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Adultery मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल...
#24
(भाग-5)

 

मैं उस रात सोया नहीं था क्यूंकि मैं जानता था अंकल आएँगे और यही हुआ.

मैं अपने कमरे में था. करीबन 2 घंटे बाद, मुझे मेरी मम्मी की पायल की आवाज़ आई.

मैं अपने दरवाज़े के पास गया और देखा, मेरी मम्मी दरवाज़े की तरफ जा रही हैं और 2 मिनट के अंदर, मैंने देखा अंकल अंदर आ गये थे.

अंकल ने, पैंट और शर्ट पहन रखा था.

मम्मी और अंकल, अंदर कमरे में चले गये.

बस उनसे एक ग़लती हो गई, मुझे सोया समझ मम्मी ने दरवाज़े लॉक करना ज़रूरी नहीं समझा.

जिसकी वजह से, मैंने आज सब देखा.

अंकल ने, मेरी मम्मी को पीछे से पकड़ रखा था.

उनके हाथ ने नाइटी के ऊपर से उनके पेट को पकड़ के रखा था और वो धीरे धीरे मेरी मम्मी के गले पर चूमते हुए, मेरी मम्मी से बातें कर रहे थे.

उन्होंने मेरी मम्मी से पूछा – अफरोज़, सो गया..

मम्मी ने कहा – हाँ.. लेकिन, आप जल्दी करो.. वो देख ना ले..

अंकल ने कहा – तू डरती बहुत है.. क्या, मैं तेरे लिए कुछ नहीं लगता.. जी तो चाहता है, तेरे पिल्लै का गला दबा दूं..

मम्मी ने कहा – अगर आप, मेरे कुछ नहीं लगते तो आप यहाँ नहीं होते..

अंकल ने कहा – फिर हमेशा, ऐसा क्यों कहती है.. कुछ देर, निकल अपने अंदर से और मेरी हो जा..

मम्मी ने कहा – मैं आपकी ही हूँ.. आपको शक है क्या, मुझ पर..

अंकल ने कहा – मुझे तुझ पर शक नहीं है, मेरी जान.. मैं तेरा लोडू पति थोड़ी ही हूँ.. बस, मैं तुझे पूरी तरह से हासिल करना चाहता हूँ..

अंकल ने धीरे से, मेरी मम्मी को घुमा के अपनी तरफ कर दिया.

मम्मी ने कहा – मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ और आपके लिए, कुछ भी कर सकती हूँ..

अंकल ने कहा – सच..

मम्मी ने कहा – हाँ..

अंकल ने कहा – फिर, मुझे आज जो चाहिए मुझे मिलेगा..

मम्मी ने कहा – हाँ.. आप बोलिए, क्या चाहिए..

अंकल ने अपनी दोनों हथेली, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख के दबा दी.

मम्मी ने कहा – मुझे पीछे बहुत दर्द होता है.. छेद, बहुत छोटा है..

अंकल ने कहा – इसी लिए मैं कहता हूँ, मुझे करने दे.. पगली, तू तो औरत है.. तुझे नहीं पता, जब तक गांड मरती नहीं उसमें गोलाई नहीं आती.. और देख, चूत तो औरत हर मर्द को दे देती है पर गांड उसी से मरवाती है जो उसके लिए ख़ास हो.. औरत भले ही, बीस लंड से चुदि हो पर गांड के छेद में अनुमन एक ही लंड जाता है.. तू ने ही तो कहा था, तूने आज तक गांड अपने पति को भी नहीं मारने दी.. लेकिन तब भी तू नहीं करने देती है.. लेकिन, अगर तेरा मन नहीं है तो मैं नहीं करूँगा.. और अंकल ने अपना हाथ हटा लिया.

मम्मी ने उनके होंठ को चूमा और कहा – आप, मुझसे नाराज़ मत हुआ कीजिए.. मैं मना नहीं करूँगी.. आप सही कह रहे हैं.. और धीरे धीरे अंकल का होंठ चूमने लगीं.

अंकल भी मेरी मम्मी को कस के पकड़ के फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके मेरी मम्मी के होंठ का रस पीने लगे.

अब अंकल ने मेरी मम्मी को कमर से पकड़ के उठा लिया.

मेरी मम्मी के होंठ अंकल के होंठ में फँसे हुए थे.

अंकल धीरे धीरे बढ़ते हुए, मेरी मम्मी को उठा के दीवार के पास ले गये और मेरी मम्मी को नीचे उतार दिया और पीछे घुमा के खड़ा कर दिया.

मम्मी ने कहा – जल्दी कीजिएगा..

अंकल ने कहा – तुम डरो मत, मेरी रानी..

बस कुछ देर उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी की नाइटी की चैन खोल दी और मेरी मम्मी की पीठ चूमने लगे.

मेरी मम्मी ने ब्रा नहीं पहना था क्यूंकि उनकी ब्रा की पट्टी नहीं दिख रही थी.

अंकल मेरी मम्मी की पीठ अपनी जीभ से चाटने लगे और मेरी मम्मी ने अपने दोनों हथेली दीवार से चिपका लिए थे.

अंकल धीरे धीरे चूमते हुए घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और अपना हाथ मेरी मम्मी के कमर पर नाइटी के ऊपर से पकड़ लिया और पहले अपना नाक ले जाके मेरी मम्मी के गांड के हिस्से को अपनी आँख बंद करके स्मेल किया और उसके बाद अपना नाक ऊपर से मेरी मम्मी के गांड के छेद पर पास ले जाके चिपका दिया और स्मेल करने लगे.

मेरी मम्मी ने अपने होंठ अपने दाँत से दबाए हुए, धीमी आवाज़ में – आ आहह ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म म आ आहह.. की आवाज़ निकल रही थीं.

अंकल ने मेरी मम्मी को पूरी तरह अपने वश मे कर लिया था.

वो जैसा कहते थे मेरी मम्मी वैसा की करती थीं इसी लिए चुप चाप खड़ी अंकल का साथ दे रही थीं.

अंकल लगातार नाक ऊपर से गांड की छेद में घुसा कर, मेरी मम्मी की गांड सूंघ रहे थे.

अंकल ने धीरे से मेरी मम्मी की नाइटी नीचे से उठा के कमर तक कर दी और मेरी मम्मी से कहा – पकड़ इसे..


मम्मी ने वैसा ही किया.

मेरी मम्मी ने पैंटी नहीं पहन रखी थी और उनकी नंगी गांड अंकल के सामने थी.

इसमें कोई शक नहीं की मम्मी की गांड, ग़ज़ब की गोलाई लिए हुई थी.

अंकल ना जाने और कौन सी गोलाई की बात कर रहे थे.

अंकल ने अपनी हथेली से मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर थप्पड़ मारे और मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया.

फिर, अंकल ने मम्मी के चुत्तड़ को दोनों हथेली से फैला दिया.

मेरी मम्मी का चुत्तड़ फैलते ही, उनकी गांड का छेद दिखने लगा.

अंकल ने अपनी नाक मेरी मम्मी के गांड के छेद पर रखा और सूंघने लगे और जीभ आगे निकाल के उनकी चूत चाटने लगे.

मेरी मम्मी – आ आ आ आ आ आहह आ आहह ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म ह्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म आ आ अहह.. करने लगीं.

फिर, अंकल ने पूछा – एक बात बता महक.. तेरे पति ने कभी तेरी गांड की महक ली है..

मम्मी – नहीं..

अंकल – कभी गांड का छेद भी नहीं चाटा..

मम्मी – नहीं, कभी नहीं..

अंकल – मैं तो तेरे गांड के छेद और उसकी स्मेल का दीवाना हूँ.. महक, तू जानती है, जिससे प्यार हो उसकी गांड की महक भी प्रेमी को मदहोश कर देती है.. तू चाहे तो मैं तेरा बिना धुला छेद भी चाट चाट के साफ कर सकता हूँ..

मम्मी – छी: ऐसी बातें मत कीजिए.. मुझे घिन आती है..

अंकल – मुझे तो तेरी किसी चीज़ से घिन नहीं आती, महक.. सिर्फ़ प्यार आता है..

यहाँ मैं अब ये सोचने लगा की सच में अंकल को मम्मी से तगड़ा वाला प्यार हो गया है.

मैं खुद भी किसी का गांड का छेद नहीं सूंघ सकता था.

बल्कि सोच के ही, मेरा जी खट्टा हो गया.

इधर, अंकल ने अब मम्मी की चुत्तड़ को खींच के और चौड़ा कर दिया.

मम्मी की गांड का छेद और फैल के खुल गया.

अंकल ने जीभ उनकी गांड के छेद मे घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे.

मम्मी से वासना बर्दाशत नहीं हो रही थी.

मम्मी ने कहा – अब बर्दाशत नहीं हो रहा है..

मुझे बड़ा अजीब लगा की गांड का छेद चाटने से भी औरत को इतनी उत्तेजना होती है.

अंकल ने कहा – थोड़ी देर रुक जा, मेरी रानी.. तेरी गांड की छेद पूरी तरह गीला करने दे.. फिर आराम से घुसेगा और दर्द नहीं होगा..

मम्मी ने कहा – होने दीजिए दर्द.. मैं चाहती हूँ मुझे दर्द हो.. ठीक वैसा ही जैसा मुझे मेरी चूत की झिल्ली फटने पर हुआ था.. मत रहम कीजिए, आज.. चोद डालिए मेरी गांड मेरी कुँवारी चूत समझ कर.. वैसे भी आपने सच कहा, गांड सच में औरत हर किसी को नहीं देती.. हक़ीकत तो ये है की हर औरत अपनी गांड अपनी जिंदगी में एक ही मर्द को देती है.. बेशक, आप मेरे लिए बहुत ख़ास हैं पर बात ये भी है की आपके बाद किसी और मर्द का लंड मेरी गांड में गया तो मुझे बबासिर हो जाएगा.. हर औरत ये बात जानती है.. एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ये बात पता चलती रहती है.. दादी, नानी, माँ या बड़ी बहन से.. इसलिए औरत गांड एक ही मर्द से मरवाती है.. और वो मर्द वोही होता है जो उसके लिए बेहद ख़ास हो..

अंकल बोले – महक, मुझे ये सब नहीं मालूम था.. पर मुझे बहुत अच्छा लगा की मैं तेरे लिए इतना ख़ास हूँ..

मम्मी – आप मेरे सरताज़ हो..

अंकल – महक, सच बात तो ये है की गांड तो मेरी बीबी ने भी मुझे नहीं मारने दी.. एक दो बार बोल के मैने उससे बोलना छोड दिया.. तुझ पर अपना हक़ समझता हूँ इसलिए लगा रहता हूँ..

मम्मी – आपका मुझ पर और मेरी हर चीज़ पर पूरा हक़ है..

फिर अंकल ने जीभ डाल के कुछ देर मेरी मम्मी की गांड चाटी.

उसके बाद वो खड़े हो गये.

अब मेरी मम्मी की भी नाइटी नीचे गिर गई.

अंकल ने अपनी पैंट खोल ली और अंडर वियर जांघों तक खिसका ली.

अंकल का लण्ड टन के खड़ा था.

मम्मी झुक के नीचे बैठ गई और अंकल का पूरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगीं.

मम्मी अपने हाथों से अंकल का लण्ड सहलाते हुए, अंकल का लण्ड फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके चूसने लगीं.

कुछ देर बाद अंकल ने कहा – चल, अब देर मत कर.. वो उठ जाएगा.. फिर तू मुझे जाने को कहेगी..

उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी का खंडा पकड़ के उठा दिया और उन्हें घुमा के मम्मी से कमर पीछे करने को कहा.

मम्मी ने बेंड होके चुत्तड़ पीछे कर दिया.

अंकल ने थोड़ा अपने हाथ पर थुका और मेरी मम्मी के गांड के छेद पर लगाया.

मम्मी ने बेंड हो के चुत्तड़ पीछे कर दिया.


अंकल ने थोड़ा अपने हाथ पर थुका और मेरी मम्मी के गांड के छेद पर लगाया.

मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और आ आ आ आ आ अहह की चीख निकल पड़ी.

अंकल ने कहा – हो गया… चला गया, अंदर चला गया… अब नहीं होगा दर्द…

मैंने देखा, अंकल का आधा लण्ड मेरी मम्मी के गांड के छेद में जा चुका था.

अंकल ने मम्मी से कहा, चुत्तड़ को फैलाने को.

मम्मी ने वैसा ही किया और दोनों हाथ पीछे करके, अपने चुत्तड़ को फैला दिया.

अब अंकल ने कमर पकड़ते हुए, धीरे धीरे अपना लण्ड मेरी मम्मी की गांड के छेद के अंदर बाहर करने लगे.

मेरी मम्मी दबी आवाज़ में – आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह माआ माआ माआ माआ माआ माआ माआ माआ… करने लगीं.

अंकल ने कहा – महक, मज़ा आ रहा है…

मम्मी ने कहा – हाँ…

अंकल ने कहा – बस अब, दर्द नहीं होगा… इस गांड को पाने के लिए, मैंने बहुत जतन किए हैं… चूत तो बहुत औरत की देखी है लेकिन जो मज़ा तेरी गांड मारने में मुझे आता है, उतना किसी में नहीं… मैं बहुत खुश हूँ महक की मैं वो खास मर्द हूँ, जो तेरी गांड मार रहा है… और धीरे धीरे, वो मेरी मम्मी की गांड मारने लगे.

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RE: मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल... - by usaiha2 - 17-03-2020, 02:38 PM



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