14-03-2020, 01:10 PM
(This post was last modified: 04-07-2021, 11:46 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मायके में
मेरी जेठानी ( और उनकी भाभी ) दरवाजे पर ही खड़ी मिल गयीं , और उन्हें देखते ही ,
बस एकदम फट के , .... शेल शॉक्ड , बोल नहीं निकल रहे थे उनके ,...
बस यही तो मैं चाहती थी।
मेरी जेठानी की आँखे बस उनके ऊपर ,...
मूंछे सफाचट , एकदम क्लीन् शेव्ड चिकना चेहरा , आलमोस्ट वैक्स्ड लुक ,
उनके होंठों पे मेरी होंठों की स्मज्ड लिपस्टिक ,
जेल लगे हुए बाल , सेट किये हुए , आलमोस्ट कंधे तक बढे
पिंक फ्लोरल एकदम झलकउवा शर्ट , टाइट हिप हगिंग रिप्ड जीन्स ,
कानों में चमकते हुए स्टड्स ,
हाथ में सुनहली ब्रेसलेट ,
जेठानी की फट के हाथ में आ गयी , और मैंने आयोडाइज्ड नमक का तुरंत छिड़काव किया
" क्यों दीदी अच्छे हैं न इनके कान वाले , ... प्योर गोल्ड हैं , ... इनकी सास ने दिए हैं , उन्होंने ही ले जाकर छिदवाया भी , बोलीं आज कल तो सारे लड़के पहनते हैं "
और सबसे बढ़ कर उनका एकदम बदला ऐटिट्यूड
उन्होंने अपनी भाभी को हग कर लिया। और मेरी जेठानी ने भी उन्हें भींचते हुए चिढाया ,
" एकदम मस्त चिकना हो गया है। "
" एकदम दीदी " मैंने भी हामी भरी।
( और वैसे भी मेरी उस ननद के खिलाफ तो मेरी जेठानी के साथ हम लोगों का साझा गठबंधन था ही )
मैंने पीछे से उनके देवर की पिछवाड़े की दरार में ऊँगली रगड़ी तो , कुछ हल्का सा गीला ,
कमल जीजू की मलाई अभी भी , ऊँगली का प्रेशर बढ़ाते हुए मैंने अपनी जेठानी से पूछा ( लेकिन निगाहें इन्ही के चेहरे पर अटकी थीं )
" दीदी इनके माल का क्या हाल है? "
" अरे माल तो बेहाल है , सुबह से ,
दो बार फोन आ चुका है , एकदम काटने लायक कटकटौवा गाल हो गए हैं उसके। "
मेरी जेठानी ने उन्हें छेड़ा।
भले ही कुछ बातों में हम में मतैक्य न हो ,लेकिन हमारी ननद नाम लेकर उनकी रगड़ाई करने में हम एकदम एकजुट होजाते थे।
" अरे कटवाने वाली तैयार है ,बेकरार है ,काटने वाला भी आ गया है , फिर क्या , क्यों हैं न ?"
अबकी सीधे मैंने उनसे पूछा
और बजाय शर्माने बुरा मानने के , झिझकने के वो मुस्करा रहे थे।
और मुझे अपनी उस ननद के साथ लगी बाजी याद आगयी ,
हार गयी तो चार घंटे तक उसे मेरी सारी बाते माननी होगी ,
और चार घंटे में तो उस्की गंगा में इतनी डुबकियां लगेंगी , और उसके इतने एम् एम् इस बनेगे की ,... हरदम के लिए
मैं मुस्कराने लगी।
तबतक मेरी जेठानी ने मुझसे खुल के पूछा ( ये बाथरूम चले गए थे )
" अरे तूने तो मेरे देवर को एकदम बदल दिया "
मुस्कराती हुयी उनकी भाभी बोलीं।
" एकदम दीदी , लेकिन ये बोलिये दिल से ,.... अच्छे लगते हैं न "
मैंने उनकी आँखों में आँखे डालते साफ साफ़ पूछ लिया।
खिलखिलाते हुए वो बोलीं ,
" एकदम , लेकिन ये सोच की जब वो तेरी ननद देखती तो उस की तो फट के ,... "
उनकी बात बीच में काट के , हँसते हुए मैं बोली ,
" अरे दीदी उस की फड़वाने के लिए तो तो इन्हें ले आयी हूँ , आप को बाजी याद है न ,
बस और फिर फटने वाली चीज को वो स्साली कब तक बचा के रखेगी। "
मेरी दिमाग में उन के माल के लिए बनाई गयी तमाम स्कीम घूम रही थी ,जो मैंने और मम्मी ने मिल के बनाई थीं।
लगेज सारा लाद के वो ऊपर ले आये , हम लोगो के कमरे में।
मेरी जेठानी ( और उनकी भाभी ) दरवाजे पर ही खड़ी मिल गयीं , और उन्हें देखते ही ,
बस एकदम फट के , .... शेल शॉक्ड , बोल नहीं निकल रहे थे उनके ,...
बस यही तो मैं चाहती थी।
मेरी जेठानी की आँखे बस उनके ऊपर ,...
मूंछे सफाचट , एकदम क्लीन् शेव्ड चिकना चेहरा , आलमोस्ट वैक्स्ड लुक ,
उनके होंठों पे मेरी होंठों की स्मज्ड लिपस्टिक ,
जेल लगे हुए बाल , सेट किये हुए , आलमोस्ट कंधे तक बढे
पिंक फ्लोरल एकदम झलकउवा शर्ट , टाइट हिप हगिंग रिप्ड जीन्स ,
कानों में चमकते हुए स्टड्स ,
हाथ में सुनहली ब्रेसलेट ,
जेठानी की फट के हाथ में आ गयी , और मैंने आयोडाइज्ड नमक का तुरंत छिड़काव किया
" क्यों दीदी अच्छे हैं न इनके कान वाले , ... प्योर गोल्ड हैं , ... इनकी सास ने दिए हैं , उन्होंने ही ले जाकर छिदवाया भी , बोलीं आज कल तो सारे लड़के पहनते हैं "
और सबसे बढ़ कर उनका एकदम बदला ऐटिट्यूड
उन्होंने अपनी भाभी को हग कर लिया। और मेरी जेठानी ने भी उन्हें भींचते हुए चिढाया ,
" एकदम मस्त चिकना हो गया है। "
" एकदम दीदी " मैंने भी हामी भरी।
( और वैसे भी मेरी उस ननद के खिलाफ तो मेरी जेठानी के साथ हम लोगों का साझा गठबंधन था ही )
मैंने पीछे से उनके देवर की पिछवाड़े की दरार में ऊँगली रगड़ी तो , कुछ हल्का सा गीला ,
कमल जीजू की मलाई अभी भी , ऊँगली का प्रेशर बढ़ाते हुए मैंने अपनी जेठानी से पूछा ( लेकिन निगाहें इन्ही के चेहरे पर अटकी थीं )
" दीदी इनके माल का क्या हाल है? "
" अरे माल तो बेहाल है , सुबह से ,
दो बार फोन आ चुका है , एकदम काटने लायक कटकटौवा गाल हो गए हैं उसके। "
मेरी जेठानी ने उन्हें छेड़ा।
भले ही कुछ बातों में हम में मतैक्य न हो ,लेकिन हमारी ननद नाम लेकर उनकी रगड़ाई करने में हम एकदम एकजुट होजाते थे।
" अरे कटवाने वाली तैयार है ,बेकरार है ,काटने वाला भी आ गया है , फिर क्या , क्यों हैं न ?"
अबकी सीधे मैंने उनसे पूछा
और बजाय शर्माने बुरा मानने के , झिझकने के वो मुस्करा रहे थे।
और मुझे अपनी उस ननद के साथ लगी बाजी याद आगयी ,
हार गयी तो चार घंटे तक उसे मेरी सारी बाते माननी होगी ,
और चार घंटे में तो उस्की गंगा में इतनी डुबकियां लगेंगी , और उसके इतने एम् एम् इस बनेगे की ,... हरदम के लिए
मैं मुस्कराने लगी।
तबतक मेरी जेठानी ने मुझसे खुल के पूछा ( ये बाथरूम चले गए थे )
" अरे तूने तो मेरे देवर को एकदम बदल दिया "
मुस्कराती हुयी उनकी भाभी बोलीं।
" एकदम दीदी , लेकिन ये बोलिये दिल से ,.... अच्छे लगते हैं न "
मैंने उनकी आँखों में आँखे डालते साफ साफ़ पूछ लिया।
खिलखिलाते हुए वो बोलीं ,
" एकदम , लेकिन ये सोच की जब वो तेरी ननद देखती तो उस की तो फट के ,... "
उनकी बात बीच में काट के , हँसते हुए मैं बोली ,
" अरे दीदी उस की फड़वाने के लिए तो तो इन्हें ले आयी हूँ , आप को बाजी याद है न ,
बस और फिर फटने वाली चीज को वो स्साली कब तक बचा के रखेगी। "
मेरी दिमाग में उन के माल के लिए बनाई गयी तमाम स्कीम घूम रही थी ,जो मैंने और मम्मी ने मिल के बनाई थीं।
लगेज सारा लाद के वो ऊपर ले आये , हम लोगो के कमरे में।