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Adultery मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल...
#19
अंकल ने कहा – सच बता, तुझे मज़ा आया था ना.. !!


मम्मी ने कहा – हाँ.. !!

अंकल ने कहा – महक, सच में तुझे फिर से मैं रात भर चोदना चाहता हूँ.. !! भेज दे ना, तेरे पिल्ले को 2 3 दिन के लिए कहीं.. !!

अब मम्मी चुप हो के, उन्हें देखने लगीं।

अंकल ने कहा – देख, तू घबरा नहीं.. !! मैं ऐसा कोई काम नहीं करूँगा, जिससे सबको पता चल जाए.. !! और, उनके होंठों पर किस किया।

मम्मी भी उनका साथ दे रही थीं।

कुछ ही देर में, मुझे कंबल में से अंकल के हाथों की हरकत दिखने लगी।

वो मेरी मम्मी की चूत रगड़ते हुए, उन्हें किस कर रहे थे।

अब उन्होंने, कंबल हटा दिया।

मम्मी ने कहा – ज़रा, एक मिनट में आई.. !!

अंकल ने कहा – क्या हुआ, जान.. !!

मम्मी ने कहा – सू सू करके, आती हूँ.. !!

अंकल ने कहा – ठीक है.. !!

फिर मम्मी बिस्तर से उतर के, बाथरूम में चली गईं।

उन्होंने दरवाज़ा नहीं बंद किया था।

उनके सू सू करने के एक अजीब सी “सीटी जैसी आवाज़” आ रही थी।

सुउु उउ सुउु उउ सुउु उउ सुउु उउ सुउु उउ सुउ उउ की आवाज़, बाहर तक आ रही थी।

उधर अंकल ने, अपनी सिगरेट जला ली और पीने लगे।

मम्मी बाथरूम से बाहर आ गईं और सीधे बिस्तर पर चली गईं और बिस्तर पर बैठ गईं।

उन्होंने अपने हाथ पीछे करके, अपने बाल बंद कर लिए।

अंकल अपने हाथ से अपना लण्ड सहला रहे थे और सिगरेट पी रहे थे।

मम्मी झुक के उनके लण्ड के पास गईं और अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगीं, धीरे धीरे।

मेरे दोस्त के पापा का लण्ड, टन के खड़ा हो गया।

मम्मी ने उनके लण्ड को फ़ौरन, अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगीं।

कभी जीभ निकाल के चाट रही थीं, कभी चूस रही थीं।

अंकल ने अपनी आँखें बंद कर लीं और आ अह हह करने लगे।

फिर उन्होंने, अपने सिगरेट को बुझा दिया और मेरी मम्मी के बालों को खोल दिया और और उनके बाल पीछे से पकड़ लिए।

मम्मी, अंकल का लण्ड चूसे जा रही थीं।

पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट की आवाज़ मेरे कानो मे आ रही थी।

अब मम्मी उठ के बैठ गईं और लेट गईं और अपनी टांगें खोल ली।

अंकल ने उनसे कहा – उल्टा लेट.. !!

तो मम्मी ने कहा – नहीं.. !! प्लीज़, आज नहीं.. !! पीछे से बहुत दर्द होता है.. !!

अंकल ने कहा – नहीं होगा.. !! घूम ना.. !!

मम्मी ने कहा – प्लीज़, आज नहीं.. !!

अंकल ने अब लगभग ज़बरदस्ती, उनकी कमर पकड़ के उन्हें पलट दिया।

मम्मी ने बहुत कहा – नहीं, प्लीज़.. !! पीछे से नहीं.. !!

पर अंकल ने कहा – ज़िद मत कर, रानी.. !! मैं धीरे धीरे करूँगा, विश्वास रख.. !!

उसके बाद, उन्होंने मम्मी से कहा – चल, तकिया बढ़ा.. !!

मम्मी ने बगल में पड़ा, दूसरा तकिया उठा के अंकल को दे दिया।

अंकल ने तकिया, मेरी मम्मी के पेट के नीचे रख दिया।

उनकी गांड, ऊपर उठ गई।

अंकल ने अब मम्मी के गांड के छेद को, अपनी दो उंगलियों से फैला दिया।

मुझे मम्मी की गांड का छेद, साफ दिख रहा था।

अंकल झुक के उनके गांड के पास गये और एक बार, उनके गांड के छेद को सूँघा।

फिर, मम्मी की तरफ देखा।

मम्मी ने अपना मुंह तकिये में घुसा लिया था और अपने हाथ से चादर को पकड़ लिया था।

अंकल ने झुक के, अपनी नाक उनकी गांड के छेद में डाल दी और सूंघने लगे।

उन्होंने मम्मी के चुत्तड़ को भी धीरे धीरे मसलना चालू किया और उन्होंने अपनी नाक पूरी तरह से मेरी मम्मी के गांड के छेद में घुसा दी और सूंघने लगे।

उसके बाद, उंगलियों से गांड को फैला दिया और जीभ से चाटने लगे।

मम्मी – आ अह हह आह करने लगीं।

अब अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी की गांड चाट रहे थे।

मम्मी ने कहा – प्लीज़, धीरे कीजिएगा.. !! प्लीज़.. !!

अंकल ने चाटना बंद किया और कहा – तू डर मत.. !! मैं तुझे दर्द नहीं दूँगा.. !! तू रानी है, मेरी.. !!

उसके बाद, अंकल ने मेरी मम्मी के घुटनों को मोड़ के बैठने को कहा।

मम्मी ने, वैसा ही किया।

अंकल पीछे आकर, घुटनों के बल बैठ गये और मम्मी से गांड के छेद को फैलाने को कहा।


मम्मी ने वैसा ही किया और अपने हाथ पीछे करके, अपने चुत्तड़ को पकड़ के अपने गांड के छेद को फैला लिया।

उनकी गांड का छेद, पूरा खुल गया।

अंकल ने अब अपना लण्ड सहलाया और उसके बाद, लण्ड के टोपे को उनकी गांड के छेद पर रखा और धीरे से धक्का मारा।

मम्मी के मुंह से “आअहह” निकल गया।

मैंने देखा अंकल के लण्ड का टोपा, मेरी मम्मी के गांड के छेद में चला गया था।

मम्मी ने कहा – बहुत दर्द हो रहा है.. !!

अंकल ने कहा – बस रानी, अब दर्द नहीं होगा.. !!

मम्मी ने अपने हाथ, आगे को लिए थे।

अंकल ने कहा – फैला ले.. !! नहीं तो दर्द होगा.. !!

मम्मी ने फिर से हाथ पीछे ले के, अपने गांड को फैला लिया।

अंकल ने, एक और धक्का मारा।

इस बार उनका आधा लण्ड, मेरी मम्मी के गांड के छेद में घुस गया था।

अब अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी की गांड में अपना लण्ड घुसाने लगे।

मम्मी – बहन चोद द द द द द सस्स सस्स स स आ आ अहह आ आ अहह आ आहह तेरी मां की चूत ह्स सस्स ह ह.. !! ओफ फ फफ फ फफ्फ़ ओफफ फफ फफफ्फ़ भोसड़ी के, धीरे ह्ह्ह्ह औहह ओई ई ई ई ईई ईईई माआ आअ.. !! मां चुद जाये तेरी, माँ के लौड़े.. !! तेरी मां का भोसड़ा, भडुए.. !! मा आ आ आ आ माआ आ औहह औहह उफ फफ फ फ फ फफ फफफ फफ फफ्फ़ औहह आ आ आ आ आ अहह मा आ आआ मादर चोद सस्स स्स इयाः हह.. !!

अंकल ने कहा – जान, मज़ा तो बहुत आ रहा है.. !! पर धीरे आवाज़ निकाल, नहीं तो बगल वाले आ जाएँगे.. !!

मम्मी ने कहा – गाण्डू.. !! मां चोद के रख दी और बोल रहा है, धीरे चिल्ला.. !! दर्द हो रहा है, बहन के लौड़े.. !!

अंकल ने कहा – माँ की लौड़ी तो गांड मारने क्यूँ नहीं देती.. !! तेरी गांड अभी तक फटी नहीं है.. !! लगता है, तेरा पति ने एक बार भी गांड नहीं मारी तेरी.. !!

मम्मी, कुछ नहीं बोलीं।

अब वो धीरे धीरे, मेरी मम्मी की गांड मारने लगे।

इसी बीच, अंकल का लण्ड बाहर निकल गया।

अंकल ने अब मम्मी को, चुत्तड़ फैलाने को कहा।

मम्मी ने कहा – फैलाया हुआ तो है.. !!

अंकल के कहा – और खींच ना.. !!

उसके बाद, अपने हाथ से लण्ड पकड़ा और एक ज़ोर का धक्का मारा।

इस बार, आधा लण्ड मम्मी की गांड के छेद में जा चुका था।

उसके बाद, अंकल ने अपने हाथ आगे करके मेरी मम्मी के बाल को पकड़ लिया और उनसे अपने हाथ चुत्तड़ से हटाने को कहा।

उसके बाद, बेदर्दी से धक्का मारने लगे।

मम्मी एक दम से पूरे ज़ोर से चीखी – आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह......!! औहहहहह.... आईईईईई… !!

मैंने देखा अंकल का पूरा लण्ड, मेरी मम्मी के गांड के छेद में चला गया।

मम्मी ने अपने हाथ से चादर पकड़ रखी थी और पूरी चादर, सिकुड चुकी थी।

अंकल ने कहा – बस बस, हो गया.. !! चला गया, अब दर्द नहीं होगा.. !!

उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड कुछ देर उनकी गांड मे रखा और पूछा – दर्द कम हुआ, मेरी जानू.. !!

मम्मी ने धीरे आवाज़ में कहा – हाँ.. !!

उसके बाद अंकल ने लण्ड को बाहर निकालते हुए, एक और धक्का मारा।

उन्होंने अभी भी, मेरी मम्मी के बाल खींच के रखे थे।

अंकल धीरे धीरे पूरा लण्ड मेरी मम्मी के गांड में घुसाते हुए, उनकी गांड मारने लगे।

अंकल की जांघें, जब भी मेरी मम्मी के चुत्तड़ से टकराती तब ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ निकलती थी और उनकी टकराहट से, मेरी मम्मी के चुत्तड़ हिल रहे थे और चुचे आगे पीछे हो रहे थे।

फिर, अंकल ने कहा – मज़ा आ रहा है, अब.. !!

मम्मी ने कहा – बोला ना.. !! दर्द हो रहा है.. !!

अंकल ने कहा – रानी, बस हो गया.. !!

और, ज़ोर ज़ोर से धक्का मारने लगे।

मम्मी – मा आ आअ मा आ आअ मा आ आअ नाह हिईीई औ हह ओई ई ई ई ई ई ईई ओफ फ फफ फफफ्फ़ ओफफ फफफ्फ़ करने लगीं।

इस बार, कोई गाली नहीं थी।

अंकल ने अब अपना हाथ मम्मी की कमर पर रख दिया और उनकी गांड, धीरे धीरे मारने लगे।

अंकल के शरीर से पसीना निकल रहा था और मेरी मम्मी का भी शरीर, पसीने से भीग चुका था।

अंकल लगातार, मेरी मम्मी की गांड मारे जा रहे थे।

ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़, कमरे में गूँज रही थी।

इसी बीच वो “आ आआ आ अहाहह” करते हुए, रुक गये और झुक के मेरी मम्मी के पीठ को चूमा और उसके बाद, अपना लण्ड उनकी गांड से बाहर निकाल लिया।

मम्मी की गांड की छेद में से अंकल का वीर्य निकल रहा था।

अब अंकल मम्मी के बगल में लेट गये।

मम्मी उठ के बैठ गईं और अपनी पैंटी से गांड में लगा वीर्य साफ किया और फिर अंकल के लण्ड पर लगा वीर्य भी साफ कर दिया।

उसके बाद अंकल के बगल में लेट गईं और उनके सीने से चिपक के आराम करने लगीं।

अंकल ने अपना हाथ, मम्मी के चुत्तड़ पर रख दिया और पूछा – दर्द नहीं हो रहा है ना, जानू.. !!

मम्मी ने सिर हिलाते हुए कहा – नहीं.. !! अब क्यूँ होगा.. !! अब तो बाहर है.. !!

अंकल ने, उनके गाल पर किस किया और कहा – चल, अब मैं चलता हूँ.. !!

उसके बाद, वो बाथरूम चले गये।


मम्मी ने जा के उनको एक तोलिया दिया।

अंकल ने दरवाज़ा बंद कर दिया और मुझे शवर से पानी के गिरने की आवाज़ आने लगी।

इधर, मम्मी ने अपना गाउन पहन लिया।

उन्होंने, अपनी ब्रा पैंटी नहीं पहनी और बिस्तर पर बैठ गईं।

मैं धीरे से बालकनी से हॉल की बालकनी में आया और दरवाज़े से निकल गया और सीधा सिनेमा हॉल के तरफ चल दिया, जहाँ श्लोक और मेरे कुछ और दोस्त मेरा इंतेज़ार कर रहे थे।

रास्ते में, ये सोच रहा था की अंकल मम्मी को इतना दर्द देते हैं तब भी मम्मी को मज़ा आता है।

क्या औरत को सच में, उनके उपर हावी होने वाले मर्द पसंद होते हैं।

खैर.. !!

हाल में, श्लोक ने कहा – क्या यार!! कितनी देर कर दी।

मैंने जवाब दिया – कुछ नहीं, यार.. !! बहुत ज़रूरी काम था.. !! और, फिर हम अंदर चले गये।

मेरी मम्मी, उस दिन भी चुदाई के बाद बहुत खुश थीं.

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RE: मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल... - by usaiha2 - 17-03-2020, 02:31 PM



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