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Adultery मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल...
#14
(भाग-2) 



अंकल ने मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और मम्मी के गालों पर हाथ फिराते हुए कहा – महक जी.. ! आप बहुत अच्छी “सेक्स पाटनर” हैं.. ! कसम से कहता हूँ, आज तक इतना मज़ा मुझे किसी लड़की या औरत के साथ नहीं आया.. ! सच में आप बड़ी कोपरेटिव हैं.. !

फिर उन्होंने मम्मी को किस किया और मम्मी से कहा – महक, मैं जानता हूँ की आपके पति के बाहर रहने की वजह से, आप बहुत तनाव में रहती हैं.. ! आप आज से मेरे साथ ही रहेंगी और मैं आपको, किसी चीज़ की कमी नहीं महसूस होने दूँगा.. !

अब अंकल ने मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और अपने ऊपर कंबल डाल लिया और दोनों एक ही कंबल में नंगे ही लेट गये।

अंकल ने हाथ ऊपर करते हुए, लाइट ऑफ कर दी।

मुझे लगा शायद मम्मी और अंकल, अब आख़िरकार सोएंगे।

तो, मैं भी घर के लिए जाने लगा पर जैसे ही मैं दरवाज़े के पास पहुँचा, बारिश तेज़ हो गई।

मैंने सोचा की कुछ देर तक रुकता हूँ।

अंकल और मम्मी तो सो ही गये हैं और कुछ देर में, थोड़ी सी रोशनी भी हो जाएगी।

मैं वही दरवाज़े की सीढ़ी के पास बैठा गया और बारिश ख़तम होने और सुबह होने का इंतेज़ार करने लगा।

पर, बारिश तो पर बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी।

कुछ देर यूँही बैठे रहने के बाद, मैं बोर होकर वापस खिड़की के पास आ गया।

लाइट ऑफ होने के कारण, कुछ दिख नहीं रहा था।

बस धीरे धीरे, बात करने की आवाज़ आ रही थी और बीच बीच में पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट की आवाज़ आ रही थी।

बिस्तर से भी “चू चू” की हिलने की आवाज़ आ रही थी।

इतना तो मैं फ़ौरन समझ गया था की वो लोग अभी भी नहीं सोए हैं।

मुझे लगा, पता नहीं कहीं मम्मी को सुबह अस्पताल ही ना ले जाना पड़े।

तभी मम्मी की आवाज़ आई – आ आ आहह आ आ अहह मा आआ मा आ आ आ आ मा आआ अ मा आअ माआअ नाह हिई ई ओउू ऊहह ओई ई ईई ई ई.. ! प्लीज़, अब छोड़ दे.. ! तू इंसान है या जनवार.. ! इतना तो कोई रंडी को भी नहीं चोदता.. ! आ आ आ आ अहह अहह अहहा अ माआ आ अम्म्म्म ममा आ आ आअ.. !

इधर, कमरे में ठप ठप ठप की आवाज़ गूँज रही थीं।

अचानक अंकल की आवाज़ आई – आ आ अहह महक.. ! आ आ आहह महक.. ! बस कुछ देर और साथ दे दे मेरा.. ! आ आ आ बहुत तड़पाया है, तूने.. ! उंह हा आ आ आ आ आ आ आ.. ! तुझे पाने के लिए, मैंने बहुत जतन किए हैं छीनाल.. !

मम्मी ने कहा – जब मैं जिंदा ही नहीं बचूंगी तो किस के साथ करोगे.. !

अब मम्मी की आवाज़ से कमज़ोरी, साफ साफ झलक रही थी।

अंकल ने कहा – जानू, बस कुछ देर और अपनी चूत से मेरे लण्ड की गरमी को शांत कर दो.. ! और वो फिर से, पट पट पट पट पट पट करके मम्मी को चोदने लगे।

मम्मी कुछ देर – आ आहह आ आ अहह आ अहह.. ! करती रहीं। फिर, एकदम शांत हो गयीं।

एक पल को मुझे ऐसा लगा, कहीं मम्मी निकल तो नहीं लीं।

पर तभी अंकल की आवाज़ आई – रो मत, मेरी रानी.. ! एक बार शांत कर दे मुझे, फिर छोड़ दूँगा.. !

मम्मी की चूडी और पायल की “छन छन” की आवाज़ गूँज रही थीं पर उनकी कोई आवाज़ नहीं आ रही थी।

हल्की हल्की रोने की सिसकी, कभी कभी सुनाई दे जाती थी।

पर अंकल लगातार, मेरी मम्मी को चोदे जा रहे थे।

मुझे लग रहा था की अंकल आज, मम्मी को मार डालेंगें।

अब सच में ऐसा ही लग रहा था की मम्मी की इज़्ज़त लूट रही थी।

पराया मर्द, औरत पर रहम तो ख़ाता नहीं सो अंकल को भी मम्मी की हालत पर तरस नहीं आ रहा था।

कुछ देर बाद, अंकल ने कहा – महक ग़लती मेरी नहीं है.. ! तेरे जैसी औरत जिसके पास भी होगी, वो रात भर सो नहीं पाएगा.. ! तेरे पति ने कभी नहीं चोदा क्या रात भर.. !

मम्मी की कोई आवाज़ नहीं सुनाई दी।

अंकल, फिर उन्हें फट फट करके चोदने लगे।

लगभग 10 मिनिट तक अंकल ने मेरी निढाल पड़ी मम्मी को चोदा और उसके बाद – आ आ आ आ आ आआ आआ आअहह करते हुए, थोड़े शांत से हो गये और बस फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ आने लगीं।

अंकल ने मम्मी से कहा – बस हो गया, महक.. ! अब, रोना बंद करो.. ! सच में अब नहीं करूँगा.. !

उसके बाद, उन्होंने हाथ उठा कर लाइट जला दी।

मैंने देखा, अंकल मम्मी से लिपटे हुए थे और दोनों पसीने में लथपथ थे।

उनके ऊपर कंबल नहीं था, वो नीचे गिरा हुआ था।


मम्मी ऐसे पड़ीं थीं, जैसे उनके अंदर जान ही ना हो।

अंकल के लण्ड पर वीर्य लगा हुआ था।

फिर अंकल ने मम्मी की पैंटी से उनका लण्ड साफ किया और फिर मम्मी की चूत पर लगा, उनका वीर्य साफ किया।

कुछ देर बाद मम्मी लड़खड़ाती हुई उठीं और बोलीं – मैं आती हूँ.. ! और वो, बाथरूम करने चली गईं।

अंकल ने अपनी पैंट की जेब से सिगरेट निकाली और पीने लगे।

सिगरेट पीते पीते, उन्होंने अपनी ग्लास मे दारू डाल ली और बिस्तर पर नंगे लेट गये।

कुछ देर बाद, मम्मी निकल के आईं और बिस्तर पर लेट गईं।

अंकल ने मम्मी को अपने पास खींच लिया और अपने से चिपका लिया और पूछा – जानू, नींद आ रही है.. !

मम्मी ने बड़े धीरे से कहा – हाँ.. !

अंकल ने कहा – ठीक है, अब कुछ नहीं करूँगा.. ! और, उनके लिप्स पर हल्का सा किस किया।

अंकल ने कहा – महक, आज से पहले मुझे इतनी शांति किसी औरत ने नहीं दी.. ! तू एक “संपूर्ण औरत” है, जो हर मर्द चाहता है.. !

मैंने देखा, मम्मी अंकल की छाती पर कभी किस कर रही थीं तो कभी अपने गाल, वहां रख के प्यार दिखा रही थीं।

मम्मी ने उनसे पूछा – क्या उनकी वाइफ जानती है की अंकल मम्मी के साथ हैं.. !

अंकल ने कहा – मेरी वाइफ की चिंता, तुम मत करो.. ! उसको कुछ पता नहीं चलेगा.. ! और, अंकल ने अपनी सिगरेट बुझा दी।

ग्लास में फिर से दारू ली और ग्लास टेबल पर रख दिया।

फिर वो बिस्तर से नीचे उतर कर, बाथरूम चले गये।

मम्मी वहीं, चुपचाप लेटी हुई थीं।

अंकल आए और उनके बगल में लेट गये और मम्मी को लिप पर किस करने लगे।

थोड़ी देर पहले, बिल्कुल निढाल पड़ी मम्मी भी उनका साथ देने लगीं।

अब अंकल ने नीचे से कंबल उठाया और दोनों के ऊपर डाल दिया।

फिर मम्मी को अपने सीने से चिपका के चूमने लगे।

अंकल ने मम्मी से पूछा – अब नींद तो आ नहीं रही है.. !

मम्मी ने कहा – आ रही है पर लग नहीं रही.. ! शायद, थकान के कारण.. !

इधर, मैं अंकल के हाथ का हिलना साफ देख रहा था।

साफ पता चल रहा था की वो कंबल के नीचे, मेरी मम्मी की चूत रगड़ रहे हैं।

कुछ देर बाद, मम्मी ने कहा – अब सोने दीजिए.. ! वैसे भी अब कुछ महसूस ही नहीं हो रहा है.. ! अभी सो जाइए, आप जब भी बुलाएँगे, मैं आ जाया करूँगी, आपके पास.. ! मैं बहुत थक गई हूँ.. ! महसूस ही नहीं हो रहा की मेरी चूत और मम्मे हैं भी की नहीं.. !

अंकल ने कहा – बस महक, एक बार और करने दे.. ! उसके बाद, तू जैसा बोलेगी, मैं जिंदगी भर वैसा ही करूँगा.. !

मम्मी ने कहा – प्लीज़, भाई साब.. ! इस बार सच में, मेरी जान निकल जाएगी.. !

अंकल को कोई फ़र्क नहीं पड़ा और धीरे धीरे करके, वो मम्मी के ऊपर आ गये।

फिर उन्होने, कंबल को अच्छे से लपेट लिया।

मुझे बस अंकल और मम्मी का चेहरा दिख रहा था।

अंकल लगातार, मेरी मम्मी के होंठों को चूस रहे थे।

मम्मी किसी “मोम की गुड़िया” की तरह पड़ी थीं।

अब कंबल के नीचे से, अंकल ने अपना लण्ड सही किया और एक धक्का मारा।


मम्मी थोड़ी सी हिलीं और छत की तरफ देखती हुई, वैसे ही पड़ी रहीं।

अंकल ने कहा – बस महक.. ! हो गया.. ! आ आ आ अहह.. !

मम्मी ने अब भी कुछ नहीं कहा और छत की तरफ टकटकी लगाए, देखती रहीं।

अंकल ने कहा – कुछ देर और महक.. ! और, एक और धक्का मारा और धीरे धीरे, मम्मी की चूत मे लण्ड ठुसने लगे।

मैंने देखा, अब मम्मी की आँखों से आँसू निकल रहे थे पर वो वैसी ही पड़ी हुई थीं।

अंकल बड़ी बेशरमी से मेरी मम्मी के आँसू चाटते हुए, उन्हें चोदने लगे और ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आने लगी।

मम्मी के चेहरे पर कोई “भाव” नहीं था।

ना दर्द का। ना चुदाई का।

बस उनकी आँखों से आँसू टपक रहे थे और वो एक टक छत की तरफ देख रहीं थीं।

उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था की अंकल उन्हें चोद रहे हैं या क्या कर रहे हैं।

असल में, अंकल को भी मम्मी की हालत से कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था।

वो अपनी मस्ती में ही कहते जा रहे थे – महक, तेरी चूत में एक अलग मज़ा है.. ! सुकून है.. ! ठंडा कर दे, मुझे रानी.. ! आ आ आ अहह.. !

अंकल, अब मेरी “जिंदा लाश मम्मी” को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे।

मम्मी की तरफ से, बस उनकी चूडी और पायल की छन छन की आवाज़ आ रही थी और किसी भी तरह से नहीं लग रहा था की वो जिंदा हैं.. !

बस बस हो गया.. ! आ आ आहह.. ! की आवाज़ के साथ, अंकल शांत हो गये और धीरे धीरे, कमर हिलाने लगे।

उन्होंने अपना वीर्य मेरी मम्मी की चूत में गिरा दिया और अब वो उन के ऊपर लेट गये।

बस, हो गया.. ! अब सच में नहीं करूँगा.. ! आँसू पोछ लो.. ! अब नहीं करूँगा, तुम्हारी कसम.. ! ये बोलते बोलते, अंकल ने लाइट ऑफ कर दी।

कुछ देर तक, अंकल कुछ कुछ बोलते रहे पर मम्मी की तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा था।

मुझे डर था की कहीं मम्मी को सुबह तक कुछ हो ना जाए पर मैं कुछ नहीं कर सकता था।


#


रात के, नहीं नहीं सुबह के लगभग 5 बज गये थे और बारिश भी धीमी थी।

मैं घर के लिए निकल गया और अपने बिस्तर पर आने के बाद, कुछ देर तक मेरे दिमाग़ में वही सब चल रहा था।

मेरे बेस्ट फ्रेंड के पापा ने, मम्मी को चोदा है।

मैं कुछ नहीं कर सकता था क्यूंकि अंकल ने मेरी मम्मी के साथ कोई ज़बरदस्ती नहीं की थी और उन्होंने मम्मी को उनकी मर्ज़ी से चोदा है।

पापा को बताने का मतलब था, दोनों का “तलाक़”।

मैं श्लोक को भी बता नहीं सकता था क्यूंकि वो कभी नहीं मानेगा।

अगर आँखों से नहीं देखा होता तो मैं भी नहीं मानता की मेरी मम्मी उसके पापा से चुद कर आई हैं। फिर, वो कैसे मानता।

मैं ये भी नहीं समझ पा रहा था मम्मी पर गुस्सा आना चाहिए या आख़िर में जो उनकी हालत थी, उस पर तरस।

ऐसे ही ये सब सोचते सोचते, मेरी आँख लग गई।

#

सुबह 9 बजे के करीब, जब मैं जागा तब भी मम्मी घर नहीं आई थीं।

लगभग एक घंटे बाद, कॉल बेल बजी।

मैंने दरवाज़े खोला।

मम्मी ही थीं।

उनकी आँखों में नींद भरी हुई थीं और अभी भी वो बहुत थकी हुई लग रही थीं।

उन्हें अभी भी खड़े होने के लिए, दरवाज़े का सहारा लेना पड़ रहा था।

मैंने मम्मी से पूछा – मम्मी, आप कहाँ थीं, रात भर.. ! ??

मम्मी ने मेरी आँखों में आँखें डाल कर, मुझसे साफ साफ झूठ बोल दिया और कहा की वो एक आंटी की तबीयत खराब होने पर, उनके के साथ चली गई थीं उनको घर छोड़ने और बारिश की वजह से, आंटी ने उन्हें घर पर ही रोक लिया।

मैंने भी उनसे, कुछ नहीं कहा।

मैं उन्हें ये नहीं जानने देना चाहता था की मैंने सब देखा है।

फिर उन्होंने कहा – बेटा, मैं बहुत थक गई हूँ.. ! मैं सोने जा रही हूँ.. !

अंदर जाकर, उन्होंने अपने रूम को अंदर से बंद कर दिया और सो गईं।

उनकी नींद, रात के 9 बजे खुली।

मैंने मम्मी के लिए चाय बनाई और फिर वो नहाने चली गयीं।

नहा के आने के बाद, मम्मी एकदम सामान्य हो गईं।

उन्हें देख कर लग ही नहीं रहा था की कल पूरी रात, वो एक गैर मर्द के साथ थीं।


जैसा की मैंने अपनी पिछले अपडेट में बताया था की मेरे दोस्त श्लोक के पापा ने उस नाइट को सारी रात, मेरी मम्मी को चोदा और अगले दिन मम्मी घर आई और सो गईं।
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RE: मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल... - by usaiha2 - 17-03-2020, 02:22 PM



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