17-03-2020, 02:22 PM
3 बजे के करीब, मैं बाथरूम गया।
मेरी मम्मी की “पैंटी और ब्रा” रोड पर, टंगी हुई थी।
मैंने सबसे पहले बाथरूम का दरवाज़ा बंद किया और मम्मी की पैंटी, रोड पर से उतारी क्यूंकि मैंने उसमें सफेद दाग देखा नॉर्मली मेरी मम्मी के पास पुरानी पैंटी ब्रा नहीं होते।
वो कुछ दिन उसे पहनने करने के बाद, नये खरीद लेती हैं।
इसी लिए, मैं देखना चाहता था मम्मी की पैंटी के गांड वाले हिस्से पर दाग लगा हुआ था और उनकी पैंटी सुखी हुई थी। शायद, मम्मी ने उन्हें धोया नहीं था।
तब मुझे याद आया, मम्मी ने रात में कई बार अंकल के लण्ड से निकला वीर्य साफ किया था।
ये उसी का, दाग था।
मैंने मम्मी की पैंटी, वहीं रोड पर रख दी।
शाम को, मम्मी सो के उठीं।
मैंने उनको, चाय बना के दी।
मम्मी ने चाय पी, उसके बाद वो खाना बनाने चली गईं।
मैं भी, अपने रूम में पढ़ने चला गया।
मेरे दिमाग़ में, कल रात की बात घूम रही थी।
मैं सोच रहा था, श्लोक को सारी बात बताने का लेकिन, वो कभी नहीं मानता ये मैं और आप भी जानते हैं।
थोड़ी देर के बाद, मैं कमरे से बाहर निकला।
मम्मी, किचन में नहीं थीं।
सब्ज़ी “सिम आँच” पर चड़ी हुई थी और मम्मी, अपने कमरे में थीं।
मैं, बालकनी के तरफ गया।
मम्मी, फोन पर बात कर रही थीं।
चुकीं लाइट बंद थी बालकनी की, इस लिए मम्मी ने मुझे देखा नहीं।
मैं रूम में ही, दीवार के दूसरे साइड खड़े हो गया।
मम्मी की, धीरे धीरे बात करने की आवाज़ आ रही थी।
जैसे – मुझे बहुत डर लग रहा है.. !! किसी को मालूम चल गया तो.. !! – फिर वो चुप हो गईं।
थोड़ी देर बाद, मम्मी की आवाज़ आई – नहीं.. !! अब दर्द कम है.. !!
अब वो फिर से, चुप हो गईं।
फिर, आवाज़ आई – नहीं नहीं.. !! कल नहीं.. !! प्लीज़.. !! कोई देख लेगा.. !!
फिर, एक अंतराल।
फिर उन्होंने कहा – नहीं प्लीज़.. !! कल नहीं.. !! मेरा बेटा देख लेगा.. !!
इस बार, वो कुछ लंबे समय के लिए चुप थीं।
इस बार, उन्होंने कहा – मुझे बहुत डर लग रहा है.. !! आप, समझ क्यूँ नहीं रहे हैं.. !!
फिर, एक लंबी खामोशी।
उसके बाद, मम्मी की आवाज़ आई – मैं रात में मैसेज करती हूँ.. !! बाइ.. !!
मैं फटाफट, अपने कमरे में चला गया।
मम्मी, कुछ देर वहीं बालकनी में थीं।
उसके बाद, वो किचन में गईं और जाकर सब्ज़ी उतारी और रोटी बना के टीवी देखने लगीं।
रात को 10 बजे, हमने खाना खाया।
मम्मी, बहुत ही “चिंतित” दिख रही थीं।
ऐसा लग रहा था, उनका ध्यान यहाँ नहीं है।
कहीं, खोई हुई हैं।
बीच बीच में, उनका फोन बज रहा था जो वो काट दे रही थीं।
खाना खाने के बाद, मैं अपने कमरे में सोने चला गया और मम्मी अपने कमरे मे चली गईं।
सुबह उठ के मम्मी ने मेरा लंच बॉक्स तैयार किया और मैं 6:30 को अपने कॉलेज की बस पकड़ के चला गया और 3 बजे, घर लौट के आया।
मैंने जब कॉल बेल बजाया, तब मम्मी सो रही थीं।
आम तौर पर, मम्मी दिन में सोती नहीं थीं क्यूंकि मेरे आने के बाद वो मुझे लंच देती थीं।
आज, मम्मी सो रही थीं।
खैर, कुछ देर कॉल बेल बजाने के बाद मम्मी उठ गईं।
मैंने पूछा – मम्मी आप ठीक हैं ना.. !! क्या हुआ.. !!
मम्मी ने कहा – कुछ नहीं हुआ है.. !! सब ठीक है.. !! बस, आँख लग गई.. !! और, मेरे लिए लंच लाकर दिया।
मैंने खाना खाया और मम्मी का फोन लिया, गेम खेलने के लिए क्यूंकि उस समय, मेरे पास अपना फोन था नहीं।
मम्मी, टीवी देख रही थीं।
मैं गेम खेल रहा था तभी “टू टू” करके आवाज़ आई।
मैंने देखा, मोबाइल पर मैसेज था।
मैंने जैसे ही क्लिक किया, जिस नंबर से ये मैसेज था उस पर श्लोक के पापा का नाम लिखा था।
मैंने खोल लिया और देखा, उस पर लिखा था – फिर, क्या इरादा है.. !! ??
मैंने स्क्रोल किया और सारे मैसेज, पढ़ लिए।
11:30 से लेकर 2 बजे तक का मैसेज था।
अंकल – दर्द तो नहीं हो रहा.. !!
मम्मी – कम है, थोड़ा.. !! सूजन (स्वेल) हो गया है.. !!
अंकल – हाँ.. !! मैं थोड़ा, बेकाबू हो गया था.. !!
थोड़ी देर बाद…
अंकल – सो गई.. !! ??
मम्मी – नहीं.. !!
अंकल – कुछ बोल ना.. !!
मम्मी – आपकी, वाइफ कहाँ हैं.. !!
अंकल – सो रही हैं.. !!
मम्मी – अब, आप भी सो जाइए.. !!
अंकल – नींद नहीं आ रही है.. !!
मम्मी – क्यों.. !! ??
अंकल – बोलो ना.. !! कल, आ जाऊं ना.. !!
मम्मी – नहीं.. !! प्लीज़ कल नहीं.. !!
अंकल – क्यों.. !! तुम्हारे लाल के कॉलेज जाने के बाद, आऊंगा.. !! प्लीज़, एक बार.. !! धीरे करूँगा.. !! प्लीज़.. !!
मम्मी – बात को समझिए.. !! प्लीज़, अभी तो दर्द भी गया नहीं है.. !! कम हो जाए थोड़ा, फिर.. !! प्लीज़.. !! मना तो नहीं कर रही.. !!
अंकल – महक, प्लीज़ यार.. !! तुम भी तो ना जाने, कब से तड़फ़ रही हो.. !! अब मौका मिला तो पीछे हट रही हो.. !! मैं बिल्कुल धीरे धीरे करूँगा.. !! प्लीज़.. !!
मम्मी – ठीक है.. !! बस, एक बार लेकिन.. !!
अंकल – ठीक है, जानू.. !! कितने बजे.. !!
मम्मी – 9 बजे के बाद.. !!
अंकल – आइ लव यू, जान.. !!
उसके बाद का मैसेज, अभी का मैसेज था।
थोड़ी देर बाद, फिर एक मैसेज आया।
अब मैंने फोन जाके, मम्मी को दे दिया।
अपना दिमाग़ खराब करने का क्या मतलब।
फिर कुछ देर बाद, श्लोक आया और हम लोग क्रिकेट खेलने चले गये।
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मेरी मम्मी की “पैंटी और ब्रा” रोड पर, टंगी हुई थी।
मैंने सबसे पहले बाथरूम का दरवाज़ा बंद किया और मम्मी की पैंटी, रोड पर से उतारी क्यूंकि मैंने उसमें सफेद दाग देखा नॉर्मली मेरी मम्मी के पास पुरानी पैंटी ब्रा नहीं होते।
वो कुछ दिन उसे पहनने करने के बाद, नये खरीद लेती हैं।
इसी लिए, मैं देखना चाहता था मम्मी की पैंटी के गांड वाले हिस्से पर दाग लगा हुआ था और उनकी पैंटी सुखी हुई थी। शायद, मम्मी ने उन्हें धोया नहीं था।
तब मुझे याद आया, मम्मी ने रात में कई बार अंकल के लण्ड से निकला वीर्य साफ किया था।
ये उसी का, दाग था।
मैंने मम्मी की पैंटी, वहीं रोड पर रख दी।
शाम को, मम्मी सो के उठीं।
मैंने उनको, चाय बना के दी।
मम्मी ने चाय पी, उसके बाद वो खाना बनाने चली गईं।
मैं भी, अपने रूम में पढ़ने चला गया।
मेरे दिमाग़ में, कल रात की बात घूम रही थी।
मैं सोच रहा था, श्लोक को सारी बात बताने का लेकिन, वो कभी नहीं मानता ये मैं और आप भी जानते हैं।
थोड़ी देर के बाद, मैं कमरे से बाहर निकला।
मम्मी, किचन में नहीं थीं।
सब्ज़ी “सिम आँच” पर चड़ी हुई थी और मम्मी, अपने कमरे में थीं।
मैं, बालकनी के तरफ गया।
मम्मी, फोन पर बात कर रही थीं।
चुकीं लाइट बंद थी बालकनी की, इस लिए मम्मी ने मुझे देखा नहीं।
मैं रूम में ही, दीवार के दूसरे साइड खड़े हो गया।
मम्मी की, धीरे धीरे बात करने की आवाज़ आ रही थी।
जैसे – मुझे बहुत डर लग रहा है.. !! किसी को मालूम चल गया तो.. !! – फिर वो चुप हो गईं।
थोड़ी देर बाद, मम्मी की आवाज़ आई – नहीं.. !! अब दर्द कम है.. !!
अब वो फिर से, चुप हो गईं।
फिर, आवाज़ आई – नहीं नहीं.. !! कल नहीं.. !! प्लीज़.. !! कोई देख लेगा.. !!
फिर, एक अंतराल।
फिर उन्होंने कहा – नहीं प्लीज़.. !! कल नहीं.. !! मेरा बेटा देख लेगा.. !!
इस बार, वो कुछ लंबे समय के लिए चुप थीं।
इस बार, उन्होंने कहा – मुझे बहुत डर लग रहा है.. !! आप, समझ क्यूँ नहीं रहे हैं.. !!
फिर, एक लंबी खामोशी।
उसके बाद, मम्मी की आवाज़ आई – मैं रात में मैसेज करती हूँ.. !! बाइ.. !!
मैं फटाफट, अपने कमरे में चला गया।
मम्मी, कुछ देर वहीं बालकनी में थीं।
उसके बाद, वो किचन में गईं और जाकर सब्ज़ी उतारी और रोटी बना के टीवी देखने लगीं।
रात को 10 बजे, हमने खाना खाया।
मम्मी, बहुत ही “चिंतित” दिख रही थीं।
ऐसा लग रहा था, उनका ध्यान यहाँ नहीं है।
कहीं, खोई हुई हैं।
बीच बीच में, उनका फोन बज रहा था जो वो काट दे रही थीं।
खाना खाने के बाद, मैं अपने कमरे में सोने चला गया और मम्मी अपने कमरे मे चली गईं।
सुबह उठ के मम्मी ने मेरा लंच बॉक्स तैयार किया और मैं 6:30 को अपने कॉलेज की बस पकड़ के चला गया और 3 बजे, घर लौट के आया।
मैंने जब कॉल बेल बजाया, तब मम्मी सो रही थीं।
आम तौर पर, मम्मी दिन में सोती नहीं थीं क्यूंकि मेरे आने के बाद वो मुझे लंच देती थीं।
आज, मम्मी सो रही थीं।
खैर, कुछ देर कॉल बेल बजाने के बाद मम्मी उठ गईं।
मैंने पूछा – मम्मी आप ठीक हैं ना.. !! क्या हुआ.. !!
मम्मी ने कहा – कुछ नहीं हुआ है.. !! सब ठीक है.. !! बस, आँख लग गई.. !! और, मेरे लिए लंच लाकर दिया।
मैंने खाना खाया और मम्मी का फोन लिया, गेम खेलने के लिए क्यूंकि उस समय, मेरे पास अपना फोन था नहीं।
मम्मी, टीवी देख रही थीं।
मैं गेम खेल रहा था तभी “टू टू” करके आवाज़ आई।
मैंने देखा, मोबाइल पर मैसेज था।
मैंने जैसे ही क्लिक किया, जिस नंबर से ये मैसेज था उस पर श्लोक के पापा का नाम लिखा था।
मैंने खोल लिया और देखा, उस पर लिखा था – फिर, क्या इरादा है.. !! ??
मैंने स्क्रोल किया और सारे मैसेज, पढ़ लिए।
11:30 से लेकर 2 बजे तक का मैसेज था।
अंकल – दर्द तो नहीं हो रहा.. !!
मम्मी – कम है, थोड़ा.. !! सूजन (स्वेल) हो गया है.. !!
अंकल – हाँ.. !! मैं थोड़ा, बेकाबू हो गया था.. !!
थोड़ी देर बाद…
अंकल – सो गई.. !! ??
मम्मी – नहीं.. !!
अंकल – कुछ बोल ना.. !!
मम्मी – आपकी, वाइफ कहाँ हैं.. !!
अंकल – सो रही हैं.. !!
मम्मी – अब, आप भी सो जाइए.. !!
अंकल – नींद नहीं आ रही है.. !!
मम्मी – क्यों.. !! ??
अंकल – बोलो ना.. !! कल, आ जाऊं ना.. !!
मम्मी – नहीं.. !! प्लीज़ कल नहीं.. !!
अंकल – क्यों.. !! तुम्हारे लाल के कॉलेज जाने के बाद, आऊंगा.. !! प्लीज़, एक बार.. !! धीरे करूँगा.. !! प्लीज़.. !!
मम्मी – बात को समझिए.. !! प्लीज़, अभी तो दर्द भी गया नहीं है.. !! कम हो जाए थोड़ा, फिर.. !! प्लीज़.. !! मना तो नहीं कर रही.. !!
अंकल – महक, प्लीज़ यार.. !! तुम भी तो ना जाने, कब से तड़फ़ रही हो.. !! अब मौका मिला तो पीछे हट रही हो.. !! मैं बिल्कुल धीरे धीरे करूँगा.. !! प्लीज़.. !!
मम्मी – ठीक है.. !! बस, एक बार लेकिन.. !!
अंकल – ठीक है, जानू.. !! कितने बजे.. !!
मम्मी – 9 बजे के बाद.. !!
अंकल – आइ लव यू, जान.. !!
उसके बाद का मैसेज, अभी का मैसेज था।
थोड़ी देर बाद, फिर एक मैसेज आया।
अब मैंने फोन जाके, मम्मी को दे दिया।
अपना दिमाग़ खराब करने का क्या मतलब।
फिर कुछ देर बाद, श्लोक आया और हम लोग क्रिकेट खेलने चले गये।
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