Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल...
#20
आप तो जानते ही हैं, मुझे अब तक समझ में आ गया था की मेरी मम्मी शायद पूरी तरह से अंकल के साथ सेक्स करने का मज़ा लेने लगी हैं.


इधर, मेरे स्कूल के फाइनल एग्जाम ख़तम हो गये थे.

मार्च का लास्ट चल रहा था और श्लोक, अपनी मम्मी के साथ नानी के यहाँ चला गया था.

अंकल यहीं थे और होली के दिन, मम्मी ने अंकल को खाने पर बुलाया था.

सुबह के समय में तो सब होली में बिज़ी थे.

मेरी मम्मी और मैं, नीचे होली खेलने में बिज़ी थे.

फिर होली खेलने के बाद, मेरी मम्मी घर में आ गईं और उन्होंने उस दिन मटन और पुल्लाव बनाया.

हमने दिन में खाना खाया और मेरी मम्मी के खाने की अंकल तारीफ़ करने लगे.

खाना खा के, अंकल वापस चले गये.

सच कहूँ दोस्तो उन्होंने एक बार भी कुछ ऐसा नहीं किया, जिससे मुझे कुछ अजीब लगे या कुछ शक हो.

हर इंसान के अंदर, कहीं ना कहीं एक अभिनेता रहता है.

मेरी मम्मी खाना खाना खाने के बाद, अंकल चले गये उसके बाद सोने चली गईं.

मैं टीवी देख रहा था.

मेरी मम्मी सो के 5 बजे करीब उठीं और हमने साथ में चाय पी, तभी मेरी मम्मी के मोबाइल पर मेसेज आया.

मैंने देखा मेरी मम्मी ने फाटक से मोबाइल उठा के रिप्लाइ दिया.

उधर से, फिर मेसेज आया.

फिर मम्मी ने रिप्लाइ दिया.

फिर कॉल आ गया.

मेरी मम्मी ने तिरछी निगाह से मेरी तरफ देखा और फोन काट दिया.

उसके 2 मिनट के बाद, मैंने देखा मेरी मम्मी उठ के अपने कमरे में चली गईं.

मुझे पूरा ऐहसास हो गया था, हो ना हो ये अंकल का ही फोन होगा.

मैंने टीवी की आवाज़ कम कर दी और उठ के धीरे से, कमरे के दरवाज़े के पास गया.

मम्मी की दबी दबी आवाज़ आई – नहीं नहीं, मैं नहीं आ सकती… मेरा बेटा घर में है… तुम जानते तो हो… मैंने कहा ना, प्लीज़… नहीं आ सकती… उसके बाद मम्मी ने फोन रख दिया.

कुछ ही पल में, फिर से फोन आया.

मम्मी ने कहा – क्यों ऐसा कर रहे हैं आप… ?? मैंने कहा ना, मैं परेशानी में फँस जाउंगी…

फिर कुछ देर वो चुप रहीं.

फिर उन्होंने कहा – ठीक है… लेकिन मैं कुछ ही देर में वापस आ जाउंगी… उसके बाद, उन्होंने थोड़ा गुस्से में फोन रख दिया.

फिर मेरी मम्मी बिस्तर पर बैठ गईं और चुप चाप बिस्तर पर बैठीं रहीं.

मैं जान रहा था, मेरी मम्मी अभी जाना नहीं चाह रही हैं क्यूंकि वो मेरे सामने कुछ भी संदेह वाला काम नहीं करना चाहती थीं.

लेकिन, शायद अंकल ने बहुत प्रेशर दिया था, उनको आने का.

खैर, इसके कुछ देर बाद मेरी मम्मी बाहर की तरफ आने लगीं.

मैं चुप चाप जाके बैठ गया और टीवी देखने लगा.

मेरी मम्मी भी आकर बैठ गईं और साथ में टीवी देखने लगीं.

आख़िर, मम्मी ने कुछ देर बाद मुझसे कहा – अफरोज़, मैं कुछ देर के लिए बाहर जा रही हूँ, अपने दोस्त से मिलने… जाना ज़रूरी है… तू खा लेना…

मैंने कहा – ठीक है, मम्मी…

और कहता भी क्या… ??

करीबन 7 बजे, मैंने देखा मेरी मम्मी तैयार होके बाहर आ गईं.

मेरी मम्मी, उस समय सच में बहुत सुन्दर लग रही थीं.

उस दिन उन्होंने काले रंग की साड़ी और डीप कट ब्लाउज पहन रखा था.

मेरी मम्मी की क्लीवेज साफ दिख रही थी.

शायद, मेरी मम्मी ने नाहया था क्यूंकि मेरी मम्मी के बाल पूरे भीगे हुए थे.

मेरी मम्मी बाहर आईं और उन्होंने कहा – अफरोज़, चिंता मत करना… मैं कुछ देर में आ जाउंगी…

मैंने कहा – ठीक है, मम्मी…

उसके बाद, मेरी मम्मी घर से निकल गईं.

मैं जानता था, मेरी मम्मी कहाँ जा रही हैं क्यूंकि आज श्लोक और उसकी मम्मी थीं नहीं घर पर इसी लिए अंकल ने मेरी मम्मी को पक्का, अपने घर पर बुलाया होगा.

मैं 8 बजे के करीब नीचे उतर के अंकल के घर के पास चला गया.

बाहर का डोर बंद था. होल के पीछे वाली खिड़की के पास जब गया, तब देखा मेरी मम्मी और अंकल सोफे पर बैठे हुए थे और अंकल ने मेरी मम्मी को बाहों में ले रखा था और दोनों बातें कर रहे थे.

अंकल का हाथ, मेरी मम्मी की छाती पर था.


थोड़ी देर में मम्मी ने कहा – अब जाने दीजिए…

अंकल ने कहा – अभी क्यों, मेरी रानी… चली जाना ना… मैं कहाँ मना कर रहा हूँ…

मम्मी ने कहा – मेरा बेटा घर पर है…

अंकल ने कहा – क्या, बेटा बेटा… तेरे पिल्ले ने तो नाक में दम कर रखा है… तुम्हें मेरी थोड़ी भी परवाह नहीं है… मैं यहाँ तुम्हारी याद में अकेले तन्हा रात काट रहा हूँ और तुम्हें सिर्फ़ अपने पिल्ले की पड़ी है…

मम्मी ने कहा – आप ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया है? आख़िर, वो मेरा बेटा है…

अंकल हंसने लगे और कहा – अरे, मेरी जान… मैंने ऐसा नहीं कहा… बस अब तुम्हारे बिना रहा नहीं जाता… थोड़ा हम ग़रीबो के बारे में भी सोच लिया करो…

मेरी मम्मी ने अंकल का सिर पकड़ा और उनके होंठों पर किस किया और नीचे हो गईं.

अंकल ने कहा – बस, एक ही बार…

मम्मी ने हंस के कहा – बस, आज के लिए काफ़ी है…

अंकल ने कहा – अच्छा, देखते हैं…

उसके बाद, मेरी मम्मी ने एक और बार किस किया और नीचे हो गईं.

उसके बाद, अंकल ने नीचे होके मेरी मम्मी के होंठ अपने होंठों में फँसा लिया और मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे.

अंकल ने अपने हाथ नीचे ले जाके, मेरी मम्मी के बाल को पकड़ लिया और अपने एक हाथ से मेरी मम्मी के छाती को सहलाने लगे.

फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ मेरे कानों में आ रही थी.

तभी मैंने देखा अंकल ने अपना हाथ मेरी मम्मी के ब्लाउज में घुसा दिया और आ आ आआ आहह करके आवाज़ आई और मम्मी ने उनका हाथ निकाल दिया.

अंकल ने कहा – क्या हुआ… ??

मम्मी ने कहा – कुछ नहीं… ज़रा ब्लाउज टाइट है ना… खींच गया है, दर्द हुआ…

अंकल ने कहा – ओह… माफ़ कर दो, मेरी रानी…

उसके बाद, वो फिर से मम्मी के होंठ चूसते हुए मेरी मम्मी के चुचे ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगे.

फिर से फुच फच फुच फुच फच की आवाज़ गूंजने लगी.

कुछ देर बाद, अंकल ने मम्मी को उठा के बिठा दिया और कहा – रुक कुछ लाता हूँ… उसके बाद, वो किचन में चले गये…

2 मिनट में अंकल बाहर आ गये और उनके हाथ में जग था और एक हाथ में 2 ग्लास थे.

मम्मी ने पूछा – ये क्या है… ??

अंकल ने कहा – ये ठंडाई है… आज होली है ना… तुम्हारे लिए बनाई है…

मम्मी ने कहा – देखिए, मैं नशा नहीं करूँगी…

अंकल ने हंसते हुए कहा – अरे, ये नशा नहीं है… ठंडाई है, केसर डाल के बनाई है…

उसके बाद उन्होंने बिना कुछ सुने ग्लास में डाल के, मेरी मम्मी को दिया और दूसरे ग्लास मे खुद ले लिया.

उसके बाद, दोनों पीने लगे.

मम्मी ने कहा – सही में, बहुत टेस्टी है…

उसके बाद, उन्होंने अंकल से पूछा की उन्होंने ये कैसे बनाई.

अंकल ने उन्हें बताया और धीरे धीरे मेरी मम्मी ने स्वाद में 3 ग्लास पी लिया.

करीबन, आधा घंटा हो गया था.

मैं मम्मी की तरफ देख रहा था.

कोई भी उन्हें देख के कह सकता था की वो ठीक नहीं है.

साफ लग रहा था, उन्हें नशा हो चुका है.

उनकी आँखें लाल हो चुकीं थीं और चढ़ चुकी थीं और इधर, अंकल मेरी मम्मी की तरफ देखे जा रहे थे.

उसके बाद, अंकल मेरी मम्मी के पास आ गये और कहा – क्या हुआ… ??

मम्मी ने कहा – कुछ ठीक नहीं लग रहा है… थोड़ा सिर में दर्द हो रहा है… आँखें जल रही हैं…

अंकल ने कहा – तुमने पहली बार पी है ना, ठंडाई… इसी लिए, कुछ देर में दर्द चला जाएगा… सर्दी हो गई होगी…

उसके बाद मैंने देखा अंकल ने धीरे से मेरी मम्मी के पर्स में हाथ डाला और मेरी मम्मी के मोबाइल पर कुछ करने लगे और फिर मम्मी का मोबाइल ऑफ कर दिया.

तभी तुरंत, मेरे मोबाइल पर मेसेज आया.

मैंने फुर्ती से मेसेज खोला.

उस मेसेज में था – चिंता मत करना… सो जाना… मैं सुबह आ जाउंगी…

उसके बाद अंकल ने मेरी मम्मी को अपनी बाहों में लिया और मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे और धीरे से मेरी मम्मी के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिया और अपना हाथ ब्रा के ऊपर से मेरी मम्मी के चुचे पर रख के दबाने लगे.

अंकल ने मेरी मम्मी के एक चुचे को ब्रा से बाहर निकल दिया था और निप्पल को खींच रहे थे.

फिर उन्होंने अपने अंघुटे और एक उंगली से निप्पल पकड़ लिया.

फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके, मेरी मम्मी के होंठ चूसे जा रहे थे.

अंकल ने अब मम्मी के होंठ चूसना बंद कर दिया था और एक हाथ से मेरी मम्मी के गोल चुचे को पकड़ा और निप्पल मुंह मे ले लिया और चूसने लगे.

मेरी मम्मी – आ अहह आ आ अहह… उंह क्या कर रहे हैं… अब बस कीजिए, जाने दीजिए…

अंकल ने कहा – नहीं, मेरी रानी… आज तो तुझे, रात भर मेरे साथ रहना है… कुछ दिनों से बहुत तडपया है, तूने…

उन्होंने देखते ही देखते, मेरी मम्मी का पल्लू नीचे कर दिया और ब्लाउज खींच के उनके बदन से निकाल के ब्रा का हुक खोलते हुए उन्हें कमर के ऊपर से नंगा कर दिया.

मेरी मम्मी के दोनों चुचे पर ब्रा का थोड़ा सा दाग लगा हुआ था.


फिर अंकल ने मेरी मम्मी को अपने गोद में बिठा लिया और मेरी मम्मी की छाती चूमते हुए, दोनों चुचे एक एक करके चूसने लगे.

मेरी मम्मी ने अपने हाथ मेरे दोस्त के पापा के सिर के पीछे करके पकड़ लिया था और आ अहह आ अहह ह आ अहह आ आहह आ आहह करके, उनका साथ दे रहीं थीं.

अंकल मज़े से मेरी मम्मी के निप्पल चूसे जा रहे थे.

बीच बीच में फुच फच फुच फच लप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प की ज़ोर से आवाज़ आती, जब भी अंकल कस के निप्पल चूसते थे.

मम्मी, अपने होश में नहीं थीं.

उन्होंने धीमी आवाज़ में अंकल से कहा – मुझे जाने दीजिए… बहुत देर हो रही है…

अंकल ने कहा – तू घबरा नहीं… तेरे पिल्ले को मैंने मेसेज कर दिया है की तू सुबह आएगी… आज रात भर, तुझे अपने पास रखूँगा… कल चली जाना, सुबह…

ये कहते हुए, उन्होंने फिर से निप्पल मुंह मे ले लिया और मम्मी के चुचे चूसने लगे.

बीच बीच में, अंकल सिर ऊपर करके मेरी मम्मी के होंठों को अपने होंठ में फँसा के चूसते फुच फच फुच फच की आवाज़ हॉल में गूँज रही थी.

अंकल अपनी हथेली से मेरी मम्मी की चूत मसलते तो कभी उनके पीठ को सहला रहे थे.

अब अंकल ने मेरी मम्मी को अपनी गोद से नीचे उतार दिया और मम्मी खड़ी हो गईं.

मम्मी ने अपनी सैंडल निकाल ली, उसके बाद अंकल ने साड़ी खींच के उनके बदन से निकाल दी.

मेरी मम्मी, सिर्फ़ पेटीकोट में थीं.

उन्होंने, काले रंग की पेटीकोट पहन रखा था.

अंकल खड़े हो के, अपने बदन के सारे कपड़े निकाल के नंगे हो गये.

उनके सारे कपड़े, वहीं सोफे के पास कालीन पर पड़े हुए थे.

अंकल अब मेरी मम्मी के पास आ गये और मेरी मम्मी को चूमते हुए, ज़मीन पर बैठ गये.

घुटनों के बल उन्होंने अपने हाथ से मेरी मम्मी के कमर को पकड़ रखा था और मेरी मम्मी के पेट को चूम रहे थे.

मेरी मम्मी ने अपने हाथ से अंकल का सिर पकड़ रखा था और आ आहह आ आहह आअहह कर रही थी.

अंकल अपनी जीभ से मेरी मम्मी के नाभी में हलचल कर रहे थे.

मैं मम्मी की तरफ देख रहा था.

ऐसा लग रहा था, जैसे वो काम वासना के सातवें आसमान पर हैं.

इसी दौरान, अंकल ने मेरी मम्मी के पेटीकोट को उठा के कमर तक कर दिया.

मेरी मम्मी ने काले रंग की जालीदार पैंटी पहन रखी थी.

अंकल ने सबसे पहले, मेरी मम्मी की जांघें को अपनी हथेली से सहलाया और उसके बाद अपना फेस मम्मी की चूत के पास ले जाते हुए सूँघा.

उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी की तरफ देखा.

मेरी मम्मी, अपने होंठ अपने दाँतों से दबाते हुए अंकल को देख रही थीं.

अंकल ने मम्मी की पैंटी साइड में की और अपनी जीभ से मेरी मम्मी की चूत चाटने लगे.

मम्मी ने कस के अंकल के बाल पकड़ लिए और – आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ आ आ अहह ओई ई ईई ईईई ईईई ईईई आ आ आ आ आअ आ आ आआ आहह करने लगीं.

अंकल ने कहा – महक, यार तेरे पिल्ले की चिंता नहीं रहती तो सुबह शाम, तेरी चूत का पानी पीता…

मम्मी चुप रहीं.

मुझे अब लगने लगा था की शायद मैं सही में मम्मी के रास्ते का काँटा हूँ.

[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल... - by usaiha2 - 17-03-2020, 02:33 PM



Users browsing this thread: 7 Guest(s)