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Adultery मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल...
#33
शाम का समय था, उसी समय अंकल आए घर पर.


दरवाज़ा, मैंने ही खोला था.

जब मैंने, अंकल को देखा तो मैं हैरान हो गया क्यूंकि अंकल कभी मेरे सामने मेरे घर मे अकेले नहीं आए थे.

आते थे तो जब खाने पर आंटी के साथ, लेकिन ऐसे नहीं.

मुझे देखते ही, अंकल ने कहा – हेलो अफरोज़, कैसे हो… ??

मैंने कहा – अच्छा हूँ… ??

अंकल के हाथ मे, एक पैकेट था.

अंकल ने कहा – अफरोज़, मम्मी कहाँ हैं… ??

मैंने कहा – मम्मी, अपने कमरे मे है…

अंकल ने कहा – बुला दो, बेटा… और अंकल जा के सोफे पर बैठ गये…

मैं कमरे में गया और मम्मी से कहा – मम्मी, अंकल आए हैं…

मम्मी ने कहा – कौन अंकल आए हैं… ??

मैंने कहा – श्लोक के पापा…

मम्मी चौक गई, सुनते ही और तुरंत बिस्तर से उठ के बाहर आई और कहा – जी कहिए…

अंकल ने मुझसे कहा – बेटा, तुम जाके पढ़ो…

कमरे मे मम्मी ने कहा – जाओ, अफरोज़ स्टडी करो… और मम्मी जा के किचन मे चाय बनाने लगीं.

अंकल, सोफे पर बैठे हुए थे.

मम्मी ने मुझे कमरे मे चाय लाकर दिया और फिर ट्रे लेके बाहर चली गइ।

अंकल और मेरी मम्मी, एक ही सोफे पर बैठे हुए थे.

मैं अपने दरवाज़े के पास चला गया क्यूंकी दोनों की पीठ, मेरे साइड थी इसी लिए अंकल और मम्मी ने मुझे नहीं देखा.

अंकल ने, मम्मी से कहा – क्या हुआ महक… ?? मेरे मैसेज का रिप्लाइ भी नहीं देती हो, ना फोन उठाती हो…

मम्मी ने कहा – मुझे आपसे, अब कोई मतलब नहीं रखना है…

अंकल ने मेरी मम्मी का हाथ पकड़ते हुए कहा – ऐसा मत कहो, महक… प्लीज़…

मम्मी ने कहा – मैंने कहा ना, अब मैं जान गई हूँ… आप सिर्फ़ मुझे, इस्तेमाल कर रहे है…

अंकल ने कहा – तुम्हारे मन मे, ये आया कैसे… तुम्हें कितना प्यार करता हूँ, तुम नहीं जानती…

मम्मी ने कहा – अब बस कीजिए और आप अभी क्यों आए है… जब जानते हैं की अफरोज़, घर मे है…

अंकल ने कहा – तो क्या करूँ… ?? तू मेरा फोन नहीं उठाती है… कहाँ मिलूं… ??

मम्मी ने कहा – देखिए, अब सब ख़तम है हमारे बीच…

अंकल ने कहा – नहीं महक, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता… तुम जानती हूँ…

फिर अंकल ने लिफाफे से एक खूबसूरत सी साड़ी निकाली और मम्मी को दिखाते हुए कहा – देखो, तुम्हारे लिए लाया हूँ…

मम्मी ने कहा – मुझे नहीं चाहिए…

अंकल ने कहा – अब गुस्सा थूक दो, महक… बहुत दिन हो गये… तुमने बात तक नहीं किया, मुझसे…

अंकल ने मेरी मम्मी का हाथ पकड़ते हुए कहा – चल, सॉरी… प्लीज़, मुझे माफ़ कर दे…

मम्मी, उनके तरफ देखने लगीं.

अंकल ने कहा – कल, मुझसे मिलने आओगी… ??

मम्मी, चुप हो गई.

अंकल ने कहा – प्लीज़ महक, इतना रिक्वेस्ट कर रहा हूँ… और मैं जानता हूँ, तुम मुझे पसंद करती हो…

अंकल ने कहा – कल मेरे घर पर आओगी, ना… ??

मम्मी ने कहा – मैं बताती हूँ… रात मे…

अंकल ने कहा – मैं वेट करूँगा, तुम्हारा…

उसके बाद, अंकल उठ के चले गये.

मेरी मम्मी, लिफ़ाफ़ा ले के कमरे मे चली गई.

मेरी मम्मी, थोड़ी खुश सी दिख रही थीं.

मैं तो बस हैरान था, मम्मी की बेशर्मी पर.

मुझे समझ मे आ गया था, अंकल से मेरी मम्मी वापस से अपना रिश्ता बनाने जाएँगी या कहूँ, अपनी चूत की आग से बेबस मम्मी अपनी आग ठंडी करने जाएँगी.

##

अगले दिन, सुबह उठा तो देखा मेरी मम्मी चाय बना रही थीं.

उन्होंने मेरे से कहा – अफरोज़, आज मुझे थोड़ा बाहर जाना है… मैं दिन तक लौट कर आउंगी… खाना बना के जा रही हूँ, खा लेना…

मैंने मम्मी से दूसरा सवाल नहीं किया क्यूंकि मैं जान रहा था, मेरी मम्मी कहाँ जाने वाली हैं.

कोई मतलब भी नही था, पूछने का.

औरत तो रंगे हाथ भी चुदते हुए पकड़ा जाए तो भी कोई ना कोई बहाना ढूँढ ही लेती है.

क्या दुनिया की कोई औरत होगी, जो अपने मुँह से अपने गुनाह कबुल करेगी.

खैर…

#

इधर, वो अपने सारे काम निपटा कर करीबन 11 बजे नहा के तैयार हो के अपने कमरे से बाहर आई.

उन्होंने वही साड़ी पहन रखी थी, जो अंकल ने दी थी कल शाम मे.

मेरी मम्मी का “क्लीवेज” पूरा दिख रहा था.

उनके बदन से बहुत शानदार डियो की महक आ रही थी.

वो घर से निकल गई और मुझे दुबारा कहा – खाना खा लेना… मैं शाम तक, वापस आ जाउंगी…

मैंने दरवाज़े बंद कर दिए और फिर मैं अंदर चला गया.

मैं जान रहा था, मेरी मम्मी अंकल से मिलने उनके घर गई हैं.

#

करीबन 1 घंटे हो गये थे, पता नहीं क्यों मेरा मन नहीं मान रहा था की मैं वहां जाऊं लेकिन मेरे पाँव अपने आप बढ़ गये और मैं नीचे उतर के श्लोक के घर के तरफ चला गया.

श्लोक के घर का दरवाज़ा बंद था और मुझे उनके हॉल से भी कोई आवाज़ नहीं आ रही थी.

मैं अंकल और आंटी के बेड रूम के तरफ पीछे के साइड से गया, जहा का सीन मैं देखता रह गया.

श्लोक के पापा और मेरी मम्मी, एक दूसरे से चिपके हुए थे और अंकल बेतहाशा मेरी मम्मी के होंठ चूम रहे थे.

अंकल पूरी तरह से नंगे थे और मेरी मम्मी, सिर्फ़ पेटीकोट मे थीं.

मेरी मम्मी का ब्लाउज, ब्रा और साड़ी ज़मीन पर थी.

उसी बीच, मैंने देखा अंकल ने मम्मी का पेटीकोट ऊपर उठा दिया और मेरी मम्मी की पैंटी को खींच के निकाल दिया और दूर फेंक दिया और अपने एक हाथ से, मेरी मम्मी की चूत रगड़ने लगे.

अंकल ने कहा – महक, बहुत तडपा दिया तूने मुझे…

उन्होंने दो उंगली, मेरी मम्मी की चूत मे घुसा दी और कस कस के रगड़ने लगे.

मेरी मम्मी पूरा पूरा मज़ा लेते हुए – आ आ आहह आ आहह आ आहह करने लगीं.

अंकल ने, मम्मी की चूत पर एक थप्पड़ मारा.

मम्मी ने कहा – आ अह ह…

अंकल ने कहा – बहुत दिन हो गये हैं, महक… आज, मैं पागल हो गया हूँ…

उधर, चूत पर हाथ रख के अंकल ने मेरी मम्मी की चूत रगड़ के पानी निकाल दिया था.

अंकल का हाथ, मेरी मम्मी की चूत के रस से पूरा भीग चुका था.

अंकल ने एक झटके मे, हाथ आगे करके मेरी मम्मी के पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उनके बदन से निकाल के उन्हें पूरा नंगा कर दिया.

अंकल ने अब मेरी मम्मी को पूरा लिटा दिया और आगे आकर, मेरी मम्मी की टांगें खोल दी और जांघें पकड़ कर अपना लण्ड मेरी मम्मी के चूत मे घुसा दिया.

मम्मी ने कहा – कॉन्डम लगाया…

अंकल ने कहा – नहीं…

मम्मी ने कहा – लगाइए…

अंकल ने कहा – घबरा मत, बाहर निकाल दूँगा… अंदर नहीं डालूँगा… और कहते हुए, मेरी मम्मी की चूत मे लण्ड घुसा दिया.

मम्मी ने कहा – आ अहह… आराम से… सुनिए, लगा लीजिए ना… जिधर आपने मेरा एबॉर्शन कराया, उसने बताया एक ही चूत में अगर दो नंगे लंड घुस गये और अगर कहीं पानी अंदर निकल गया तो हर हाल में “गुप्त रोग” होता ही है… प्लीज़ लगा लीजिए… वैसे भी औरत से ज़्यादा ख़तरा, उसे चोदने वाले मर्द को होता है…

अंकल ने कहा – महक, इतने दिन बाद आई हो… आज भी, आराम से… छोड़ ये सब… ऐसा कुछ नहीं होता… क्या तूने, पहले नंगे लंड नहीं खाए… ये कहते हुए अंकल ने एक और धक्का मारा.

मम्मी की आँखें खुल गई.

मम्मी – पर तब मालूम नहीं था ना… जब मालूम है तो और अभी तो मैने एबॉर्शन कराया है… मैं फिर से, नहीं कराने वाली…

अंकल कुछ नहीं बोले पर कॉन्डोम भी नहीं लगाया और नंगे लंड से, मम्मी को पेलने लगे.

अंकल धीरे धीरे, अपना लण्ड आगे पीछे करते हुए, मेरी मम्मी को नंगे लंड से चोदने लगे.

मेरी मम्मी के मुंह से – आ हह आ आहह आ अहह आ आह ह आ आहह आ आह ह आ आहह ओफ्फ ओफ़ फ्फ़ ओफ्फ की आवाज़ें आने लगीं.

मेरी मम्मी के चुचे, अंकल के धक्के से आगे पीछे होने लगे और उनका लण्ड पूरा मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर होने लगा.

अंकल ने आज, अपनी आँखें बंद कर ली थीं और मेरी मम्मी की चुदाई कर रहे थे.

-

आपको तो पता ही है, अंकल आज लगभग 1 महीने बाद मेरी मम्मी को चोद रहे थे और मम्मी को भी देख के लग रहा था की वो एक महीने से कितनी बेचैन थीं क्यूंकि उनकी वासना चरम सीमा पर थी.

अंकल के हर धक्के पर वो – आ आहह आ अहह मा आअ की सिसकारियों के साथ, उनका साथ दे रही थीं.

अंकल ने थोड़ी देर, मेरी मम्मी को ऐसे हो चोदा.

उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और दो बार अपने लण्ड को मेरी मम्मी के चूत के ऊपर ठप ठप करके मारा.

अंकल के लण्ड पर, मेरी मम्मी की चूत का रस लगा हुआ था और चमक रहा था.

अब अंकल ने, मेरी मम्मी से पूछा – महक, मज़ा आ रहा है…

मम्मी ने कहा – हाँ… बहुत… आग लगी पड़ी है, यहाँ…

अब अंकल ने पूछा – क्या तुमने मुझे, इतने दिन याद किया… ??

मम्मी ने सिर हिलाते हुए – हाँ… मे जवाब दिया.

आज दोनों के बीच, “अश्लील बातें” नहीं हो रही थीं.

फिर अंकल ने कहा – मुझे लगा था, जैसे मैंने तुम्हें खो दिया है…

मम्मी ने कहा – मैं आपसे, बहुत प्यार करती हूँ…

अंकल, मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये और उन्हें चूमने लगे और कहा – मैं तेरे बिना, नहीं रह सकता… प्लीज़, मुझे छोड़ के कभी मत जाना…

मम्मी ने अपना हाथ, अंकल के गले में डाल के अंकल के होंठों को अपने होंठ मे फसा लिया और चूमने लगीं.

अंकल ने एक हाथ आगे करते हुए, मेरी मम्मी के चुचे पकड़ लिए और मसलने लगे.

मेरी मम्मी ने अपने दोनों टांग हवा मे करके फैला लिए और अंकल मेरी मम्मी को चूमते हुए, बीच मे आ गये और गांड ऊपर करके एक धक्का मारा.

मेरी मम्मी की “आह” की आवाज़ आई.

अंकल ने, मेरी मम्मी के मुंह पर हाथ रख दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी को चोदने लगे.

अंकल ने, मम्मी से कहा – 1 महीने से, तूने मेरे लण्ड को पागल कर दिया था… आज सारी कसर निकालूँगा… तेरी चूत का फावड़ा बना डालूँगा… आ आहह महक तू मेरी है है…

ठप ठप ठप ठप ठप.. .. ..

मेरी मम्मी – आ अहह बस स्स एया या…

अंकल – नहीं मेरी जान, बहुत दिन बाद तू मेरे बिस्तर पर आई है… आज मत रोक मुझे…

ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप.. .. ..

बिस्तर की – चर चर चर चर चर चर और मम्मी की – मा आ माआ आ मा आ नाह ह आ आ ओईइ मा नाआ हही ना आ बस सस्स बस धीरे… की आवाज़, कमरे मे गूँज रही थी.

अंकल पूरी ताक़त से, मेरी मम्मी को चोद रहे थे.

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कुछ देर चोदने के बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और आ आ आ आहह आ आ आहह करते हुए, अपना सारा वीर्य मेरी मम्मी के पेट के ऊपर गिरा दिया.

दोनों, पसीने से लतपथ हो चुके थे.

फिर अंकल, बिस्तर के नीचे उतर गये.

मेरी मम्मी, बिस्तर पर लेटी रही.

इसके बाद, मैं वापस अपने घर के लिए आ गया 

लेकिन मम्मी शाम के करीब 6 बजे घर को वापस आई और उन्हें देख के लग रहा था, वो बहुत थक गई हैं.

अंकल ने आज, पूरे दिन मेरी मम्मी को पटक पटक कर चोदा था.



॥॥॥। समाप्त (The End......) ॥॥॥।
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RE: मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल... - by usaiha2 - 17-03-2020, 02:52 PM



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