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Adultery मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल...
#8
लगभग, एक घंटा हो गया था।


श्लोक की मम्मी आईं और अंकल से कहा – अब ख़तम करते हैं, पार्टी.. ! बारिश का समय है.. !

अंकल ने कहा – डार्लिंग, इतनी जल्दी क्या है.. !

आंटी ने कहा – मुझे तो निंद आ रही हे ! आपका क्या है, आप तो पीते रहोगे.. !

इस पर अंकल ने कहा – ठीक है.. ! एक काम करो, तुम लोग जाओ.. ! मैं थोड़ी देर से आता हूँ.. ! और, अपने दोस्त को कहा की वो आंटी और श्लोक को लेके चले जाए।

जाते जाते, अंकल ने आंटी से कहा – उन्हें, आने मे देर हो जाएगी तो वो उनका इंतेज़ार ना करें और सो जाएँ.. !

आंटी ने भी कहा – ठीक है.. ! और अंकल से पूछा की उनके पास दूसरी चाभी तो है ना.. !

अंकल ने कहा – जानू, तुम बिल्कुल चिंता मत करो.. ! आराम से घर जाओ.. ! और अंकल ने अपने दोस्त को इशारा किया।

वो आंटी और श्लोक को लेकर निकल गया।

-

कुछ ही देर में, धीरे धीरे करके सब निकलने लगे।

मुझे लगा, शायद अभी बहुत देर हो रही है।

सो मैं मम्मी के पास गया और उनसे कहा – मम्मी, चलो अब निकलते है.. !

अंकल ने मुझसे कहा – अफरोज़, बेटा अभी क्यों जाना है.. !

मैंने कहा – अंकल अब लेट हो रहा है.. ! और, मैंने मम्मी से कहा की वो चलें क्यूंकि मुझे समझ आ रहा था की आज इन लोगों ने पूरा प्लान बना रखा है.. !

सिर्फ़ और सिर्फ़, मम्मी को चोदने के लिए ये पार्टी दी गई है।

जैसे ही मेरी मम्मी खड़ी हुईं वो शायद ज़मीन पर गिर गईं।

ओह!! तो मम्मी को इन लोगों ने शराब पिलाई थी।

जब मैंने ग्लास स्मेल किया तब समझ में आया, ये कोल्ड ड्रिंक नहीं बल्कि इसमें शराब थी।

अंकल तो नशे में आ ही गये थे।

मैंने अंकल से कहा – आपने मम्मी को शराब क्यों पिलाई है.. ! जब की आप जानते हैं, वो नहीं पीती.. !

अंकल ने मुझसे कहा – अफरोज़, तुम्हारी मम्मी कोई बच्ची नहीं है.. ! देख नहीं रहे हो, वो कितना एंजाय कर रही हैं.. !

अंकल ने मुझसे कहा – अफरोज़, तुम्हारी मम्मी स्कूटी नहीं चला पाएगीं.. ! तुम चला के ले जाओ और मैं इन्हे कार में छोड़ दूँगा.. !

मैंने कहा – अंकल, मेरे पास लाइसेंस नहीं है.. !

अंकल ने कहा – अच्छा, ऐसे गाड़ी में घूमते रहते हो श्लोक के साथ, मिल के.. ! और आज, लाइसेंस नहीं है.. !

एक बार मैं और श्लोक, बिना लाइसेन्स के पकड़े गये थे तब अंकल ने ही आकर हमें छुड़ाया था।

फिर, उनके दोस्त भी मुझ पर प्रेशर बनाने लगे और आख़िर मुझे वहाँ से निकलना पड़ा।

मैं पार्किंग में खड़ा था और इंतेज़ार कर रहा था की वो लोग आएँ और मैं कार के पीछे पीछे घर तक जाऊं।

तब तक धीरे धीरे, बारिश होने लगी।

--


थोड़ी देर बाद, मैं दरवाज़े के पास जाकर देखने लगा की वो लोग क्यों नहीं आए हैं।

मैंने देखा, अंकल और उनके साथ उनके एक दोस्त भी थे।

अंकल ने मेरी मम्मी को उनके कंधे पर से सहारा दिया हुआ था और ला रहे थे।

मम्मी, पूरी तरह से बहक चुकी थीं।

सब कार में बैठ के निकल पड़े।

मैं उनके पीछे पीछे था।

अंकल ने मुझे नहीं देखा था।


कुछ दूर जाने के बाद, कार ने दूसरा मोड़ ले लिया।

अब मेरा शक, यकीन में बदल गया और मैं उनके पीछे निकल पड़ा।

वो कार उसी आदमी के घर जाके रुकी, जो अंकल के साथ था।

अंकल ने मम्मी को कार से निकाला और घर के अंदर ले गये।

मैं किसी तरह कर के अंदर दाखिल हुआ।

शुक्र है भगवान का की वहाँ कोई कुत्ता नहीं था नहीं तो आज मैं आप सबको जो बता रहा हूँ, शायद नहीं बता पता।

अंदर जाने के बाद, मैंने दरवाज़े पर हल्का धक्का दिया।

दरवाज़ा बंद था।

और थोड़ी सी खुली खिड़की से बस इतना दिख रहा था की अंकल ने मम्मी को गोद में उठाया हुआ है और अपने साथ एक कमरे में लेके जा रहे हैं।

वो दूसरा आदमी सोफे पर बैठ गया और शराब की बोतल लेकर, ड्रिंक करने लगा।
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RE: मम्मी बनी दोस्त के पापा की रखैल... - by usaiha2 - 17-03-2020, 02:13 PM



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