13-02-2019, 03:50 PM
Update 24
राहुल बाथरूम से बाहर निकला तो तनु उसे आज एक नए ही रूप में नज़र आई । छोटे - छोटे और मॉर्डन कपडे पहनने वाली तनु आज नीले रंग के सलवार-कमीज में थी ।कानों में झुमके औऱ बाल संवरे हुए पर खुले हुए थे और उसके दोनों कंधों से होते हुए उसके आकर्षक स्तंनो को और आकर्षक बना रहे थे ।
तनु -कितना टाइम लगाते हो बाथरूम में मैं कब से इंतजार कर रही थी ।
राहुल-सॉरी प्रेशर था यार ।
तनु(चिल्लाते हुए ताकि रमा को उसकी आवाज़ सुनाई दे जाए जो रसोई में काम कर रही थी)-मम्मी जा रहे हैं हम ।
रमा-जल्दी आ। जाना और झगड़ना मत ।
तनु-मैं कँहा झगड़ा करती हूँ एक्टिवा ले जा रही हूँ ।
रमा- एक्टिवा ले जा रही है तो कोमल आँटी के यँहा से होती आना ,कोमल को मैंने कोई काम वाली देखने के लिए कहा था पूछ लियो कोई मिली के नहीं ।
तनु-ठीक है ।
राहुल तो अकेले तनु के साथ बाजार जाने को लेकर ही बेहद उतेजित था और तनु के एक्टिवा पर बैठने की बात सुनकर तो उसकी उत्तेजना सातवें आसमान पर पहुँच गयी थी । तनु ने स्कूटी स्टार्ट की और राहुल को पीछे बैठने के लिए कहा । राहुल ने एक्टिवा पर बैठकर डरते डरते तनु कि पतली कमर को हल्के हाथों से पकड़ लिया । तनु के बदन की भीनी-2 महक उसे मदहोश सी करती जा रहा थी ।
तनु-तुम इतनी देर कँहा थे ट्यूशन तो 5.30 खत्म होती है ना तुम्हारी ।
राहुल-वो बबिता दीदी की दूसरे शहर में जॉब लग गयी हैं ना इसलिए वो चली गईं हैं ।
तनु-तो फिर तू और जल्दी आ जाता ।
राहुल-आ कैसे जाता वो अपनी बहन (बहन बोलते वक्त उसके मन में तनीषा की वो तस्वीर उभर आई जब तनीषा का तौलिया नीचे सरक जाने से उसके स्तन उघड़ आये थे ...तनीषा के बारे में सोचते हुए उसका लन्ड हरकत करने लगा था) को बोलकर गयीं हैं पढ़ाने को ।
तनु-क्या नाम है उसकी बहन का ?
राहुल-तनीषा ।
तनु-पढ़ाती कैसा है ?
राहुल-ठीक ही पढ़ाती है ।
तनु(स्कूटी रोकते हुए)- चलो उतरो क्लीनिक आ गया ।
राहुल स्कूटी से उतरकर क्लीनिक की तरफ देखता है तो क्लीनिक के गेट के ऊपर लगा हुआ बड़ा सा बोर्ड नज़र आता है "अपना वीर्य दान करें ,बदले में मालामाल हो जाएं" बोर्ड को पढ़ते हुए राहुल के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है वो सोच लेता है कि यही वो काम है जो उसे गरीब से अमीर बनाएगा ।
तनु और राहुल क्लीनिक में दाखिल होते हैं तो राहुल की नज़र खूबसूरत रिसेप्शनिस्ट पर पड़ती है । सफेद टॉप और काले रंग के स्कर्ट में वो किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी । वो तनु और राहुल की कंप्यूटर में एंट्री करके उन्हें 100 रुपए का बिल थमाती है और उन्हें रूम नंबर 4 में जाने के लिए कहती है ।
ड्रेसिंग रूम में जब सिस्टर राहुल के हाथ की पट्टी खोलती है तो तनु को राहुल की हथेली पर लगा हुआ चीरा नज़र आता है जो हथेली के एक कोने से दूसरे कोने तक जा रहा था । "कितना ज्यादा कट गया है , और राहुल ने मुझे कुछ नहीं कहा और एक मैं हूँ जो उससे झगड़ती रहती हूं तनु मन में सोचती है ।
सिस्टर-इतना ज्यादा कैसे कट गया ?
राहुल- अंधेरे था कुछ खोज रहा था मैं तो चाकू से कट गया ।
सिस्टर(तनु की तरफ देखते हुए)- अपने बॉयफ्रेंड से कहिए कि ध्यान से चीज़ें ढूंढा करे तोड़ा और कट जाता तो मुश्किल हो सकती थी ।
तनु(बॉयफ्रेंड शब्द सुनकर तनु के पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ जाती है)-जी हम ब...(वो बहन-भाई बोलने वाली थी पर न जाने क्यों उसे यह बोलना अच्छा नहीं लगा ) बस दोस्त हैं हम ।
सिस्टर(पट्टी बाँधते हुए)- ओह सॉरी आप दोनों को देखकर लगा कि ....
तनु-कोई बात नहीं ,इट्स ओके ।
सिस्टर-कल सुबह फिर ड्रेसिंग करवा लेना ।
तनु-तुम कल सुबह ड्रेसिंग करवालोगे न ?
राहुल-हम्म । वो सोच रहा था कि इसी बहाने वो वीर्य दान के बारे में भी पूछ लेगा ।
तनु-राहुल क्या सोच रहे हो ?
राहुल-कुछ भी तो नहीं ।
तनु-मतलब कि अभी तक नाराज़ हो मुझसे ?
राहुल-नहीं मैं क्यों नाराज़ होने लगा तुमसे ।
तनु- तुम इसीलिए नाराज़ हो न कि मेरी वजह से तुम्हारा हाथ कट गया ।
राहुल-नहीं यार बिल्कुल भी तो नहीं ,मैं तो कुछ और सोच रहा था ।
तनु - फिर बताओ क्या बात है ?
राहुल- तुम मुझ पर हँसोगी यार रहने दो ।
तनु-बताओ न यार ...तुम्हें मेरी कसम सच्ची सच्ची बताना क्या सोच रहे थे ।
राहुल- तुमने वो स्पर्म डोनट करने वाला बोर्ड देखा ?
तनु- पागल हो क्या ?
राहुल-मैंने कहा था तुम मेरा मज़ाक बनाओगी ।
तनु- नहीं यार लेकिन तुम्हें इसकी जरूरत क्या है ।
राहुल-तनु तुम तो जानती हो यार सब.....मुझे लगता है मुझे अब कुछ काम कर लेना चाहिए पर पढ़ते हुए कोई और काम तो इम्पॉसिबल है ।
तनु(कुछ देर सोचने के बाद)- ठीक है मैं रिसेप्शन पे बात करके आती हूँ । वो रिसेप्शनिस्ट से बात करने चली जाती है और एक छोटी सी शीशी लेकर वापिस आती है ।
राहुल-क्या कहा उसने ?
तनु -यह शीशी दी है अगर यह तुम एक बार में भर सकते हो तो कल आकर टेस्ट दे जाना ।
राहुल-कल कैसे दूँगा ? मेरे तो हाथ पर चोट लगी है ?
तनु-जानती हूँ ,पर कल ही टेस्ट देना होगा तुम्हें क्योंकि परसों डॉक्टर विदेश जा रहे हैं पूरे दो महीने के लिए और पैसे इतने ज्यादा हैं कि मैंने सोचा यह काम तुम्हारे लिए सही रहेगा ।
राहुल-कितने पैसे देंगे?
तनु-पाँच हज़ार ।
राहुल-एक महीने के ? सही है इतने पैसे तो काफी होंगे मेरे लिए ।
तनु-एक महीने के नहीं डफर एक बार के । अब चलो उधर उस रूम में चलना है ।
राहुल-अभी देनी है क्या ?
तनु-घर पे कैसे करेगा ? चल अब ।
राहुल और तनु एक केबिन में आ जाते हैं । तनु दरवाजे को कुंडी लगाती है और राहुल को शीशी देती है ।
तनु-मैं दूसरी तरफ मुड़ती हूँ तू इसे भर दे जल्दी ।
राहुल-जल्दी कैसे करूँ ? इसमें तो टाइम लगेगा ।
तनु-अपना वो निकाल और भर दे ना ।
राहुल(राहुल पैंट की बेल्ट को एक हाथ से खोंलेने की कोशिश करते हुए)-ऐसे थोड़े होता है यार रहने देते हैं ।
तनु(तनु देखती है एक हाथ से राहुल बेल्ट नहीं खोल पा रहा)-डर लग रहा है क्या ? और ला मैं खोल दूँ तेरी बेल्ट ,मैंने ही चाकू मारा है तुझे तो इतनी हेल्प तो कर ही सकती हूँ ।
तनु राहुल के पास आ जाती है और उसकी बेल्ट खोलने के बाद उसकी जीन्स का बटन खोल देती है ।
राहुल-क्या कर रही है ?
तनु-बकवास मत कर और चुपचाप मुझे करने दे ,मुझे पता है कैसे करते हैं ।
तनु नीचे घुटनों के बैठते हुए राहुल की पैंट नीचे खींचती है औऱ राहुल के कच्छे के उभार से समझ जाती है कि उसका काम उतना भी आसान नहीं होने वाला । वो शर्म से मरी जा रही थी पर राहुल पर तरस उसे ज्यादा आ रहा था वो जानती थी घर में राहुल की हैसियत एक नोकर से ज्यादा कुछ नहीं है इसलिए वो दिल से उसकी मदद करना चाहती थी । तनु ने एक लंबी साँस ली और राहुल के कच्छे को नीचे सरका दिया ।
राहुल का 15इंची मूसल लन्ड किसी साँप की तरह उसके चेहरे से टकराया " ओह माई गॉड इट्स ह्यूज" तनु हैरानी से राहुल के लन्ड को निहारते हुए बोली । तनु राहुल के लन्ड को बिल्कुल वैसे ही देख रही थी जैसे बच्चा खिलौने को देखता है ।
राहुल आज तक इतना उतेजित कभी नहीं हुआ था बबिता और सनी लियोनी को एक घण्टे तक चोदने के बाद भी वो झाड़ता नहीं था और इधर तनु की सिर्फ नज़र ही उसे उसके चरम तक ले जा चुकी थी ।
तनु ने डरते-2 अपने दोनों हाथों से उसका मूसल लन्ड पकड़ लिया और उसे धीरे-2 बड़े प्यार से मुठियाने लगी । तनु के छूते ही राहुल को लगा जैसे उसका लावा किसी भी समय फूट सकता है उसने बोतल को अपने टोपे के छेद पर लगा दिया और उसका लन्ड बोतल में अपना लावा उगलने लगा ...बोतल भर जाने के बाद भी उसका लन्ड काफी देर तक लावा उगलता रहा ...
तनु(वीर्य से लथपथ अपने हाथों को देखते हुए)- सारे हाथ गंदे कर दिए तुमने तो ...इतना कोई छोड़ता है क्या इतने स्पर्म से तो 10 बोतल भर जाती ।
राहुल-इसे कोई कंट्रोल कर सकता है क्या जितना हर बार निकलता है उतना ही निकला ।
तनु(रुमाल से अपने हाथ साफ करते हुए)-बोतल को बंद कर मैं जितनी देर रिसेप्शनिस्ट को दे कर आती तू कपडे पहन ले । वो वीर्य से भरी हुई बोतल लेकर बाहर चली जाती है ।
तनु(रिसेप्शनिस्ट से, जो कंप्यूटर पे कुछ देख रही थी)- एक्सक्यूज मी ।
रिसेप्शनिस्ट- आई मस्ट से यू आर लकी ।
तनु- वट ?
रिसेप्शनिस्ट- तुम्हारे बॉयफ्रेंड का साइज ....मैंने देखा ....एंड यु वर आल्सो गुड नहीं तो काफी समय लग जाता ।
तनु(रिसेप्शनिस्ट की बात सुनकर वो शर्म से लाल हो जाती है)- आप हमारी मर्ज़ी के बिना कैसे देख सकतीं हैं हमें ।
रिसेप्शनिस्ट- यह हमारी पॉलिसी है वरना लोग चीट कर सकते हैं , स्पर्म एक ही बार का होना चाहिए इसिलए करना पड़ता है , लेकिन क्लाइंट की प्रिवेसी का हम पूरा ध्यान रखते हैं ।
तनु(रिसेप्शनिस्ट को बोतल देते हुए) -इट्स ओके , यह रही बोतल ।
रिसेप्शनिस्ट - यह रहे फ्रॉम , कल इन्हें जमा करवा देना और 5000 पेमेंट आपको कर दी जाएगी । "ओह मिस्टर राहुल अभी मैं आपकी गर्लफ्रैंड से आपकी ही तारीफ कर रही थी ...कल मैं ही आपका टेस्ट लूँगी" वो राहुल को आते हुए देखकर कहती है ।
राहुल- थैंक्स मैंम । कल कितने बजे ?
रिसेप्शनिस्ट - कल 12 बजे से पहले क्योंकि उसके बाद डॉक्टर नहीं होंगे ।
तनु(राहुल से फुसफुसती है)- चलो भी अब इससे ही बातें करते रहोगे क्या ?
राहुल-मैंने कब बातें कि ?
तनु- तो मैं कर रही हूँ न ? चलो अब पहले ही लेट हैं हम ।
राहुल(तनु के साथ क्लीनिक से बाहर आते हुए) - थैंक्स तनु ,सिर्फ तुम्हारी वजह से ही हो पाया यह सब।
तनु- यह सब मैंने सिर्फ इसलिए किया क्योंकि तुम्हारा हाथ मैंने ही काटा था ...वरना मैं इतना गन्दा काम कभी न करती ।
तनु की बात सुनकर राहुल की सारी खुमारी उतर जाती है । वो तो सोच रहा था कि शायद वो तनु को पंसद आने लगा है पर यह जानकर की तनु ने यह सब मजबूरी में और एहसान उतारने के लिए किया था उसका मन उदास हो गया ।
इधर तनु राहुल को ऐसी बातें बोलकर अपने मन में उठ रहे बवंडर को शांत कर रही थी । "गन्दा क्यों कहा मैंने.... उसका वो तो कितना प्यारा था ....पर क्या करूँ मैं...वो है तो भाई चाहे गोद लिया हुआ ही .." तनु एक्टिवा स्टार्ट करते हुए सोचती है ।
राहुल-तनु सॉरी यार आगे से .....
तनु- अब ज्यादा नाटक मत कर और हाँ कल आएगा तो इस रिसेप्शनिस्ट से ज़रा बचके रहियो ।
राहुल-वो क्यों ?
तनु-ठीक नहीं लगी मुझे कुछ ।
इधर राहुल और तनु करीब आ रहे थे तो दूसरी तरफ मित्तल अपने घर में एक साजिश को अंजाम देने के लिए त्यार था बस प्रिया के आने की देरी थी । मित्तल ने प्रिया को फ़ोन करके बुला चुका था और अब वो अपने घर के आफिस रूम में नँगा कुर्सी बैठा प्रिया का इंतजार कर रहा था । उसने अपनी कुर्सी दीवार की तरफ घुमा रखी थी ताकि प्रिया आते ही उसे न देख पाए । मित्तल तब से कामाग्नि में जल रहा था जब से उसने प्रिया का वीडियो देखा था ।
पापा आपने मुझे बुलाया था उसे प्रिया की आवाज़ सुनाई दी । उसने दीवार पर लगे शीशे से अपनी बेटी को देखा । सफेद रंग की शर्ट और जीन्स में प्रिया को देखते ही उसके का जानवर उसपर हावी हो गया और वो उससे वैसे ही खेलने लगा जैसे शेर अपने शिकार से खेलता है ।
मित्तल- आओ बैठो ।
प्रिया-पापा क्या बात है जो इतनी अर्जेंटली मुझे बुलाया आपने ।
मित्तल(अपने खड़े हो चुके लन्ड को सहलाते हुए)- प्रिया तुम्हारी इन हरकतों के कारण न जाने कितनी बार मैं और हमारा परिवार बदनाम होते होते बचा है । तुम जवान हो ,सेक्सी हो और मानता हूँ कि तुम्हारे शरीर की जरूरतें हैं पर .....
प्रिय(अपने बाप को ऐसे बातें करते देख उसका दिमाग चकरा गया)-क्या हुआ पापा ।
मित्तल-क्या नहीं हुआ यह पुछो । आज फिर एक वीडियो आया है जिसमें तुम उस दो कौड़ी के मनोज के साथ ......बैठ जाओ खड़ी क्यों हो ?
प्रिया(बैठते हुए)-इस मनोज को मैं मार डालूँगी मैं ।
मित्तल-मारने से क्या होगा ,गलती मनोज की नहीं है।
प्रिया-पापा आप मुझे गलत कह रहे हैं ?
मित्तल-प्रिया इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है गलती है तुम्हारी इस जवानी की गर्मी का जिसे कोई मर्द शांत नहीं कर पा रहा । कहते हुए मित्तल अपनी कुर्सी घुमाकर प्रिया के सामने आ जाता है ।
प्रिया(ऐसा मूसल लन्ड उसने आज तक नहीं देखा था ,इतना मोटा और लम्बा..वो चाहते हुए भी अपनी नज़रें अपने बाप के लन्ड से नहीं हटा पा रही थी )-प..पपप....पापा आप पागल हो गए हैं क्या ,प्लीज़ अपने कपड़े पहनों ।
मित्तल(अपने लन्ड को सहलाते हुए)- प्रिया इसकी आग भी कोई लडक़ी भुझा नहीं पाई और तेरी भी कोई लन्ड ।
प्रिया अपने बाप के मुँह से लन्ड शब्द सुनकर प्रिया पर एक डर एक अनहोनी की आशंका छा जाती है । वो कुर्सी से खड़े होने की कोशिश करती है पर मित्तल जल्दी से प्रिया के पीछे आ जाता है और उसके कंधों पर हाथ रखकर उसे उठने से रोक देता है ।
मित्तल(प्रिया के कंधे सहलाते हुए) - मनोज ने जो किया उसकी सजा उसे मिल चुकी है उसकी बहन के साथ वही हुआ जो उसने तेरे साथ किया था ।
प्रिया-आपने.... मतलब आएशा का एक्सीडेंट नहीं हुआ ? आपने उसके साथ बलात्कार ....। प्रिया अपनी बात पूरी न कर पाई ।
मित्तल- आएशा को भी लन्ड चाहिए था और मैंने बस उसकी इच्छा पूरी की है प्रिया । मैं चोद उसे रहा था और सपने तेरे देख रहा था । मित्तल अब प्रिया के स्तंनो को कमीज के ऊपर से सहला रहा था ।
प्रिया-क्या कर रहे हैं पापा ....छोड़िए मुझे ।
मित्तल(प्रिया के कान को चाटते हुए फुसफुसाता है)- तू मेरी ज़रूरत पूरी कर सकती है और मैं तुझे । किसी को पता नहीं चलेगा । किसी भी और मर्द से ज्यादा खुश रखूँगा मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ मैं तुझसे ।
प्रिया(वो अपने स्तंनो पर अपने पिता के बड़े मूसल लौड़े का स्पर्श महसूस कर रही थी....मित्तल की बातें उसे उलझा रही थीं ....उसके अंदर की असन्तुष्ट औरत उसे समर्पण कर देने के लिए उकसा रही थी )- यह गलत है ऐसा नही हो सकता , यह पाप है ।
मित्तल- नहीं पाप तो अपनी आत्मा को असंतुष्ट रखना होता है , सभी धर्मों में यही कहा गया कि आत्मा की संतुष्टि ही परम पुण्य है । कई देवताओं ने अपनी बेटियों के साथ ही संभोग किया है । कहते-2 मित्तल प्रिया को कुर्सी से खींचते हुए खड़ा करता है और बाहों में भर लेता है ।
प्रिया-आह...पापा मुझे कुछ हो रहा है ....जाने दो न मुझे ।
मित्तल -बस एक बार प्रिया एक बार मुझे अपनी प्यारी फुद्दी को चूम लेने दे ...बस एक बार इतना रहम कर मुझ पर .....तेरी कसम उसके आगे तेरी इच्छा के विरुद्ध मैं कुछ नहीं करूँगा । तरस खा अपने इस कमीने बाप पर ।
प्रिया को अपने बाप पर गुस्सा और तरस दोनों आ रहे थे । उससे अपने बाप की हालत देखी नहीं जा रही थी । वो बस जल्दी से यह सब खत्म करना चाहती थी । प्रिया की खामोशी ने मित्तल को ग्रीन सिग्नल दिखा दिया था । उसने प्रिया को उठा लिया और उसे लेकर अपने बेडरूम में ले आया ।
प्रिया को बिस्तर पर लिटाकर मित्तल उसकी टाँगों के बीच आ गया मित्तल ने एक बार अपनी बेटी के खूबसूरत चेहरे की ओर देखा प्रिया की बंद आँखों और तेज़ चलती साँसों को देख वो खुद को ज्यादा देर रोक नहीं पाया और उसने प्रिया कि सफेद कमीज के बटनों को खोल दिया प्रिया की काली जालीदार ब्रा से झलकते उसके खूबसूरत स्तंनो को उसने कुछ पल यूँ निहारा जैसे कोई पुजारी देवता के मिल जाने पर अपने देवता को निहारता है । मित्तल ने झुककर जब प्रिया के स्तनों के बीचोबीच चूमा तो एक मादक सी सिसकी प्रिया के मुँह से निकल गयी । मित्तल ने प्रिया की ब्रा को नीचे कर प्रिया के मोसम्मियों के आकार के स्तंनो को नंगा कर दिया और उन्हें ऐसे सहलाने लगा मानो मोसम्मियों को खाने से पहले उनके अंदर के रस का ज्याजा ले रहा हो ।
प्रिया के साथ पहले किसी ने यूँ नहीं किया था आज जो मर्द उसे मिले थे वो झटपट चुदाई पर आ जाते थे मानो उन्हें कोई ट्रेन पकड़नी हो । मित्तल उसके अंग अंग को छूता , उसके लबों को चूमता उसके गालों को ,उसकी गर्दन को चूमते चाटते हुए पूरे इत्मीनान के साथ धीरे-धीरे उसके स्तंनो तक पहुंचा जब प्रिया को मित्तल के होंठ अपने निप्पल पर महसूस हुए तो आनंद की एक लहर उसके जिस्म और दिमाग में दौड गयी । मित्तल ने बेहद प्यार से उसकि एक चूची को होंठो में ले लिया और हल्के-2 चूसते हुए वो अपने दूसरे हाथ से प्रिया नाज़ुक होंठो से खेल रहा था ....प्रिया को ऐसा लग रहा था मानो उसका बाप नहीं बल्कि उसका कोई प्रेमी यह कर रहा हो ...उसे धीरे-2 अपनी चूची पर मित्तल के सख्त होंठो का बढ़ता दबाव महसूस हो रहा था । "ओह्ह....आह.....ओह ममा....." कहते हुए उसने अपनी बाहों से मित्तल की पीठ को जकड़ लिया अब वो भूल चुकी थी कि वो कौन है और कौन उसके स्तन को चूस रहा है ।
प्रिया के स्तंनो को जी भर चूस लेने के बाद वो उसके पेट को चूमता हुआ उसकी नाभि तक आया और उसके सुंदर नेवल को चूमने के बाद उसने प्रिया कि जीन्स खोल दी और उसकी काले रंग की पैंटी को नीचे खिसकाने के बाद वो मुस्कुराते हुए प्रिया की शेव की हुई छोटी सी चूत को निहारने लगा । कितनी सुंदर कितनी आकर्षक और मादकता से परिपूर्ण थी उसकी बेटी की योनि । योनि का मुख इतना मुलायम और गोरा था कि वो खुद हैरान रह गया ...उसने प्रिया की टाँगों के बीच आते हुए अपना मुंह उसकी फुद्दी पे लगा दिया ।
प्रिया(टाँगों को सिकोड़ते हुए)-आह....पप्पपाया...पापा.... उफ्फ....।प्रिया काँपती सी बोली ।
मित्तल ने अपनी जीभ को बाहर निकाला और अपनी बेटी की हसीन चूत को नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे चाट लिया ।
"आह...आह....पपपप....अअअअअअअ....पापा" प्रिया की मधुर सिसकी का संगीत पूरे कमरे में गूँज गया ।
मित्तल ने अपना नाक प्रिया की चूत के दाने पे सेट किया और उसकी चूत को आइसक्रीम की तरह चाटने लगा .....
"आह....मां...पप्पा.....उफ्फ्फ .....क्या कर रहे हो मर जाऊंगी मैं ......मेरे..... पापा.... खा जाओ....आह.....ऐसे ही......आह....कुछ हो रहा है....आह.....पापा होने वाला है मेरा..." प्रिया ने मित्तल की एक्सपर्ट चुसाई के आगे पूरी तरह हथियार डाल दिए थे ।
"प्रिया.....प्रिया के पापा आप दोनों कँहा हो " मित्तल के कानों में अपनी पत्नी की आवाज़ किसी काँटे की तरह लगी । वो रुक गया लेकिन बस एक पल के लिए इस समय प्रिया को इस हालत में छोड़ देने का मतलब होता सारे बने बनाए खेल को बिगाड़ देना । मित्तल ने झट से प्रिया के होंठों को अपने एक हाथ से बंद कर दिया और अपनी जीभ से प्रिया चूत को चोदने लगा ......
"प्रिया....प्रिया......तुम घरपर हो क्या ? " मित्तल को फिर अपनी पत्नी की आवाज़ सुनाई दी । उसने अपनी रफ्तार और तेज़ कर दी ....प्रिया का बदन अब अकड़ने सा लगा था मतलब साफ था कि उसका ऑर्गैज़म करीब है । मित्तल ने अपनी जीभ को उतना तेज़ चलाना शुरू कर दिया जितना वो चला सकता था .....प्रिया की कमर ऊपर को उठी और उसकी चूत ने पानी का फव्वारा सा छोड़ दिया ....मित्तल इस अमृत का आखिरी कतरा तक पी गया । प्रिया निढाल सी हो बिस्तर पे पसर गयी ।
मित्तल ने बिना वक्त गँवाते हुए प्रिया और उसके कपड़ों को उठाया और बाथरूम की तरफ भागा । और बाथरूम में प्रिया को शावर के नीचे कर शावर चालू कर दिया । ठीक इसी वक्त उसकी पत्नी मालती कमरे में दाखिल हुई " प्रिया के पापा आप नाहा रहे हो क्या?"
मित्तल-हां क्या हुआ ।
मालती-कब से आवाज़ें लगा रही हूँ आप जवाब ही नहीं दे रहे ।
मित्तल- यहाँ आवाज़ सुनाई ही नहीं दी , कब आई तुम ?
मालती-अभी कुछ देर पहले , मैं रामु से कहकर कुछ खाने को बनवाती हूँ आप इतनी देर नहा कर आ जाओ ।
मित्तल- ठीक है । मालती के जाने के बाद उसे प्रिया का ख्याल आया जो डरी-सहमी अपने कपडे पहन रही थी ।" चली गयी वो किचन में गयी है तुम जल्दी से कपडे पहनो और अपने कमरे में जाओ मैं किचन में मालती को उलझता हूँ । प्रिया ने हाँ में सिर हिला दिया ।
मित्तल खुशी से भरा हुआ रसोई में चला गया । उसने आज वो पा लिया था जिसे वो कई दिनों से पाना चाहता था चाहे आज उसकी हसरत पूरी नहीं हो सकी थी पर वो जनता था कि अब प्रिया उसकी है बस उसकी ।
राहुल बाथरूम से बाहर निकला तो तनु उसे आज एक नए ही रूप में नज़र आई । छोटे - छोटे और मॉर्डन कपडे पहनने वाली तनु आज नीले रंग के सलवार-कमीज में थी ।कानों में झुमके औऱ बाल संवरे हुए पर खुले हुए थे और उसके दोनों कंधों से होते हुए उसके आकर्षक स्तंनो को और आकर्षक बना रहे थे ।
तनु -कितना टाइम लगाते हो बाथरूम में मैं कब से इंतजार कर रही थी ।
राहुल-सॉरी प्रेशर था यार ।
तनु(चिल्लाते हुए ताकि रमा को उसकी आवाज़ सुनाई दे जाए जो रसोई में काम कर रही थी)-मम्मी जा रहे हैं हम ।
रमा-जल्दी आ। जाना और झगड़ना मत ।
तनु-मैं कँहा झगड़ा करती हूँ एक्टिवा ले जा रही हूँ ।
रमा- एक्टिवा ले जा रही है तो कोमल आँटी के यँहा से होती आना ,कोमल को मैंने कोई काम वाली देखने के लिए कहा था पूछ लियो कोई मिली के नहीं ।
तनु-ठीक है ।
राहुल तो अकेले तनु के साथ बाजार जाने को लेकर ही बेहद उतेजित था और तनु के एक्टिवा पर बैठने की बात सुनकर तो उसकी उत्तेजना सातवें आसमान पर पहुँच गयी थी । तनु ने स्कूटी स्टार्ट की और राहुल को पीछे बैठने के लिए कहा । राहुल ने एक्टिवा पर बैठकर डरते डरते तनु कि पतली कमर को हल्के हाथों से पकड़ लिया । तनु के बदन की भीनी-2 महक उसे मदहोश सी करती जा रहा थी ।
तनु-तुम इतनी देर कँहा थे ट्यूशन तो 5.30 खत्म होती है ना तुम्हारी ।
राहुल-वो बबिता दीदी की दूसरे शहर में जॉब लग गयी हैं ना इसलिए वो चली गईं हैं ।
तनु-तो फिर तू और जल्दी आ जाता ।
राहुल-आ कैसे जाता वो अपनी बहन (बहन बोलते वक्त उसके मन में तनीषा की वो तस्वीर उभर आई जब तनीषा का तौलिया नीचे सरक जाने से उसके स्तन उघड़ आये थे ...तनीषा के बारे में सोचते हुए उसका लन्ड हरकत करने लगा था) को बोलकर गयीं हैं पढ़ाने को ।
तनु-क्या नाम है उसकी बहन का ?
राहुल-तनीषा ।
तनु-पढ़ाती कैसा है ?
राहुल-ठीक ही पढ़ाती है ।
तनु(स्कूटी रोकते हुए)- चलो उतरो क्लीनिक आ गया ।
राहुल स्कूटी से उतरकर क्लीनिक की तरफ देखता है तो क्लीनिक के गेट के ऊपर लगा हुआ बड़ा सा बोर्ड नज़र आता है "अपना वीर्य दान करें ,बदले में मालामाल हो जाएं" बोर्ड को पढ़ते हुए राहुल के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है वो सोच लेता है कि यही वो काम है जो उसे गरीब से अमीर बनाएगा ।
तनु और राहुल क्लीनिक में दाखिल होते हैं तो राहुल की नज़र खूबसूरत रिसेप्शनिस्ट पर पड़ती है । सफेद टॉप और काले रंग के स्कर्ट में वो किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी । वो तनु और राहुल की कंप्यूटर में एंट्री करके उन्हें 100 रुपए का बिल थमाती है और उन्हें रूम नंबर 4 में जाने के लिए कहती है ।
ड्रेसिंग रूम में जब सिस्टर राहुल के हाथ की पट्टी खोलती है तो तनु को राहुल की हथेली पर लगा हुआ चीरा नज़र आता है जो हथेली के एक कोने से दूसरे कोने तक जा रहा था । "कितना ज्यादा कट गया है , और राहुल ने मुझे कुछ नहीं कहा और एक मैं हूँ जो उससे झगड़ती रहती हूं तनु मन में सोचती है ।
सिस्टर-इतना ज्यादा कैसे कट गया ?
राहुल- अंधेरे था कुछ खोज रहा था मैं तो चाकू से कट गया ।
सिस्टर(तनु की तरफ देखते हुए)- अपने बॉयफ्रेंड से कहिए कि ध्यान से चीज़ें ढूंढा करे तोड़ा और कट जाता तो मुश्किल हो सकती थी ।
तनु(बॉयफ्रेंड शब्द सुनकर तनु के पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ जाती है)-जी हम ब...(वो बहन-भाई बोलने वाली थी पर न जाने क्यों उसे यह बोलना अच्छा नहीं लगा ) बस दोस्त हैं हम ।
सिस्टर(पट्टी बाँधते हुए)- ओह सॉरी आप दोनों को देखकर लगा कि ....
तनु-कोई बात नहीं ,इट्स ओके ।
सिस्टर-कल सुबह फिर ड्रेसिंग करवा लेना ।
तनु-तुम कल सुबह ड्रेसिंग करवालोगे न ?
राहुल-हम्म । वो सोच रहा था कि इसी बहाने वो वीर्य दान के बारे में भी पूछ लेगा ।
तनु-राहुल क्या सोच रहे हो ?
राहुल-कुछ भी तो नहीं ।
तनु-मतलब कि अभी तक नाराज़ हो मुझसे ?
राहुल-नहीं मैं क्यों नाराज़ होने लगा तुमसे ।
तनु- तुम इसीलिए नाराज़ हो न कि मेरी वजह से तुम्हारा हाथ कट गया ।
राहुल-नहीं यार बिल्कुल भी तो नहीं ,मैं तो कुछ और सोच रहा था ।
तनु - फिर बताओ क्या बात है ?
राहुल- तुम मुझ पर हँसोगी यार रहने दो ।
तनु-बताओ न यार ...तुम्हें मेरी कसम सच्ची सच्ची बताना क्या सोच रहे थे ।
राहुल- तुमने वो स्पर्म डोनट करने वाला बोर्ड देखा ?
तनु- पागल हो क्या ?
राहुल-मैंने कहा था तुम मेरा मज़ाक बनाओगी ।
तनु- नहीं यार लेकिन तुम्हें इसकी जरूरत क्या है ।
राहुल-तनु तुम तो जानती हो यार सब.....मुझे लगता है मुझे अब कुछ काम कर लेना चाहिए पर पढ़ते हुए कोई और काम तो इम्पॉसिबल है ।
तनु(कुछ देर सोचने के बाद)- ठीक है मैं रिसेप्शन पे बात करके आती हूँ । वो रिसेप्शनिस्ट से बात करने चली जाती है और एक छोटी सी शीशी लेकर वापिस आती है ।
राहुल-क्या कहा उसने ?
तनु -यह शीशी दी है अगर यह तुम एक बार में भर सकते हो तो कल आकर टेस्ट दे जाना ।
राहुल-कल कैसे दूँगा ? मेरे तो हाथ पर चोट लगी है ?
तनु-जानती हूँ ,पर कल ही टेस्ट देना होगा तुम्हें क्योंकि परसों डॉक्टर विदेश जा रहे हैं पूरे दो महीने के लिए और पैसे इतने ज्यादा हैं कि मैंने सोचा यह काम तुम्हारे लिए सही रहेगा ।
राहुल-कितने पैसे देंगे?
तनु-पाँच हज़ार ।
राहुल-एक महीने के ? सही है इतने पैसे तो काफी होंगे मेरे लिए ।
तनु-एक महीने के नहीं डफर एक बार के । अब चलो उधर उस रूम में चलना है ।
राहुल-अभी देनी है क्या ?
तनु-घर पे कैसे करेगा ? चल अब ।
राहुल और तनु एक केबिन में आ जाते हैं । तनु दरवाजे को कुंडी लगाती है और राहुल को शीशी देती है ।
तनु-मैं दूसरी तरफ मुड़ती हूँ तू इसे भर दे जल्दी ।
राहुल-जल्दी कैसे करूँ ? इसमें तो टाइम लगेगा ।
तनु-अपना वो निकाल और भर दे ना ।
राहुल(राहुल पैंट की बेल्ट को एक हाथ से खोंलेने की कोशिश करते हुए)-ऐसे थोड़े होता है यार रहने देते हैं ।
तनु(तनु देखती है एक हाथ से राहुल बेल्ट नहीं खोल पा रहा)-डर लग रहा है क्या ? और ला मैं खोल दूँ तेरी बेल्ट ,मैंने ही चाकू मारा है तुझे तो इतनी हेल्प तो कर ही सकती हूँ ।
तनु राहुल के पास आ जाती है और उसकी बेल्ट खोलने के बाद उसकी जीन्स का बटन खोल देती है ।
राहुल-क्या कर रही है ?
तनु-बकवास मत कर और चुपचाप मुझे करने दे ,मुझे पता है कैसे करते हैं ।
तनु नीचे घुटनों के बैठते हुए राहुल की पैंट नीचे खींचती है औऱ राहुल के कच्छे के उभार से समझ जाती है कि उसका काम उतना भी आसान नहीं होने वाला । वो शर्म से मरी जा रही थी पर राहुल पर तरस उसे ज्यादा आ रहा था वो जानती थी घर में राहुल की हैसियत एक नोकर से ज्यादा कुछ नहीं है इसलिए वो दिल से उसकी मदद करना चाहती थी । तनु ने एक लंबी साँस ली और राहुल के कच्छे को नीचे सरका दिया ।
राहुल का 15इंची मूसल लन्ड किसी साँप की तरह उसके चेहरे से टकराया " ओह माई गॉड इट्स ह्यूज" तनु हैरानी से राहुल के लन्ड को निहारते हुए बोली । तनु राहुल के लन्ड को बिल्कुल वैसे ही देख रही थी जैसे बच्चा खिलौने को देखता है ।
राहुल आज तक इतना उतेजित कभी नहीं हुआ था बबिता और सनी लियोनी को एक घण्टे तक चोदने के बाद भी वो झाड़ता नहीं था और इधर तनु की सिर्फ नज़र ही उसे उसके चरम तक ले जा चुकी थी ।
तनु ने डरते-2 अपने दोनों हाथों से उसका मूसल लन्ड पकड़ लिया और उसे धीरे-2 बड़े प्यार से मुठियाने लगी । तनु के छूते ही राहुल को लगा जैसे उसका लावा किसी भी समय फूट सकता है उसने बोतल को अपने टोपे के छेद पर लगा दिया और उसका लन्ड बोतल में अपना लावा उगलने लगा ...बोतल भर जाने के बाद भी उसका लन्ड काफी देर तक लावा उगलता रहा ...
तनु(वीर्य से लथपथ अपने हाथों को देखते हुए)- सारे हाथ गंदे कर दिए तुमने तो ...इतना कोई छोड़ता है क्या इतने स्पर्म से तो 10 बोतल भर जाती ।
राहुल-इसे कोई कंट्रोल कर सकता है क्या जितना हर बार निकलता है उतना ही निकला ।
तनु(रुमाल से अपने हाथ साफ करते हुए)-बोतल को बंद कर मैं जितनी देर रिसेप्शनिस्ट को दे कर आती तू कपडे पहन ले । वो वीर्य से भरी हुई बोतल लेकर बाहर चली जाती है ।
तनु(रिसेप्शनिस्ट से, जो कंप्यूटर पे कुछ देख रही थी)- एक्सक्यूज मी ।
रिसेप्शनिस्ट- आई मस्ट से यू आर लकी ।
तनु- वट ?
रिसेप्शनिस्ट- तुम्हारे बॉयफ्रेंड का साइज ....मैंने देखा ....एंड यु वर आल्सो गुड नहीं तो काफी समय लग जाता ।
तनु(रिसेप्शनिस्ट की बात सुनकर वो शर्म से लाल हो जाती है)- आप हमारी मर्ज़ी के बिना कैसे देख सकतीं हैं हमें ।
रिसेप्शनिस्ट- यह हमारी पॉलिसी है वरना लोग चीट कर सकते हैं , स्पर्म एक ही बार का होना चाहिए इसिलए करना पड़ता है , लेकिन क्लाइंट की प्रिवेसी का हम पूरा ध्यान रखते हैं ।
तनु(रिसेप्शनिस्ट को बोतल देते हुए) -इट्स ओके , यह रही बोतल ।
रिसेप्शनिस्ट - यह रहे फ्रॉम , कल इन्हें जमा करवा देना और 5000 पेमेंट आपको कर दी जाएगी । "ओह मिस्टर राहुल अभी मैं आपकी गर्लफ्रैंड से आपकी ही तारीफ कर रही थी ...कल मैं ही आपका टेस्ट लूँगी" वो राहुल को आते हुए देखकर कहती है ।
राहुल- थैंक्स मैंम । कल कितने बजे ?
रिसेप्शनिस्ट - कल 12 बजे से पहले क्योंकि उसके बाद डॉक्टर नहीं होंगे ।
तनु(राहुल से फुसफुसती है)- चलो भी अब इससे ही बातें करते रहोगे क्या ?
राहुल-मैंने कब बातें कि ?
तनु- तो मैं कर रही हूँ न ? चलो अब पहले ही लेट हैं हम ।
राहुल(तनु के साथ क्लीनिक से बाहर आते हुए) - थैंक्स तनु ,सिर्फ तुम्हारी वजह से ही हो पाया यह सब।
तनु- यह सब मैंने सिर्फ इसलिए किया क्योंकि तुम्हारा हाथ मैंने ही काटा था ...वरना मैं इतना गन्दा काम कभी न करती ।
तनु की बात सुनकर राहुल की सारी खुमारी उतर जाती है । वो तो सोच रहा था कि शायद वो तनु को पंसद आने लगा है पर यह जानकर की तनु ने यह सब मजबूरी में और एहसान उतारने के लिए किया था उसका मन उदास हो गया ।
इधर तनु राहुल को ऐसी बातें बोलकर अपने मन में उठ रहे बवंडर को शांत कर रही थी । "गन्दा क्यों कहा मैंने.... उसका वो तो कितना प्यारा था ....पर क्या करूँ मैं...वो है तो भाई चाहे गोद लिया हुआ ही .." तनु एक्टिवा स्टार्ट करते हुए सोचती है ।
राहुल-तनु सॉरी यार आगे से .....
तनु- अब ज्यादा नाटक मत कर और हाँ कल आएगा तो इस रिसेप्शनिस्ट से ज़रा बचके रहियो ।
राहुल-वो क्यों ?
तनु-ठीक नहीं लगी मुझे कुछ ।
इधर राहुल और तनु करीब आ रहे थे तो दूसरी तरफ मित्तल अपने घर में एक साजिश को अंजाम देने के लिए त्यार था बस प्रिया के आने की देरी थी । मित्तल ने प्रिया को फ़ोन करके बुला चुका था और अब वो अपने घर के आफिस रूम में नँगा कुर्सी बैठा प्रिया का इंतजार कर रहा था । उसने अपनी कुर्सी दीवार की तरफ घुमा रखी थी ताकि प्रिया आते ही उसे न देख पाए । मित्तल तब से कामाग्नि में जल रहा था जब से उसने प्रिया का वीडियो देखा था ।
पापा आपने मुझे बुलाया था उसे प्रिया की आवाज़ सुनाई दी । उसने दीवार पर लगे शीशे से अपनी बेटी को देखा । सफेद रंग की शर्ट और जीन्स में प्रिया को देखते ही उसके का जानवर उसपर हावी हो गया और वो उससे वैसे ही खेलने लगा जैसे शेर अपने शिकार से खेलता है ।
मित्तल- आओ बैठो ।
प्रिया-पापा क्या बात है जो इतनी अर्जेंटली मुझे बुलाया आपने ।
मित्तल(अपने खड़े हो चुके लन्ड को सहलाते हुए)- प्रिया तुम्हारी इन हरकतों के कारण न जाने कितनी बार मैं और हमारा परिवार बदनाम होते होते बचा है । तुम जवान हो ,सेक्सी हो और मानता हूँ कि तुम्हारे शरीर की जरूरतें हैं पर .....
प्रिय(अपने बाप को ऐसे बातें करते देख उसका दिमाग चकरा गया)-क्या हुआ पापा ।
मित्तल-क्या नहीं हुआ यह पुछो । आज फिर एक वीडियो आया है जिसमें तुम उस दो कौड़ी के मनोज के साथ ......बैठ जाओ खड़ी क्यों हो ?
प्रिया(बैठते हुए)-इस मनोज को मैं मार डालूँगी मैं ।
मित्तल-मारने से क्या होगा ,गलती मनोज की नहीं है।
प्रिया-पापा आप मुझे गलत कह रहे हैं ?
मित्तल-प्रिया इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है गलती है तुम्हारी इस जवानी की गर्मी का जिसे कोई मर्द शांत नहीं कर पा रहा । कहते हुए मित्तल अपनी कुर्सी घुमाकर प्रिया के सामने आ जाता है ।
प्रिया(ऐसा मूसल लन्ड उसने आज तक नहीं देखा था ,इतना मोटा और लम्बा..वो चाहते हुए भी अपनी नज़रें अपने बाप के लन्ड से नहीं हटा पा रही थी )-प..पपप....पापा आप पागल हो गए हैं क्या ,प्लीज़ अपने कपड़े पहनों ।
मित्तल(अपने लन्ड को सहलाते हुए)- प्रिया इसकी आग भी कोई लडक़ी भुझा नहीं पाई और तेरी भी कोई लन्ड ।
प्रिया अपने बाप के मुँह से लन्ड शब्द सुनकर प्रिया पर एक डर एक अनहोनी की आशंका छा जाती है । वो कुर्सी से खड़े होने की कोशिश करती है पर मित्तल जल्दी से प्रिया के पीछे आ जाता है और उसके कंधों पर हाथ रखकर उसे उठने से रोक देता है ।
मित्तल(प्रिया के कंधे सहलाते हुए) - मनोज ने जो किया उसकी सजा उसे मिल चुकी है उसकी बहन के साथ वही हुआ जो उसने तेरे साथ किया था ।
प्रिया-आपने.... मतलब आएशा का एक्सीडेंट नहीं हुआ ? आपने उसके साथ बलात्कार ....। प्रिया अपनी बात पूरी न कर पाई ।
मित्तल- आएशा को भी लन्ड चाहिए था और मैंने बस उसकी इच्छा पूरी की है प्रिया । मैं चोद उसे रहा था और सपने तेरे देख रहा था । मित्तल अब प्रिया के स्तंनो को कमीज के ऊपर से सहला रहा था ।
प्रिया-क्या कर रहे हैं पापा ....छोड़िए मुझे ।
मित्तल(प्रिया के कान को चाटते हुए फुसफुसाता है)- तू मेरी ज़रूरत पूरी कर सकती है और मैं तुझे । किसी को पता नहीं चलेगा । किसी भी और मर्द से ज्यादा खुश रखूँगा मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ मैं तुझसे ।
प्रिया(वो अपने स्तंनो पर अपने पिता के बड़े मूसल लौड़े का स्पर्श महसूस कर रही थी....मित्तल की बातें उसे उलझा रही थीं ....उसके अंदर की असन्तुष्ट औरत उसे समर्पण कर देने के लिए उकसा रही थी )- यह गलत है ऐसा नही हो सकता , यह पाप है ।
मित्तल- नहीं पाप तो अपनी आत्मा को असंतुष्ट रखना होता है , सभी धर्मों में यही कहा गया कि आत्मा की संतुष्टि ही परम पुण्य है । कई देवताओं ने अपनी बेटियों के साथ ही संभोग किया है । कहते-2 मित्तल प्रिया को कुर्सी से खींचते हुए खड़ा करता है और बाहों में भर लेता है ।
प्रिया-आह...पापा मुझे कुछ हो रहा है ....जाने दो न मुझे ।
मित्तल -बस एक बार प्रिया एक बार मुझे अपनी प्यारी फुद्दी को चूम लेने दे ...बस एक बार इतना रहम कर मुझ पर .....तेरी कसम उसके आगे तेरी इच्छा के विरुद्ध मैं कुछ नहीं करूँगा । तरस खा अपने इस कमीने बाप पर ।
प्रिया को अपने बाप पर गुस्सा और तरस दोनों आ रहे थे । उससे अपने बाप की हालत देखी नहीं जा रही थी । वो बस जल्दी से यह सब खत्म करना चाहती थी । प्रिया की खामोशी ने मित्तल को ग्रीन सिग्नल दिखा दिया था । उसने प्रिया को उठा लिया और उसे लेकर अपने बेडरूम में ले आया ।
प्रिया को बिस्तर पर लिटाकर मित्तल उसकी टाँगों के बीच आ गया मित्तल ने एक बार अपनी बेटी के खूबसूरत चेहरे की ओर देखा प्रिया की बंद आँखों और तेज़ चलती साँसों को देख वो खुद को ज्यादा देर रोक नहीं पाया और उसने प्रिया कि सफेद कमीज के बटनों को खोल दिया प्रिया की काली जालीदार ब्रा से झलकते उसके खूबसूरत स्तंनो को उसने कुछ पल यूँ निहारा जैसे कोई पुजारी देवता के मिल जाने पर अपने देवता को निहारता है । मित्तल ने झुककर जब प्रिया के स्तनों के बीचोबीच चूमा तो एक मादक सी सिसकी प्रिया के मुँह से निकल गयी । मित्तल ने प्रिया की ब्रा को नीचे कर प्रिया के मोसम्मियों के आकार के स्तंनो को नंगा कर दिया और उन्हें ऐसे सहलाने लगा मानो मोसम्मियों को खाने से पहले उनके अंदर के रस का ज्याजा ले रहा हो ।
प्रिया के साथ पहले किसी ने यूँ नहीं किया था आज जो मर्द उसे मिले थे वो झटपट चुदाई पर आ जाते थे मानो उन्हें कोई ट्रेन पकड़नी हो । मित्तल उसके अंग अंग को छूता , उसके लबों को चूमता उसके गालों को ,उसकी गर्दन को चूमते चाटते हुए पूरे इत्मीनान के साथ धीरे-धीरे उसके स्तंनो तक पहुंचा जब प्रिया को मित्तल के होंठ अपने निप्पल पर महसूस हुए तो आनंद की एक लहर उसके जिस्म और दिमाग में दौड गयी । मित्तल ने बेहद प्यार से उसकि एक चूची को होंठो में ले लिया और हल्के-2 चूसते हुए वो अपने दूसरे हाथ से प्रिया नाज़ुक होंठो से खेल रहा था ....प्रिया को ऐसा लग रहा था मानो उसका बाप नहीं बल्कि उसका कोई प्रेमी यह कर रहा हो ...उसे धीरे-2 अपनी चूची पर मित्तल के सख्त होंठो का बढ़ता दबाव महसूस हो रहा था । "ओह्ह....आह.....ओह ममा....." कहते हुए उसने अपनी बाहों से मित्तल की पीठ को जकड़ लिया अब वो भूल चुकी थी कि वो कौन है और कौन उसके स्तन को चूस रहा है ।
प्रिया के स्तंनो को जी भर चूस लेने के बाद वो उसके पेट को चूमता हुआ उसकी नाभि तक आया और उसके सुंदर नेवल को चूमने के बाद उसने प्रिया कि जीन्स खोल दी और उसकी काले रंग की पैंटी को नीचे खिसकाने के बाद वो मुस्कुराते हुए प्रिया की शेव की हुई छोटी सी चूत को निहारने लगा । कितनी सुंदर कितनी आकर्षक और मादकता से परिपूर्ण थी उसकी बेटी की योनि । योनि का मुख इतना मुलायम और गोरा था कि वो खुद हैरान रह गया ...उसने प्रिया की टाँगों के बीच आते हुए अपना मुंह उसकी फुद्दी पे लगा दिया ।
प्रिया(टाँगों को सिकोड़ते हुए)-आह....पप्पपाया...पापा.... उफ्फ....।प्रिया काँपती सी बोली ।
मित्तल ने अपनी जीभ को बाहर निकाला और अपनी बेटी की हसीन चूत को नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे चाट लिया ।
"आह...आह....पपपप....अअअअअअअ....पापा" प्रिया की मधुर सिसकी का संगीत पूरे कमरे में गूँज गया ।
मित्तल ने अपना नाक प्रिया की चूत के दाने पे सेट किया और उसकी चूत को आइसक्रीम की तरह चाटने लगा .....
"आह....मां...पप्पा.....उफ्फ्फ .....क्या कर रहे हो मर जाऊंगी मैं ......मेरे..... पापा.... खा जाओ....आह.....ऐसे ही......आह....कुछ हो रहा है....आह.....पापा होने वाला है मेरा..." प्रिया ने मित्तल की एक्सपर्ट चुसाई के आगे पूरी तरह हथियार डाल दिए थे ।
"प्रिया.....प्रिया के पापा आप दोनों कँहा हो " मित्तल के कानों में अपनी पत्नी की आवाज़ किसी काँटे की तरह लगी । वो रुक गया लेकिन बस एक पल के लिए इस समय प्रिया को इस हालत में छोड़ देने का मतलब होता सारे बने बनाए खेल को बिगाड़ देना । मित्तल ने झट से प्रिया के होंठों को अपने एक हाथ से बंद कर दिया और अपनी जीभ से प्रिया चूत को चोदने लगा ......
"प्रिया....प्रिया......तुम घरपर हो क्या ? " मित्तल को फिर अपनी पत्नी की आवाज़ सुनाई दी । उसने अपनी रफ्तार और तेज़ कर दी ....प्रिया का बदन अब अकड़ने सा लगा था मतलब साफ था कि उसका ऑर्गैज़म करीब है । मित्तल ने अपनी जीभ को उतना तेज़ चलाना शुरू कर दिया जितना वो चला सकता था .....प्रिया की कमर ऊपर को उठी और उसकी चूत ने पानी का फव्वारा सा छोड़ दिया ....मित्तल इस अमृत का आखिरी कतरा तक पी गया । प्रिया निढाल सी हो बिस्तर पे पसर गयी ।
मित्तल ने बिना वक्त गँवाते हुए प्रिया और उसके कपड़ों को उठाया और बाथरूम की तरफ भागा । और बाथरूम में प्रिया को शावर के नीचे कर शावर चालू कर दिया । ठीक इसी वक्त उसकी पत्नी मालती कमरे में दाखिल हुई " प्रिया के पापा आप नाहा रहे हो क्या?"
मित्तल-हां क्या हुआ ।
मालती-कब से आवाज़ें लगा रही हूँ आप जवाब ही नहीं दे रहे ।
मित्तल- यहाँ आवाज़ सुनाई ही नहीं दी , कब आई तुम ?
मालती-अभी कुछ देर पहले , मैं रामु से कहकर कुछ खाने को बनवाती हूँ आप इतनी देर नहा कर आ जाओ ।
मित्तल- ठीक है । मालती के जाने के बाद उसे प्रिया का ख्याल आया जो डरी-सहमी अपने कपडे पहन रही थी ।" चली गयी वो किचन में गयी है तुम जल्दी से कपडे पहनो और अपने कमरे में जाओ मैं किचन में मालती को उलझता हूँ । प्रिया ने हाँ में सिर हिला दिया ।
मित्तल खुशी से भरा हुआ रसोई में चला गया । उसने आज वो पा लिया था जिसे वो कई दिनों से पाना चाहता था चाहे आज उसकी हसरत पूरी नहीं हो सकी थी पर वो जनता था कि अब प्रिया उसकी है बस उसकी ।
Visit my story thread-:https://xossipy.com/thread-609.html