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Adultery मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल...
#17
शाम को 5 बजे, मम्मी सो के उठीं और चाय बना कर लेके आईं।


मैं उस समय, पढ़ रहा था।

मैं चुप था।

मम्मी ने पूछा – क्या हुआ.. !! आज जब से आया है, चुप है.. !! खोया खोया भी रहता है, आज कल.. !! बात क्या है.. !!

मैंने कहा – कुछ नहीं.. !!

मम्मी ने कहा – क्या हुआ बोल ना, बेटा.. !!

उनके मुँह से बेटा सुनते ही, ना जाने क्यूँ मेरा खून खोल उठा।

मैंने अपने उपर संयम रखते हुए कहा – कुछ नहीं हुआ, मम्मी.. !! पढ़ने दो, बस.. !!

मम्मी 10 मिनट, बैठीं रहीं।

मैं बीच बीच में, तिरछी नज़र से देख रहा था।

वो, मेरी ही तरफ देख रही थीं।

कुछ देर बाद उन्होंने खड़ी होके, मेरे सिर पर हाथ फेरा और कमरे से निकल के उन्होंने जाते जाते, मेरे कमरे का दरवाज़े चिपका दिया।

मैं पढ़ने लगा या कहिए, कोशिश करने लगा।

मम्मी ने, टीवी चला ली।

मैं आधे घंटे तक, अपने कमरे में था।

उसके बाद, बाहर आया।

मम्मी, सोफे पर नहीं थीं।

टीवी, चल रहा था।

मम्मी हॉल वाले, बालकनी में थीं और फोन पर बात कर रही थीं।

मुझे लगा, अंकल का फोन है।

मैं उधर जाने लगा, बात सुनने के लिए।

मैं कुछ दूर गया था की अम्मी ने बालकनी का दरवाज़ खोल दिया और कहा – अफरोज़ बेटा, लो अपने अब्बू से बात करो.. !!

चलो, आज मेरा शक ग़लत था।

उस समय, फोन पर मेरे अब्बू थे।

अब्बू ने पूछा – क्या हुआ, मेरे बच्चे.. !! तुम्हारी अम्मी कह रही हैं, तुम कुछ बोल नहीं रहे हो.. !!

मैंने कहा – कुछ नहीं हुआ है, अब्बू.. !! बस, थोड़ा थका हुआ हूँ.. !! और फिर मैंने, फोन अम्मी को दे दिया।

पता नहीं क्यों, मैंने अब्बू से कुछ नहीं कहा।

ये बात, मुझे आज तक समझ में नहीं आई।

अगले दिन, मैं सुबह उठ के स्कूल चला गया।

मैं जानता था की मेरे दोस्त के पापा, मेरी मम्मी को चोद रहे होंगे लेकिन मैं क्या कर सकता था।

वो मेरी मम्मी की इज़्ज़त नहीं लूट रहे थे, मम्मी अपनी मर्ज़ी से उनके नीचे लेट रही थीं।

उस दिन मैं घर पहुँचा, शाम के समय।

स्कूल के बाद, ना जाने कहाँ कहाँ घूमता रहा।

मेरी मम्मी, बगल वाली आंटी के यहाँ गई थीं।

मैं मम्मी के, कमरे में था।


मैं उनके कमरे में बैठ के, पढ़ रहा था।

तभी, मैं बिस्तर से उठने लगा की मेरी किताब नीचे गिर गई।

मैं किताब उठाने के लिए, नीचे झुका।

मुझे 2 कॉन्डम दिखे।

मैंने हाथ बढ़ा के, उन्हें निकाला।

दोनों कॉंडम मे, वीर्य भरा हुआ था।

मैंने उसे वहीं रख दिया वापस।

3 दिन के बाद, श्लोक ने कहा – यार, चल आज स्कूल बॅंक करते हैं.. !! एक मस्त पिक्चर लगी है.. !! मॉर्निंग शो चलते हैं।

फ्राइडे का दिन था और हमारे साथ 3 दोस्त और थे।

हमने उस दिन स्कूल बस नहीं पकड़ा, लेकिन मेरे दिमाग़ में कुछ और प्लान था।

मैंने श्लोक से कहा – तू टिकेट ले ले.. !! मैं कुछ देर में आता हूँ.. !!

श्लोक ने कहा – कहाँ जा रहा भाई तू.. !!

मैंने कहा – तू टिकेट ले ले ना.. !! 12 बजे का शो है.. !! अभी बहुत टाइम है.. !!

उसने कहा – लेकिन, तू आ जाना यार, टाइम पर.. !!

मैंने कहा – यार, चिंता मत कर.. !! आ जाऊंगा.. !! और, मैं वहां से सीधे अपने घर के लिए निकल गया…

नीचे बेसमेंट में, मुझे अंकल की गाड़ी दिखी।

मैं तो पहले ही से जानता था की अंकल, मेरे ही घर में होंगे।

मैंने सबसे पहले, दरवाज़े के “की होल” से देखा।

हॉल में कोई नहीं था क्यूंकि कुछ आवाज़ आ नहीं रही थीं।

मैंने बहुत धीरे से, दरवाज़ा खोला।

सच में, कोई नहीं था हॉल में।

दोनों, मम्मी के रूम में थे।

रूम का दरवाज़ा खुला था, लेकिन पूरा नहीं।

बस, मुझे वो बिस्तर पर बैठे दिख रहे थे।

मैं जानता था, अगर मैं यहाँ खड़ा रहा तो ये लोग मुझे देख लेंगे।

मैं चुप चाप हॉल की बालकनी में चला गया और पर्दे को वैसा ही कर दिया, जैसे पहले था, ताकि उनको ये ना मालूम चले मैं घर में हूँ और उस बालकनी से सटी हुई, मम्मी के बैडरूम के बालकनी में चला गया।

मम्मी और अंकल, बिस्तर पर बैठे हुए थे।

अंकल ने अपनी पैंट शर्ट पहन रखी थी और मेरी मम्मी, उनकी बाहों में लेटी हुई थीं।

अंकल फोन पर बातें कर रहे थे, ऑफीस के लोगों से।

वो अपने स्टाफ को, लताड़ रहे थे।

मेरी मम्मी ने, टॉप और कैप्री पहन रखा था।

कुछ देर बात करने के बाद, अंकल ने फोन नीचे रख दिया।

मम्मी ने कहा – क्या हुआ.. !! इतना गुस्से में क्यों हैं, आज.. !!

अंकल ने स्टाफ को गली देते हुए कहा – साले बहन चोद.. !! एक काम नहीं करते, ठीक से.. !!

मम्मी ने कहा – क्या आप, कुछ देर के लिए आते हैं और उसमें में भी मूड ऑफ कर लेते हैं, अपना.. !!

अंकल ने मम्मी को पकड़ के ऊपर खींचा और कहा – अरे नहीं, मेरी रानी.. !! तेरे पास अपना मूड ठीक करने तो आता हूँ.. !! घर में बीवी से झगड़ा.. !! बाहर, स्टाफ की परेशानी.. !! मैं थक जाता हूँ.. !! बस तेरे पास थोड़ा आता हूँ, तो अच्छा लगता है.. !!

मम्मी ने अपना हाथ पीछे करते हुए, उनका गला पकड़ा और उनके होंठ पर किस किया और कहा – चलिए, अब शांत हो जाइए.. !!

अंकल ने मम्मी के बालों को पकड़ा और कहा – शांत ही तो होने आता हूँ, मेरी रानी.. !! और, मम्मी को देख के हँसे।

मम्मी ने भी मुस्कुराया और फिर अंकल ने उनके होंठ पर ज़ोर का चुम्मा लिया और मम्मी, उनके ऊपर आ गईं।

फिर वो, एक दूसरे को किस करने लगे।

अंकल ने मम्मी का चुत्तड़, कैप्री के ऊपर से कस के पड़ा और दबा दिया।

मम्मी ने “उम्मह” करते हुए, अपना हाथ पीछे किया और उनका हाथ हटाते हुए कहा – क्या कर रहे हैं.. !! दर्द होता है.. !!

अंकल ने धीरे से सहलाते हुए, कहा – सॉरी यार.. !! क्या करूँ, ऐसी गांड देख कर कंट्रोल नहीं होता.. !! चल, एक चाय पीला दे.. !! और, मम्मी उठ के चली गईं।

अंकल ने अपना लैपटॉप खोला और कुछ काम करने लगे।

मम्मी कुछ देर में, चाय ले के आ गईं।

अंकल ने चाय ली और अपना सिगरेट जलाया और पीने लगे।

साथ साथ में, लैपटॉप पर काम करने लगे।

मम्मी उनसे बार बार कह रही थीं, काम बंद करने को, पर अंकल नहीं मान रहे थे।

कुछ देर बाद, मम्मी गुस्सा करके बाहर चली गई और टीवी चला लिया।

टीवी की आवाज़, बाहर तक आ रही थी।

अंकल ने उन्हें थोड़ी देर बाद, आवाज़ दी पर अब मम्मी नहीं आ रही थीं।

अंकल ने अब लैपटॉप बंद किया और चाय पी के कप नीचे रख दिया और बाहर के हाल में, चले गये।


कुछ देर तक, बस टीवी की आवाज़ आ रही थी।

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RE: मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल... - by usaiha2 - 17-03-2020, 02:25 PM



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