17-03-2020, 02:38 PM
अंकल, वही लेटे हुए थे..
उन्होंने ज़मीन से हाफ पैंट उठा के पहन ली..
मेरी मम्मी सू सू करके, बाहर आ गईं..
आते ही सबसे पहले, उन्होंने नाइटवियर उठाया और पहन लिया..
उसके बाद, अपने बाल संवारे और फिर बिस्तर पर आ गईं..
अंकल नीचे उतार गये और टेबल से अपनी सिगरेट ले के आए और वहीं बिस्तर पर लेट के, जला के पीने लगे..
मेरी मम्मी, अंकल की छाती पर लेटी हुई थीं..
अंकल धीरे धीरे, दूसरे हाथ से मेरी मम्मी के बाल सहला रहे थे..
अंकल ने कहा – महक, तूने सच मे मुझे सुकून दिया है, इस लाइफ में…
अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी से अपनी बातें कर रहे थे और उनके सिर पर हाथ फेर रहे थे..
लगभग 20 मिनट हो गये थे, तभी अंकल ने सिर नीचे करके देखा और हंसते हुए कहा – अरे, सो गई… उसके बाद, धीरे से मम्मी का सिर नीचे कर के तकिये पर रख दिया और नीचे उतर के बाथरूम चले गये..
अंकल बाथरूम से बाहर आ गये और मैंने देखा, उन्होंने अपनी पैंट उतार ली और लाइट बंद करके नाइट बल्ब जला दिया और बिस्तर पर आ गये..
मुझे धीमी रोशनी में दिख रहा था..
अंकल मेरी मम्मी के बगल में बैठ के, अपना लण्ड सहला रहे थे..
मैं जान रहा था की वो फिर से मेरी मम्मी को चोदगें और यही हुआ..
देखते देखते, अंकल ने अपना हाथ मेरी मम्मी की जांघों पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे हाथ फिराने लगे..
मेरी मम्मी उस समय, गहरी नींद में थीं..
अंकल ने सहलाते हुए, नाइटवियर ऊपर तक उठा दिया..
मेरी मम्मी की चूत सॉफ नंगी दिखने लगी..
अंकल ने धीरे से, अपना हाथ मम्मी की चूत पर रख दिया..
मैंने देखा, अचानक से मेरी मम्मी का नींद टूट गई और उन्होंने झटके से अंकल का हाथ उठाते हुए कहा – अब, मुझे सोने दीजिए…
अंकल ने कहा – महक, एक बार…
मम्मी ने कहा – प्लीज़, मुझे नींद आ रही है… थक गई हूँ… दिन भर होली खेली है… सोने दीजिए ना… आप तो पता नहीं, क्या खाते हैं…
अंकल ने अपना हाथ फिर से चूत पर रखते हुए कहा – सो जाना… मैं मना नहीं कर रहा हूँ…
उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये और मेरी मम्मी की दोनों जांघों को खोल दिया..
मेरी मम्मी उनसे बार बार कह रही थीं – प्लीज़, अब नहीं… और हटने की कोशिश कर रही थीं..
लेकिन, अंकल की पकड़ से ना निकल सकीं..
अंकल ने एक झटका मारा और मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह… की चीख निकल गई..
मम्मी ने कहा – निकालिए प्लीज़, मेरा मन नहीं है…
अंकल ने कहा – अभी, मज़ा आने लगेगा… मेरी रानी… मैं जानता हूँ तेरी चूत में कितनी गर्मी है… साली, आज तक मैने सूखी तो एक बार भी देखी ही नहीं… और ठप से एक और धक्का मारा..
फिर से मेरी मम्मी चीख पड़ीं और बोलीं – बहन चोद… चूत नहीं थकती… मानती हूँ… एक नंबर की छीनाल चूत है पर जिस्म तो थक जाता है ना… बहन के लौड़े, भोसड़ी वाले… तू ख़ाता क्या है…
उसके बाद, अंकल – ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके मेरी मम्मी की चुदाई करने लगे..
मेरी मम्मी की चीख बढ़ती जा रही थी – आ आ आ आ आ आ आ आ अहह अहह अहह ओईंम्म्म म म म मम म म म मम म म म ममा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आअ अब ना आ आ आ आ आ आ आ आह हिईीई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ईई ईईई ईईई मा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आअ माआआ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… की आवाज़ और उनकी एक से एक गंदी गालियाँ, कमरे में गूँज रही थीं..
अंकल धक धक करके, मम्मी को बुरी तरह चोदे जा रहे थे..
बिस्तर की चर चर चर चर चर की आवाज़ गूँज रही थी..
अंकल बस हो गया हो गया करके, लगातार मेरी मम्मी को चोदे जा रहे थे..
बहन की चूत तेरी महक… महक… ये तो मुझे पूछना चाहिए, तू क्या खाती है… इस उम्र में तेरी चूत हमेशा गीली रहती है… तो जवानी में, तूने क्या कयामत ढाई होगी…
ये कहते हुए ठप ठप ठप ठप करते हुए, मेरी मम्मी की उन्होंने लगभग 10 मिनट चोदा..
उसके बाद – आ आ आ आ आ आ आ आ अहह करते हुए, शांत हो गये..
उसके बाद कहा – हो गया… अब नहीं करूँगा… सो जा, अब… कहा ना नहीं करूँगा…
उसके बाद, मैंने देखा अंकल बगल में लेट गये..
कुछ देर में मैंने देखा..
वो दोनों, सो गये थे..
मैं वापस रिटर्न हो गया..
##
अगले दिन सुबह में, मेरी छीनाल मम्मी 10 बजे घर आ गईं..
दिन में, मेरी मम्मी सोई हुई थीं..
मेरे हाथ में, मेरी मम्मी का मोबाइल था..
उस समय कोई मैसेज तो नहीं आया था लेकिन, मैंने मेरी मम्मी का व्हाट्स एप्प देखा..
जिसमें, करीबन 12 बजे से लेके 2 बजे तक का चैट था..
अंकल ने मेरी मम्मी को लिखा था – शुक्रिया, कल रात के लिए…
मम्मी ने लिखा था – लेकिन, ये रोज़ रोज़ नहीं चलेगा… मैं अब से पूरी रात नहीं रुकूंगी…
अंकल – मैं खुद नहीं चाहता… लेकिन, क्या करूँ… अब तुम्हारे बिना, रहा नहीं जाता…
मम्मी – आप समझने की कोशिश कीजिए… मेरे बेटे को सब मालूम चल जाएगा…
अंकल – मैंने कल रात भी कहा था… उसे बता दो… वो समझ जाएगा… फिर, मैं जब चाहूँ तुमसे मिलने आ सकता हूँ…
उसके बाद अंकल – अच्छा, सुनो आज रात आओगी…
मम्मी – नहीं…
अंकल – क्यों… ??
मम्मी – आप कौन सी भाषा समझते हैं… बेटा, घर में ही है…
अंकल – मैं आ जाऊं, रात में…
मम्मी – आप पागल हो गये हैं…
अंकल – हाँ यार… तेरी मस्त चूत ने, मुझे सच में पागल कर दिया है… प्लीज़, कुछ देर के लिए… देख, फिर मेरा परिवार आ जाएगी… तब फिर, दूरी हो जाएगी…
मम्मी – नहीं…
अंकल – सुनो, मेरी बात तो सुनो…
मम्मी – क्या है… ??
अंकल – मैं तो आऊंगा… उसके सोने के बाद, तुम बस धीरे से दरवाज़ा खोल देना… मैं चला जाऊंगा…
कुछ देर के बाद, मम्मी – मैं सोच के बताउंगी…
अंकल – मैं शाम में मैसेज करूँगा… बताना…
उसके बाद, कोई मैसेज नहीं था..
लेकिन, मैं जानता था की अगर अंकल डाल डाल तो मम्मी, पात पात..
मुझे पूरा यकीन था की कितना भी रिस्क क्यूँ ना हो, मम्मी थोड़े बहुत नखरे के बाद, अंकल को ज़रूर बुलाएंगी..
जितना अंकल को मम्मी को कुतिया की तरह चोद्ना पसंद था, उससे ज़्यादा मम्मी को अंकल से कुतिया की तरह चुदना पसंद था..
#
ठीक 5 बजे, मेरी मम्मी की नींद खुली..
मैंने मम्मी के लिए चाय बनाई और साथ में चाय पी..
फिर, सब नॉर्मल चल रहा था..
मम्मी ने रात का खाना बनाया और हमने, साथ में खाना खाया..
उसके बाद, मैंने मम्मी से कहा – मैं सोने जा रहा हूँ, अपने कमरे में… और, मैं चला गया..
करीबन, उस समय रात के 11 बज रहे होंगे..
मैं अपने कमरे में चला तो गया था लेकिन मैं जानता था, मम्मी की आज फिर से पलंग तोड़ चुदाई होने वाली है..
अंकल कभी भी मेरी मम्मी की सुनते नहीं थे, वो अपनी हवस मेरी मम्मी पर मिटाए बिना नहीं मानते थे..
और आप भी जानते ही हैं, मेरी मम्मी कौन सी कम हवसी थी..
उन्होंने ज़मीन से हाफ पैंट उठा के पहन ली..
मेरी मम्मी सू सू करके, बाहर आ गईं..
आते ही सबसे पहले, उन्होंने नाइटवियर उठाया और पहन लिया..
उसके बाद, अपने बाल संवारे और फिर बिस्तर पर आ गईं..
अंकल नीचे उतार गये और टेबल से अपनी सिगरेट ले के आए और वहीं बिस्तर पर लेट के, जला के पीने लगे..
मेरी मम्मी, अंकल की छाती पर लेटी हुई थीं..
अंकल धीरे धीरे, दूसरे हाथ से मेरी मम्मी के बाल सहला रहे थे..
अंकल ने कहा – महक, तूने सच मे मुझे सुकून दिया है, इस लाइफ में…
अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी से अपनी बातें कर रहे थे और उनके सिर पर हाथ फेर रहे थे..
लगभग 20 मिनट हो गये थे, तभी अंकल ने सिर नीचे करके देखा और हंसते हुए कहा – अरे, सो गई… उसके बाद, धीरे से मम्मी का सिर नीचे कर के तकिये पर रख दिया और नीचे उतर के बाथरूम चले गये..
अंकल बाथरूम से बाहर आ गये और मैंने देखा, उन्होंने अपनी पैंट उतार ली और लाइट बंद करके नाइट बल्ब जला दिया और बिस्तर पर आ गये..
मुझे धीमी रोशनी में दिख रहा था..
अंकल मेरी मम्मी के बगल में बैठ के, अपना लण्ड सहला रहे थे..
मैं जान रहा था की वो फिर से मेरी मम्मी को चोदगें और यही हुआ..
देखते देखते, अंकल ने अपना हाथ मेरी मम्मी की जांघों पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे हाथ फिराने लगे..
मेरी मम्मी उस समय, गहरी नींद में थीं..
अंकल ने सहलाते हुए, नाइटवियर ऊपर तक उठा दिया..
मेरी मम्मी की चूत सॉफ नंगी दिखने लगी..
अंकल ने धीरे से, अपना हाथ मम्मी की चूत पर रख दिया..
मैंने देखा, अचानक से मेरी मम्मी का नींद टूट गई और उन्होंने झटके से अंकल का हाथ उठाते हुए कहा – अब, मुझे सोने दीजिए…
अंकल ने कहा – महक, एक बार…
मम्मी ने कहा – प्लीज़, मुझे नींद आ रही है… थक गई हूँ… दिन भर होली खेली है… सोने दीजिए ना… आप तो पता नहीं, क्या खाते हैं…
अंकल ने अपना हाथ फिर से चूत पर रखते हुए कहा – सो जाना… मैं मना नहीं कर रहा हूँ…
उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये और मेरी मम्मी की दोनों जांघों को खोल दिया..
मेरी मम्मी उनसे बार बार कह रही थीं – प्लीज़, अब नहीं… और हटने की कोशिश कर रही थीं..
लेकिन, अंकल की पकड़ से ना निकल सकीं..
अंकल ने एक झटका मारा और मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह… की चीख निकल गई..
मम्मी ने कहा – निकालिए प्लीज़, मेरा मन नहीं है…
अंकल ने कहा – अभी, मज़ा आने लगेगा… मेरी रानी… मैं जानता हूँ तेरी चूत में कितनी गर्मी है… साली, आज तक मैने सूखी तो एक बार भी देखी ही नहीं… और ठप से एक और धक्का मारा..
फिर से मेरी मम्मी चीख पड़ीं और बोलीं – बहन चोद… चूत नहीं थकती… मानती हूँ… एक नंबर की छीनाल चूत है पर जिस्म तो थक जाता है ना… बहन के लौड़े, भोसड़ी वाले… तू ख़ाता क्या है…
उसके बाद, अंकल – ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके मेरी मम्मी की चुदाई करने लगे..
मेरी मम्मी की चीख बढ़ती जा रही थी – आ आ आ आ आ आ आ आ अहह अहह अहह ओईंम्म्म म म म मम म म म मम म म म ममा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आअ अब ना आ आ आ आ आ आ आ आह हिईीई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ईई ईईई ईईई मा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आअ माआआ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… की आवाज़ और उनकी एक से एक गंदी गालियाँ, कमरे में गूँज रही थीं..
अंकल धक धक करके, मम्मी को बुरी तरह चोदे जा रहे थे..
बिस्तर की चर चर चर चर चर की आवाज़ गूँज रही थी..
अंकल बस हो गया हो गया करके, लगातार मेरी मम्मी को चोदे जा रहे थे..
बहन की चूत तेरी महक… महक… ये तो मुझे पूछना चाहिए, तू क्या खाती है… इस उम्र में तेरी चूत हमेशा गीली रहती है… तो जवानी में, तूने क्या कयामत ढाई होगी…
ये कहते हुए ठप ठप ठप ठप करते हुए, मेरी मम्मी की उन्होंने लगभग 10 मिनट चोदा..
उसके बाद – आ आ आ आ आ आ आ आ अहह करते हुए, शांत हो गये..
उसके बाद कहा – हो गया… अब नहीं करूँगा… सो जा, अब… कहा ना नहीं करूँगा…
उसके बाद, मैंने देखा अंकल बगल में लेट गये..
कुछ देर में मैंने देखा..
वो दोनों, सो गये थे..
मैं वापस रिटर्न हो गया..
##
अगले दिन सुबह में, मेरी छीनाल मम्मी 10 बजे घर आ गईं..
दिन में, मेरी मम्मी सोई हुई थीं..
मेरे हाथ में, मेरी मम्मी का मोबाइल था..
उस समय कोई मैसेज तो नहीं आया था लेकिन, मैंने मेरी मम्मी का व्हाट्स एप्प देखा..
जिसमें, करीबन 12 बजे से लेके 2 बजे तक का चैट था..
अंकल ने मेरी मम्मी को लिखा था – शुक्रिया, कल रात के लिए…
मम्मी ने लिखा था – लेकिन, ये रोज़ रोज़ नहीं चलेगा… मैं अब से पूरी रात नहीं रुकूंगी…
अंकल – मैं खुद नहीं चाहता… लेकिन, क्या करूँ… अब तुम्हारे बिना, रहा नहीं जाता…
मम्मी – आप समझने की कोशिश कीजिए… मेरे बेटे को सब मालूम चल जाएगा…
अंकल – मैंने कल रात भी कहा था… उसे बता दो… वो समझ जाएगा… फिर, मैं जब चाहूँ तुमसे मिलने आ सकता हूँ…
उसके बाद अंकल – अच्छा, सुनो आज रात आओगी…
मम्मी – नहीं…
अंकल – क्यों… ??
मम्मी – आप कौन सी भाषा समझते हैं… बेटा, घर में ही है…
अंकल – मैं आ जाऊं, रात में…
मम्मी – आप पागल हो गये हैं…
अंकल – हाँ यार… तेरी मस्त चूत ने, मुझे सच में पागल कर दिया है… प्लीज़, कुछ देर के लिए… देख, फिर मेरा परिवार आ जाएगी… तब फिर, दूरी हो जाएगी…
मम्मी – नहीं…
अंकल – सुनो, मेरी बात तो सुनो…
मम्मी – क्या है… ??
अंकल – मैं तो आऊंगा… उसके सोने के बाद, तुम बस धीरे से दरवाज़ा खोल देना… मैं चला जाऊंगा…
कुछ देर के बाद, मम्मी – मैं सोच के बताउंगी…
अंकल – मैं शाम में मैसेज करूँगा… बताना…
उसके बाद, कोई मैसेज नहीं था..
लेकिन, मैं जानता था की अगर अंकल डाल डाल तो मम्मी, पात पात..
मुझे पूरा यकीन था की कितना भी रिस्क क्यूँ ना हो, मम्मी थोड़े बहुत नखरे के बाद, अंकल को ज़रूर बुलाएंगी..
जितना अंकल को मम्मी को कुतिया की तरह चोद्ना पसंद था, उससे ज़्यादा मम्मी को अंकल से कुतिया की तरह चुदना पसंद था..
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ठीक 5 बजे, मेरी मम्मी की नींद खुली..
मैंने मम्मी के लिए चाय बनाई और साथ में चाय पी..
फिर, सब नॉर्मल चल रहा था..
मम्मी ने रात का खाना बनाया और हमने, साथ में खाना खाया..
उसके बाद, मैंने मम्मी से कहा – मैं सोने जा रहा हूँ, अपने कमरे में… और, मैं चला गया..
करीबन, उस समय रात के 11 बज रहे होंगे..
मैं अपने कमरे में चला तो गया था लेकिन मैं जानता था, मम्मी की आज फिर से पलंग तोड़ चुदाई होने वाली है..
अंकल कभी भी मेरी मम्मी की सुनते नहीं थे, वो अपनी हवस मेरी मम्मी पर मिटाए बिना नहीं मानते थे..
और आप भी जानते ही हैं, मेरी मम्मी कौन सी कम हवसी थी..