इस बात को छुपा गया कि पूनम बस उसी से चुदवाने के लिए तैयार हुई है। वैसे भी इस बात का कोई मतलब नहीं था। चोदना तो दोनों को था और पूनम को दोनों से ही चुदवाना पड़ता।
विक्की को इन बातों में कोई इंटरेस्ट नहीं था। बोला "जब चोदने जाना हो तब बता देना। मुझे न तो उसे और न ही किसी और रण्डी को फ़ोन पे चोदना है। चोदने के लिए मेरे पास लण्ड है। तू फ़ोन पे चोद उसे, गांड मार। जब लण्ड से चोदने की बारी आये, तो मुझे बुला लेना। बस।" गुड्डू को पता था कि विक्की का रिएक्शन कुछ ऐसा ही होगा। वो दोनों बहुत पुराने दोस्त थे और बचपन से लेकर अब तक सब कुछ उन्होंने साथ में ही किया था।