23-03-2020, 02:43 PM
ये इनकी अपने मायके में, पहली रात थी अपने नए रूप में।
और क्या रात थी वो ,सावन अपने पूरे जोबन पे।
काली काली घटाएं घिरी हुयी थीं , हलकी पुरवाई चल रही थी ,भीगी भीगी सी बस लगा रहा था की कि कहीं आसपास पानी बरसा हो ,
मिटटी की सोंधी सोंधी महक हवा में घुली हुयी ,
और उस रात की बाकी कहानी अब कोमल की जुबानी, जल्द ही
इंतजार कष्ट देता है।
और क्या रात थी वो ,सावन अपने पूरे जोबन पे।
काली काली घटाएं घिरी हुयी थीं , हलकी पुरवाई चल रही थी ,भीगी भीगी सी बस लगा रहा था की कि कहीं आसपास पानी बरसा हो ,
मिटटी की सोंधी सोंधी महक हवा में घुली हुयी ,
और उस रात की बाकी कहानी अब कोमल की जुबानी, जल्द ही
इंतजार कष्ट देता है।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं


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