20-03-2020, 11:35 AM
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पैरों का दीवाना
![[Image: feet-2.jpg]](https://i.ibb.co/B6r1J9t/feet-2.jpg)
और मुझे याद आ रहा था ,
एक्जैक्टली यही जगह ,
पक्का यही जगह थी ,मेरी शादी के ४-५ महीने हो चुके थे ,
हम सभी थे , मैं,
![[Image: bride-45a8573fe4514c5024ac69d8cd856faa.jpg]](https://i.ibb.co/LzkbY3M/bride-45a8573fe4514c5024ac69d8cd856faa.jpg)
ये उनकी वो माल कम ममेरी बहन ,
![[Image: Diya-guddi-frnd-Actress-Anshu-Hot-Stills-2.jpg]](https://i.ibb.co/ZJDR0JM/Diya-guddi-frnd-Actress-Anshu-Hot-Stills-2.jpg)
मेरी सासु ,इनकी बुआ और मोहल्ले की कुछ बड़ी बूढी टाइप सास के रिश्ते वाली औरतें ,
ये उठे और अनजाने में मेरा पैर उनके पैर से छू गया ,
बस कहर बरपा हो गया , पहले तो उनकी बुआ बरसीं ,
" अरी बहू ज़रा देख समझ के , पति को पैर से छूने पे पक्का नरक मिलता है कोई प्रायश्चित नहीं , बिल्ली मारने से भी बढ़कर "
![[Image: MIL-e0e2b93c531c25003070ead5cfea2a71.jpg]](https://i.ibb.co/sCddHgh/MIL-e0e2b93c531c25003070ead5cfea2a71.jpg)
फिर पड़ोस की एक सास टाइप औरत ,
" अरे ई आजकल की मेहरारू ,... "
![[Image: MIL-saree.jpg]](https://i.ibb.co/3SgmySq/MIL-saree.jpg)
मैंने बचाव के लिए अपनी जेठानी की ओर देखा और फुसफुसाया ,
" और जो ये रात भर पैर कंधे पर रखे रहते हैं उसका क्या , तब नहीं पैर,... "
![[Image: bride-cc.jpg]](https://i.ibb.co/VBw5dd1/bride-cc.jpg)
मैंने बात तो बहुत धीमे से खाली अपनी जेठानी के लिए ,मजाक में कही थी पर वो एकदम आग बबूला ,
और वो भी बहुत जोर की आवाज में ,
" कैसे बोलती हो सबके सामने , अरे सही तो कह रही हैं बुआ , "
और उनकी बात पीछे से सुपाड़ी काटती किसी औरत ने काटी ,बोली
" ई पढ़ी लिखी औरतें ,पता नहीं महतारी कुछ ससुरे के गुण ढंग सिखाय के भेजले हाउ की की ना "
बहुत मुश्किल से मैंने , ...
और आज उन्ही जेठानी के सामने वो मेरे पैर की उंगलियां ,तलुवा लिक कर रहे थे ,किस कर रहे थे।
उनका मुंह थोड़ा सा खुला और मैंने अपने एक पैर का पूरा पंजा ,पांचो उंगलियां ,...
![[Image: feet-kiss-22.jpg]](https://i.ibb.co/D8yP0G7/feet-kiss-22.jpg)
ये प्रक्टिस मम्मी का नतीजा थीं. पूरा पंजा। .
कहती थी मम्मी उनसे ,
अरे इस प्रक्टिस से मोटा से मोटा लन्ड घोंट लोगे ,मजे से चूसोगे।
और कल रात ही तो यही समय रहा होगा ,अजय और कमल जीजू का ,ख़ास तौर से कमल जीजू का तो कित्ता मोटा , बियर कैन से भी ज्यादा लेकिन घोंट लिया ही उन्होंने ,
मम्मी कभी भी बाहर से आती थीं , जान बूझ कर , भले ही कार से उतरें लेकिन थोड़ी मिट्टी में सैंडल अच्छी तरह लिथड़ के ,
और ये सबसे पहले सैंडल चाटते थे , फिर मम्मी सैंडल का पूरा तलवा उनके मुंह में ठेल देती थीं , और वो चाट चाट कर ,
उसके बाद मम्मी के तलवे ,
![[Image: feet-licking-19966454.gif]](https://i.ibb.co/r3MMkvv/feet-licking-19966454.gif)
और फिर जैसा मैंने कहा पूरा पंजा उनके मुंह में ठेलती थीं , और साथ में दस गारियाँ
" चूस स्साले , भोंसड़ी के , रंडी के जने , अरे अपनी उस छिनार महतारी की बड़ी बड़ी चूँचियाँ भी तो तुझे चूसनी हैं , गांडू , ... "
" अरे आओ न जरा अपनी भौजाई के बगल में तो बैठो , "
मैंने मुस्करा के उनसे कहा लेकिन साथ में जिस पैर में मैंने सैंडल पहन रखी थी उसे जरा सा हिला दिया ,
उस पैर की चांदी की हजार घुंघरुओं वाली पायल ,,बिछुए रुनझुन रुनझुन कर उठे ,
![[Image: payal-2.jpg]](https://i.ibb.co/R6S3nMv/payal-2.jpg)
और मेरा इशारा समझ के हम लोगों के पास आने के पहले , एक हलका सा ही लेकिन साफ़ साफ़ दिखे ,
ऐसा किस मेरी सैंडल के सोल पे।
कैसे देख पा रही होंगी बिचारी ये सीन
लेकिन एक चीज एकदम साफ़ थी ,शीशे की तरह
मेरा पति मेरा है ,सिर्फ मेरा। चाहे उसका मायका हो या ,... या उसकी मायकेवालियां उसके सामने बैठी हों।
मेरा ३४ सी साइज का सीना ५६ इंच का हो गया।
और वो आके अपनी भौजाई के बगल में बैठ गए , मैंने जेठानी जी को छोड़ा ,
" अरे दीदी दबवा लीजिये न , आपके देवर पैर वैर बहुत अच्छा दबाते हैं /"
मैने छेड़ा।
" नहीं तुम्ही दबवाओ, तुम्हे मुबारक। मेरे पैर में कोई दर्द नहीं हो रहा , " झुंझला के वो बोलीं।
" अरे दीदी तो कुछ और दबवा लीजिये ,आज तो जेठ जी भी नहीं है। "
![[Image: salwar-10277717-652177498192184-52546609...2566-n.jpg]](https://i.ibb.co/26MT8yf/salwar-10277717-652177498192184-5254660905348402566-n.jpg)
थोड़ा सा मूड ठीक करते वो भी मजाक के मूड में आ गयी ,
दो चीजों पर मैं और मेरी जेठानी दोनों झट से एकमत हो जाते थे , एक तो उनकी ममेरी बहन और हम दोनों की एकलौती ननद और
दूसरी हम दोनों की सास।
जेठानी जी उन्हें छेड़ते बोली ,
" अरे वो आएगी न कल , इनका माल , दबवाने के लिए ,दबाना मन भर के। "
मैंने लेकिन मोर्चा बदल दिया।
" इनकी माँ का कोई फोन वोन आया या फिर वहां पंडो दबवाने मिजवाने में ही ,... "
मेरी बात काट के खिलखिलाती मेरी जेठानी बोली ,
" अरे बिचारे पंडों की क्या गलती , वो खुद ही धक्का मारती रगड़वाती ,.. "
और अबकी बात काटने की बारी मेरी थी , मैंने उन्ही से पूछा ,
" क्यों तुम्हारी भौजी सही कह रही हैं न , खूब दबवाती मिजवाती हैं न लेकिन अभी है भी उनका कितना कड़क बड़ा बड़ा ,दबाने मीजने के लायक। "
जेठानी जी ने जुम्हाई ली तो हम दोनों ने इशारा समझ लिया और हम दोनों भी ऊपर अपने कमरे की ओर ,
सीढ़ी चढ़ते हुए इनके बॉक्सर शार्ट्स में , इनके पिछवाड़े की दरार में ऊँगली करते ,रगड़ते हलके से मैं बोली चल मादरचोद ऊपर।
पता नहीं मेरी जेठानी ने सुना तो नहीं,
सुना हो तो सुना हो।
ये इनकी अपने मायके में, पहली रात थी अपने नए रूप में।
और क्या रात थी वो ,सावन अपने पूरे जोबन पे।
काली काली घटाएं घिरी हुयी थीं , हलकी पुरवाई चल रही थी ,भीगी भीगी सी बस लगा रहा था की कि कहीं आसपास पानी बरसा हो ,
मिटटी की सोंधी सोंधी महक हवा में घुली हुयी ,