14-02-2019, 10:46 AM
(This post was last modified: 14-01-2021, 11:29 AM by neerathemall. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)

मेरा नाम दीप्ति है मै तीस वर्ष की- शादी शुदा औरत हूँ मेरी गोलाइयों से भरी काया की माप ३४-२८-३५ अभी भी बरकरार है , शा्दी के तीन साल बाद भी कोई बच्चा न होने से सुडौलता मे कमी नहीं आई है ,मेरे पति सिंगापुर में काम करते हैं और साल मे एक बार १५ दिन के लिये आ पाते हैं l
यहाँ मुम्बई में मैं अपने भान्जे अमित के साथ रह्ती हूँ,जो यहाँ एक कालेज मे पढता है l अमित इस उम्र के अन्य लड़्कों की ही तरह है ,और उसी तरह से कामोतेजित भी रहता है,मुझे पता है कि वह मेरे बारे मे कामुक कल्पनायें भी करता है जो कि इस उम्र मे स्वाभाविक है l
उसकी नजरें खुफ़िया तरीके से मेरे शरीर को घूरती हैं और जब कभी मैं उसकी ओर देखने की कोशिश करती हूँ तो ऐसा दिखावा करता है कि वह कहीं और देख रहा था l
१८ साल की उम्र में जवानी का जोश कुछ ज्यादा ही जोर मारता है ,अतः इस उम्र के लड़्कों का चुदासू होना जायज है अमित के सोने का कमरा था और वह उसी में सोता था और मैं हमेशा अपने कमरे मे अलग सोती थी l
एक बार बरसात के मौसम में उसके कमरे में मरम्मत चल रही थी और सब फ़रनीचर बैठक में रख दिया गया l
बिना बेड के बरसात की रात मे सोना ठीक नही होता ,बैठक में भी जगह नहीं थी क्योंकि कमरे मे काम होने के कारण धूल व सीमेंट उसमे भी भरी थी और ढेर सारा फ़र्नीचर भी था l
ऐसी हालत देख कर मैंने उसे अपने कमरे मे ही सो जाने के लिये कहा
कमरे मे एक ही बेड देख कर उसने पूछा कि वह कहाँ सोये ,मैं ने उससे कहा कि बेड काफ़ी बड़ा है और दो लोग आराम से सो जाएगें l
मैने ऐसा मात्र इस लिये कहा था क्योंकि वह रिश्ते मे भान्जा था और मैं उसकी मौसी
पहले हिचकिचाहट के कारण मना किया पर फ़िर उसी बेड पर लेट्ने के लिए राजी हो गया
उसने कहा थोडी देर टी वी देखने के बाद लेटॆगा l
तब तक मैने घर
का काम निपटाया और थोड़ी देर टी वी देखने के बाद
मुझे नींद आने लगी और करीब साढ़े ग्यारह बजे सोने चली गई और उससे कहा टी वी देखने के बाद वह भी सो जाए कमरे के किवाड़ खुले हैं l
मैं कमरे मे गई और एक और चादर और तकिया बेड के दूसरे सिरे पर रख दिया जिससे उसे कोई दिक्कत न हो l
घर मे मैं प्रायः पंजाबी सूट या साडी रात के समय पहनती हूँ पर बेड रूम मे प्रायःबदल कर सुन्दर सिल्क की नाइटी पहन लेती हूँ जो करीब -करीब घुट्नों तक आ जाती है और आदतन उस भी साडी बदल कर नाइटी पहन ली l
नाइटी मेरे बदन पर दो पट्टों के सहारे कन्धे पर अट्की थी ,जिसकी पीठ भी काफ़ी खुली थी उसे बदलने के बाद मैं लेट गई और दे खा कि दोनो तकियों के बीच करीब दो फ़ीट की दूरी थी अओर लाइट बन्द करके वस्तुतः सो गई जिससे सुबह ६:३० बजे तक उठ कर घर के काम निपटा सकूँ l
![[Image: monal_gajjar_dazzling_photos_004.jpg]](https://2.bp.blogspot.com/-KiQbBxdFagk/UOBJuhPsK8I/AAAAAAABP3Q/AVlUsFoRLYU/s1600/monal_gajjar_dazzling_photos_004.jpg)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
