25-03-2020, 12:36 PM
(This post was last modified: 25-03-2020, 12:42 PM by @Kusum_Soni. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(25-03-2020, 08:14 AM)komaalrani Wrote: अरे ये तो बहुत अच्छी बात है , कुदाल तो होती ही चलने के लिए है , चलाने दीजिये , और सबकी सेफ्टी इसी में है , घर में रहिये और ' काम ' में लगे रहिये , मन भी लगा रहेगा , तन भी टेंशन भी नहीं होगा , ... हाँ हो सके तो अपने उनको , मेरी कहानी ' मोहे रंग दे ' पढ़ाइये , उन्हें आइडिया भी मिलेगा , पति पत्नी के बीच कहीं भी कुछ भी कभी भी हो सकता है ,
समय का सदुपयोग करिये , और देह का भी
कोमल जी हुआ यूं है कि अभी इन की छुट्टियां चल रही है
ओर ये घर आये हुए है,सिवाय दोनो के काम वाली बाई तक नहीं आ रही है बाहर कर्फ्यू है पूरा
दिन भर घर का सब काम-काज बदन एक दम थक के चूर जब दिन में फ़्री होती हूँ कुछ समय तो सिलाई का कभी किसी चीज का बहाना मार के कमरे में आ जाती हूँ अकेली ओर आप के थर्ड पर पहुंच जाती हूँ
जब तक आप को पढ़ नहीं लेती दिन नहीं बनता आप से बहुत लगाव हो गया है बिल्कुल मेरे मन की सोचती लिखती हो
ओर आप को पढ़ कर ये जाना है ये खेल सिर्फ मर्दों का नहीं है,इस मे हम औरतें उन को गुलाम बना सकती है
ओर इस मे कुछ भी गर्हित वर्जित नहीं होता ये खास बात आप से सीखी है जब से में बिल्कुल बदल गयी हूं
वो सब हो जाता है जो इस से पहले मेरी जैसी घरेलू औरत सोच भी नहीं सकती थी
मेरा जीवन आप ने बदल दिया है अब रात होती है सच मे ओर मुझे औरत होने पर गर्व होता है मैं आप को पढ़ कर आज कल बिल्कुल उस मे डूब गई हूं आप ने नया सुर छेड़ दिया तन मन में अच्छा है छुटियाँ है
सिर्फ खाना और....