Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल...
#25
मम्मी ने सिसकारियाँ भरते हुए कहा – एक बात बताइए, ऐसी कितनी औरतों की चूत देखी है, आपने…


अंकल ने कहा – एक शर्त पर… फिर तू भी बताएगी, तूने कितने लंड लिए हैं अपनी चूत में… एकदम सच सच… बोल मंजूर है…

मम्मी पूरी वासना में थीं, बोलीं – हाँ… एक मेरे पति का तो आपको मालूम ही है…

अंकल – चल भी, महक… मुझे कोई मतलब नहीं, तूने पहले क्या किया… ठीक है, पहले मैं बताता हूँ… मैंने 29 औरतों को चोदा है… तू 29 वी है…

मम्मी – बाप रे… इसमें से शादी के बाद कितनी हैं…

अंकल – 11… अब तू बता, मेरा लंड फटा जा रहा है, सुनने के लिए…

मम्मी – अफरोज़ के पापा और आपको मिला के 8…

अंकल ने बहुत ज़ोर की आँह भरी और बोले – सच में, मैं ब्यान नहीं कर सकता कितना मज़ा आया मुझे ये सुन कर…

अंकल ने अब झटके तेज़ कर दिए और मम्मी ने भी अपनी गांड हिलाने की स्पीड बड़ा दी.

अब अंकल काँपती सी आवाज़ में बोले – मेरे सिवा, शादी के बाद तूने किसी का लिया… बता ना, महक… बहुत मज़ा आ रहा है…

मम्मी – हाँ… एक का लिया है…

अंकल – आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह, महक… उफ्फ… कितना मज़ा आ रह है… तुझे भी…

मम्मी – हाँ… मुझसे तो सहन ही नहीं हो रहा… क्या, मैं कुछ पूछ सकती हूँ…

अंकल – हाँ महक… पूछ ना… पर ऐसा ही कुछ पूछना… सच बता रहा हूँ, पूरी जिंदगी में ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं आया है…

मम्मी – सोच लीजिए… नाराज़ तो नहीं हो जाएँगें…

अंकल – बिल्कुल नहीं… जो तेरे जी में आए पूछ… कितना भी अश्लील क्यूँ ना हो…

मम्मी – आपने अपने रिश्ते में, किसी की चूत चोदि है… मेरा मतलब चाची, मामी, बुआ या किसी ब़हन की…

अंकल – आअ महक… आज तो तूने मेरा कत्ल करने की ठान ली है… तू तो जानती है महक, मेरी कोई बहन है नहीं पर हाँ मैंने अपने चाचा की लड़की को बहुत बार चोदा है और बुआ की ननंद को भी एक बार चोदा है… पर हाँ घर में किसी ऐसे को चोदा है, जिसके बारे में मैंने किसी को नहीं बताया…

मम्मी – आ आ आ आ आ आ आंह… बताइए ना, प्लीज़… किस को…

अंकल – बताता हूँ, पहले तू बता… तूने मेरे अलावा किस से और चुदवाया है, अपनी शादी के बाद…

मम्मी – नहीं… पहले आप…

अंकल तो बुरी तरह थरथरा रहे थे पर मम्मी का बदन भी काँप रहा था.

दोनों के सिर पर, वासना नंगा नाच दिखा रही थी.

मम्मी का एक हाथ दीवार पर था और एक से अपन चूत को ऐसे मसल रहीं थीं, जैसे उसमें आग लगी हो और वो उसे बुझाना चाह रही हों.

यहाँ मुझे भी उनकी बातें सुन के, आज गुस्से से ज़्यादा मज़ा आ रहा था.

अंकल बहुत बुरी तरह से मम्मी की गांड चोद रहे थे और मम्मी हर झटके के जवाब में, उतनी ही बुरी तरह अंकल के लंड पर अपनी गांड मार रहीं थीं.

उन्हें ये भी एहसास नहीं रहा था की मैं घर पर हूँ या आस पड़ोस में भी कोई रहता है.

उनकी सिसकारियाँ, साफ साफ सुनाई दे रहीं थीं.

असल में, आज मैं भी अपना लंड बाहर निकाल के मूठ मार रहा था.

अब अंकल बोले – बोल ना, महक… क्यूँ मज़ा खराब कर रही है… प्लीज़ बता ना…

मम्मी – एयीयैया आह आ माह आ… अपने भाई से… आहा हह… या या या…

अंकल – आह महक स स स स स स स स स स स स स… और बता ना… कैसे चुदवाया… आ आह स स स…

मम्मी – ईया यह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… नहीं, पहले अब आप…

अंकल – महक स स स स स… आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ… कहते हुए मम्मी की गांड में झड़ गये.

पर आज जो ख़ास था वो ये था की मम्मी पलटी और अपनी ही चूत में उंगली करके, बुरी तरह मसलने लगीं.


साफ दिख रहा था, मम्मी पर अभी भी वासना हावी है.

अपनी चूत में उंगली करते हुए, पीठ के सहारे दीवार से टिक कर दूसरे हाथ से मम्मी ने अंकल का लंड जकड़ लिया और ज़ोर से दबाते हुए बोलीं – मुझसे आज कंट्रोल नहीं हो रहा है… और ये कहते ही, मेरी मम्मी की चूत से उनकी मूत की एक बहुत जोरदार धार निकली जो सीधे अंकल के लंड पर गिरने लगी.

मैंने देखा, मम्मी की मूत गिरते ही अंकल का लंड हिचकोले खाने लगा.

अंकल अपने लंड को, मम्मी की मूत से नहला रहे थे.

सिर्फ़ कुछ पलों में, उनका हथियार फिर तैयार था.

इधर मम्मी को मूतता देख, मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी थी.

पहली बार, हम तीनों हाँफ रहे थे.

अंकल – महक, आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन है… चल अब अधूरा काम पूरा करते हैं… और ये कहते हुए, उन्होंने मम्मी को फिर से झटके से पलट दिया.

मम्मी – मुझे भी ऐसा मज़ा, आज तक किसी के साथ किसी चुदाई में नहीं आया…

अंकल ने इस बार, बिना किसी चेतावनी के मेरी मम्मी का गांड का छेद सूँघें या चाटे बिना, अपना लंड एक झटके में पूरा मम्मी की गांड में उतार दिया.

मम्मी चिल्ला पड़ीं – मादर चोद स स स स स स स स स स…

मम्मी की गांड, अब दुबारा चुद रही थी.

और कुछ ही पल में, मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रहीं थीं.

अंकल – महक…

मम्मी ने काँपती ज़ुबान में कहा – हाँ…

अंकल – तुझे एक बात कहूँ…

मम्मी ने कहा – कहिए ना… प्लीज़ जल्दी…

अंकल – जब तू पहली बार मेरे ऑफीस में आई थी, फ्लैट लेने याद है…

मम्मी ने कहा – हा आ आन्ं याद है…

अंकल – तब तेरी मटकती गांड को देख, मैं पागल हो गया था… उसी दिन, मैंने तय कर लिया था तेरी पैंटी एक दिन फाड़ के रहूँगा… अब तू मेरी है हमेशा के लिए… और ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके, मेरी मम्मी की गांड ज़ोर ज़ोर से मारने लगे.

मम्मी – अरे, माँ चुदाने दीजिए उस सब को… आप बताइए, आपने किस को चोदा था…

मेरी मम्मी लगातार – आ आ आ अहह आ आ आ आहह… की सिसकारियाँ लेते हुए, अंकल का साथ दे रही थीं.

अंकल – महक स स स स स स… नहीं स स स स स…

मम्मी – बताइए ना, प्लीज़ ज ज ज… मैंने भी तो अपने भाई से अपनी हरामखोर चूत मरवाई थी… इससे ज़्यादा कमीनापन और क्या किया है आपने… प्लीज़ बताइए… मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा…

अंकल – महक स स स… मैंने अपनी पहली चुदाई 14 साल की उम्र में की थी…

मम्मी – किसके साथ… बता ना बहन चोद ह हह…

अंकल – अपनी मां के साथ… आ आ आ आ आ आ आ आ आ…

मम्मी ने बहुत ज़ोर की अँह भरी और पहली बार अंकल, लगभग 2 मिनट में ही झड़ गये.

उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया.

अंकल का लण्ड पूरा गीला था और मेरी मम्मी की जांघें उनके रस और मूत से चमक मार रही थीं.

अंकल ने खींच के, एक थप्पड़ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जड़ दिया.

मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और मम्मी के मुंह से आ आहह की आवाज़ निकली.

उसके बाद अंकल ने कहा – जानू, मज़ा आया…

मम्मी ने हाँ की आवाज़ मे अंकल का जवाब दिया.

अंकल ने दूसरे हाथ से बाएँ चुत्तड़ पर भी जोरदार थप्पड़ जड़ दिया.

मेरी मम्मी की चुत्तड़ थरथरा के हिल गई.

साफ दिख रहा था की मम्मी अब तक शांत नहीं हुई हैं.

मम्मी – उफ्फ… खड़ा करिए ना दुबारा, प्लीज़…

मम्मी ने अब अंकल का लंड हाथ में लिया एक दो बार उपर नीचे किया फिर अपनी गांड मे गया लंड, अपने मुँह में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगीं.

2-5 मिनिट में ही, अंकल तीसरी बार तैयार थे.

मज़े के बात ये थी की आज अंकल मम्मी को नहीं संभाल पा रहे थे.

लग रहा था, अंकल नहीं मेरी मम्मी उनकी गांड फाड़ रही हैं.

लेकिन ये बात तो थी की अंकल बहुत जल्दी तैयार हो जाते थे.

उनका लंड तीसरी बार खेल के लिए तैयार था.

यहाँ अब मुझे कुछ कुछ होश आने लगा और मैं फिर से अपनी सोच में जा चुका था.

अंकल तो ठीक, मामा ने भी मम्मी को चोदा था.

उफ्फ!! मेरे दिल की धड़कन फिर से बढ़ गई थी.

अंकल, उन्होंने तो अपनी ही मां को चोदा था.

खैर, यहाँ अब मम्मी की गांड तीसरी बार फटने के लिए तैयार थी और ना जाने वक़्त की काली परछाई में छुपे कितने राज़ बाहर आने को.

अंकल ने अब, मेरी मम्मी को ज़मीन पर घुटनों के बल बिठा दिया और फिर से कमर पकड़ कर पीछे आकर अपना लण्ड, मेरी मम्मी की गांड के छेद मे डाल दिया और कस के धक्का मारा.


मेरी मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आहह माह स स स स स… निकल गया.

मैंने देखा, अंकल का पूरा लण्ड इस बार मेरी मम्मी के गांड के छेद मे समा गया था.

मम्मी ने कहा – धीरे… दर्द हो रहा है…

अंकल ने कहा – महक, मैं तो इतना ज़्यादा उत्तेजित हूँ की दर्द का पता ही नहीं है… और उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल के फिर से मेरी मम्मी की गांड मे घुसा दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी की गांड मारने लगे – ठप ठप ठप ठप ठप की और मेरी मम्मी की आ आ अहह आ आहह आ आहह माआ माआ माआ माआ माआ ओईइ माआ ओईइ माआ अ ओफ़फ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… की आवाज़, कमरे मे गूंजने लगी.

अंकल अपने हाथ से मेरी मम्मी की कमर को पकड़े हुए थे और लगातार, मेरी मम्मी की गांड मारे जा रहे थे.

अंकल ने कहा – आ आ अहह महक… मज़ा आ गया… तेरी गांड मे बहुत मज़ा है, मेरी रानी… उससे ज़्यादा मज़ा तो मुझे तेरी बातों में आ गया…

मम्मी – तो रुक क्यूँ गये… करिए ना बातें… बताइए ना, कैसे चोदा था आपने अपनी मां को…

अंकल – ओह महक… ना जाने ऐसी बातों से मुझे क्या हो जाता है… सुन… जब मैं 18 साल का था तो मेरा लण्ड बहुत मचलने लगा था… मैं छुप छुप के अपनी मम्मी को कपड़े बदलते और नहाते देखता था… कभी कभी उनकी पैंटी में मूठ भी मार देता था…

मम्मी – अन्ह… मुझसे तो आज कंट्रोल ही नहीं रखा जा रहा… आगे बताइए ना…

अंकल – एक बार, मेरे कमरे में सफाई करने पर मेरी मम्मी को उनकी 6 7 पैंटी, मेरे कमरे में छुपी हुई मिल गई…

मम्मी – आन्ह माह स स स स स स स आअ… फिर…

अंकल – उन्होंने तब कुछ नहीं बोला… फिर एक दिन, जब वो कहीं से वापस आ कर कपड़े बदल रहीं थीं और मैं “की होल” से देख रहा था… तब उन्होंने एकदम से दरवाजा खोल दिया…

मम्मी – उफ्फ उःमह… नंगी थी…

अंकल – नहीं… ब्रा और पैंटी में… तेरी ही तरह, वो भी छोटी छोटी पैंटी पहनती थीं…

मम्मी – मादर चोद… पैंटी का साइज़ मत बताओ… ये बताओ, फिर क्या हुआ…

अंकल – उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया… उस वक़्त भी जब वो आगे चल रहीं थीं, उनकी गोरी गांड उनकी पैंटी से सॉफ दिख रही थी और बुरी तरह डरे होने के बाबजूद, मेरा लण्ड उनकी मस्त चिकनी गांड को सलामी देने लगा…

मम्मी (अपने दाँत से अपने होंठ काटते हुए) – इयाः फिर ह स स स स स…

अंकल – वो बिस्तर पर बैठीं और मुझसे पूछा “क्या हो रहा था ये… ??” मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल रही थी… फिर वो बोलीं – “शरम नहीं आती, अपनी मां को कपड़े बदलते देखता है और मेरी पैंटी क्या कर रहीं थीं, तेरे कमरे में बता… ??” मैं तब भी कुछ नहीं बोला…

मम्मी – हाँ… फिर… बहुत मज़ा आ रहा है… चोदा कैसे… ??

अंकल – फिर मम्मी ने मुझे पास बुलाया और साइड में बैठाया और बोलीं – “देख बेटा, मैं समझती हूँ इस उम्र में ये सब होता है पर अपनी मम्मी को ऐसा देखना ठीक है क्या…” मेरे बैठने से लोवर में मेरे लण्ड का उभार सॉफ दिखने लगा था… मम्मी ने उस तरफ देखा और बोला – “निकालो इसे बाहर, मैं तुम्हें बताती हूँ इससे कैसे काबू में रखा जाता है…”

मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ हह… निकाला आपने… इयाः माह… मर ना जाऊं, कहीं मैं आज…

बातें करने के साथ साथ, अंकल अपनी पूरी मर्दाना ताक़त से मेरी मम्मी के गांड के छेद को मार रहे थे.

उनकी कमर, आगे पीछे ज़ोर ज़ोर से हो रही थी.

मम्मी तो ऐसे मचल रहीं थीं जैसे किसी ने उनके कपड़ों के अंदर आइस क्यूब्स डाल दिए हो…

मज़े की बात ये थी, यहाँ मेरा लण्ड भी अंकल की बातें सुन के फिर से बुरी तरह हिचकोले मार रहा था.

अपनी उलझन भरी जिंदगी में पहली बार, मुझे कुछ मज़ा आ रहा था या एहसास हो रहा था की मज़ा क्या होता है.

[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल... - by usaiha2 - 17-03-2020, 02:40 PM



Users browsing this thread: 8 Guest(s)