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Adultery मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल...
#31
अब अंकल, मेरी मम्मी के बगल मे लेट गये और मेरी मम्मी को किस करने लगे और उनके चुचे मसलने लगे.

फिर एक हाथ नीचे कर के, मेरी मम्मी की चूत भी रगड़ने लगे.

आज अंकल, पूरे मूड मे थे.

अब अंकल ने, मेरी मम्मी की एक टांग हवा मे उठा दी और अपना लण्ड धीरे से मेरी मम्मी की चूत मे घुसा के कमर आगे पीछे करने लगे और मेरी मम्मी की फिर से चुदाई करने लगे.

अंकल का पूरा का पूरा लण्ड, मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर होने लगा.

मैंने देखा, मम्मी ने अपने हाथ आगे कर लिए थे और अपनी चुचे मसल के अंकल से चुदाई करवा रही थीं और आ अहह आ अह ह आ अहह आ अहह की सिसकारियाँ ले रही थीं.

अंकल बड़े आराम से, मस्ती के साथ, मेरी मम्मी की चुदाई किए जा रहे थे और उनका पूरा लण्ड मेरी मम्मी की बच्चादानी को छू रहा था.

अंकल कुछ देर तक यूही, मेरी मम्मी को चोदते रहे और मम्मी उनको लगतार गंदी गंदी गालियाँ बकती रहीं.

उसके बाद, वो मेरी मम्मी की टांगें फैला के मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये और उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और उन्हें किस किया और एक हाथ नीचे कर के अपना लण्ड, मेरी मम्मी के चूत पर रख दिया और कस के धक्का मारा.

मैंने देखा एक आ आहह की चीख के साथ, मेरी मम्मी की आँख पूरी खुल गई.

अंकल का पूरा लण्ड, मेरी मम्मी की चूत मे समा गया था.

जहाँ मैं इस बात से डर रहा था की अंकल, मम्मी को अपने दोस्त से भी चुदवाना चाहते हैं वहीं मम्मी तो खुद मरी जा रही थीं, दूसरा लंड खाने के लिए.

मम्मी ने कहा – किसी भी तरह, मुझे दो लंड से चुदना है… वो भी इसी हफ्ते… नहीं तो आपसे भी नहीं चुदवाउंगी…

अंकल ने अपने होंठ, मेरी मम्मी के होंठ पर रख दिए और किस करने लगे और अंकल ने कहा – मैं तो डर रहा था तू कहीं बुरा ना मान जाए… तुझे तो मुझसे ज़्यादा जल्दी है… और अंकल कस कस के, अपनी गांड ऊपर नीचे करते हुए मेरी मम्मी की चोदने लगे.

उन्होंने मेरी मम्मी को कस के पकड़ लिया था ताकि मेरी मम्मी हिल भी ना पाए.

मम्मी की दबी आवाज़, मेरे कानो मे आ रही थी.

अंकल ने, मेरी मम्मी को चोदते चोदते कहा – आज, तेरी मां चोद डालूँगा, महक… इतना लंड, आज तक किसी ने नहीं फुलाया मेरा… तेरी मैया की चूत, बहन की लौड़ी… इतना मज़ा देती है, कुतिया… अपनी बीवी की लेने का मन नहीं करता, दूसरी की तो छोड़… जानती है रांड़, कब से नहीं चोदा, मैंने अपनी बीबी को… तेरी बहन का भोसड़ा… छीनाल की चूत, फाड़ के रख दूँगा…

मम्मी ने कहा – बहन के लौड़े, मादर चोद… कंट्रोल कर… भोसड़ी वाले, अंदर जानवर घुस गया है… बहुत दर्द हो रहा है, तेरी मां का भोसड़ा…

अंकल ने कहा – बहन की लौड़ी… छीनाल है तू… छीनाल को, दर्द नहीं होता चाहे मर्द का लंड हो चाहे कुत्ते का या घोड़े का… मज़ा ले, आज पूरा… उस दिन, तूने मूड खराब कर दिया था, मेरा… नहीं तो, उस रात वही रुकने का प्लान था मेरा… पूरी रात तुझे चोदता… मुझे आज कसर निकालने दे… आज लंड का गुब्बारा बना दिया है तूने और ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके मेरी मम्मी की चुदाई करने लगे.

मम्मी – चोद ले, गान्डू… साले, गांड के छेद… क्या चूत में, घुसा कर मुँह से निकलेगा लंड अब…

कुछ देर चोदने के बाद – आ आहह आ आहह की आवाज़ के साथ, अंकल ने कमर धीरे धीरे हिलाना शुरू किया.

फिर, एक मिनट बाद लण्ड मेरी मम्मी की चूत से बाहर निकाल लिया.

अंकल ने अपना पूरा वीर्य, मेरी मम्मी की बच्चादानी में गिरा दिया था.

मैंने देखा, मेरी मम्मी की चूत से अंकल का वीर्य बाहर निकल रहा था.

अंकल, बिस्तर से नीचे उतर गये.

मम्मी ने कहा – कितनी बार कहा है, कॉन्डम लगा लिया करो… आज था, फिर भी नहीं लगाया…

अंकल ने कहा – तुझे चिंता किस बात की है… मैं हूँ ना…

उसके बाद, वो बाथरूम चले गये.

शायद, वो अपना लण्ड धोने गये थे क्यूंकि उनके लण्ड पर पूरा वीर्य लगा हुआ था.

मेरी मम्मी, वैसे ही अपनी टांग को फैलाए लेटी हुई थीं.

अंकल, अब बाथरूम से आ गये.

अंकल ने आते ही, अपना मोबाइल उठाया और कुछ देखने लगे.

मम्मी ने कहा – आपने पूरी चुदाई का भी वीडियो निकाला है ना…

अंकल ने कहा – हाँ… तो क्या हुआ… ??

मम्मी ने कहा – मुझे ये अच्छा नहीं लग रहा है… आप डिलीट करो…

अंकल ने कहा – तू मुझ पर शक कर रही है…

मम्मी ने कहा – नहीं… लेकिन किसी ने ग़लती से देखा तो…

अंकल ने कहा – तू डर मत…

मम्मी, फिर बिस्तर से उतर के बाथरूम चली गई.

अंकल ने अब, अपना अंडरवियर पहन लिया और सिगरेट जला लिया

मम्मी कुछ देर मे, बाथरूम से बाहर आ गई.


मेरी मम्मी अभी पूरी “नंगी” थीं.

मेरी मम्मी आ कर, सीधे बिस्तर पर लेट गई.

उन्होंने अपने ऊपर, चादर डाल ली.

अंकल ने इतने देर मे सिगरेट ख़तम की, तब तक मेरी मम्मी का फोन बजने लगा.

मम्मी उठ के गई और अपने पर्स से फोन निकाला और अंकल से चुप रहने को कहा.

मम्मी वैसे ही नंगी फोन लेकर, हॉल के तरफ चली गई और दरवाज़े को बाहर से सटा दिया.

मैं शर्त लगा सकता हूँ, वो मेरे अब्बू का फोन था.

इधर, अंकल बिस्तर पर लेटे हुए थे.

अंकल ने अपना फोन लिया और किसी को फोन लगाया – हेलो, क्या हाल चाल… अरे अभी नहीं हुआ है, शाम तक पेलुँगा छीनाल को… शाम को ही आना, यार… अरे कहा ना, अभी नहीं मिल पाएगी… तुम्हें अभी इंतेज़ार करना होगा…

उसके बाद, अंकल ने कहा – अच्छा, सुन… रखता हूँ… अभी वो आ रही है…

उसके बाद, अंकल ने फोन रख दिया.

मैंने देखा, उसी समय मेरी मम्मी दरवाज़े खोल के अंदर आ गई.

अंकल ने पूछा – किसका फोन था… बाहर क्यों चली गई थीं…

मम्मी ने कहा – मेरे पति का फोन था…

अंकल ने पूछा – क्या कह रहा था… ??

मम्मी ने कहा – कुछ खास नहीं…

अंकल ने कहा – तूने ये क्यों कहा की तू घर में है… ??

मम्मी ने कहा – फिर, क्या कहती…

अंकल ने कहा – कह देती, जो काम वो नहीं कर पा रहा है… उसे मैं, पूरा कर रहा हूँ…

उसके बाद, अंकल और मेरी मम्मी दोनों हंसने लगे.

अब मेरी मम्मी ने अपना फोन टेबल पर रख दिया और अंकल के बगल मे आकर लेट गई.

अंकल ने मेरी मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया था और उनकी पीठ सहला रहे थे.

अंकल ने, मेरी मम्मी से कहा – महक, मुझे सच मे तेरी ज़रूरत है… तू अपने बेटे से कह दे, हमारे रीलेशन के बारे मे…

मम्मी ने कहा – अभी समय सही नहीं है, इसका…

अंकल ने कहा – तू छुप छुप कर आती है, मेरे से मिलने और जब हम दोनों के बीच मे इतना प्यार है… क्या वो समझेगा नहीं… मैं तेरे लिए, क्या नहीं करता बता… एक पति की तरह, तेरा ख़याल रखता हूँ…

मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ… मैं भी उतनी ही बेताब हो जाती हूँ… आपके बिना, लेकिन डर लगता है… इसके अंजाम से, कहीं ऐसा ना हो मैं आपसे अलग हो जाऊं…

अंकल ने कहा – तुझे डर किस बात का है, पति तेरे साथ है नहीं और जब मैं हूँ यहाँ, तुझे अपने पास रखने के लिए… किस बात का डर, मैं तुम दोनों का ख़याल रखूँगा…

मम्मी ने कहा – आप मुझे टाइम दीजिए, थोड़ा… मैं धीरे धीरे उसे सब समझा दूँगी…

अंकल ने, मेरी मम्मी से कहा – देख, तुझे टाइम चाहे ले ले… लेकिन, मैं तुझे अपने से दूर नहीं होने दूँगा… चाहे, मुझे कुछ करना पड़े मैं तेरे बिना रह नहीं सकता…

मम्मी ने कहा – आप फ़िक्र मत कीजिए… मैं आपसे दूर नहीं हो सकती… लेकिन, ऐसे आपसे सबके सामने मिल भी तो नहीं सकती नहीं तो दुनिया मुझे आपकी “रखैल” कहने लगेगी…

अंकल ने कहा – उसकी नौबत, नहीं आएगी…

मम्मी ने कहा – मतलब… ??

अंकल ने कहा – मुझ पर भरोसा रखो…

उसके बाद, मेरी मम्मी के होंठों पर चूमने लगे.

मेरी मम्मी भी, अंकल का साथ देने लगीं.

अंकल फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच कर, मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे और मेरी मम्मी के मम्मे दबाने लगे.

उन्होंने मेरी मम्मी का निप्पल, अपने उंगली मे पकड़ लिया और खींचने लगे.

मम्मी ने अपना होंठ, अंकल के होंठ से हटाया और कहा – दर्द हो रहा है…

अंकल ने कहा – करने दे, रानी… इसी मे मज़ा आएगा… तुझे भी और मुझे भी… और इसके बाद, अंकल मेरी मम्मी के दोनों निप्पल बारी बारी से खींचने लगे.

मेरी मम्मी, उस दौरान सिर्फ़ अपने मुंह से मा आ की चीख के अलावा कुछ नहीं कर पा रही थीं क्यूंकि अंकल ने अपने गठीले बदन से, मेरी मम्मी को जकड रखा था और मेरी मम्मी के अंग से खेल रहे थे.

अंकल बीच बीच में, मेरी मम्मी के होंठों को भी चूस रहे थे.

अंकल ने इसी दौरान, मेरी मम्मी को उल्टा लिटा दिया और ऊपर से मेरी मम्मी के पीछे के साइड से गले से लेकर, मेरी मम्मी को कमर तक चूमने लगे.

मेरी मम्मी ने अपना हाथ आगे करके, बिस्तर को पकड़ लिया.

अंकल लगातार, मेरी मम्मी के पीठ गले को चूमते चाटते रहे और बीच बीच में मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर थप्पड़ मार रहे थे, जिससे मेरी मम्मी के माँस से भरा चुत्तड़ हीले जा रहा था.

अंकल धीरे धीरे कर के, नीचे आ गये और वो मेरी मम्मी के जांघें के दोनों तरफ घुटने करके मेरी मम्मी के जाँघ पर बैठ के झूल गये और मेरी मम्मी की गांड के छेद पर पास, अपनी नाक ले जाके स्मेल करने लगे.


मैंने देखा, अंकल ने मेरी मम्मी के चुत्तड़ को अपने हथेली से फैला दिया था.

मेरी मम्मी की गांड का छेद और चौड़ा हो गया था.

अंकल ने अपनी नाक, मेरी मम्मी के गांड के छेद पर रख दिया और सूंघने लगे.

मेरी मम्मी ने अपने हाथ से, बिस्तर को कस के पकड़ रखा था.

अब अंकल की नाक, मम्मी के गांड के छेद से बाहर निकाला और मम्मी के चुत्तड़ के दोनों तरफ चाटे मारे.

मम्मी के मुंह से “आह ह” निकल गया.

अंकल ने फिर से अपना फेस नीचे किया और मेरी मम्मी की गांड चाटने लगे.

मेरी मम्मी धीमी आवाज़ मे – आ अह ह आ आ आह ह की सिसकारियाँ लेने लगीं.

अंकल, अपनी जीभ आगे निकाल के मेरी मम्मी की गांड चाटे जा रहे थे और बीच बीच मे, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर चूम रहे थे.

अंकल ने पूछा – डार्लिंग, मज़ा आ रहा है ना…

मम्मी ने कहा – हाँ, बहुत मज़ा आ रहा है…

अंकल ने कहा – अब और मज़ा आएगा, तुझे, जब तुम्हारी गांड मे लण्ड जाएगा मेरा…

उसके बाद, अंकल ने मेरी मम्मी के नीचे तकिया रख के उनकी गांड ऊपर उठा दी और अपना लण्ड रगड़ने लगे.

अंकल का लण्ड, तन के खड़ा हो चुका था.

उन्होंने देखते देखते, लण्ड का टोपा मेरी मम्मी के गांड के छेद पर रख दिया और झुक के अपना हाथ, मेरी मम्मी के कमर के ऊपर रखा और ज़ोर से धक्का मारा.

मेरी मम्मी के मुंह से एक – आ आ अह ह… निकल गया.

मैंने देखा, अंकल ने एक झटके मे मेरी मम्मी की गांड की छेद मे अपना लण्ड घुसा दिया था.

मैं जान रहा था, आज अंकल अपने मजबूत लण्ड से मेरी मम्मी की गांड फाड़ के रहेंगे.

शायद उनकी गांड को अपने दोस्त का लंड लेने के लिए, तैयार कर रहे थे.

उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकलते हुए, एक धक्का मारा.

मम्मी ने, फिर से चीख मारी.

अंकल अब धीरे धीरे, अपना पूरा लण्ड मेरी मम्मी की गांड की छेद के अंदर बाहर करने लगे.

मेरी मम्मी – मु मा हह आ अह ह आह ह आ आह ह आ आह ह मा आ मा आ मा आ मा आ मा आ ओउ उफ्फ ओउ उफ़ फ्फ़ औउ हह ओ उउ फ़ फ्फ़ की आवाज़े निकालने लगीं.

अंकल ने कहा – आ आह ह, महक तेरी गांड बहुत मज़ा देती है मुझे… आ आह ह आ आअ ह ह आअज्ज ज मज़ा लूँगा, पूरा इसका मैं… और ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ के साथ, मेरी मम्मी की गांड मारने लगे.

मेरी मम्मी का चुत्तड़, अंकल के धक्के से हिल रहा था.

अंकल बीच बीच मे, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर चामटे मार रहे थे.

मेरी मम्मी की गोरी गांड, अंकल के चामटे से लाल हो गई थी.

अंकल लगातार कमर आगे पीछे कर रहे थे और बिस्तर की छू छू छू छू छू छू छू छू की आवाज़ आने लगीं.

अंकल ने इसी बीच, अपनी स्पीड तेज़ कर दी और मेरी मम्मी की कमर पर हाथ रखे ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी की गांड मारने लगे.

मेरी मम्मी का बदन, धक्के पर हिलने लगा.

--

लगभग 15 मिनट तक, अंकल मेरी मम्मी की गांड मारते रहे.

उसके बाद, उन्होंने एक ज़ोर का आ अहह निकाला और रुक गये.

अंकल ने मेरी मम्मी के गांड के छेद को, अपने वीर्य से भर दिया था.

उसके बाद, अंकल ने अपना लण्ड बाहर निकाला और एक ज़ोर का थप्पड़ मारा मेरी मम्मी के गांड पर और फिर नीचे उतर गये और अपना अंडरवेअर पहन लिया.

मेरी मम्मी, वैसे कुछ देर बिस्तर पर पड़ी रही.

उनकी गांड के छेद से, अंकल का वीर्य टपक रहा था.

अंकल ने फिर से, एक सिगरेट जला ली और पीने लगे.

अब मेरी मम्मी भी नीचे उतर गई और बाथरूम चली गई.

बिस्तर पर, अंकल का वीर्य गिर गया था.

मेरी मम्मी, लगभग 10 मिनट बाद बाहर आई.

उन्होंने तोलिया अपने शरीर पर बाँध रखा था, शायद वो नहा के आई थीं.

अंकल ने पूछा – क्या हुआ… ??

मम्मी ने कहा – अब बस करते है, देर हो जाएगी…

अंकल ने कहा – इतनी जल्दी…

मम्मी ने कहा – हाँ, मैं बेटे से कह के आई हूँ, जल्दी आ जाउंगी…

अंकल ने कहा – फिर कब मिलोगी… ??

मम्मी ने कहा – मैं बताती हूँ…

उसके बाद, मेरी मम्मी ने अपने सारे कपड़े पहन लिए.

अंकल ने भी अपने कपड़े पहन लिए.

फिर, मैं वहां से निकल आया और घर आ गया.

#

मेरी मम्मी, लगभग ½ घंटे बाद घर आई.

वो बहुत थक चुकी थीं.

मम्मी सीधा कमरे मे चली गई और लगभग 1 घंटे तक, बिस्तर पर पड़ी रही.

फिर उठ के चाय बनाने चली गई.


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RE: मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल... - by usaiha2 - 17-03-2020, 02:50 PM



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