24-03-2020, 03:21 PM
ममेरी बहन समझ के
मैं समझ गयी , जो मैंने उन्हें गुड्डी को लेकर उकसाया है , ... बस उसी का , ... वो मुझे अपनी ममेरी बहन समझ के चोद रहे हैं , ...
लेकिन दर्द के मारे मैं चीख रही थी ,
ओह्ह्ह्हह नहीं उफ्फ्फ्फ़ उईईईईईई बस , बस
पर वो धीरे धीरे एकदम कस के रगड़ते , दरेरते , ... ये धीमे धक्के और जान निकाल रहे थे ,
बड़ी देर तक , ... और जब मेरी हालत एकदम खराब हो गयी , तो उन्होंने निकाल लिया और खींच के मुझे फर्श पर , हम दोनों खड़े ,
वो अभी भी अंदर तक धंसे , लेकिन मैं उसी तरह झुकी निहुरि , और कुछ देर बाद मेरा एक पैर बिस्तर पर , ... और दूसरा फर्श पर
मैं उसी तरह आधी निहुरी , झुकी , और वो
सटासट , सटासट , गपागप ,
वो पेल रहे थे मैं घोंट रही थी , ...
पर थोड़ी देर बाद हम दोनों बिस्तर पर थे , और मैं उनकी गोद में और अब मैं खूंटे पर ऊपर नीचे , वो सिर्फ मुझे पकडे थे ,
लेकिन जब वो झड़े तो मैं बिस्तर पर लेटी थी पीठ के बल , और वो मेरे ऊपर चढ़े , मेरी टाँगे फैली ,
जाँघे एकदम खुली तबतक मैं थेथर हो चुकी थी एकदम थकी , तीन बार झड़ चुकी थी उनके धक्कों से , ...
और एक बार फिर उनके साथ , मेरी देह काँप रही थी , एकदम शिथिल हो गयी थी , और उनको अपने अंदर गिरते झड़ते महसूस कर रही थी
, मेरी गुलाबो में उनकी मलाई तो भरी ही थी , ढेर सारी मलाई छलक कर मेरी जाँघों पर पड़ी थी , ... और
और मेरी निगाह , पलंग पर पड़ी उस किशोरी की २८ सी वाली ब्रा पर पड़ी जिसकी फोटो दिखा के , बस
मैंने ब्रा उठा के , पहले तो जाँघों पर पड़ी मलाई फिर मेरी सहेली के अंदर ,
वो भी मेरे बगल में लेटे आँखे बंद किये , काफी मलाई उनके सुपाड़े पर भी लगी , बस उनके माल की ब्रा के कप में सीधे , वहीँ से ,...
मैंने कहा था न डबल बैरेल गन वाले थे , एक बार झड़ने के बाद भी , अगर थोड़ा सा ,...
तो एक बार फिर से रबड़ी मलाई की धार , और इस बार भी ,
मैंने उनकी टीनेजर बहन की ब्रा को उनके खूंटे में लपेट के मुठियाना शुरू किया , लंड के बेस पर थोड़ा सा दबाया और एक ऊँगली पिछवाड़े के अंदर
नतीजा तुरंत आ गया ,
ढेर सारी थक्केदार , रबड़ी मलाई , गाढ़ी गाढ़ी , मेरी अंजुरी से भी ज्यादा ,...
और वो सब सब उनकी बहन की ब्रा के कप में मैंने रोप लिया , ... वो आँखे टुकुर टुकुर खोल कर देख रहे थे , मुस्करा रहे थे ,
ब्रा के दोनों कप उनकी मलाई से भरे ,...
और मैंने अपने होंठों से बदमाश आँखों को बंद कर दिया , मैंने बुरी तरह थक गयी थी , उनकी चौड़ी छाती पर चढ़ कर मैंने भी आँखे बंद कर ली , बस बड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे की बाहों में बंधे , एक दूसरे के अंदर धंसे खोये , ...
सोई तो न मैं न वो पर , बिना बोले , एक दूसरे को महसूस करते ,
जितना मज़ा सेक्स में आता था उससे कम मज़ा एक दूसरे की बाँहों में चिपक कर सोने में नहीं आता था , और जब वो नहीं होते थे तो इस की याद बहुत आती थी और बिना उस की बाँहों में दुबके मुझे अब नींद नहीं आती थी
और जब उसकी बाँहों में मैं पहुँचती थी , तो वो सोने नहीं देता था , ... और उसी पर मैं क्यों दोस धरु ,... मैं ही कौन अगर वो थके भी हों , तो चिकोटी काट के , गुदगुदी लगा के और कुछ न हो तो उनकी बहनों का नाम ले ले के , ... मैं उन्हें नहीं सोने देती थी ,
और आँख खुली उन्ही के आवाज से , टी टाइम ,...
,
मैंने खिड़की की ओर देखा , अभी भी कुहासे की हलकी सी चादर , लेकिन एक गुलाबी नन्ही किरण , शरारती बदमाश ननद की तरह कोहरे के परदे को हटाकर अंदर झाँकने की कोशिश कर रही थी ,
और मैंने उसे नजरअंदाज करके उनकी लायी चाय की ओर ध्यान लगाया , ...
सच में चाय बड़ी अच्छी बनाते थे
( वो तो बाद में पता चला की अपनी छोटी साली से उन्होंने पता लगाया था की मुझे कैसी चाय अच्छी लगती है , अपनी दोनी सालियों से अच्छी सांठ गाँठ थी उनकी )
और चाय पीते पीते मेरी निगाह ननद की ब्रा पर पड़ी , अभी भी उसके दोनों कप में इनकी मलाई भरी , छलछला रही थी , और उनकी निगाह भी वहीँ
फिर मेरी निगाह उनके लाये आई फोन पर पड़ी , ... पता नहीं कैसे उसका रिकार्ड का बटन दब गया था , ...
और अभी ताज़ी मेरी डॉगी पोज़ की सारी वीडियो रिकारडिंग
वो चाय के कप रखने किचनेट में गए और एक बार फोन मेरे हाथ और मेसेज मैं चेक करने लगी ,
फिर याद आया , रोज की तरह आज , ननद गुड मॉर्निंग नहीं हुयी
आज रात में उनके खूंटे के साथ मैंने दर्जनो सेल्फी खींची थी , ... बस गुड मॉर्निंग के साथ एक उस मस्त खड़े खूंटे की फोटो ननद रानी को व्हाट्सऐप की , और साथ में पूछा ,
' बोल चहिये , ... "
वो जैसे वेट कर रही थी , तुरंत मेसेज आया , गुड मॉर्निंग भाभी के साथ एक दर्जन स्माइली , हॉट , किस और थम्स अप के साथ , ...
एकदम ,
और जबतक मैं उसे रिमाइंड करूँ , की उसे आज आना है , उसका व्हाट्सएप आ गया , ...
आ रहीं हूँ थोड़ी देर में साढ़े दस , ग्यारह बजे तक ,...
मैंने हग और किस का जवाब भेजा , तब तक वो आगये और बचपन में बच्चे जिस तरह एक ऊँगली दिखा के सु सु के लिए जाते हैं , बस उसी तरह
मैं समझ गयी , जो मैंने उन्हें गुड्डी को लेकर उकसाया है , ... बस उसी का , ... वो मुझे अपनी ममेरी बहन समझ के चोद रहे हैं , ...
लेकिन दर्द के मारे मैं चीख रही थी ,
ओह्ह्ह्हह नहीं उफ्फ्फ्फ़ उईईईईईई बस , बस
पर वो धीरे धीरे एकदम कस के रगड़ते , दरेरते , ... ये धीमे धक्के और जान निकाल रहे थे ,
बड़ी देर तक , ... और जब मेरी हालत एकदम खराब हो गयी , तो उन्होंने निकाल लिया और खींच के मुझे फर्श पर , हम दोनों खड़े ,
वो अभी भी अंदर तक धंसे , लेकिन मैं उसी तरह झुकी निहुरि , और कुछ देर बाद मेरा एक पैर बिस्तर पर , ... और दूसरा फर्श पर
मैं उसी तरह आधी निहुरी , झुकी , और वो
सटासट , सटासट , गपागप ,
वो पेल रहे थे मैं घोंट रही थी , ...
पर थोड़ी देर बाद हम दोनों बिस्तर पर थे , और मैं उनकी गोद में और अब मैं खूंटे पर ऊपर नीचे , वो सिर्फ मुझे पकडे थे ,
लेकिन जब वो झड़े तो मैं बिस्तर पर लेटी थी पीठ के बल , और वो मेरे ऊपर चढ़े , मेरी टाँगे फैली ,
जाँघे एकदम खुली तबतक मैं थेथर हो चुकी थी एकदम थकी , तीन बार झड़ चुकी थी उनके धक्कों से , ...
और एक बार फिर उनके साथ , मेरी देह काँप रही थी , एकदम शिथिल हो गयी थी , और उनको अपने अंदर गिरते झड़ते महसूस कर रही थी
, मेरी गुलाबो में उनकी मलाई तो भरी ही थी , ढेर सारी मलाई छलक कर मेरी जाँघों पर पड़ी थी , ... और
और मेरी निगाह , पलंग पर पड़ी उस किशोरी की २८ सी वाली ब्रा पर पड़ी जिसकी फोटो दिखा के , बस
मैंने ब्रा उठा के , पहले तो जाँघों पर पड़ी मलाई फिर मेरी सहेली के अंदर ,
वो भी मेरे बगल में लेटे आँखे बंद किये , काफी मलाई उनके सुपाड़े पर भी लगी , बस उनके माल की ब्रा के कप में सीधे , वहीँ से ,...
मैंने कहा था न डबल बैरेल गन वाले थे , एक बार झड़ने के बाद भी , अगर थोड़ा सा ,...
तो एक बार फिर से रबड़ी मलाई की धार , और इस बार भी ,
मैंने उनकी टीनेजर बहन की ब्रा को उनके खूंटे में लपेट के मुठियाना शुरू किया , लंड के बेस पर थोड़ा सा दबाया और एक ऊँगली पिछवाड़े के अंदर
नतीजा तुरंत आ गया ,
ढेर सारी थक्केदार , रबड़ी मलाई , गाढ़ी गाढ़ी , मेरी अंजुरी से भी ज्यादा ,...
और वो सब सब उनकी बहन की ब्रा के कप में मैंने रोप लिया , ... वो आँखे टुकुर टुकुर खोल कर देख रहे थे , मुस्करा रहे थे ,
ब्रा के दोनों कप उनकी मलाई से भरे ,...
और मैंने अपने होंठों से बदमाश आँखों को बंद कर दिया , मैंने बुरी तरह थक गयी थी , उनकी चौड़ी छाती पर चढ़ कर मैंने भी आँखे बंद कर ली , बस बड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे की बाहों में बंधे , एक दूसरे के अंदर धंसे खोये , ...
सोई तो न मैं न वो पर , बिना बोले , एक दूसरे को महसूस करते ,
जितना मज़ा सेक्स में आता था उससे कम मज़ा एक दूसरे की बाँहों में चिपक कर सोने में नहीं आता था , और जब वो नहीं होते थे तो इस की याद बहुत आती थी और बिना उस की बाँहों में दुबके मुझे अब नींद नहीं आती थी
और जब उसकी बाँहों में मैं पहुँचती थी , तो वो सोने नहीं देता था , ... और उसी पर मैं क्यों दोस धरु ,... मैं ही कौन अगर वो थके भी हों , तो चिकोटी काट के , गुदगुदी लगा के और कुछ न हो तो उनकी बहनों का नाम ले ले के , ... मैं उन्हें नहीं सोने देती थी ,
और आँख खुली उन्ही के आवाज से , टी टाइम ,...
,
मैंने खिड़की की ओर देखा , अभी भी कुहासे की हलकी सी चादर , लेकिन एक गुलाबी नन्ही किरण , शरारती बदमाश ननद की तरह कोहरे के परदे को हटाकर अंदर झाँकने की कोशिश कर रही थी ,
और मैंने उसे नजरअंदाज करके उनकी लायी चाय की ओर ध्यान लगाया , ...
सच में चाय बड़ी अच्छी बनाते थे
( वो तो बाद में पता चला की अपनी छोटी साली से उन्होंने पता लगाया था की मुझे कैसी चाय अच्छी लगती है , अपनी दोनी सालियों से अच्छी सांठ गाँठ थी उनकी )
और चाय पीते पीते मेरी निगाह ननद की ब्रा पर पड़ी , अभी भी उसके दोनों कप में इनकी मलाई भरी , छलछला रही थी , और उनकी निगाह भी वहीँ
फिर मेरी निगाह उनके लाये आई फोन पर पड़ी , ... पता नहीं कैसे उसका रिकार्ड का बटन दब गया था , ...
और अभी ताज़ी मेरी डॉगी पोज़ की सारी वीडियो रिकारडिंग
वो चाय के कप रखने किचनेट में गए और एक बार फोन मेरे हाथ और मेसेज मैं चेक करने लगी ,
फिर याद आया , रोज की तरह आज , ननद गुड मॉर्निंग नहीं हुयी
आज रात में उनके खूंटे के साथ मैंने दर्जनो सेल्फी खींची थी , ... बस गुड मॉर्निंग के साथ एक उस मस्त खड़े खूंटे की फोटो ननद रानी को व्हाट्सऐप की , और साथ में पूछा ,
' बोल चहिये , ... "
वो जैसे वेट कर रही थी , तुरंत मेसेज आया , गुड मॉर्निंग भाभी के साथ एक दर्जन स्माइली , हॉट , किस और थम्स अप के साथ , ...
एकदम ,
और जबतक मैं उसे रिमाइंड करूँ , की उसे आज आना है , उसका व्हाट्सएप आ गया , ...
आ रहीं हूँ थोड़ी देर में साढ़े दस , ग्यारह बजे तक ,...
मैंने हग और किस का जवाब भेजा , तब तक वो आगये और बचपन में बच्चे जिस तरह एक ऊँगली दिखा के सु सु के लिए जाते हैं , बस उसी तरह