17-03-2020, 02:35 PM
(भाग-4)
खैर, उसके बाद अंकल ने मेरी मम्मी की पैंटी खींच के निकाल दी और मेरी मम्मी को सोफे पर बिठा दिया और पेटीकोट को कमर तक उठा दिया.
मेरी मम्मी ने अपनी दोनों टांगें खोल लीं.
अब मुझे साफ साफ, मेरी मम्मी की चूत दिख रही थी.
मम्मी की चूत पर, थोड़े थोड़े झांट के बाल थे.
अंकल ने दो उंगली से चूत को फैला दिया और जीभ को अंदर घुसा दिया और मेरी मम्मी की चूत चाटने लगे.
मम्मी फिर से – आ आहह आ आ आ आ आ अहह आ आआ आआहह इस स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् सस्स करने लगी.
अब अंकल ने मम्मी से कहा – मज़ा आया, महक…
मम्मी ने कहा – हाँ… बहुत अच्छा लग रहा है… औरत को काबू करना, आप खूब जानते हैं… इसलिए तो बदजलन बन गई हूँ… अपनी औलाद की परवाह तक नहीं करती… सारी शरम बेच दी है, मैंने… लंड क्या है, जादू की छड़ी है…
अंकल ने कहा – आ अहह उंह… मेरी रानी, तेरे मुँह से लंड सुनना कितना मस्त लगता है… मेरी जानू, इसी लिए तुझे मैं इतना चाहता हूँ पूरा साथ देती है, तू मेरा… बोल तो, तेरे पिल्ले को ठिकाने लगवा दूं… जी भर के चुदना, सुबह शाम दिन रात…
मम्मी ने बस इतना बोला – क्या आप भी…
मैंने सोचा पहले तो बोर्डिंग ही भेजने का प्लान था, अब तो सीधे ठिकाने.
मुझे लगा, क्या मेरा अंत निकट है?
खैर, इधर अंकल फिर से मेरी मम्मी की चूत चाटने लगे.
यहाँ मम्मी, पूरी तरह से बेकाबू हो रही थीं.
वो लगतार, सिसकारियाँ ले रही थीं.
उन्हें इस समय, बहुत मज़ा आ रहा था.
इस मज़े के लिया क्या मेरी मम्मी मुझे ठिकाने लगवा सकती थीं?
वो पूरी टांगें खोले, अंकल से अपनी चूत चटवा रही थीं.
अंकल एक हाथ से, अपना लण्ड भी सहला रहे थे.
कुछ देर ऐसे बीतने के बाद, अंकल खड़े हो गये.
मैंने देखा अंकल का लंड बिल्कुल तन के खड़ा था.
अंकल ने अपने झांट के बाल साफ कर रखे थे क्यूंकि उनके लण्ड के पास, एक भी बाल नहीं था.
मम्मी पाँव नीचे कर के, सोफे पर बैठ हुई थीं.
मम्मी ने अपने दाहिने हाथ से अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं.
उसके बाद देखते देखते, मम्मी ने अंकल का लण्ड मुंह में ले लिया और धीरे धीरे, उनका लण्ड चूसने लगीं.
मम्मी ने अंकल का आधा लण्ड अपने मुंह में ले लिया था और अंदर बाहर कर रही थीं.
इसी बीच, अंकल ने लण्ड बाहर निकाल लिया.
मम्मी ने पूछा – क्या हुआ… ??
अंकल ने कहा – 1 सेकेंड और उन्होंने झुक के मेरी मम्मी की पैंटी उठा ली और उसके बाद फिर से मम्मी के मुंह में लण्ड घुसा दिया और…
मेरी मम्मी, धीरे धीरे अंकल का लण्ड चूसने लगीं.
मैंने देखा अंकल ने अपने हाथ में मेरी मम्मी की पैंटी पकड़ रखी थी और उसे सूंघ रहे थे.
अंकल ने मम्मी से कहा – महक, तेरी पैंटी से मस्त महक आती है… आ आहह… तेरी चूत की महक…
उसके बाद अंकल ने हाथ नीचे किया और पैंटी को उंगली में फँसा के, मम्मी की चूत में घुसा दिया और थोड़ा सा रगड़ के बाहर निकाला.
मम्मी ने कहा – ये क्या कर रहे हैं, आप… ??
अंकल ने कहा – तेरी चूत का रस चाटना है…
मैंने देखा, मेरी मम्मी की पैंटी पर थोड़ा सा चूत का पानी लगा हुआ था…
अंकल, पैंटी मुंह मे लेके चाटने लगे.
मम्मी उसी तरह धीरे धीरे, अंकल का लण्ड चूसने लगीं.
अंकल ने कहा – पूरा ले अंदर…
लेकिन मम्मी धीरे धीरे आधा लण्ड ही चूसती रहीं.
अंकल ने एक हाथ से मम्मी का गाल पकड़ा और मैंने देखा, मेरी मम्मी का पूरा मुंह खुल गया.
अंकल ने धीरे से कमर आगे कर दी.
अंकल का पूरा लण्ड इस समय, मेरी मम्मी के मुंह में चला गया था.
अंकल एक तरफ, मेरी मम्मी की पैंटी सूंघ रहे थे दूसरी तरफ मेरी मम्मी के बाल पकड़ के अपना पूरा लण्ड मेरी मम्मी के मुंह मे पेल रहे थे.
अंकल के लण्ड पर मेरी मम्मी का थूक लग चुका था.
अब अंकल ने अपना लण्ड बाहर निकाला.
अंकल ने सेंट्रल टेबल हटा दिया और मम्मी के हाथ पकड़ के, उन्हें नीचे उतार के कालीन पर ले के घुटनों के बल बिठा दिया और फिर मम्मी के पीछे आकर घुटनों के बल बैठ गये और अपना हाथ, मम्मी की कमर पर रख दिया और लण्ड का टोपा मेरी मम्मी के चूत के ऊपर रखते हुए कस के धक्का मारा.
मेरी मम्मी का शरीर हिल सा गया.
मैंने देखा, अंकल का पूरा लण्ड मेरी मम्मी के चूत के अंदर चला गया था.
मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आहह की चीख निकल गई थी.
अंकल ने दोनों की एक एक टांग मोड़ के संतुलन बनाया और वो दूसरी टांग के घुटने को वैसे ही, कालीन पर रखे हुए थे.
एक झटके से उन्होने लण्ड बाहर निकाला और फिर से धक्का मारा.
मम्मी के पूरे चुत्तड़ हिल गये.
अंकल ने फिर से लण्ड निकाला और कस के धक्का मारा.
मम्मी के मुंह से ज़ोर से आ आ आ आ आ आआहह निकल गया.
उसके बाद, अंकल धीरे धीरे मेरी मम्मी को चोदने लगे.
उनका पूरा लण्ड, मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था.
हर धक्के पर, मेरी मम्मी की पायल की छन छन छन छन की आवाज़ आ रही थी.
आगे से, मेरी मम्मी के दूध आगे पीछे हो रहे थे और पीछे से ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आ रही थी.
अंकल मस्त हो के मेरी मम्मी की चुदाई कर रहे थे.
मेरी मम्मी के मुंह से आ अहह आ अहह आ आहह आ अहह उई ईईई मा आआ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… आ रही थी.
अंकल ने कहा – आ आहह महक मज़ा आ गया… कितने दिन से सोच रहा था, तुझे रात में यहाँ लाने का लेकिन क्या करू बीवी की वजह से नहीं ला पा रहा था…
अंकल ने ये कहते हुए, मेरी मम्मी के बाल पकड़ लिए और खींच के बुरी तरह उन्हें चोदने लगे.
मेरी मम्मी, थोड़ी पीछे की साइड हो गईं.
अंकल बाल पकड़े, मेरी मम्मी को ताबड़तोड़ चोदने लगे.
अंकल के धक्के से, मेरी मम्मी का पूरा बदन हिल रहा था.
कुछ देर ऐसे चोदने के बाद, अंकल उठ के खड़े हो गये और उन्होंने मेरी मम्मी को पकड़ के खड़ा कर दिया.
मेरी मम्मी का पेटीकोट, नीचे गिर गया.
अंकल ने पीछे से मेरी मम्मी को पकड़ा और पेटीकोट का नाडा खोल दिया.
मेरी मम्मी का पेटीकोट, तुरंत नीचे गिर गया.
अब इस समय, मेरी मम्मी पूरी नंगी हो गई थीं.
अंकल ने मेरी मम्मी के दोनों हाथ पकड़ लिए और पीछे से खींच के पकड़ लिया और धका धक अपना लण्ड, मेरी मम्मी के चूत के अंदर बाहर करने लगे.
मेरी मम्मी ज़ोर से – आ अहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह करने लगीं.
मम्मी ने कहा – धीरे, कीजिए ना…
अंकल ने कहा – नहीं रानी, आज रात तुझे अपनी मर्ज़ी से चोद ना चाहता हूँ… मज़ा ले, इस चुदाई का…
अंकल धका धक, मेरी मम्मी की चुदाई करने में लग गये.
अंकल ने मेरी मम्मी से कहा – महक, तूने मुझे बहुत सुकून दिया है… तेरी चूत में जो मज़ा है, वो किसी और की चूत में ज़रा भी नहीं…
मम्मी ने कहा – बहन चोद, चूत बची कहाँ है… भोसड़ी बना दी है, तूने… आ आ आअहह दर्द हो रहा है… थोड़ा तो धीरे कर… प्लीज़…
अंकल नहीं माने और वो जानवरों की तरह, मेरी मम्मी को चोदते रहे.
मम्मी भी किसी कोठे की रंडी की तरह, उन्हें माँ बहन की और ना जाने कौन सी कौन गंदी गालियाँ देती रहीं.
तभी अंकल ने – आ आ आ आ आ आ आ अहह की आवाज़ निकाली और मेरी मम्मी के हाथ को छोड़ दिया.
मैं समझ गया, अंकल ने अपना वीर्य अंदर गिरा दिया है.
अब वो मेरी मम्मी की कमर पकड़ के, धीरे धीरे अपनी गांड हिलाने लगे.
उसके बाद अंकल ने लण्ड बाहर निकाल लिया और एक चाटा, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर मारा।
चाटा इतना जबरदस्त था की मम्मी का पूरा चुत्तड़ हिल गया।
इधर, मेरी मम्मी की चूत से अंकल का वीर्य टपक रहा था।
मम्मी ने कहा – मैं वॉशरूम से आती हूँ…
अंकल ने कहा – जा, जल्दी आना…
उसके बाद, अंकल सोफे पर बैठ गये।
उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं और सुकून की साँस ले रहे थे।
फिर अंकल खड़े हो के बेड रूम में चले गये और तब तक, मेरी मम्मी वॉशरूम से बाहर आ गईं।
उन्होंने अंकल को वहां ना देख के आवाज़ लगाई।
अंकल ने कमरे से आवाज़ दी – आ रहा हूँ…
अंकल बाहर आ गये।
अब अंकल ने हाफ पैंट पहन ली थीं।
इधर, मेरी मम्मी जब तक अंकल आए उन्होंने अपनी पैंटी पहन ली थी।
मम्मी अपनी ब्रा, ज़मीन से उठा के पहनने लगीं।
अंकल ने कहा – क्या कर रही हो… ??
मम्मी ने कहा – अब, मैं चलती हूँ… देर हो रही है…
अंकल ने कहा – मैंने कहा ना… आज तुम्हें, यहीं रहना है…
मम्मी ने कहा – मेरा बेटा, इंतेज़ार कर रहा होगा…
अंकल ने मम्मी से कहा – एक मिनट…
उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी के पर्स से मोबाइल निकाल के चालू किया और मेसेज दिखाया।
अंकल बोले – देखो, मैंने तुम्हारे पिल्ले को बता दिया है… अब तक तो वो सो भी गया होगा…
उसके बाद, अंकल ने मम्मी से कहा – रूको, मैं तुम्हारे लिए नाइट ड्रेस लेके आता हूँ…
उसके बाद, अंकल कमरे में चले गये।
मेरी मम्मी ने अपनी ब्रा वापस निकाल ली और ज़मीन पर पड़े कपड़े उठा के सोफे पर रख दिए।
मेरी मम्मी ने अपने बाल बाँध लिए और सिर पर हेयर बैंड लगा लिया।
अंकल 5 मिनट में, बाहर आ गये।
उन्होंने आंटी की नाइट वियर, मेरी मम्मी को दिया और कहा – पहन लो, इसे…
मेरी मम्मी ने अंकल के सामने, उसे शरीर पर डाल लिया।
आंटी का नाइटवियर, बहुत पारदर्शी था।
मेरी मम्मी का बदन, साफ साफ दिख रहा था।
बस ऐसा मानो जैसे नाम के लिए, उनके बदन पर कपड़ा था बाकी हर एक अंग साफ साफ दिख रहा था।
अब अंकल और मेरी मम्मी, सोफे पर बैठ गये और बातें करने लगे।
अंकल बीच बीच में मेरी मम्मी के साथ मज़ाक कर रहे थे, जिससे वो हंस पड़ती थीं।
मम्मी ने कहा – यार, बहुत थक गई हूँ… सोना है…
अंकल ने कहा – अरे खाना तो खा लो, पहले…
उसके बाद, अंकल खुद उठ के गये और किचन से खाना लेके आए और मेरी मम्मी और अंकल साथ में बैठ के खाना खाने लगे।
खाना खाने के बाद, अंकल ने मम्मी से कहा – चल, बेड रूम में चलते हैं…
अब मम्मी ने कहा – ठीक है…
उसके बाद, अंकल और मेरी मम्मी बेड रूम में चले गये और अंकल ने दरवाज़ा बंद कर दिया।
पूरे हॉल में सन्नाटा हो गया।
मैं कमरे के साइड में चला गया, जहाँ बिस्तर पर मेरी मम्मी लेटी हुई थीं और अंकल टेबल की साइड में खड़े हो के अपने मोबाइल पर कुछ कर रहे थे।
उसके बाद उन्होंने, अपना मोबाइल ऑफ कर दिया और बाथरूम चले गये।
मेरी मम्मी, लेटी हुईं थीं।
उन्होंने टीवी चला ली और देखने लगीं।
कुछ ही देर में, अंकल बाहर आ गये और आते ही वो बिस्तर पर चले गये।
मेरी मम्मी, अंकल से चिपक के लेट गईं।
फिर, अंकल ने रिमोट से टीवी बंद कर दिया।
मेरी मम्मी का सिर, अंकल की छाती पर था।
अंकल ने कहा – तुम्हें बुरा तो नहीं लगा ना…
मम्मी ने कहा – किस बात का… ??
अंकल ने कहा – तुम्हें यहाँ रोक लिया, इसके लिए…
मम्मी ने कहा – नहीं, बुरा नहीं लगा…
अंकल ने कहा – महक, कसम से… अब तेरे बिना रहा नहीं जाता… बिस्तर पर होता हूँ, अपनी बीवी के साथ लेकिन मन ही मन में हमेशा तेरे साथ रहता हूँ…
मम्मी ने कहा – अगर सच कहूँ तो मैं भी बहुत बेचैन हो जाती हूँ, रात में… अकेली पड़ जाती हूँ…
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, तेरा पति बाहर रहता है… तू कितनी अकेली है… मगर तू घबरा नहीं… मैं हमेशा, तेरे साथ हूँ… तुझे जब भी मेरी ज़रूरत पड़ेगी, तू मुझे बुला लेना…
मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ, आप मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे…
अब अंकल ने मम्मी से कहा – मैं बहुत दिन से एक बात सोच रहा था…
मम्मी ने कहा – क्या… ??
अंकल ने कहा – ये निर्णय, हम दोनों का होगा…
मम्मी ने थोड़ा बेचेन होते हुए कहा – कहिए ना, क्या बात है…। ??
अंकल ने कहा – मुझे लगता है, हमें अफरोज़ को अब इस रिश्ते के बारे में बता देना चाहिए…
मम्मी झटके से, उठ के खड़ी हो गईं।
मम्मी ने कहा – आप को पता भी है, आप ये क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – तुम अच्छे से जानती हो, जान… मैं जैसे श्लोक को मानता हूँ, वैसे अफरोज़ को मानता हूँ और तुमने जैसा बताया की उसे शायद शक हो गया है… मुझे लगता है, ये सही टाइम है… उसे सब मालूम चल जाना चाहिए…
मम्मी ने कहा – आपको सच में समझ में आ रहा है ना की आप क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – इस में क्या ग़लत है… तुम्हें मुझसे प्यार है…
मम्मी ने कहा – हाँ, मुझे आपसे प्यार है… मगर वो मेरा बेटा है…
अंकल ने कहा – जानू, इसी लिए तो कह रहा हूँ… उसे समझ में आ जाएगा की उसकी मम्मी की खुशी किसके साथ में है… विश्वास कर महक, इससे हमारे रिश्ते को एक अंजाम मिलेगा… नहीं तो यून्हीं, हम छिप छिप के मिलते रहेंगें… कभी मैं अपनी बीवी से, कभी तुम्हारे बेटे से…
मम्मी ने कहा – क्या आप ये बात, अपनी वाइफ को बता सकते हैं…
अंकल ने कहा – अगर, तू मुझसे शादी करने के लिए तैयार है तो बोल… मैं उसे ये बात बता दूँगा और तलाक़ दे दूँगा…
कुछ देर की खामोशी के बाद, मम्मी ने कहा – मुझे लगता है, अभी ये सही समय नहीं है…
अंकल ने थोड़ी देर सोचा, फिर कहा – देख, मैंने तुम्हारे सामने ये तर्क दिया… तुम सोच लो और मुझे बताना क्यूंकि अब मुझसे तेरी जुदाई बर्दाशत नहीं होती है… मैं अब हमेशा, तेरे साथ रहना चाहता हूँ…
मम्मी अब, अंकल की तरफ देख रही थीं।
मैने गौर किया, उनकी नज़रों में वासना नही थी।
इधर मैं भी सदमे में था क्यूंकी आज तक मैं यही समझता था की अंकल सिर्फ़ मम्मी के जिस्म को भोग रहे हैं और जी भर जाने पर, उन्हें छोड़ देंगें।
ना जाने कितने सवाल, मेरे दिमाग़ में उठ रहे थे।
क्या ये अंकल का, कोई सोचा समझा प्लान था?
क्या सही में मम्मी, पापा को तलाक़ दे कर उनसे शादी करने वाली थीं?
खैर, अंकल ने मेरी मम्मी के बाजू पकड़ के उन्हें अपने ऊपर लिटा लिया और उनके बाल सहलाने लगे।
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, मैं जितना तुझसे प्यार करता हूँ शायद तुम नहीं करती…
मम्मी ने कहा – ऐसा नहीं है… बस, मैं अपनी परिवार को टूटने नहीं देना चाहती… आपके लिए, ये सब आसान होगा… मेरे लिए नहीं…
अंकल ने कहा – तेरा परिवार, तेरा पति, तेरा पिल्ला…
फिर, अंकल खुद को संभालते हुए बोले – चल, ठीक है… टाइम ले ले, मुझे कोई दिक्कत नहीं है… मैंने तुझसे पहले ही कहा था, कोई ज़बरदस्ती नहीं है…
उसके बाद, अंकल ने मेरी मम्मी को थोड़ा और ऊपर चढ़ा लिया और उनके माथे पर चूमा।
अब मम्मी और अंकल, एक दूसरे को देख रहे थे।
खैर, उसके बाद अंकल ने मेरी मम्मी की पैंटी खींच के निकाल दी और मेरी मम्मी को सोफे पर बिठा दिया और पेटीकोट को कमर तक उठा दिया.
मेरी मम्मी ने अपनी दोनों टांगें खोल लीं.
अब मुझे साफ साफ, मेरी मम्मी की चूत दिख रही थी.
मम्मी की चूत पर, थोड़े थोड़े झांट के बाल थे.
अंकल ने दो उंगली से चूत को फैला दिया और जीभ को अंदर घुसा दिया और मेरी मम्मी की चूत चाटने लगे.
मम्मी फिर से – आ आहह आ आ आ आ आ अहह आ आआ आआहह इस स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् सस्स करने लगी.
अब अंकल ने मम्मी से कहा – मज़ा आया, महक…
मम्मी ने कहा – हाँ… बहुत अच्छा लग रहा है… औरत को काबू करना, आप खूब जानते हैं… इसलिए तो बदजलन बन गई हूँ… अपनी औलाद की परवाह तक नहीं करती… सारी शरम बेच दी है, मैंने… लंड क्या है, जादू की छड़ी है…
अंकल ने कहा – आ अहह उंह… मेरी रानी, तेरे मुँह से लंड सुनना कितना मस्त लगता है… मेरी जानू, इसी लिए तुझे मैं इतना चाहता हूँ पूरा साथ देती है, तू मेरा… बोल तो, तेरे पिल्ले को ठिकाने लगवा दूं… जी भर के चुदना, सुबह शाम दिन रात…
मम्मी ने बस इतना बोला – क्या आप भी…
मैंने सोचा पहले तो बोर्डिंग ही भेजने का प्लान था, अब तो सीधे ठिकाने.
मुझे लगा, क्या मेरा अंत निकट है?
खैर, इधर अंकल फिर से मेरी मम्मी की चूत चाटने लगे.
यहाँ मम्मी, पूरी तरह से बेकाबू हो रही थीं.
वो लगतार, सिसकारियाँ ले रही थीं.
उन्हें इस समय, बहुत मज़ा आ रहा था.
इस मज़े के लिया क्या मेरी मम्मी मुझे ठिकाने लगवा सकती थीं?
वो पूरी टांगें खोले, अंकल से अपनी चूत चटवा रही थीं.
अंकल एक हाथ से, अपना लण्ड भी सहला रहे थे.
कुछ देर ऐसे बीतने के बाद, अंकल खड़े हो गये.
मैंने देखा अंकल का लंड बिल्कुल तन के खड़ा था.
अंकल ने अपने झांट के बाल साफ कर रखे थे क्यूंकि उनके लण्ड के पास, एक भी बाल नहीं था.
मम्मी पाँव नीचे कर के, सोफे पर बैठ हुई थीं.
मम्मी ने अपने दाहिने हाथ से अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं.
उसके बाद देखते देखते, मम्मी ने अंकल का लण्ड मुंह में ले लिया और धीरे धीरे, उनका लण्ड चूसने लगीं.
मम्मी ने अंकल का आधा लण्ड अपने मुंह में ले लिया था और अंदर बाहर कर रही थीं.
इसी बीच, अंकल ने लण्ड बाहर निकाल लिया.
मम्मी ने पूछा – क्या हुआ… ??
अंकल ने कहा – 1 सेकेंड और उन्होंने झुक के मेरी मम्मी की पैंटी उठा ली और उसके बाद फिर से मम्मी के मुंह में लण्ड घुसा दिया और…
मेरी मम्मी, धीरे धीरे अंकल का लण्ड चूसने लगीं.
मैंने देखा अंकल ने अपने हाथ में मेरी मम्मी की पैंटी पकड़ रखी थी और उसे सूंघ रहे थे.
अंकल ने मम्मी से कहा – महक, तेरी पैंटी से मस्त महक आती है… आ आहह… तेरी चूत की महक…
उसके बाद अंकल ने हाथ नीचे किया और पैंटी को उंगली में फँसा के, मम्मी की चूत में घुसा दिया और थोड़ा सा रगड़ के बाहर निकाला.
मम्मी ने कहा – ये क्या कर रहे हैं, आप… ??
अंकल ने कहा – तेरी चूत का रस चाटना है…
मैंने देखा, मेरी मम्मी की पैंटी पर थोड़ा सा चूत का पानी लगा हुआ था…
अंकल, पैंटी मुंह मे लेके चाटने लगे.
मम्मी उसी तरह धीरे धीरे, अंकल का लण्ड चूसने लगीं.
अंकल ने कहा – पूरा ले अंदर…
लेकिन मम्मी धीरे धीरे आधा लण्ड ही चूसती रहीं.
अंकल ने एक हाथ से मम्मी का गाल पकड़ा और मैंने देखा, मेरी मम्मी का पूरा मुंह खुल गया.
अंकल ने धीरे से कमर आगे कर दी.
अंकल का पूरा लण्ड इस समय, मेरी मम्मी के मुंह में चला गया था.
अंकल एक तरफ, मेरी मम्मी की पैंटी सूंघ रहे थे दूसरी तरफ मेरी मम्मी के बाल पकड़ के अपना पूरा लण्ड मेरी मम्मी के मुंह मे पेल रहे थे.
अंकल के लण्ड पर मेरी मम्मी का थूक लग चुका था.
अब अंकल ने अपना लण्ड बाहर निकाला.
अंकल ने सेंट्रल टेबल हटा दिया और मम्मी के हाथ पकड़ के, उन्हें नीचे उतार के कालीन पर ले के घुटनों के बल बिठा दिया और फिर मम्मी के पीछे आकर घुटनों के बल बैठ गये और अपना हाथ, मम्मी की कमर पर रख दिया और लण्ड का टोपा मेरी मम्मी के चूत के ऊपर रखते हुए कस के धक्का मारा.
मेरी मम्मी का शरीर हिल सा गया.
मैंने देखा, अंकल का पूरा लण्ड मेरी मम्मी के चूत के अंदर चला गया था.
मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आहह की चीख निकल गई थी.
अंकल ने दोनों की एक एक टांग मोड़ के संतुलन बनाया और वो दूसरी टांग के घुटने को वैसे ही, कालीन पर रखे हुए थे.
एक झटके से उन्होने लण्ड बाहर निकाला और फिर से धक्का मारा.
मम्मी के पूरे चुत्तड़ हिल गये.
अंकल ने फिर से लण्ड निकाला और कस के धक्का मारा.
मम्मी के मुंह से ज़ोर से आ आ आ आ आ आआहह निकल गया.
उसके बाद, अंकल धीरे धीरे मेरी मम्मी को चोदने लगे.
उनका पूरा लण्ड, मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था.
हर धक्के पर, मेरी मम्मी की पायल की छन छन छन छन की आवाज़ आ रही थी.
आगे से, मेरी मम्मी के दूध आगे पीछे हो रहे थे और पीछे से ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आ रही थी.
अंकल मस्त हो के मेरी मम्मी की चुदाई कर रहे थे.
मेरी मम्मी के मुंह से आ अहह आ अहह आ आहह आ अहह उई ईईई मा आआ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… आ रही थी.
अंकल ने कहा – आ आहह महक मज़ा आ गया… कितने दिन से सोच रहा था, तुझे रात में यहाँ लाने का लेकिन क्या करू बीवी की वजह से नहीं ला पा रहा था…
अंकल ने ये कहते हुए, मेरी मम्मी के बाल पकड़ लिए और खींच के बुरी तरह उन्हें चोदने लगे.
मेरी मम्मी, थोड़ी पीछे की साइड हो गईं.
अंकल बाल पकड़े, मेरी मम्मी को ताबड़तोड़ चोदने लगे.
अंकल के धक्के से, मेरी मम्मी का पूरा बदन हिल रहा था.
कुछ देर ऐसे चोदने के बाद, अंकल उठ के खड़े हो गये और उन्होंने मेरी मम्मी को पकड़ के खड़ा कर दिया.
मेरी मम्मी का पेटीकोट, नीचे गिर गया.
अंकल ने पीछे से मेरी मम्मी को पकड़ा और पेटीकोट का नाडा खोल दिया.
मेरी मम्मी का पेटीकोट, तुरंत नीचे गिर गया.
अब इस समय, मेरी मम्मी पूरी नंगी हो गई थीं.
अंकल ने मेरी मम्मी के दोनों हाथ पकड़ लिए और पीछे से खींच के पकड़ लिया और धका धक अपना लण्ड, मेरी मम्मी के चूत के अंदर बाहर करने लगे.
मेरी मम्मी ज़ोर से – आ अहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह करने लगीं.
मम्मी ने कहा – धीरे, कीजिए ना…
अंकल ने कहा – नहीं रानी, आज रात तुझे अपनी मर्ज़ी से चोद ना चाहता हूँ… मज़ा ले, इस चुदाई का…
अंकल धका धक, मेरी मम्मी की चुदाई करने में लग गये.
अंकल ने मेरी मम्मी से कहा – महक, तूने मुझे बहुत सुकून दिया है… तेरी चूत में जो मज़ा है, वो किसी और की चूत में ज़रा भी नहीं…
मम्मी ने कहा – बहन चोद, चूत बची कहाँ है… भोसड़ी बना दी है, तूने… आ आ आअहह दर्द हो रहा है… थोड़ा तो धीरे कर… प्लीज़…
अंकल नहीं माने और वो जानवरों की तरह, मेरी मम्मी को चोदते रहे.
मम्मी भी किसी कोठे की रंडी की तरह, उन्हें माँ बहन की और ना जाने कौन सी कौन गंदी गालियाँ देती रहीं.
तभी अंकल ने – आ आ आ आ आ आ आ अहह की आवाज़ निकाली और मेरी मम्मी के हाथ को छोड़ दिया.
मैं समझ गया, अंकल ने अपना वीर्य अंदर गिरा दिया है.
अब वो मेरी मम्मी की कमर पकड़ के, धीरे धीरे अपनी गांड हिलाने लगे.
उसके बाद अंकल ने लण्ड बाहर निकाल लिया और एक चाटा, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर मारा।
चाटा इतना जबरदस्त था की मम्मी का पूरा चुत्तड़ हिल गया।
इधर, मेरी मम्मी की चूत से अंकल का वीर्य टपक रहा था।
मम्मी ने कहा – मैं वॉशरूम से आती हूँ…
अंकल ने कहा – जा, जल्दी आना…
उसके बाद, अंकल सोफे पर बैठ गये।
उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं और सुकून की साँस ले रहे थे।
फिर अंकल खड़े हो के बेड रूम में चले गये और तब तक, मेरी मम्मी वॉशरूम से बाहर आ गईं।
उन्होंने अंकल को वहां ना देख के आवाज़ लगाई।
अंकल ने कमरे से आवाज़ दी – आ रहा हूँ…
अंकल बाहर आ गये।
अब अंकल ने हाफ पैंट पहन ली थीं।
इधर, मेरी मम्मी जब तक अंकल आए उन्होंने अपनी पैंटी पहन ली थी।
मम्मी अपनी ब्रा, ज़मीन से उठा के पहनने लगीं।
अंकल ने कहा – क्या कर रही हो… ??
मम्मी ने कहा – अब, मैं चलती हूँ… देर हो रही है…
अंकल ने कहा – मैंने कहा ना… आज तुम्हें, यहीं रहना है…
मम्मी ने कहा – मेरा बेटा, इंतेज़ार कर रहा होगा…
अंकल ने मम्मी से कहा – एक मिनट…
उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी के पर्स से मोबाइल निकाल के चालू किया और मेसेज दिखाया।
अंकल बोले – देखो, मैंने तुम्हारे पिल्ले को बता दिया है… अब तक तो वो सो भी गया होगा…
उसके बाद, अंकल ने मम्मी से कहा – रूको, मैं तुम्हारे लिए नाइट ड्रेस लेके आता हूँ…
उसके बाद, अंकल कमरे में चले गये।
मेरी मम्मी ने अपनी ब्रा वापस निकाल ली और ज़मीन पर पड़े कपड़े उठा के सोफे पर रख दिए।
मेरी मम्मी ने अपने बाल बाँध लिए और सिर पर हेयर बैंड लगा लिया।
अंकल 5 मिनट में, बाहर आ गये।
उन्होंने आंटी की नाइट वियर, मेरी मम्मी को दिया और कहा – पहन लो, इसे…
मेरी मम्मी ने अंकल के सामने, उसे शरीर पर डाल लिया।
आंटी का नाइटवियर, बहुत पारदर्शी था।
मेरी मम्मी का बदन, साफ साफ दिख रहा था।
बस ऐसा मानो जैसे नाम के लिए, उनके बदन पर कपड़ा था बाकी हर एक अंग साफ साफ दिख रहा था।
अब अंकल और मेरी मम्मी, सोफे पर बैठ गये और बातें करने लगे।
अंकल बीच बीच में मेरी मम्मी के साथ मज़ाक कर रहे थे, जिससे वो हंस पड़ती थीं।
मम्मी ने कहा – यार, बहुत थक गई हूँ… सोना है…
अंकल ने कहा – अरे खाना तो खा लो, पहले…
उसके बाद, अंकल खुद उठ के गये और किचन से खाना लेके आए और मेरी मम्मी और अंकल साथ में बैठ के खाना खाने लगे।
खाना खाने के बाद, अंकल ने मम्मी से कहा – चल, बेड रूम में चलते हैं…
अब मम्मी ने कहा – ठीक है…
उसके बाद, अंकल और मेरी मम्मी बेड रूम में चले गये और अंकल ने दरवाज़ा बंद कर दिया।
पूरे हॉल में सन्नाटा हो गया।
मैं कमरे के साइड में चला गया, जहाँ बिस्तर पर मेरी मम्मी लेटी हुई थीं और अंकल टेबल की साइड में खड़े हो के अपने मोबाइल पर कुछ कर रहे थे।
उसके बाद उन्होंने, अपना मोबाइल ऑफ कर दिया और बाथरूम चले गये।
मेरी मम्मी, लेटी हुईं थीं।
उन्होंने टीवी चला ली और देखने लगीं।
कुछ ही देर में, अंकल बाहर आ गये और आते ही वो बिस्तर पर चले गये।
मेरी मम्मी, अंकल से चिपक के लेट गईं।
फिर, अंकल ने रिमोट से टीवी बंद कर दिया।
मेरी मम्मी का सिर, अंकल की छाती पर था।
अंकल ने कहा – तुम्हें बुरा तो नहीं लगा ना…
मम्मी ने कहा – किस बात का… ??
अंकल ने कहा – तुम्हें यहाँ रोक लिया, इसके लिए…
मम्मी ने कहा – नहीं, बुरा नहीं लगा…
अंकल ने कहा – महक, कसम से… अब तेरे बिना रहा नहीं जाता… बिस्तर पर होता हूँ, अपनी बीवी के साथ लेकिन मन ही मन में हमेशा तेरे साथ रहता हूँ…
मम्मी ने कहा – अगर सच कहूँ तो मैं भी बहुत बेचैन हो जाती हूँ, रात में… अकेली पड़ जाती हूँ…
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, तेरा पति बाहर रहता है… तू कितनी अकेली है… मगर तू घबरा नहीं… मैं हमेशा, तेरे साथ हूँ… तुझे जब भी मेरी ज़रूरत पड़ेगी, तू मुझे बुला लेना…
मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ, आप मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे…
अब अंकल ने मम्मी से कहा – मैं बहुत दिन से एक बात सोच रहा था…
मम्मी ने कहा – क्या… ??
अंकल ने कहा – ये निर्णय, हम दोनों का होगा…
मम्मी ने थोड़ा बेचेन होते हुए कहा – कहिए ना, क्या बात है…। ??
अंकल ने कहा – मुझे लगता है, हमें अफरोज़ को अब इस रिश्ते के बारे में बता देना चाहिए…
मम्मी झटके से, उठ के खड़ी हो गईं।
मम्मी ने कहा – आप को पता भी है, आप ये क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – तुम अच्छे से जानती हो, जान… मैं जैसे श्लोक को मानता हूँ, वैसे अफरोज़ को मानता हूँ और तुमने जैसा बताया की उसे शायद शक हो गया है… मुझे लगता है, ये सही टाइम है… उसे सब मालूम चल जाना चाहिए…
मम्मी ने कहा – आपको सच में समझ में आ रहा है ना की आप क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – इस में क्या ग़लत है… तुम्हें मुझसे प्यार है…
मम्मी ने कहा – हाँ, मुझे आपसे प्यार है… मगर वो मेरा बेटा है…
अंकल ने कहा – जानू, इसी लिए तो कह रहा हूँ… उसे समझ में आ जाएगा की उसकी मम्मी की खुशी किसके साथ में है… विश्वास कर महक, इससे हमारे रिश्ते को एक अंजाम मिलेगा… नहीं तो यून्हीं, हम छिप छिप के मिलते रहेंगें… कभी मैं अपनी बीवी से, कभी तुम्हारे बेटे से…
मम्मी ने कहा – क्या आप ये बात, अपनी वाइफ को बता सकते हैं…
अंकल ने कहा – अगर, तू मुझसे शादी करने के लिए तैयार है तो बोल… मैं उसे ये बात बता दूँगा और तलाक़ दे दूँगा…
कुछ देर की खामोशी के बाद, मम्मी ने कहा – मुझे लगता है, अभी ये सही समय नहीं है…
अंकल ने थोड़ी देर सोचा, फिर कहा – देख, मैंने तुम्हारे सामने ये तर्क दिया… तुम सोच लो और मुझे बताना क्यूंकि अब मुझसे तेरी जुदाई बर्दाशत नहीं होती है… मैं अब हमेशा, तेरे साथ रहना चाहता हूँ…
मम्मी अब, अंकल की तरफ देख रही थीं।
मैने गौर किया, उनकी नज़रों में वासना नही थी।
इधर मैं भी सदमे में था क्यूंकी आज तक मैं यही समझता था की अंकल सिर्फ़ मम्मी के जिस्म को भोग रहे हैं और जी भर जाने पर, उन्हें छोड़ देंगें।
ना जाने कितने सवाल, मेरे दिमाग़ में उठ रहे थे।
क्या ये अंकल का, कोई सोचा समझा प्लान था?
क्या सही में मम्मी, पापा को तलाक़ दे कर उनसे शादी करने वाली थीं?
खैर, अंकल ने मेरी मम्मी के बाजू पकड़ के उन्हें अपने ऊपर लिटा लिया और उनके बाल सहलाने लगे।
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, मैं जितना तुझसे प्यार करता हूँ शायद तुम नहीं करती…
मम्मी ने कहा – ऐसा नहीं है… बस, मैं अपनी परिवार को टूटने नहीं देना चाहती… आपके लिए, ये सब आसान होगा… मेरे लिए नहीं…
अंकल ने कहा – तेरा परिवार, तेरा पति, तेरा पिल्ला…
फिर, अंकल खुद को संभालते हुए बोले – चल, ठीक है… टाइम ले ले, मुझे कोई दिक्कत नहीं है… मैंने तुझसे पहले ही कहा था, कोई ज़बरदस्ती नहीं है…
उसके बाद, अंकल ने मेरी मम्मी को थोड़ा और ऊपर चढ़ा लिया और उनके माथे पर चूमा।
अब मम्मी और अंकल, एक दूसरे को देख रहे थे।