12-03-2020, 11:53 PM
(This post was last modified: 13-03-2020, 02:52 AM by babasandy. Edited 6 times in total. Edited 6 times in total.)
जुनैद ने जब देखा कि मेरी प्रियंका दीदी किसी प्यासी रंडी की तरह असलम के मोटे लंबे डंडे पर चीखते चिल्लाते हुए उछल रही है, तो उसने मेरी रूपाली दीदी की गांड में से अपना मोटा झंडा खींच कर बाहर निकाल लिया... वह असलम के बगल में लेट गया और उसने मेरी रूपाली दीदी को अपने लंड पर बिठा लिया... मेरी रूपाली दीदी ने खुद ही उसकी मोटे लंबे बांस को पकड़कर अपनी प्यासी मुनिया पर सटा लिया और दीदी बैठ गई .. सीसकते हुए...
अब मेरी दोनों दीदी दोनों गुंडों के लंबे मुसल पर सवार होके उन्हें ही चोद रही थी... अपने नए दूल्हे को.. मेरे नए जीजा जी को...
मेरी रूपाली दीदी को तो पहले से ही अनुभव था लंड की सवारी करने का.... पर मेरी प्रियंका दीदी जो पहली बार किसी लंड की सवारी कर रही थी.. और वह भी असलम के, उनकी रफ्तार मेरी रूपाली दीदी से भी ज्यादा थी...
मेरी प्रियंका दीदी बार-बार खाली तो हो रही थी असलम के लोड़े पर पर फिर भी उनके उछलने की रफ्तार में कमी नहीं आ रही थी.. शायद असलम का लौड़ा मेरी प्रियंका दीदी के बच्चेदानी को बार-बार ठोकर मार रहा था..
मेरी रुपाली दीदी भी जुनैद के लोड़े पर एक बार तो झड़ गई और सुस्ताने लगी तो जुनैद नीचे से मेरी दीदी को उछालने लगा.. उसका निशाना भी मेरी दीदी की बच्चेदानी पर ही था..
दोनों ही गुंडे बेहद आनंदित होकर कामुक सिसकियां ले रहे थे..
ताल से ताल मिलाकर दोनों मेरी दोनों दीदी को चोद रहे थे... मेरी रूपाली दीदी तो सिसक रही थी पर मेरी प्रियंका दीदी रंडियों की तरह कामुक चीखें निकाल रही थी.... जाहिर सी बात है उनके लिए यह पहला अनुभव था... मेरी रूपाली दीदी अब पक्की बन चुकी थी...
जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी को अपने ऊपर झुका लिया... उनके मदमस्त बड़े-बड़े जोवन जुनैद की चेहरे के सामने झूल उठे..
दाईं चूची को जुनैद ने अपने मुंह में लिया और मेरी दीदी का दूध चूसने लगा... मेरी दीदी पागलों की तरह अपनी गांड चलाने लगी..
असलम ने भी मेरी प्रियंका दीदी की एक चूची के साथ वही किया जो जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की एक चूची के साथ किया था... दोनों जुगलबंदी करने में लगे हुए थे... फर्क सिर्फ इतना था कि मेरीरूपालीदीदी की गुब्बारे जैसे चुचियों कि आगे मेरी प्रियंका दीदी की संतरे से थोड़ी बड़ी चूचियां छोटी थी... पहले तो उसने मेरी प्रियंका दीदी के "अनारदाने" को जीभ से चाटा और फिर मेरी दीदी के पूरे अनार को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा... पर मेरी प्रियंका दीदी की अनारो में दूध का नामोनिशान भी नहीं था... जिस प्रकार वह चूस रहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी प्रियंका दीदी की चूचियो मैं अगर जरा सा भी दूध आने की संभावना होती तो असलम जरूर उनको निचोड़ कर पी जाता अपने मुंह से... अपने दांतों से काट काट कर उसने मेरी दीदी के गुलाबी अनार दाने को लाल कर दिया था..
दूसरी तरफ जुनैद मजे से मेरी रूपाली दीदी का दूध पी रहा था... मेरी रूपाली दीदी के दूध के टैंकर हमेशा भरे रहते हैं.. जुनेद मनमर्जी से चूस रहा था... दबा रहा था.. दांतों से काट भी रहा था...
फिर उन दोनों ने मेरी दीदीओ की दूसरी चूची के साथ भी वही व्यवहार किया...
जुनैद ने तो इतना चूसा इतना चूसा कि मेरी रूपाली दीदी की दोनों दूध की टंकी लगभग खाली हो गई.... और मेरी दीदी दूसरी बार झड़ गई उसके लोड़े पर..
असलम ने काट काट कर मेरी प्रियंका दीदी की दोनों चुचियों को लाल कर दिया था और मेरी दीदी को पागल... मेरी दीदी झड़ रही थी और झड़ने के साथ-साथ और भी ज्यादा कामुक होकर उसके लोड़े पर अपनी गांड पटक रही थी..
असलम: ‘अअअअ … ईईईईई..’ मेरे भाई.. यह साली रंडी तो मेरी जान ले लेगी बहन की लोड़ी..‘अअअअ … जुनैद.... मुझे अपनी दुल्हनिया की कोख भरनी है इसको एक बच्चा देना है..
जुनैद: असलम भाई आपने तो मेरे मुंह की बात छीन ली... मैं अपनी रूपाली दुल्हनिया को अपने बच्चे की मां बना हुआ देखना चाहता हूं..
इस रंडी ने मुझे पागल बना दिया...आह … उह …
असलम: आजा साले फिर दोनों को मम्मी बनाते हैं..आह … उह … एक साथ दूध पीने का इंतजाम करते हैं..
असलम ने अपनी आंखों से इशारा किया.. और फिर दोनों ने अपनी-अपनी दुल्हनिया को पलट दिया और उनके सवार हो उनको चोदना शुरू कर दिया..
मेरी दोनों दीदी बिल्कुल पास में लेटी हुई थी...
और गुंडे उनकी सवारी कर रहे थे.. बिल्कुल घोड़े की तरह... मेरी रूपाली दीदी ने अपनी दोनों टांगें फैला दी, उन्हें पता था कि क्या करना है... पर प्रियंका दीदी वह तो दर्द के मारे बिल बिल आने लगी.
मेरे प्रियंका दीदी के ऊपर पहली बार एक घोड़े जैसा मर्द चढ़ा था. जिसकी रफ्तार भी घोड़े जैसी थी...
अब मेरी दोनों दीदी दोनों गुंडों के लंबे मुसल पर सवार होके उन्हें ही चोद रही थी... अपने नए दूल्हे को.. मेरे नए जीजा जी को...
मेरी रूपाली दीदी को तो पहले से ही अनुभव था लंड की सवारी करने का.... पर मेरी प्रियंका दीदी जो पहली बार किसी लंड की सवारी कर रही थी.. और वह भी असलम के, उनकी रफ्तार मेरी रूपाली दीदी से भी ज्यादा थी...
मेरी प्रियंका दीदी बार-बार खाली तो हो रही थी असलम के लोड़े पर पर फिर भी उनके उछलने की रफ्तार में कमी नहीं आ रही थी.. शायद असलम का लौड़ा मेरी प्रियंका दीदी के बच्चेदानी को बार-बार ठोकर मार रहा था..
मेरी रुपाली दीदी भी जुनैद के लोड़े पर एक बार तो झड़ गई और सुस्ताने लगी तो जुनैद नीचे से मेरी दीदी को उछालने लगा.. उसका निशाना भी मेरी दीदी की बच्चेदानी पर ही था..
दोनों ही गुंडे बेहद आनंदित होकर कामुक सिसकियां ले रहे थे..
ताल से ताल मिलाकर दोनों मेरी दोनों दीदी को चोद रहे थे... मेरी रूपाली दीदी तो सिसक रही थी पर मेरी प्रियंका दीदी रंडियों की तरह कामुक चीखें निकाल रही थी.... जाहिर सी बात है उनके लिए यह पहला अनुभव था... मेरी रूपाली दीदी अब पक्की बन चुकी थी...
जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी को अपने ऊपर झुका लिया... उनके मदमस्त बड़े-बड़े जोवन जुनैद की चेहरे के सामने झूल उठे..
दाईं चूची को जुनैद ने अपने मुंह में लिया और मेरी दीदी का दूध चूसने लगा... मेरी दीदी पागलों की तरह अपनी गांड चलाने लगी..
असलम ने भी मेरी प्रियंका दीदी की एक चूची के साथ वही किया जो जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की एक चूची के साथ किया था... दोनों जुगलबंदी करने में लगे हुए थे... फर्क सिर्फ इतना था कि मेरीरूपालीदीदी की गुब्बारे जैसे चुचियों कि आगे मेरी प्रियंका दीदी की संतरे से थोड़ी बड़ी चूचियां छोटी थी... पहले तो उसने मेरी प्रियंका दीदी के "अनारदाने" को जीभ से चाटा और फिर मेरी दीदी के पूरे अनार को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा... पर मेरी प्रियंका दीदी की अनारो में दूध का नामोनिशान भी नहीं था... जिस प्रकार वह चूस रहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी प्रियंका दीदी की चूचियो मैं अगर जरा सा भी दूध आने की संभावना होती तो असलम जरूर उनको निचोड़ कर पी जाता अपने मुंह से... अपने दांतों से काट काट कर उसने मेरी दीदी के गुलाबी अनार दाने को लाल कर दिया था..
दूसरी तरफ जुनैद मजे से मेरी रूपाली दीदी का दूध पी रहा था... मेरी रूपाली दीदी के दूध के टैंकर हमेशा भरे रहते हैं.. जुनेद मनमर्जी से चूस रहा था... दबा रहा था.. दांतों से काट भी रहा था...
फिर उन दोनों ने मेरी दीदीओ की दूसरी चूची के साथ भी वही व्यवहार किया...
जुनैद ने तो इतना चूसा इतना चूसा कि मेरी रूपाली दीदी की दोनों दूध की टंकी लगभग खाली हो गई.... और मेरी दीदी दूसरी बार झड़ गई उसके लोड़े पर..
असलम ने काट काट कर मेरी प्रियंका दीदी की दोनों चुचियों को लाल कर दिया था और मेरी दीदी को पागल... मेरी दीदी झड़ रही थी और झड़ने के साथ-साथ और भी ज्यादा कामुक होकर उसके लोड़े पर अपनी गांड पटक रही थी..
असलम: ‘अअअअ … ईईईईई..’ मेरे भाई.. यह साली रंडी तो मेरी जान ले लेगी बहन की लोड़ी..‘अअअअ … जुनैद.... मुझे अपनी दुल्हनिया की कोख भरनी है इसको एक बच्चा देना है..
जुनैद: असलम भाई आपने तो मेरे मुंह की बात छीन ली... मैं अपनी रूपाली दुल्हनिया को अपने बच्चे की मां बना हुआ देखना चाहता हूं..
इस रंडी ने मुझे पागल बना दिया...आह … उह …
असलम: आजा साले फिर दोनों को मम्मी बनाते हैं..आह … उह … एक साथ दूध पीने का इंतजाम करते हैं..
असलम ने अपनी आंखों से इशारा किया.. और फिर दोनों ने अपनी-अपनी दुल्हनिया को पलट दिया और उनके सवार हो उनको चोदना शुरू कर दिया..
मेरी दोनों दीदी बिल्कुल पास में लेटी हुई थी...
और गुंडे उनकी सवारी कर रहे थे.. बिल्कुल घोड़े की तरह... मेरी रूपाली दीदी ने अपनी दोनों टांगें फैला दी, उन्हें पता था कि क्या करना है... पर प्रियंका दीदी वह तो दर्द के मारे बिल बिल आने लगी.
मेरे प्रियंका दीदी के ऊपर पहली बार एक घोड़े जैसा मर्द चढ़ा था. जिसकी रफ्तार भी घोड़े जैसी थी...