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Adultery मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल...
#12
एक दो मिनट में, मम्मी बाहर आ गईं और उन्होंने अंकल से अपनी पैंटी माँगी और कहा – अब वो, उन्हें घर छोड़ दे.. !


अंकल ने मम्मी के हाथ को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा।

मम्मी, सीधा अंकल की गोद में चली गईं और अंकल ने मम्मी को किस करते हुए कहा – जानू, अभी कहाँ जाना है.. ! मैं आपको, सुबह घर छोड़ दूँगा.. ! आज आप, यहीं रुक जाओ, मेरे पास.. ! और फिर, आपकी तबीयत भी कुछ खराब है.. ! वैसे भी कौन सा, आपका पति आपका घर पर इंतेज़ार कर रहा है। और, वो मम्मी के होंठों पर किस करने लगे।

कुछ देर मम्मी के होंठों का रसपान करके, अंकल ने कहा – मैं शराब लेकर आता हूँ.. ! आज रात भर, पार्टी करेंगे.. !

मम्मी ने अब, थोड़ा गुस्से में कहा – मैं नहीं पीती.. ! प्लीज़, मेरे सिर में बहुत दर्द हो रहा है.. ! और अब तो आप मुझे चोद चुके ना, अब क्यूँ नशा कराना है मुझे.. !

अंकल ने कहा – जानेमन, अभी कहाँ चोद चुके.. ! ये तो बस “टेस्ट ड्राइव” थी और तुम चिंता क्यूँ करती हो, कुछ नहीं होगा.. ! महक मेरी जान, ये शराब नहीं है ये तो दवाई है.. ! तुम्हारा सब दर्द, ख़तम हो जाएगा.. ! वैसे भी आप जितनी नशीली हैं, उसके सामने ये शराब क्या नशा करेगी.. ! और, वो ज़ोर से हंस पड़े।

आधे घंटे तक, “रंडी की तरह” बड़ी बेशरमी से अपनी टाँगें खोल खोल के चुदवाने और अंकल के लण्ड पर छीनाल की तरह कूदने के बाद, अंकल की तारीफ़ से मेरी “भोली भाली मम्मी” कुछ शरमा सी गईं।

मम्मी ने अंकल के गाल पर बड़े प्यार से मुस्कुराते हुए, एक हल्का सा थप्पड़ मारा।


अंकल ने भी मम्मी के बालों को पकड़ा और उनके होंठों को अपने मुंह में लेकर किस किया।

फिर उन्होंने अपनी अंडर वियर पहन ली और वहां से चले गये।

जाते वक़्त, अंकल ने बाहर से दरवाज़े सटा दिया।

अब मैं बाहर के कमरे की तरफ गया और देखने लगा।

अंकल के दोस्त, वहीं सोफे पर बैठे हुए थे।

उन्होंने अंकल को आते देखा और कहा – आइए, शिकारी जी.. ! कर लिया, अपना शिकार.. !

अंकल ने ताली बजाते हुए, कहा – हाँ भाई, हो गया काम.. ! गजब की माल है, कुतिया.. ! “लण्ड फोड़, बिस्तर तोड़ छमिया” है, माँ की लौड़ी.. ! यार, चूत इतनी टाइट है की खून रिस आया.. ! मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ.. ! जी ही नहीं चाह रहा था भाई, उसकी चूत से लण्ड बाहर निकालूँ.. !

फिर, अंकल ने कहा – यार, पर एक ग़लती हो गई.. ! कॉन्डम भूल गया था.. ! मूत अंदर गिर गया.. !

उनके दोस्त ने कहा – तो क्या हुआ, भाई.. ! डर क्यों रहा है.. ! गिरवा देना.. ! कौन है यहाँ, उससे सवाल जवाब करने के लिए.. ! और फिर कौन सी ये पहली औरत होगी, जिसके पेट में तेरा बच्चा ठहर गया हो.. ! साले, कितनों का गिरवाया हुआ है तूने, जिनके तो पति भी यहाँ हैं.. ! इसका भी गिरवा देंगें.. ! चिंता मत कर.. !

फिर कुछ देर बाद, उनके दोस्त ने कहा – ये बता, अब क्या प्लान है.. ! मुझे भी निकलना है, कहीं.. !

अंकल ने कहा – क्या बोल रहा है, यार.. ! अभी कहाँ जा रहा है, भाई.. ! मैंने तो सोचा था, आज रात भर इसकी तबीयत से लूँगा.. ! कल सुबह छोड़ूँगा, उसको घर.. !

अंकल का दोस्त हंस पड़ा और कहा – बहन चोद, साले.. ! एक ही दिन में फाड़ देगा, क्या.. ! रुला मत दियो, भाई.. ! जैसे उस दिन, उस शर्मा की बीवी को रुला दिया था.. !

अब अंकल भी हंसने लगे और बोले – नहीं यार.. ! इसको, रुलाऊँगा नहीं.. ! इसको प्यार से चोदूंगा.. ! ताकि रोज़ तरसे, मेरे बिस्तर पर आने के लिए.. ! बहुत दिन लगाए हैं, इसने बिस्तर पर आने के लिए.. ! अब ये तडपेगी.. ! पति आ भी गया तो भी, मेरी पास आकर रोज़ यही कहेगी – चोदो ना जान, मेरी चूत.. !

अंकल के दोस्त ने अब हंसते हुए कहा – फिर हमें कब मौका मिलेगा, ऐसी “प्यारी और प्यासी चूत” मारने का.. !

अंकल ने कहा – अभी नहीं, यार.. ! अभी ये पूरी तरह सेट हो जाए.. ! फिर, तुम सब ले जाना पर अभी नहीं.. ! पता चला की मैं भी आगे, कभी ना ले सकूँ और फिर कहीं चिल्लाने विल्लाने ना लगे.. ! पहला दिन है, भाई रंडी का.. ! पहले दिन, एक ही “ग्राहक” बहुत है.. ! सब्र करो.. ! कद्दू काट तो गया ही है, अब सब में बँट भी जल्द ही जाएगा.. !

मेरे दोस्त के पापा, मेरी मम्मी के बारे में ऐसी बातें कर रहे थे और मैं चुपचाप सुन रहा था।

वैसे मुझे अब कोई ताजूब नहीं होता, अगर मम्मी उनके दोस्त से भी अपनी चूत मरवा लेती।

सोचा तो मैंने पहले ये था की अंकल मम्मी की इज़्ज़त लूटेगें पर मम्मी ने तो अपनी इज़्ज़त अंकल को तोहफे में दे दी थी, उनके दोस्त को भी शायद दे दें।

खैर.. !

अब उनके दोस्त ने कहा – चल भाई, ठीक है.. ! सब्र कर लेता हूँ.. ! अब मैं जा रहा हूँ और तू ये रख, घर की चाभी.. !

और, वो निकल गये।

मैं फ़ौरन आड़ में हो गया।

उनके दोस्त कार में बैठे और मुझे ज़रा भी देखे बिना, निकल गये।

अंकल ने वहां से शराब की बोतल उठाई और दो ग्लास लेकर, अंदर चले गये और दरवाज़े बंद कर दिया।

उनके जाने के बाद, मैं वापस से बैडरूम की खिड़की के पास चला गया।

मेरी मम्मी कंबल के नीचे थीं, उन्हें ठंड लग रही थी।

अंकल आए और बिस्तर पर बैठ गये और दो ग्लास में दारू निकाल के, एक ग्लास मम्मी को दिया।

मम्मी उठ के बैठ गईं।

अभी भी उनके शरीर पर, एक भी कपड़ा नहीं था।

अंकल ने मम्मी से कहा – ये लीजिए दवाई पी लीजिए.. ! फिर, हम रात भर मज़े करेंगे.. !

वो मम्मी के पास आ गये और दोनों बिस्तर के सहारे लेट के दारू पीने लगे।


इस बार तो मम्मी ने “फॉर्मेलिटी” के लिए भी, उनको मना नहीं किया।

अब अंकल ने मम्मी के गालों पर हाथ रखते हुए कहा – महक जी, आपने मुझे बहुत सताया है.. ! कब से आपको चोदने की हसरत लिए, घूम रहा था.. ! चलिए देर से ही सही, पर आपने आज मेरे दिल की बात पूरी कर दी.. ! अब मैं आपको कभी अकेला फील नहीं होने दूँगा और ना ही आपको आपके पति की कमी महसूस होने दूँगा.. !

उन्होंने मम्मी को एक एक, करके 4-5 पैग पीला दिए।

मम्मी के ऊपर, धीरे धीरे “नशा” छाता जा रहा था।

इधर, धीरे धीरे मेरी माँ की “असली तस्वीर” मेरे सामने आती जा रही थी।

इसी बीच अंकल ने अपनी अंडर वियर निकाल दी और मम्मी के हाथ से ग्लास ले लिया।

फिर उन्होंने दारू की बोतल और दोनों ग्लास ले जाके टेबल पर रख दिया।

अब वो बिस्तर पर आकर घुटनों के बल बैठ गये और मम्मी के बालों को पकड़ते हुए, अपना लण्ड मेरी मम्मी के मुंह में दे दिया।

मम्मी ने भी लण्ड को अपने हाथ से रगड़ते हुए, उनके लण्ड को चूसना शुरू कर दिया।

अंकल – आअहह अहह अहह अहह अहह और ज़ोर से महक जी.. ! आ आ आ आ आ पूरा अंदर लीजिए.. ! उफ़फ्फ़.. ! – कहते हुए, मेरी मम्मी के मुंह मे अपना लण्ड आगे पीछे करने लगे।

अंकल बीच बीच में, अपना हाथ पीछे करते हुए मम्मी की पीठ सहला रहे थे।

फिर थोड़ी देर बाद, अंकल ने अपना लण्ड बाहर कर दिया।

उनके लण्ड पर मम्मी का पूरा थूक लगा हुआ था और चमक रहा था।

अंकल ने मम्मी को घुटनों के बल बैठा दिया और मम्मी के पीछे खुद घुटनों के बल बैठ गये और मम्मी की चूत में लण्ड रगड़ने लगे।

मम्मी – आ आ आहह आह आह आ ह ह आ ह ह ह आअ ह ह आ आ आ आ आ आ आ.. ! करने लगीं।

एकदम से उन्होंने मम्मी की कमर पकड़ते हुए, एक ज़ोर का धक्का दिया।

मम्मी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी – आ आ ह ह आ ह आह आअ माह ह ह ह ह ह.. ! मर रर...र र र... गई आईईईईई… ! नही ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई.. ! आइया आ ह आहह आह आ.. !

अंकल का पूरा लण्ड, एक ही बार में मेरी मम्मी की चूत के अंदर चला गया था।

अंकल ने लण्ड को बाहर निकाला और फिर से धक्का मारा।

फिर वो धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करने लगे और अपने “9 इंच के लण्ड” को मेरी मम्मी की “कसी हुई चूत” में पेलने लगे।

अंदर बाहर, अंदर बाहर करने लगे।

मम्मी – आ अहह आ अहह अ ह अहह औह ह ओई ई ईई ई ई ह माआ अ ए या या माआ आ औहह ओफफ फफ फफ्फ़ ओफ फफ फफ्फ़ मा आआ। करने लगीं।

अंकल ने धक्का मारते हुए, मम्मी से कहा – महक जी, मज़ा आ रहा है ना.. !

मम्मी ने कहा – हाँ स स स स.. ! बहुत मज़ाआआ आ रहा है स स स.. ! पर दर्द, बहुत हो रहा है.. ! आ ह हह आ आ.. !

अंकल ने कहा – कुछ नहीं, महक जी.. ! सब ठीक हो जाएगा.. ! तुम बहुत टाइम से चुदी नहीं हो, इसी लिए तुम्हारी चूत बहुत टाइट हो गई है.. ! पर चिंता मत करो, मैं आज तुम्हारा पूरा रास्ता साफ कर दूँगा.. ! फिर ये आज के बाद, बंद नहीं होगा.. ! मेरी जान, आज के बाद तेरी हर रात मेरे बिस्तर पर गुज़रेगी.. ! तेरी हर रात को मैं, तेरी चूत को मस्त कर दूँगा.. !

फिर वो रफ़्तार बड़ा कर, मेरी मम्मी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे।

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RE: मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल... - by usaiha2 - 17-03-2020, 02:18 PM



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