17-03-2020, 02:16 PM
कुछ ही देर में, मम्मी ने अंकल के “टट्टों” को भी अपने मुंह मे ले लिया और जी भर के चूसा।
मम्मी को देख कर, ऐसा लग रहा था की उनका लण्ड नहीं फाइव स्टार का बार है और उस पर जेम्स चिपकी हुईं हैं।
अब अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और वो बिस्तर पर ही बैठे हुए थे।
उन्होंने मम्मी के पेटीकोट का नाडा खोल दिया, जिससे उनका पेटीकोट ज़मीन पर जा गिरा।
मम्मी की पीठ मेरी तरफ थी, जिससे मैं ये साफ देख सकता था उनकी पैंटी पीछे से उनकी गांड के छेद में घुसी हुई है (लड़कियों की भाषा में, इसे “थोंग” कहा जाता है।)
मुझे ना जाने क्यों ऐसा लग रहा था की मम्मी अपने साइज़ से भी थोड़ी छोटी, पैंटी और ब्रा पहनती हैं।
अंकल ने मम्मी को रोल करके घुमा दिया और अब मम्मी की गांड, अंकल के तरफ थी।
अंकल ने मम्मी को थोड़ा झुकने को कहा और उनके गांड का छेद अंकल के मुंह के सामने आ गया।
वो बिना पैंटी निकाले, अपनी नाक मम्मी की गांड के छेद के पास ले गये और सूंघने लगे।
उन्होंने मम्मी को कमर से पकड़ रखा था और उनकी पैंटी के ऊपर से गांड सूंघ रहे थे।
फिर, उन्होंने मम्मी की पैंटी खींच के जांघें तक कर दी और गांड के छेद पर दो उंगलियाँ रख के फैला दिया और गांड के छेद में, अपनी नाक रख के सूंघने लगे।
बीच बीच में वो, अपनी जीभ उनकी गांड के छेद में डाल के उसे चाटने लगते और कभी अपनी नाक रख के सूंघने लगते।
अंकल ने मम्मी से कहा – महक, जब भी आपको मैं देखता था मन करता था आपकी ये “शानदार गांड” मार लूँ.. ! मुझे तो यकीन ही नहीं था की कभी इसे नंगा देख सकूँगा.. ! आज मुझे मौका मिला है, आज अपने आप को मैं शांत करके रहूँगा.. ! और, ये कहते हुए उन्होंने मम्मी की पैंटी नीचे खींच के निकाल दी और मेरी मम्मी उनके सामने पूरी “नंगी अवस्था” में खड़ी हो गईं।
अंकल ने अब मम्मी को बिस्तर के कोने में बिठा दिया और खुद घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और उनकी दोनों टांगें फैला दी और मम्मी की चूत को निहारने लगे।
दोस्तो, सच कहता हूँ उस समय मेरी मम्मी की चूत “क्लीन शेव्ड” थी और उस पर एक भी बाल नहीं था।
अंकल तो बस मम्मी की चूत देखते ही रह गये और अपने लण्ड को रगड़ने लगे।
फिर कुछ देर चूत को एक टक देखने के बाद, वो थोड़ा आगे होके मम्मी की चूत चाटने लगे।
मम्मी ने अपनी दोनों जांघें पकड़ के अपनी टांगें फैला रखी थीं और – नही स स स स स स स स स स.. ! इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह.. ! आ अहह.. ! अहह.. ! उ ई ई ईई ईईई ई ई ईई ईईई.. ! माह ह ह ह ह ह ह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! कर रही थीं।
उनकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूँज रहा था।
अंकल अपनी जीभ मम्मी की चूत के अंदर बाहर कर रहे थे और एक हाथ से, अपना लण्ड मसल रहे थे।
अब मम्मी से बर्दशात नहीं हो रहा था और वो पीछे हट गईं और अंकल से कहा – अब बस कीजिए.. ! मुझसे सहन नहीं हो रहा है.. !
अंकल ने मम्मी के दोनों पैरों को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा।
मम्मी फिर से, बिस्तर के कोने मे आ गई।
अंकल ने मम्मी की टांगें फैला दी और अपनी जीभ उनकी चूत में घुसा दी और चाटने लगे।
मम्मी ने कहा – भाई साब, अब बर्दाशत नहीं हो रहा है.. ! बस अब, अंदर डाल दीजिए.. !
अंकल ने कहा – महक जी, आप जिस चीज़ के लिए अभी तड़प रही हैं, मैंने उसका इंतज़ार 4 सालों से किया है.. ! थोड़ा तो इंतेज़ार कीजिए.. ! ऐसी चूत मिलती कहाँ है.. ! सोलह साल की कुँवारी कली की तरह एकदम टाइट चूत और शादीशुदा औरत को तजुर्बा, एक साथ.. ! ना जाने कब से लण्ड अंदर नहीं घुसा है, इस चूत में.. ! आज तो कुछ अलग ही मज़ा आएगा.. ! और, अंकल ने अपने उल्टे हाथ से मम्मी की चूत फैला दी और अपनी दो उंगलियाँ अंदर घुसा दी।
फिर वो उनकी चूत चाटते हुए, अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे।
मम्मी – आ आहह.. ! आ आहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ.. ! उंहम म म म ह ह ह ह इयाः करने लगीं।
वो तो अपने चुचे, अपने आप ही मसलने लगीं।
उन्होंने अपनी होंठों को अपने दातों से दबा दिया था और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी थीं।
कुछ देर ऐसे ही उंगली से मम्मी की चूत चोदने के बाद और चाटने के बाद, अब अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और उन्हें अपने सीने से चिपका लिया और उनके होंठों पर बेतहाशा किस करने लगे।
फिर अंकल अपने दोनों हाथों से, मेरी मम्मी के चुचे को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे।
मुझे तो लग रहा था की इतनी ज़ोर ज़ोर से दबाने पर, मम्मी चीख पड़ेंगीं पर मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रही थीं।
थोड़ी देर मम्मी के दूध जी भर के दबाने के बाद, अंकल मम्मी को बिस्तर पर ले गये और मैं समझ गया, अंकल अब मेरी मम्मी को चोदने वाले हैं।
तो दोस्तो, मेरी माँ चुदने वाली थी।
पलंग पर जाकर, वो लेट गये और मम्मी अपनी दोनों टांगों को अंकल के इधर उधर करके खड़ी हो गईं और “सू सू करने वाले स्टाइल” में बैठ गईं और अपने एक हाथ से मेरे दोस्त के पापा के लण्ड को पकड़ के, अपनी चूत में लगाया और थोड़ा नीचे की तरफ हो गईं।
उनके मुंह से बड़ी ज़ोर से – इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आह माह म्मह.. ! निकाला।
मैंने देखा अंकल के लण्ड का सुपाड़ा, मेरी मम्मी की चूत के अंदर चला गया था।
मम्मी एक और बार बैठीं और उनका आधा लण्ड, मेरी मम्मी की चूत में समा गया।
इस बार, मम्मी और ज़ोर से चीखीं – नहीं स स स स स स स स स स स स.. ! आ हा आ माह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. !
अंकल ने मेरी मम्मी से कहा – पूरा बैठ.. ! अभी गया नहीं है.. !
कुछ देर बाद, अंकल ने अपनी स्पीड कम कर दी और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।
मम्मी, अंकल की छाती से चिपकी हुई थीं।
अंकल ने मम्मी को कमर से पकड़ते हुए, पलटा मारा और मम्मी अब नीचे हो गईं और अंकल उनके ऊपर हो गये।
अंकल ने मम्मी के सिर के नीचे तकिया दिया और उनके होंठ के पास आ गये और उन्हें चूमने लगे।
अब मम्मी ने, अंकल से धीरे से कहा – अब बस कीजिए.. ! मैं बहुत थक गई हूँ.. !
अंकल ने उनके होंठों पर किस करते हुए कहा – महक जी, अभी तो मेरा निकला भी नहीं और अभी आप ख़तम करने की बात कर रही हैं.. ! लगता है, कभी आपका किसी “मर्द” से पाला नहीं पड़ा.. ! माफ़ कीजिएगा, आज तो मैं आपको जी भर के चोदने के बाद ही छोड़ूँगा। और, अंकल हंसते हुए उनके होंठ चूमने लगे।
फिर, उन्होंने मम्मी से कहा – मैं जानता हूँ, आप बहुत “प्यासी” हैं.. ! मुझे बस आपकी मदद करने दीजिए.. ! मस्त कर दूँगा, मैं आपको.. !
फिर वो अपने एक हाथ से, मम्मी के चुचे मसलते हुए उनके होंठ चूमने लगे।
मम्मी ने अपने सीधे हाथ से, उनके बालों को पकड़ रखा था और अंकल का साथ दे रही थीं।
फिर मम्मी ने अपने एक हाथ को नीचे लेजा कर, उनका लण्ड पकड़ के अपनी चूत पर बैठा दिया और अंकल ने धीरे से धक्का दिया।
उनका आधा लण्ड, मम्मी के चूत के अंदर चला गया और अंकल धीरे धीरे मम्मी के कानों मे कुछ कहते हुए, अपना लण्ड उनकी चूत के अंदर बाहर करने लगे।
अब अंकल ताबड़तोड़ मम्मी को चोद रहे थे और मेरी माँ ताबड़तोड़ चुद रहीं थीं।
मम्मी ने कस के अंकल को दबोच कर, उनकी पीठ पकड़ रखी थी और दोनों टांगें खोल के अंकल से, बिल्कुल “दो पैसे की रंडी” की तरह चुदवा रही थीं।
अंकल के हर झटके पर, जब भी उनकी जाँघ मम्मी की जाँघ से टकराती थी, तब – ठप ठप ठप.. ! फट फट फट.. ! की गूँज आती थी और मम्मी के मुंह से – आ आहह आह आह उःमह इयाः हह उई माह ह ह ह ह ह.. ! की आवाज़ निकल रही थी।
मम्मी की पायल की “छन छन” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।
अंकल पूरी ताक़त से मम्मी के होंठ चूमते हुए, उन्हें चोद रहे थे और बीच बीच में अपना मुंह उनकी चुचे पर रख के चूस रहे थे।
कुछ देर ऐसे मम्मी को चोदने के बाद, वो ठंडे से पड़ गये।
उनके मुंह से – आ आआ आ अहह अहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ निकली और उनकी कमर धीरे धीरे हिलने लगी फिर उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर से हट कर उनके बगल में लेट गये।
मैंने देखा अंकल के लण्ड पर, उनका वीर्य और हल्का सा “खून” लगा हुआ था और मेरी मम्मी की चूत से उनका वीर्य बाहर निकल रहा था।
मम्मी और अंकल के शरीर से, जबरदस्त पसीना निकल रहा था और उनकी साँसें तेज़ तेज़ चल रही थीं।
मम्मी भी बुरी तरह से थक गई थीं।
मुझे लगा की अंकल, शायद अब मेरी मम्मी पर तरस खा कर उनको घर छोड़ देंगें पर उनका प्लान तो उन्हें आज रात भर चोदने का था।
थोड़ी देर निढाल पड़े रहने के बाद, मम्मी उठ के बाथरूम की तरफ चली गईं।
इधर अंकल, बिस्तर पर ही लेटे हुए थे।
मम्मी के दरवाजा बंद करने के बाद, उन्होंने मेरी मम्मी की पैंटी ज़मीन से उठा ली और उसे सूंघने लगे।
खास कर के जो उनकी “चूत वाला हिस्सा” था, वो।
मम्मी को देख कर, ऐसा लग रहा था की उनका लण्ड नहीं फाइव स्टार का बार है और उस पर जेम्स चिपकी हुईं हैं।
अब अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और वो बिस्तर पर ही बैठे हुए थे।
उन्होंने मम्मी के पेटीकोट का नाडा खोल दिया, जिससे उनका पेटीकोट ज़मीन पर जा गिरा।
मम्मी की पीठ मेरी तरफ थी, जिससे मैं ये साफ देख सकता था उनकी पैंटी पीछे से उनकी गांड के छेद में घुसी हुई है (लड़कियों की भाषा में, इसे “थोंग” कहा जाता है।)
मुझे ना जाने क्यों ऐसा लग रहा था की मम्मी अपने साइज़ से भी थोड़ी छोटी, पैंटी और ब्रा पहनती हैं।
अंकल ने मम्मी को रोल करके घुमा दिया और अब मम्मी की गांड, अंकल के तरफ थी।
अंकल ने मम्मी को थोड़ा झुकने को कहा और उनके गांड का छेद अंकल के मुंह के सामने आ गया।
वो बिना पैंटी निकाले, अपनी नाक मम्मी की गांड के छेद के पास ले गये और सूंघने लगे।
उन्होंने मम्मी को कमर से पकड़ रखा था और उनकी पैंटी के ऊपर से गांड सूंघ रहे थे।
फिर, उन्होंने मम्मी की पैंटी खींच के जांघें तक कर दी और गांड के छेद पर दो उंगलियाँ रख के फैला दिया और गांड के छेद में, अपनी नाक रख के सूंघने लगे।
बीच बीच में वो, अपनी जीभ उनकी गांड के छेद में डाल के उसे चाटने लगते और कभी अपनी नाक रख के सूंघने लगते।
अंकल ने मम्मी से कहा – महक, जब भी आपको मैं देखता था मन करता था आपकी ये “शानदार गांड” मार लूँ.. ! मुझे तो यकीन ही नहीं था की कभी इसे नंगा देख सकूँगा.. ! आज मुझे मौका मिला है, आज अपने आप को मैं शांत करके रहूँगा.. ! और, ये कहते हुए उन्होंने मम्मी की पैंटी नीचे खींच के निकाल दी और मेरी मम्मी उनके सामने पूरी “नंगी अवस्था” में खड़ी हो गईं।
अंकल ने अब मम्मी को बिस्तर के कोने में बिठा दिया और खुद घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और उनकी दोनों टांगें फैला दी और मम्मी की चूत को निहारने लगे।
दोस्तो, सच कहता हूँ उस समय मेरी मम्मी की चूत “क्लीन शेव्ड” थी और उस पर एक भी बाल नहीं था।
अंकल तो बस मम्मी की चूत देखते ही रह गये और अपने लण्ड को रगड़ने लगे।
फिर कुछ देर चूत को एक टक देखने के बाद, वो थोड़ा आगे होके मम्मी की चूत चाटने लगे।
मम्मी ने अपनी दोनों जांघें पकड़ के अपनी टांगें फैला रखी थीं और – नही स स स स स स स स स स.. ! इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह.. ! आ अहह.. ! अहह.. ! उ ई ई ईई ईईई ई ई ईई ईईई.. ! माह ह ह ह ह ह ह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! कर रही थीं।
उनकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूँज रहा था।
अंकल अपनी जीभ मम्मी की चूत के अंदर बाहर कर रहे थे और एक हाथ से, अपना लण्ड मसल रहे थे।
अब मम्मी से बर्दशात नहीं हो रहा था और वो पीछे हट गईं और अंकल से कहा – अब बस कीजिए.. ! मुझसे सहन नहीं हो रहा है.. !
अंकल ने मम्मी के दोनों पैरों को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा।
मम्मी फिर से, बिस्तर के कोने मे आ गई।
अंकल ने मम्मी की टांगें फैला दी और अपनी जीभ उनकी चूत में घुसा दी और चाटने लगे।
मम्मी ने कहा – भाई साब, अब बर्दाशत नहीं हो रहा है.. ! बस अब, अंदर डाल दीजिए.. !
अंकल ने कहा – महक जी, आप जिस चीज़ के लिए अभी तड़प रही हैं, मैंने उसका इंतज़ार 4 सालों से किया है.. ! थोड़ा तो इंतेज़ार कीजिए.. ! ऐसी चूत मिलती कहाँ है.. ! सोलह साल की कुँवारी कली की तरह एकदम टाइट चूत और शादीशुदा औरत को तजुर्बा, एक साथ.. ! ना जाने कब से लण्ड अंदर नहीं घुसा है, इस चूत में.. ! आज तो कुछ अलग ही मज़ा आएगा.. ! और, अंकल ने अपने उल्टे हाथ से मम्मी की चूत फैला दी और अपनी दो उंगलियाँ अंदर घुसा दी।
फिर वो उनकी चूत चाटते हुए, अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे।
मम्मी – आ आहह.. ! आ आहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ.. ! उंहम म म म ह ह ह ह इयाः करने लगीं।
वो तो अपने चुचे, अपने आप ही मसलने लगीं।
उन्होंने अपनी होंठों को अपने दातों से दबा दिया था और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी थीं।
कुछ देर ऐसे ही उंगली से मम्मी की चूत चोदने के बाद और चाटने के बाद, अब अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और उन्हें अपने सीने से चिपका लिया और उनके होंठों पर बेतहाशा किस करने लगे।
फिर अंकल अपने दोनों हाथों से, मेरी मम्मी के चुचे को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे।
मुझे तो लग रहा था की इतनी ज़ोर ज़ोर से दबाने पर, मम्मी चीख पड़ेंगीं पर मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रही थीं।
थोड़ी देर मम्मी के दूध जी भर के दबाने के बाद, अंकल मम्मी को बिस्तर पर ले गये और मैं समझ गया, अंकल अब मेरी मम्मी को चोदने वाले हैं।
तो दोस्तो, मेरी माँ चुदने वाली थी।
पलंग पर जाकर, वो लेट गये और मम्मी अपनी दोनों टांगों को अंकल के इधर उधर करके खड़ी हो गईं और “सू सू करने वाले स्टाइल” में बैठ गईं और अपने एक हाथ से मेरे दोस्त के पापा के लण्ड को पकड़ के, अपनी चूत में लगाया और थोड़ा नीचे की तरफ हो गईं।
उनके मुंह से बड़ी ज़ोर से – इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आह माह म्मह.. ! निकाला।
मैंने देखा अंकल के लण्ड का सुपाड़ा, मेरी मम्मी की चूत के अंदर चला गया था।
मम्मी एक और बार बैठीं और उनका आधा लण्ड, मेरी मम्मी की चूत में समा गया।
इस बार, मम्मी और ज़ोर से चीखीं – नहीं स स स स स स स स स स स स.. ! आ हा आ माह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. !
अंकल ने मेरी मम्मी से कहा – पूरा बैठ.. ! अभी गया नहीं है.. !
कुछ देर बाद, अंकल ने अपनी स्पीड कम कर दी और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।
मम्मी, अंकल की छाती से चिपकी हुई थीं।
अंकल ने मम्मी को कमर से पकड़ते हुए, पलटा मारा और मम्मी अब नीचे हो गईं और अंकल उनके ऊपर हो गये।
अंकल ने मम्मी के सिर के नीचे तकिया दिया और उनके होंठ के पास आ गये और उन्हें चूमने लगे।
अब मम्मी ने, अंकल से धीरे से कहा – अब बस कीजिए.. ! मैं बहुत थक गई हूँ.. !
अंकल ने उनके होंठों पर किस करते हुए कहा – महक जी, अभी तो मेरा निकला भी नहीं और अभी आप ख़तम करने की बात कर रही हैं.. ! लगता है, कभी आपका किसी “मर्द” से पाला नहीं पड़ा.. ! माफ़ कीजिएगा, आज तो मैं आपको जी भर के चोदने के बाद ही छोड़ूँगा। और, अंकल हंसते हुए उनके होंठ चूमने लगे।
फिर, उन्होंने मम्मी से कहा – मैं जानता हूँ, आप बहुत “प्यासी” हैं.. ! मुझे बस आपकी मदद करने दीजिए.. ! मस्त कर दूँगा, मैं आपको.. !
फिर वो अपने एक हाथ से, मम्मी के चुचे मसलते हुए उनके होंठ चूमने लगे।
मम्मी ने अपने सीधे हाथ से, उनके बालों को पकड़ रखा था और अंकल का साथ दे रही थीं।
फिर मम्मी ने अपने एक हाथ को नीचे लेजा कर, उनका लण्ड पकड़ के अपनी चूत पर बैठा दिया और अंकल ने धीरे से धक्का दिया।
उनका आधा लण्ड, मम्मी के चूत के अंदर चला गया और अंकल धीरे धीरे मम्मी के कानों मे कुछ कहते हुए, अपना लण्ड उनकी चूत के अंदर बाहर करने लगे।
अब अंकल ताबड़तोड़ मम्मी को चोद रहे थे और मेरी माँ ताबड़तोड़ चुद रहीं थीं।
मम्मी ने कस के अंकल को दबोच कर, उनकी पीठ पकड़ रखी थी और दोनों टांगें खोल के अंकल से, बिल्कुल “दो पैसे की रंडी” की तरह चुदवा रही थीं।
अंकल के हर झटके पर, जब भी उनकी जाँघ मम्मी की जाँघ से टकराती थी, तब – ठप ठप ठप.. ! फट फट फट.. ! की गूँज आती थी और मम्मी के मुंह से – आ आहह आह आह उःमह इयाः हह उई माह ह ह ह ह ह.. ! की आवाज़ निकल रही थी।
मम्मी की पायल की “छन छन” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।
अंकल पूरी ताक़त से मम्मी के होंठ चूमते हुए, उन्हें चोद रहे थे और बीच बीच में अपना मुंह उनकी चुचे पर रख के चूस रहे थे।
कुछ देर ऐसे मम्मी को चोदने के बाद, वो ठंडे से पड़ गये।
उनके मुंह से – आ आआ आ अहह अहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ निकली और उनकी कमर धीरे धीरे हिलने लगी फिर उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर से हट कर उनके बगल में लेट गये।
मैंने देखा अंकल के लण्ड पर, उनका वीर्य और हल्का सा “खून” लगा हुआ था और मेरी मम्मी की चूत से उनका वीर्य बाहर निकल रहा था।
मम्मी और अंकल के शरीर से, जबरदस्त पसीना निकल रहा था और उनकी साँसें तेज़ तेज़ चल रही थीं।
मम्मी भी बुरी तरह से थक गई थीं।
मुझे लगा की अंकल, शायद अब मेरी मम्मी पर तरस खा कर उनको घर छोड़ देंगें पर उनका प्लान तो उन्हें आज रात भर चोदने का था।
थोड़ी देर निढाल पड़े रहने के बाद, मम्मी उठ के बाथरूम की तरफ चली गईं।
इधर अंकल, बिस्तर पर ही लेटे हुए थे।
मम्मी के दरवाजा बंद करने के बाद, उन्होंने मेरी मम्मी की पैंटी ज़मीन से उठा ली और उसे सूंघने लगे।
खास कर के जो उनकी “चूत वाला हिस्सा” था, वो।