16-03-2020, 08:39 PM
30-11-2019, 06:50 PM
रश्मि के जाने के कुछ देर बाद अंकल ने मुझसे कैंची और फेविकोल मांगी....
मेने पूँछा उससे क्या होगा अंकल...
अंकल बोले बस कुछ जरूरी चीज बनानी है...
मैंने अंकल को दोनों चीज लाकर दी..
अंकल दोनों चीज लेकर स्टोर मे चले गए.. साथ मे मुझसे कह कर गए की कोई भी स्टोर मे ना आये...
मुझे कुछ अजीब लग रहा था.... मेने मन मे कहा कैंची से क्या काटा है मैं पता लगा कर रहूंगा.....
एक घंटे बाद अंकल एक कूड़े की पन्नी लेकर निकले और पन्नी कूड़ेदान मे डाल दी फिर दुकान मे बैठ कर काम करने लगे...
मे थोड़ी देर अंकल के साथ काम
मे मदद करता रहा फिर उनसे छिप कर कूड़ेदान मे से उस पन्नी को उठाकर छत पर ले गया..
छत पर कोई भी नहीं था... मैंने पन्नी खोली तो उसमे फोटोग्राफ की कटिंग थीं मैंने गौर से देखा तो सब फोटो रश्मि के ही थे
पर उनमे से चेहरा गोल काट कर अलग निकाला गया था. किसी भी फोटो मे चेहरा नहीं था.. फिर मैं छत पर दूसरी तरफ देखने लग गया बराबर वाला प्लॉट खाली पड़ा था बस उसकी बाउंड्री करी गयी थी हमारे घर की दीवार मे एक खिड़की बनी हुई थी ... उस खिड़की से हम हल्का कूड़ा उसी प्लॉट मे डाल देते थे......
आने जाने वाले लोगभी उसी प्लॉट में पेशाब कर लिया करते थे
गली की तरफ से उस प्लॉट की एंट्री मै घने घास फूस थे जो की काफ़ी बड़े बड़े थे कई बार कूड़ा बीनने वाले उस प्लॉट मै संडास करने भी बैठ जाते थे. क्यों की बाहर से अंदर का कुछ भी दिखाई नहीं देता था.. मै काफ़ी देर तक सोचता रहा की उन्होंने ये फोटो क्यों खराब करे हैं.. मै यही सोच रहा था कि तभी मुझे वहाँ अंकल आते
दिखाई दिए ..
मैंने सोचा अभी घर की टॉयलेट मे कोई भी नहीं है तो फिर ये इस प्लॉट मे क्यों आये..
में तुरंत छुप गया..
उन्होंने मुझे नहीं देख पाया मे छिप कर उन्हें देखने लग गया..
वो बैठ कर पेशाब करने लगे ...
कूड़े की पन्नी पर पेशाब करने से काफी आवाज आ रही थी....
फिर पेशाब करने के बाद उन्होंने जेब से पहले जैसी गंदी किताब निकाली और उस किताब को चूमने लगे.. और फिर अपना लण्ड निकाल कर हिलाने लगे... वो बार बार उस किताब को चूमते और तेज तेज लण्ड हिलाते....
मे सोच रहा था बुड्ढे ने मुझे किताब देने से मना कर दिया और खुद उसे देखकर हिला रहा है...
मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था... मै नीचे उतर आया फिर मै कमरे मै जाने लगा... आज मुझे घर मै बड़ी शांति लग रही थी मै अपने रूम मै जैसे ही घुसने लगा मुझे खिड़की पर रश्मि दिखाई दी वो खिड़की से बाहर बड़ी गौर से देख रही थी उसे मेरे आने का पता ही नहीं चला.
बाहर का मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मे सोच रहा था ये इतनी गौर से बाहर क्या देख रही है...
तभी मेरा माथा ठनका बाहर तो अभी अंकल हिला रहे थे... कहीं रश्मि उन्हें ही तो नहीं देख रही.....
मै दबे पाँव वापस बाहर निकल गया .. और छत पर चला गया.. फिर छिप कर नीचे देखने लगा...
नीचे अंकल अभी भी लण्ड हिला रहे थे पर अब अंकल खडे थे
वो राईट साइड की दीवार के साथ खडे थे और उनके लेफ्ट मै हमारी खिड़की थी उस प्लॉट की चौडाई 12 फिट थी... अब भी ऊपर से मुझे तो लण्ड नहीं दिख रहा था पर रश्मि को 100%दिखाई दे रहा होगा
30-11-2019, 10:21 PM
बहुत देर तक हिलाने के बाद अंकल कांपने लगे और जोर जोर से उस किताब को चूमने लगे.और . ओ रश्मि .. ओ रश्मि कहने लगे... फिर उनके वीर्य की पिचकारियां गिरने लगीं
जो काफ़ी दूर तक जा रहीं थी... उन्होंने 10..... 12 पिचकारी मारी फिर ठंडे हो गए.. फिर उन्होंने अपना पजामा ऊपर करा और कुर्ते की जेब मैं वो किताब फोल्ड करके रख ली....
अब वो प्लॉट से बाहर निकलने लगे....
मै छत पर ही रहा और छिप कर देखता रहा...
अंकल आये और सीधे स्टोर रूम मैं घुस गए. फिर 1 मिनट बाद वापस दुकान मै चले गए... थोड़ी देर बाद मै उतरने ही वाला था कि तभी मुझे रश्मि कमरे से निकलती दिखाई दी मैं फिर रुक गया..
रश्मि ने दुकान मै झाँका फिर वापस घर मै आने लगी फिर सीधा स्टोर मै घुस गई... वो अंदर 2 ही मिनट रुकी थी फिर स्टोर से निकल कर घर मै जाने लगी उसने कुछ चीज अपने सूट के अंदर अपनी छाती से छुपाई थी... वो अंदर कमरे में घुस गई..
ज़ब काफ़ी देर बाद वो बाहर नहीं निकली तब मै उतर आया और दुकान मैं चला गया..... दुकान मैं अंकल कुर्सी पर आराम से बैठे थे और बड़े ही खुश लगा रहे थे..
मेने अंकल से पुछा अंकल खाली बैठे हो कुछ काम ही कर लेते...
अंकल हसकर बोले बेटा अभी काम शुरू करा है जल्दी ही पूरा कर लूँगा... अब एकदम से तो सब कुछ नहीं कर सकता.. थोड़ा समय तो लगता ही है....
उनका जवाब मुझे अजीब लगा फिर मेने उनहें कुछ पैसे दिए और बाजार से कुछ कील और पेंच लाने को कहा..
अंकल पैसे लेकर चले गए..
उनके जाने के कुछ देर बाद ही मै उस किताब को ढूढ़ने स्टोर रूम मैं गया...
स्टोर पूरी तरह साफ था थोड़ा बहुत ही सामान 2,, 3 कुर्सी और एक चारपाई थी..
सामने टेबल पर उनका बैग रखा हुआ था जिसकी चैन खुली हुई थी ...
मेने उसे खोल कर देखा तो उसमे सिर्फ उनके एक जोड़ी कपड़े थे और एक कच्छा बनियान था...
मैंने जल्दी जल्दी इधर उधर निगाह मारी पर मुझे वो किताब नहीं मिली..
मै मायूस होकर वापस दुकान में आकर बैठ गया... 10 मिनट बाद मुझे रश्मि के आने कि आहट हुई.. रश्मि आयी और स्टोर रूम मे चली गई फिर एक मिनट बाद वो दुकान में आकर बैठ गई...
उसका चेहरा पूरा लाल हो रहा था...
उसने मुझसे पूँछा अंकल कहां हैं..
मैंने बोला वो कुछ सामान लेने बाजार गए हैं.. थोड़ी देर मे आ जायेंगे...
फिर मैंने रश्मि से खाना लाने को कहा.. रश्मि बोली भाई मेरा शरीर टूट रहा है.. तू अंदर जाकर ही खाना खा ले ज़ब तक यहाँ मे बैठ लूँगी
फिर मे अंदर चला गया...
मैंने खाना रखा और खाने लगा....
आज मुझे सब अजीब लग रहा था...
रश्मि कभी दुकान मे नहीं बैठती थी... आज बिना बोले ही बैठ रही है...
अंकल भी बड़े ख़ुश थे...
मे समझ नहीं पा रहा था कि क्या मैटर है..
अचानक मुझे याद आया कि रश्मि पहले स्टोर से कुछ लेकर निकली थी
और बाद मे भी स्टोर मे गई थी...
बार बार मे यही सोच रहा था कि... बाद मे स्टोर में क्यों गई होंगी...?
मैंने जल्दी जल्दी खाना खाया और फिर दुकान मैं झाँका अंकल अभी तक नहीं आये थे ...
मे दबे पाँव वापस आया और स्टोर मे घुस गया इस बार मेरी नजर सीधा बैग पर गई...
मैं ये देखकर चौंक गया कि थोड़ी देर पहले बैग खुला हुआ था मेने बन्द नहीं करा था... तो अभी ये बैग बंद कैसे हो गया...
फिर मैंने जल्दी से बैग खोला... बैग मे सबसे ऊपर रश्मि की वही लाल कच्छी थी जो उस दिन मैने अंकल को दी थी...
मेने कच्छी अलग करके देखा तो उस पूरी कच्छी मैं तो अंकल ने अपना वीर्य बहाया हुआ था कुछ वीर्य सूखा था और कुछ गीला .....
पूरी कच्छी कहीं कहीं से ही लाल लग रही थी नहीं तो पूरी सफ़ेद हो चुकी थी... फिर मैने बैग मैं झाँका तो वो किताब मिल गई मैने कच्छी वहीं रखी और किताब उठा ली..
फिर मैंने किताब खोल कर देखी पहले फोटो मे एकदम अंग्रेज एक लड़की की चूचियाँ दबा रहा होता है ... और उस अंग्रेजन के चेहरे के ऊपर रश्मि का फोटो चिपका हुआ था.....
दुसरे फोटो मैं अंग्रेज रश्मि की चूत चाट रहा होता है तीसरे फोटो मै रश्मि की चूत पर अपना लण्ड रगड रहा था..
चौथे फोटो मैं उसने अपना लण्ड रश्मि की चूत मैं डाल रखा है
पाँचवी फोटो मैं उसने रश्मि को कुतिया बना रखा है और पीछे से उसके जोड़े हुए है.... छटे फोटो मे वो लेटा हुआ है और रश्मि उसके लण्ड पर बैठी हुई थी..
सातवे फोटो मैं रश्मि उसके लण्ड से ऊपर उठी हुई थी और उसकी चूत मे से अंग्रेज का वीर्य बह रहा था.....
मेरा करंट बन चुका था मैंने जल्दी से किताब और कच्छी वापस रख दी और दुकान मै जाकर बैठ गया.......
अब मेने रश्मि की तरफ देखा तो वो बड़ी बेचैन लग रही थी..
उसने फिर मुझसे पूँछा अंकल कब आएंगे...
मैंने फिर जवाब दिया बस आ ही रहे होंगे....
.............
........
शेष कल
रश्मि के जाने के कुछ देर बाद अंकल ने मुझसे कैंची और फेविकोल मांगी....
मेने पूँछा उससे क्या होगा अंकल...
अंकल बोले बस कुछ जरूरी चीज बनानी है...
मैंने अंकल को दोनों चीज लाकर दी..
अंकल दोनों चीज लेकर स्टोर मे चले गए.. साथ मे मुझसे कह कर गए की कोई भी स्टोर मे ना आये...
मुझे कुछ अजीब लग रहा था.... मेने मन मे कहा कैंची से क्या काटा है मैं पता लगा कर रहूंगा.....
एक घंटे बाद अंकल एक कूड़े की पन्नी लेकर निकले और पन्नी कूड़ेदान मे डाल दी फिर दुकान मे बैठ कर काम करने लगे...
मे थोड़ी देर अंकल के साथ काम
मे मदद करता रहा फिर उनसे छिप कर कूड़ेदान मे से उस पन्नी को उठाकर छत पर ले गया..
छत पर कोई भी नहीं था... मैंने पन्नी खोली तो उसमे फोटोग्राफ की कटिंग थीं मैंने गौर से देखा तो सब फोटो रश्मि के ही थे
पर उनमे से चेहरा गोल काट कर अलग निकाला गया था. किसी भी फोटो मे चेहरा नहीं था.. फिर मैं छत पर दूसरी तरफ देखने लग गया बराबर वाला प्लॉट खाली पड़ा था बस उसकी बाउंड्री करी गयी थी हमारे घर की दीवार मे एक खिड़की बनी हुई थी ... उस खिड़की से हम हल्का कूड़ा उसी प्लॉट मे डाल देते थे......
आने जाने वाले लोगभी उसी प्लॉट में पेशाब कर लिया करते थे
गली की तरफ से उस प्लॉट की एंट्री मै घने घास फूस थे जो की काफ़ी बड़े बड़े थे कई बार कूड़ा बीनने वाले उस प्लॉट मै संडास करने भी बैठ जाते थे. क्यों की बाहर से अंदर का कुछ भी दिखाई नहीं देता था.. मै काफ़ी देर तक सोचता रहा की उन्होंने ये फोटो क्यों खराब करे हैं.. मै यही सोच रहा था कि तभी मुझे वहाँ अंकल आते
दिखाई दिए ..
मैंने सोचा अभी घर की टॉयलेट मे कोई भी नहीं है तो फिर ये इस प्लॉट मे क्यों आये..
में तुरंत छुप गया..
उन्होंने मुझे नहीं देख पाया मे छिप कर उन्हें देखने लग गया..
वो बैठ कर पेशाब करने लगे ...
कूड़े की पन्नी पर पेशाब करने से काफी आवाज आ रही थी....
फिर पेशाब करने के बाद उन्होंने जेब से पहले जैसी गंदी किताब निकाली और उस किताब को चूमने लगे.. और फिर अपना लण्ड निकाल कर हिलाने लगे... वो बार बार उस किताब को चूमते और तेज तेज लण्ड हिलाते....
मे सोच रहा था बुड्ढे ने मुझे किताब देने से मना कर दिया और खुद उसे देखकर हिला रहा है...
मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था... मै नीचे उतर आया फिर मै कमरे मै जाने लगा... आज मुझे घर मै बड़ी शांति लग रही थी मै अपने रूम मै जैसे ही घुसने लगा मुझे खिड़की पर रश्मि दिखाई दी वो खिड़की से बाहर बड़ी गौर से देख रही थी उसे मेरे आने का पता ही नहीं चला.
बाहर का मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मे सोच रहा था ये इतनी गौर से बाहर क्या देख रही है...
तभी मेरा माथा ठनका बाहर तो अभी अंकल हिला रहे थे... कहीं रश्मि उन्हें ही तो नहीं देख रही.....
मै दबे पाँव वापस बाहर निकल गया .. और छत पर चला गया.. फिर छिप कर नीचे देखने लगा...
नीचे अंकल अभी भी लण्ड हिला रहे थे पर अब अंकल खडे थे
वो राईट साइड की दीवार के साथ खडे थे और उनके लेफ्ट मै हमारी खिड़की थी उस प्लॉट की चौडाई 12 फिट थी... अब भी ऊपर से मुझे तो लण्ड नहीं दिख रहा था पर रश्मि को 100%दिखाई दे रहा होगा
30-11-2019, 10:21 PM
बहुत देर तक हिलाने के बाद अंकल कांपने लगे और जोर जोर से उस किताब को चूमने लगे.और . ओ रश्मि .. ओ रश्मि कहने लगे... फिर उनके वीर्य की पिचकारियां गिरने लगीं
जो काफ़ी दूर तक जा रहीं थी... उन्होंने 10..... 12 पिचकारी मारी फिर ठंडे हो गए.. फिर उन्होंने अपना पजामा ऊपर करा और कुर्ते की जेब मैं वो किताब फोल्ड करके रख ली....
अब वो प्लॉट से बाहर निकलने लगे....
मै छत पर ही रहा और छिप कर देखता रहा...
अंकल आये और सीधे स्टोर रूम मैं घुस गए. फिर 1 मिनट बाद वापस दुकान मै चले गए... थोड़ी देर बाद मै उतरने ही वाला था कि तभी मुझे रश्मि कमरे से निकलती दिखाई दी मैं फिर रुक गया..
रश्मि ने दुकान मै झाँका फिर वापस घर मै आने लगी फिर सीधा स्टोर मै घुस गई... वो अंदर 2 ही मिनट रुकी थी फिर स्टोर से निकल कर घर मै जाने लगी उसने कुछ चीज अपने सूट के अंदर अपनी छाती से छुपाई थी... वो अंदर कमरे में घुस गई..
ज़ब काफ़ी देर बाद वो बाहर नहीं निकली तब मै उतर आया और दुकान मैं चला गया..... दुकान मैं अंकल कुर्सी पर आराम से बैठे थे और बड़े ही खुश लगा रहे थे..
मेने अंकल से पुछा अंकल खाली बैठे हो कुछ काम ही कर लेते...
अंकल हसकर बोले बेटा अभी काम शुरू करा है जल्दी ही पूरा कर लूँगा... अब एकदम से तो सब कुछ नहीं कर सकता.. थोड़ा समय तो लगता ही है....
उनका जवाब मुझे अजीब लगा फिर मेने उनहें कुछ पैसे दिए और बाजार से कुछ कील और पेंच लाने को कहा..
अंकल पैसे लेकर चले गए..
उनके जाने के कुछ देर बाद ही मै उस किताब को ढूढ़ने स्टोर रूम मैं गया...
स्टोर पूरी तरह साफ था थोड़ा बहुत ही सामान 2,, 3 कुर्सी और एक चारपाई थी..
सामने टेबल पर उनका बैग रखा हुआ था जिसकी चैन खुली हुई थी ...
मेने उसे खोल कर देखा तो उसमे सिर्फ उनके एक जोड़ी कपड़े थे और एक कच्छा बनियान था...
मैंने जल्दी जल्दी इधर उधर निगाह मारी पर मुझे वो किताब नहीं मिली..
मै मायूस होकर वापस दुकान में आकर बैठ गया... 10 मिनट बाद मुझे रश्मि के आने कि आहट हुई.. रश्मि आयी और स्टोर रूम मे चली गई फिर एक मिनट बाद वो दुकान में आकर बैठ गई...
उसका चेहरा पूरा लाल हो रहा था...
उसने मुझसे पूँछा अंकल कहां हैं..
मैंने बोला वो कुछ सामान लेने बाजार गए हैं.. थोड़ी देर मे आ जायेंगे...
फिर मैंने रश्मि से खाना लाने को कहा.. रश्मि बोली भाई मेरा शरीर टूट रहा है.. तू अंदर जाकर ही खाना खा ले ज़ब तक यहाँ मे बैठ लूँगी
फिर मे अंदर चला गया...
मैंने खाना रखा और खाने लगा....
आज मुझे सब अजीब लग रहा था...
रश्मि कभी दुकान मे नहीं बैठती थी... आज बिना बोले ही बैठ रही है...
अंकल भी बड़े ख़ुश थे...
मे समझ नहीं पा रहा था कि क्या मैटर है..
अचानक मुझे याद आया कि रश्मि पहले स्टोर से कुछ लेकर निकली थी
और बाद मे भी स्टोर मे गई थी...
बार बार मे यही सोच रहा था कि... बाद मे स्टोर में क्यों गई होंगी...?
मैंने जल्दी जल्दी खाना खाया और फिर दुकान मैं झाँका अंकल अभी तक नहीं आये थे ...
मे दबे पाँव वापस आया और स्टोर मे घुस गया इस बार मेरी नजर सीधा बैग पर गई...
मैं ये देखकर चौंक गया कि थोड़ी देर पहले बैग खुला हुआ था मेने बन्द नहीं करा था... तो अभी ये बैग बंद कैसे हो गया...
फिर मैंने जल्दी से बैग खोला... बैग मे सबसे ऊपर रश्मि की वही लाल कच्छी थी जो उस दिन मैने अंकल को दी थी...
मेने कच्छी अलग करके देखा तो उस पूरी कच्छी मैं तो अंकल ने अपना वीर्य बहाया हुआ था कुछ वीर्य सूखा था और कुछ गीला .....
पूरी कच्छी कहीं कहीं से ही लाल लग रही थी नहीं तो पूरी सफ़ेद हो चुकी थी... फिर मैने बैग मैं झाँका तो वो किताब मिल गई मैने कच्छी वहीं रखी और किताब उठा ली..
फिर मैंने किताब खोल कर देखी पहले फोटो मे एकदम अंग्रेज एक लड़की की चूचियाँ दबा रहा होता है ... और उस अंग्रेजन के चेहरे के ऊपर रश्मि का फोटो चिपका हुआ था.....
दुसरे फोटो मैं अंग्रेज रश्मि की चूत चाट रहा होता है तीसरे फोटो मै रश्मि की चूत पर अपना लण्ड रगड रहा था..
चौथे फोटो मैं उसने अपना लण्ड रश्मि की चूत मैं डाल रखा है
पाँचवी फोटो मैं उसने रश्मि को कुतिया बना रखा है और पीछे से उसके जोड़े हुए है.... छटे फोटो मे वो लेटा हुआ है और रश्मि उसके लण्ड पर बैठी हुई थी..
सातवे फोटो मैं रश्मि उसके लण्ड से ऊपर उठी हुई थी और उसकी चूत मे से अंग्रेज का वीर्य बह रहा था.....
मेरा करंट बन चुका था मैंने जल्दी से किताब और कच्छी वापस रख दी और दुकान मै जाकर बैठ गया.......
अब मेने रश्मि की तरफ देखा तो वो बड़ी बेचैन लग रही थी..
उसने फिर मुझसे पूँछा अंकल कब आएंगे...
मैंने फिर जवाब दिया बस आ ही रहे होंगे....
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