21-03-2020, 02:02 PM
(This post was last modified: 21-03-2020, 08:56 PM by komaalrani. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
छन्दा भाभी की जुबानी ,
आगे की कहानी
दिया की पार्टी
कुछ दिन बाद ही उसकी सहेली दिया, बड़ी चालू चीज थी वो, की बर्थडे पार्टी थी।
उसने मुझसे रिक्वेस्ट किया की मैं अनुजा को उसके यहाँ रुकने दूँ, और मैं तुरंत मान गई।
मैंने बताया था न की दिया से मेरी पक्की दोस्ती भी थी , और वो अपनी क्लास का हाल , कौन लड़की किससे पटी है , किसके कितने यार हैं , ...
दिया के गैंग में तो चार से कम अगर किसी बालिका के यार हैं , तो चूतड़ पर लात मार के गैंग से बाहर ,
खुद दिया के आधे दर्जन से ज्यादा ,
आज कल रोमी से लेकिन उसेक साथ और भी कई , ...
दिया ने ही बताया था की वो लड़का जो बाइक पे अनुजा को बिठा के लाया था , जिसे दूर से देख कर भी सुलभा , मेरी सहेली ने ताड़ लिया था , स्साला नंबरी चोदू होगा और उसका हथियार भी जबरदंग होगा , ... देवेश , ....देवेश नाम बताया था दिया ने।
और जब मैंने उससे सुलभा वाली बात बताई तो वो खूब जोर से हंसी बोली ,
"सुलभा भाभी की बात और गलत ,...असल में मेरे गैंग में शामिल होने की शर्त ही है , ६/७। "
मेरे कुछ समझ में नहीं आया , तो दिया हँसते हुए बोली ,
" अरे भौजी , लम्बाई ६ फीट से कम नहीं और वो चीज ७ इंच से कम नहीं , देवेश टॉप थ्री में तो होगा ही , "
देवेश के साथ अनुजा की सेटिंग कराने की दिया कोशिश कर रही थी ,
अनुजा को भी थोड़ा वो पसंद आया था , थोड़ा धीमी आंच टाइप लड़का था , आराम आराम से फंसा के , ...
मुझे क्या मालूम नहीं था की रात भर वाली इन पार्टियों में क्या होता है?
आखिर उनसेचार पांच साल ही तो बड़ी थी मैं। ड्रिंक्स विंक्स तो कामन चीजें है, लड़के लड़कियां सब, और भी… मैं सोच के बैठी थी की आज ये लाख ना ना करे मेरी चिड़िया चारा घोंट के आएगी।
और मुझे अपनी पार्टियां याद आ गयीं ,
हाईकॉलेज की फेयरवेल में , ... थोड़ी बहुत बदमाशी छुटकियों ने की , दर्जा नौ वालियों ने ,...
उसके बाद तो हम लोग , एक भी छुटकी नहीं बची जिसकी ब्रा खोल के उसके हाथ में नहीं रखी गयी हो , नाप तोल , नीचे भी , ...
इंटर में मैं को एड में थी , ... फिर तो पार्टी का बस बहाना ,... एक पार्टी में तो , ..क्या नहीं हुआ , और मैं भी ,
जो लड़कियां ज्यादा सती साध्वी बनती थीं , दो चार थीं , बहन जी टाइप ,... बाकी लोग बीयर वाले ,
हम लोगों ने मान लिया था बियर कोई शराब थोड़े ही होती है , ...
और जो न नुकुर कर रही थीं उन्हें तो मैंने अपने हाथ से खुद बना बना के स्पाइक्ड ड्रिंक्स ,...
कोला में रम मिला के रमोला बनाना और लिम्का में वोदका ,...
मैंने उसी पार्टी में सीखा था , ...
और अभी भी मुझे याद एक तो एकदम शातिर वो तय कर के आयी थी नहीं पीयेगी ,
मैंने शर्त लगाई , उसे तो मैं पिलाऊंगी और सबसे ज्यादा नशे में वही टुन्न होगी और होने हाथ से अपनी शलवार का नाड़ा खोलेगी।
बस ऑरेंज जूस के बड़े से टेट्रा पैक में सुई से छेद करकेम आधा पैक खाली , और
एक इंजेक्शन से ,... ऑरेंज वोडका उसके अंदर ,
छन्दा स्पेशल तैयार , वो नशे में टुन्न भी हुयी और उसकी फटी भी , हम सबके सामने ,... खूब हो हो हुआ
और फिर तो अगले दिन से हमारे ग्रुप में और नम्बरी ,...
मैं समझ रही थी ,
दिया की इस पार्टी में अनुजा रानी नहीं बच सकती , बस मुझे किसी तरह से मना पटा के भेज देना है , उस के बाद तो अगले दिन वो फड़वा के ही आएँगी ,
दिया ने मुझसे कहा , भौजी क्या सोच रही हैं ,
मैं खिलखिला के बोली ,
" वही यार तेरी सहेली कुछ दिन में इंटर पास कर लेगी , बिना इंटर कोर्स , ... हम भौजाइयों के लिए कितनी नाक कटाने वाली बात है , ... "
वो भी हंसती बोली ,
" सच में भौजी , ... भौजाई और सहेलियों दोनों के लिए , ... "
फिर मेरे कान में फुसफुसा के बोली
" इसी लिए तो पार्टी रखी है , पक्का अबकी आपकी ननद की बिना फटे बचेगी नहीं , ...स्साली कब तक बचा के रखेगी , जानती हैं भौजी , मेरे गैंग के सारे लड़के , बस एकदम मेरे पीछे पड़ें हैं , अनुजा की दिलवा , अनुजा की दिलवा , ... तो अबकी तो ,... "
" एकदम सीधे से न माने तो जबरदस्ती , और एक बार जब फटने वाली चीज़ फ़ट गयी न , तो कुछ देर चीखे चिल्लायेगी , मुंह बनाएगी लेकिन देखना एक दो दिन में खुद ,... "
मैंने भी दिया को और उकसाया
लेकिन असली बात थी अनुजा रानी के पार्टी में जाने की , और मुझे एक जुगत सूझी।
जब अनुजा वापस कमरे में आयी तो मैंने मोर्चा सम्हाल लिया और दिया से कहा ,
" दिया तू क्या कह रही थी , वो बहुत रिक्वेस्ट कर रहा था , ... बहुत मिन्नत कर रहा था ,..अरे वही अनुजा का ब्वाय फ्रेंड , क्या तो नाम है उसका , जिसकी बाइक पे आयी थी ये , ... "
दिया ने तुरंत नाम बताया ,
" देवेश "
लेकिन अनुजा भभक पड़ी ,
" भाभी मेरा कोई ब्वाय फ्रेंड वेंड नहीं है , बस वो मेरा फ्रेंड है ,"
" अरे यार ब्वाय है , फ्रेंड है तो ब्वाय फ्रेंड हुआ न ,... " मैंने थोड़ा अनुजा को ठंडा करने की कोशिश की।
पर अब वो दिया पर चढ़ गयी , ... अच्छा देवेश अगर इतना , तो मुझसे क्यों नहीं बोला , ... एक बार भी नहीं ,
" अरे पंद्रह दिन से तो तू कालेज नहीं आयी घर पे पढ़ रही है , पार्टी तो चार पांच दिन पहले ही तय हुयी , और तभी देवेश ने बोल दिया था की तू नहीं आएगी तो वो नहीं आएगा , ... बल्कि कभी किसी पार्टी में नहीं जाएगा , .. और बात कैसे करता तूने फोन नंबर दिया क्या उसे , कितना तो मांग रहा था मैंने कहा भी था तुझसे यार तेरी सोन चिरैया तो नहीं मांग रहा है , फोन नंबर ही तो मांग रहा है ,... अरे यार देवेश ऐसा वैसा लड़का नहीं है ,... "
अब अनुजा थोड़ी ठंडी पड़ी , बोली
" चल ये बात मैं तेरी मानती हूँ , बाकी लड़कों से अलग है , और सच में नंबर मैंने दिया नहीं था तो बात कैसे करता , असल में पढ़ाई के चक्कर में मैंने नहीं दिया की डिस्टर्ब होगा और कोई बात नहीं थी ,
" चल कोई नहीं अभी तेरी बात कराती हूँ , ... देवेश से "
और दिया ने देवेश को फोन लगा दिया , स्पीकर फोन आन था
क्या मक्खन लगाया देवेश ने , ...और अनुजा पिघल गयी ,
( मैं समझ रही थी दिया देवेश से पहले ही सेटिंग कर के आयी थी )
फिर मैं भी रोज अनुजा के पीछे पड़ी रहती थी।
अनुजा भी न, उसका बस चलता तो शलवार सूट में चली जाती, लेकिन मैं भी… खूब अच्छी तरह से मैंने उसे तैयार किया।
नेट पर से देखकर एक सेक्सी टाप और स्कर्ट मंगवाया। मुश्किल से मानी वो पहनने के लिए। शलवार सूट और नहीं तो बहुत हुआ तो जींस और टाप, वो भी सिम्पल वाली जींस।
मैंने उसे बहुत समझाया की सारी लड़कियां तो एक से एक हाट ड्रेस में आएंगी और फिर उसका एटीट्यूड भी… मैं जानती थी, सब उसे फिर बहनजी कहकर छेड़ेंगे और बाद में मुश्किल से, कोई दी ग्रेड का लड़का।
मुश्किल से मानी वो।
लेकिन पार्टी से सुबह होने के पहले ही लौट आई।
वो सो ही रही थी की मैंने उसकी पैंटी अच्छी तरह चेक की। गीली तो हुई थी, लेकिन न तो कुछ खून वून और न ही मर्दो वाले दाग।
अब क्या बोलती मैं उससे…
खैर कुछ दिन में ही उसके इण्टर के इम्तहान शुरू होने वाले थे, इसलिए सब कुछ छोड़ के वो पढ़ाई में लग गई।
नंबर भी खूब अच्छे आये।
कुछ दिन तक तो दिया से भी उसकी , ,,,, लेकिन धीरे धीरे अब कुछ बात चीत
लेकिन अच्छी बात ये है की जब से वो कालेज में पहुंची है उसका एटीट्यूड एकदम बदल गया।
एकदम खुला खुला।
आगे की कहानी
दिया की पार्टी
कुछ दिन बाद ही उसकी सहेली दिया, बड़ी चालू चीज थी वो, की बर्थडे पार्टी थी।
उसने मुझसे रिक्वेस्ट किया की मैं अनुजा को उसके यहाँ रुकने दूँ, और मैं तुरंत मान गई।
मैंने बताया था न की दिया से मेरी पक्की दोस्ती भी थी , और वो अपनी क्लास का हाल , कौन लड़की किससे पटी है , किसके कितने यार हैं , ...
दिया के गैंग में तो चार से कम अगर किसी बालिका के यार हैं , तो चूतड़ पर लात मार के गैंग से बाहर ,
खुद दिया के आधे दर्जन से ज्यादा ,
आज कल रोमी से लेकिन उसेक साथ और भी कई , ...
दिया ने ही बताया था की वो लड़का जो बाइक पे अनुजा को बिठा के लाया था , जिसे दूर से देख कर भी सुलभा , मेरी सहेली ने ताड़ लिया था , स्साला नंबरी चोदू होगा और उसका हथियार भी जबरदंग होगा , ... देवेश , ....देवेश नाम बताया था दिया ने।
और जब मैंने उससे सुलभा वाली बात बताई तो वो खूब जोर से हंसी बोली ,
"सुलभा भाभी की बात और गलत ,...असल में मेरे गैंग में शामिल होने की शर्त ही है , ६/७। "
मेरे कुछ समझ में नहीं आया , तो दिया हँसते हुए बोली ,
" अरे भौजी , लम्बाई ६ फीट से कम नहीं और वो चीज ७ इंच से कम नहीं , देवेश टॉप थ्री में तो होगा ही , "
देवेश के साथ अनुजा की सेटिंग कराने की दिया कोशिश कर रही थी ,
अनुजा को भी थोड़ा वो पसंद आया था , थोड़ा धीमी आंच टाइप लड़का था , आराम आराम से फंसा के , ...
मुझे क्या मालूम नहीं था की रात भर वाली इन पार्टियों में क्या होता है?
आखिर उनसेचार पांच साल ही तो बड़ी थी मैं। ड्रिंक्स विंक्स तो कामन चीजें है, लड़के लड़कियां सब, और भी… मैं सोच के बैठी थी की आज ये लाख ना ना करे मेरी चिड़िया चारा घोंट के आएगी।
और मुझे अपनी पार्टियां याद आ गयीं ,
हाईकॉलेज की फेयरवेल में , ... थोड़ी बहुत बदमाशी छुटकियों ने की , दर्जा नौ वालियों ने ,...
उसके बाद तो हम लोग , एक भी छुटकी नहीं बची जिसकी ब्रा खोल के उसके हाथ में नहीं रखी गयी हो , नाप तोल , नीचे भी , ...
इंटर में मैं को एड में थी , ... फिर तो पार्टी का बस बहाना ,... एक पार्टी में तो , ..क्या नहीं हुआ , और मैं भी ,
जो लड़कियां ज्यादा सती साध्वी बनती थीं , दो चार थीं , बहन जी टाइप ,... बाकी लोग बीयर वाले ,
हम लोगों ने मान लिया था बियर कोई शराब थोड़े ही होती है , ...
और जो न नुकुर कर रही थीं उन्हें तो मैंने अपने हाथ से खुद बना बना के स्पाइक्ड ड्रिंक्स ,...
कोला में रम मिला के रमोला बनाना और लिम्का में वोदका ,...
मैंने उसी पार्टी में सीखा था , ...
और अभी भी मुझे याद एक तो एकदम शातिर वो तय कर के आयी थी नहीं पीयेगी ,
मैंने शर्त लगाई , उसे तो मैं पिलाऊंगी और सबसे ज्यादा नशे में वही टुन्न होगी और होने हाथ से अपनी शलवार का नाड़ा खोलेगी।
बस ऑरेंज जूस के बड़े से टेट्रा पैक में सुई से छेद करकेम आधा पैक खाली , और
एक इंजेक्शन से ,... ऑरेंज वोडका उसके अंदर ,
छन्दा स्पेशल तैयार , वो नशे में टुन्न भी हुयी और उसकी फटी भी , हम सबके सामने ,... खूब हो हो हुआ
और फिर तो अगले दिन से हमारे ग्रुप में और नम्बरी ,...
मैं समझ रही थी ,
दिया की इस पार्टी में अनुजा रानी नहीं बच सकती , बस मुझे किसी तरह से मना पटा के भेज देना है , उस के बाद तो अगले दिन वो फड़वा के ही आएँगी ,
दिया ने मुझसे कहा , भौजी क्या सोच रही हैं ,
मैं खिलखिला के बोली ,
" वही यार तेरी सहेली कुछ दिन में इंटर पास कर लेगी , बिना इंटर कोर्स , ... हम भौजाइयों के लिए कितनी नाक कटाने वाली बात है , ... "
वो भी हंसती बोली ,
" सच में भौजी , ... भौजाई और सहेलियों दोनों के लिए , ... "
फिर मेरे कान में फुसफुसा के बोली
" इसी लिए तो पार्टी रखी है , पक्का अबकी आपकी ननद की बिना फटे बचेगी नहीं , ...स्साली कब तक बचा के रखेगी , जानती हैं भौजी , मेरे गैंग के सारे लड़के , बस एकदम मेरे पीछे पड़ें हैं , अनुजा की दिलवा , अनुजा की दिलवा , ... तो अबकी तो ,... "
" एकदम सीधे से न माने तो जबरदस्ती , और एक बार जब फटने वाली चीज़ फ़ट गयी न , तो कुछ देर चीखे चिल्लायेगी , मुंह बनाएगी लेकिन देखना एक दो दिन में खुद ,... "
मैंने भी दिया को और उकसाया
लेकिन असली बात थी अनुजा रानी के पार्टी में जाने की , और मुझे एक जुगत सूझी।
जब अनुजा वापस कमरे में आयी तो मैंने मोर्चा सम्हाल लिया और दिया से कहा ,
" दिया तू क्या कह रही थी , वो बहुत रिक्वेस्ट कर रहा था , ... बहुत मिन्नत कर रहा था ,..अरे वही अनुजा का ब्वाय फ्रेंड , क्या तो नाम है उसका , जिसकी बाइक पे आयी थी ये , ... "
दिया ने तुरंत नाम बताया ,
" देवेश "
लेकिन अनुजा भभक पड़ी ,
" भाभी मेरा कोई ब्वाय फ्रेंड वेंड नहीं है , बस वो मेरा फ्रेंड है ,"
" अरे यार ब्वाय है , फ्रेंड है तो ब्वाय फ्रेंड हुआ न ,... " मैंने थोड़ा अनुजा को ठंडा करने की कोशिश की।
पर अब वो दिया पर चढ़ गयी , ... अच्छा देवेश अगर इतना , तो मुझसे क्यों नहीं बोला , ... एक बार भी नहीं ,
" अरे पंद्रह दिन से तो तू कालेज नहीं आयी घर पे पढ़ रही है , पार्टी तो चार पांच दिन पहले ही तय हुयी , और तभी देवेश ने बोल दिया था की तू नहीं आएगी तो वो नहीं आएगा , ... बल्कि कभी किसी पार्टी में नहीं जाएगा , .. और बात कैसे करता तूने फोन नंबर दिया क्या उसे , कितना तो मांग रहा था मैंने कहा भी था तुझसे यार तेरी सोन चिरैया तो नहीं मांग रहा है , फोन नंबर ही तो मांग रहा है ,... अरे यार देवेश ऐसा वैसा लड़का नहीं है ,... "
अब अनुजा थोड़ी ठंडी पड़ी , बोली
" चल ये बात मैं तेरी मानती हूँ , बाकी लड़कों से अलग है , और सच में नंबर मैंने दिया नहीं था तो बात कैसे करता , असल में पढ़ाई के चक्कर में मैंने नहीं दिया की डिस्टर्ब होगा और कोई बात नहीं थी ,
" चल कोई नहीं अभी तेरी बात कराती हूँ , ... देवेश से "
और दिया ने देवेश को फोन लगा दिया , स्पीकर फोन आन था
क्या मक्खन लगाया देवेश ने , ...और अनुजा पिघल गयी ,
( मैं समझ रही थी दिया देवेश से पहले ही सेटिंग कर के आयी थी )
फिर मैं भी रोज अनुजा के पीछे पड़ी रहती थी।
अनुजा भी न, उसका बस चलता तो शलवार सूट में चली जाती, लेकिन मैं भी… खूब अच्छी तरह से मैंने उसे तैयार किया।
नेट पर से देखकर एक सेक्सी टाप और स्कर्ट मंगवाया। मुश्किल से मानी वो पहनने के लिए। शलवार सूट और नहीं तो बहुत हुआ तो जींस और टाप, वो भी सिम्पल वाली जींस।
मैंने उसे बहुत समझाया की सारी लड़कियां तो एक से एक हाट ड्रेस में आएंगी और फिर उसका एटीट्यूड भी… मैं जानती थी, सब उसे फिर बहनजी कहकर छेड़ेंगे और बाद में मुश्किल से, कोई दी ग्रेड का लड़का।
मुश्किल से मानी वो।
लेकिन पार्टी से सुबह होने के पहले ही लौट आई।
वो सो ही रही थी की मैंने उसकी पैंटी अच्छी तरह चेक की। गीली तो हुई थी, लेकिन न तो कुछ खून वून और न ही मर्दो वाले दाग।
अब क्या बोलती मैं उससे…
खैर कुछ दिन में ही उसके इण्टर के इम्तहान शुरू होने वाले थे, इसलिए सब कुछ छोड़ के वो पढ़ाई में लग गई।
नंबर भी खूब अच्छे आये।
कुछ दिन तक तो दिया से भी उसकी , ,,,, लेकिन धीरे धीरे अब कुछ बात चीत
लेकिन अच्छी बात ये है की जब से वो कालेज में पहुंची है उसका एटीट्यूड एकदम बदल गया।
एकदम खुला खुला।