12-03-2020, 10:49 AM
रमेश के जाने के बाद रोमा बोली- सोना जो रात को मुझे भूत तंग करता था, जैसा मैंने तुझे बताया था, वो भी इन्होंने आज भगा दिया। बस एक बार इन्होंने रमेश के सामने मुझे नंगा कर के मेरा बदन सहलाते हुआ कुछ मन्त्र पढ़े थे। बहुत अच्छे हैं भाईसाहब ! तू अपनी परेशानी क्यों नहीं बताती इन्हें?
सोना कुछ शरमा रही थी। रोमा बोली- भाई साहब, इसको देखकर ही बता दो कि इसमें कोई भूत तो नहीं है ! साली के शरीर में पूरे दिन खुजली होती रहती है। पति शहर में एक फैक्ट्री में गार्ड है, उसकी तनख्वाह भी कम है। दो महीने में छुट्टी मिलती है उसे ! इसको चेक कर दो इसके अंदर तो कोई भूत नहीं है !
रोमा बोली- सोना शर्मीली है, मेरी तरह नंगी तो नहीं हो सकती, लेकिन आप देखकर ही कुछ बता दो !
मैं चुप सा रहा, फ़िर मैंने कहा- अगर यह मुझे अपनी पेट की नाभि छुने दें तो मैं कुछ बता सकता हूँ !
रोमा ने सोना की तरफ देखा, हलके से वो मुस्कराई और उसने धीरे से कहा- ठीक है !
रोमा ने कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया।
भाभी बोली- सोना, अपना साड़ी का पल्ला हटा ले !
सोना ने पल्ला हटा लिया। अब उसके ब्लाऊज़ में से तनी हुई चूचियां और सुन्दर सा पेट पूरा खुला हुआ दिख रहा था। अपना हाथ मैंने सोना की नाभि के ऊपर रखकर उसके पेट को हल्का हल्का सहला दिया और धीरे से एक ऊँगली उसकी नाभि में घुसा कर उसे गोल गोल घुमाने लगा। उसके मुँह से हल्की हल्की सी उहऽऽ ऊह की आवाज़ निकल गई। मैं समझ गया कि तीर सही निशाने पर जा रहा है।
मैं बोला- भाभी इसके अंदर भी भूत है लेकिन शीशा चाहिए बड़ा वाला !
रोमा बोली- शीशा तो बाथरूम में है !
थोड़ी देर में मैं, रोमा और सोना बाथरूम में थे। मैंने सोना को शीशे के सामने खड़ा कर दिया और पीछे से मैंने हाथ उसकी कमर में डाल दिए।
मैंने पूछा- अगर आपको दिक्कत हो तो बता देना !
सोना कुछ गरम दिख रही थी, उसने इस बार बोलते हुए कहा- नहीं भाई साहब ! आप भूत भगाइए, मुझे अच्छा लग रहा है !
शीशे में से बिना पल्लू के उसके ब्लाउज में बंद दूध गज़ब के सेक्सी लग रहे थे। मैंने पीछे जाकर उसकी गांड से अपना तना हुआ लौड़ा सटाकर ५-६ बार उसका पेट चारों तरफ से सहलाया। सोना गरम होना शुरू हो गई। मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी साड़ी की गांठ के पास से अंदर घुसा दी और धीरे धीरे उसको सहलाने लगा। मेरा लण्ड लोहे की रोड की तरह हो रहा था। सोना भी और गरम हो रही थी, उसकी आँखे भी बीच बीच में कामाग्नि से बंद हो रही थीं।
रोमा भाभी ने मुझे आँख मारी और सोना से बोली- सोना तेरी साड़ी पानी में ख़राब हो जायेगी। तू इसे उतार क्यों नहीं देती !
मैंने सोना को अलग किया उसने शरमाते हुए अपनी साड़ी उतार दी। अब वो पेटीकोट और ब्लाउज में थी।
मैं बोला- सोना जी, मेरी भी पैंट और शर्ट ख़राब हो रही है, आप को बुरा न लगे तो मैं भी यह उतार दूं !
सोना नीचे सर करके बोली- उतार दीजिये !
मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए। अब मैं चड्डी, बनियान में था। मेरे लण्ड का उभार बिलकुल साफ़ दिख रहा था। मैंने आगे बढ़कर सोना की नाभि में अपना मुँह लगा दिया और पूरे पेट पर अपनी जीभ फिराने लगा और उसकी नाभि चाटने लगा। ५ मिनट तक मैंने उसके पेट की खूब चूमा चाटी की।
रोमा मुस्कुराते हुआ बोली- भाई साहब ! भूत का पता चला या नहीं !
मैं बोला- भाभी ! सोना को दो भूतों ने पकड़ रखा है- एक पुराना है और एक नया है। पुराना वाला इसकी चूत का रस पी रहा है और उसने इसकी चूत में बड़ा सा दाना कर दिया है। नया वाल सोना की चूचियों का रस पी रहा है, अगर उसे नहीं भगाया गया तो चूचियों पर भी चूत जैसा दाना उग आएगा।
उसके बाद यह और जगह चूसेगा। अगर यह भूत जल्दी नहीं भागे तो ३-४ महीने में सोना के शरीर पर दाने दाने ही होंगे।
चूत में दाने की बात सुन सोना चौंक सी गई बोली- तो भाई साहब ! भूत भगाइए जल्दी भगाइए !
मैं चुप रहा। रोमा भाभी बोली- भाई साहब तो भूत भगा देंगे लेकिन नंगा तो तुम्हें होना पड़ेगा।
सोना बोली- मुझे बहुत शर्म आती है, मैं नंगा नहीं होना चाहती।
सोना बोली- भाई साहब ! बिना कपड़े उतारे अंदर हाथ डालकर भूत नहीं भगाया जा सकता?
मैंने कहा- ठीक है, कोशिश करते हैं ! लेकिन ब्लाउज तो उतार दो ! बाथरूम में तो सभी नंगे नहाते हैं और थोड़ा सा तुम्हारा माल हम देख भी लेंगे तो क्या खराबी है !
सोना शरमाते हुआ बोली- आप ही उतार दो जी !
अब मैंने ब्लाऊज़ के ऊपर से उसकी चूचियां कस कस कर दबायीं और उसकी ब्लाउज और ब्रा उतार दिए। उसकी नंगी चूचियाँ फड़फड़ाकर बाहर निकल आईं।
सोना के दोनों कबूतर नंगे देखकर मेरे लण्ड को एक कस कर झटका लगा। गज़ब की हसीन चूचियां थीं। जिसे मैंने दो तीन बार कस कस कर दबा दिया.मेरे लण्ड से थोड़ा सा वीर्य निकल गया था। अब सोना नग्न-वक्ष एक पेटीकोट में खड़ी थी।
मैंने रोमा भाभी को आँख मारी और बोला- आप अपने कमरे में बेठो ! मैं इसकी चूत का भूत उतरता हूँ !
रोमा भाभी बाहर चली गई।
सोना कुछ शरमा रही थी। रोमा बोली- भाई साहब, इसको देखकर ही बता दो कि इसमें कोई भूत तो नहीं है ! साली के शरीर में पूरे दिन खुजली होती रहती है। पति शहर में एक फैक्ट्री में गार्ड है, उसकी तनख्वाह भी कम है। दो महीने में छुट्टी मिलती है उसे ! इसको चेक कर दो इसके अंदर तो कोई भूत नहीं है !
रोमा बोली- सोना शर्मीली है, मेरी तरह नंगी तो नहीं हो सकती, लेकिन आप देखकर ही कुछ बता दो !
मैं चुप सा रहा, फ़िर मैंने कहा- अगर यह मुझे अपनी पेट की नाभि छुने दें तो मैं कुछ बता सकता हूँ !
रोमा ने सोना की तरफ देखा, हलके से वो मुस्कराई और उसने धीरे से कहा- ठीक है !
रोमा ने कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया।
भाभी बोली- सोना, अपना साड़ी का पल्ला हटा ले !
सोना ने पल्ला हटा लिया। अब उसके ब्लाऊज़ में से तनी हुई चूचियां और सुन्दर सा पेट पूरा खुला हुआ दिख रहा था। अपना हाथ मैंने सोना की नाभि के ऊपर रखकर उसके पेट को हल्का हल्का सहला दिया और धीरे से एक ऊँगली उसकी नाभि में घुसा कर उसे गोल गोल घुमाने लगा। उसके मुँह से हल्की हल्की सी उहऽऽ ऊह की आवाज़ निकल गई। मैं समझ गया कि तीर सही निशाने पर जा रहा है।
मैं बोला- भाभी इसके अंदर भी भूत है लेकिन शीशा चाहिए बड़ा वाला !
रोमा बोली- शीशा तो बाथरूम में है !
थोड़ी देर में मैं, रोमा और सोना बाथरूम में थे। मैंने सोना को शीशे के सामने खड़ा कर दिया और पीछे से मैंने हाथ उसकी कमर में डाल दिए।
मैंने पूछा- अगर आपको दिक्कत हो तो बता देना !
सोना कुछ गरम दिख रही थी, उसने इस बार बोलते हुए कहा- नहीं भाई साहब ! आप भूत भगाइए, मुझे अच्छा लग रहा है !
शीशे में से बिना पल्लू के उसके ब्लाउज में बंद दूध गज़ब के सेक्सी लग रहे थे। मैंने पीछे जाकर उसकी गांड से अपना तना हुआ लौड़ा सटाकर ५-६ बार उसका पेट चारों तरफ से सहलाया। सोना गरम होना शुरू हो गई। मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी साड़ी की गांठ के पास से अंदर घुसा दी और धीरे धीरे उसको सहलाने लगा। मेरा लण्ड लोहे की रोड की तरह हो रहा था। सोना भी और गरम हो रही थी, उसकी आँखे भी बीच बीच में कामाग्नि से बंद हो रही थीं।
रोमा भाभी ने मुझे आँख मारी और सोना से बोली- सोना तेरी साड़ी पानी में ख़राब हो जायेगी। तू इसे उतार क्यों नहीं देती !
मैंने सोना को अलग किया उसने शरमाते हुए अपनी साड़ी उतार दी। अब वो पेटीकोट और ब्लाउज में थी।
मैं बोला- सोना जी, मेरी भी पैंट और शर्ट ख़राब हो रही है, आप को बुरा न लगे तो मैं भी यह उतार दूं !
सोना नीचे सर करके बोली- उतार दीजिये !
मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए। अब मैं चड्डी, बनियान में था। मेरे लण्ड का उभार बिलकुल साफ़ दिख रहा था। मैंने आगे बढ़कर सोना की नाभि में अपना मुँह लगा दिया और पूरे पेट पर अपनी जीभ फिराने लगा और उसकी नाभि चाटने लगा। ५ मिनट तक मैंने उसके पेट की खूब चूमा चाटी की।
रोमा मुस्कुराते हुआ बोली- भाई साहब ! भूत का पता चला या नहीं !
मैं बोला- भाभी ! सोना को दो भूतों ने पकड़ रखा है- एक पुराना है और एक नया है। पुराना वाला इसकी चूत का रस पी रहा है और उसने इसकी चूत में बड़ा सा दाना कर दिया है। नया वाल सोना की चूचियों का रस पी रहा है, अगर उसे नहीं भगाया गया तो चूचियों पर भी चूत जैसा दाना उग आएगा।
उसके बाद यह और जगह चूसेगा। अगर यह भूत जल्दी नहीं भागे तो ३-४ महीने में सोना के शरीर पर दाने दाने ही होंगे।
चूत में दाने की बात सुन सोना चौंक सी गई बोली- तो भाई साहब ! भूत भगाइए जल्दी भगाइए !
मैं चुप रहा। रोमा भाभी बोली- भाई साहब तो भूत भगा देंगे लेकिन नंगा तो तुम्हें होना पड़ेगा।
सोना बोली- मुझे बहुत शर्म आती है, मैं नंगा नहीं होना चाहती।
सोना बोली- भाई साहब ! बिना कपड़े उतारे अंदर हाथ डालकर भूत नहीं भगाया जा सकता?
मैंने कहा- ठीक है, कोशिश करते हैं ! लेकिन ब्लाउज तो उतार दो ! बाथरूम में तो सभी नंगे नहाते हैं और थोड़ा सा तुम्हारा माल हम देख भी लेंगे तो क्या खराबी है !
सोना शरमाते हुआ बोली- आप ही उतार दो जी !
अब मैंने ब्लाऊज़ के ऊपर से उसकी चूचियां कस कस कर दबायीं और उसकी ब्लाउज और ब्रा उतार दिए। उसकी नंगी चूचियाँ फड़फड़ाकर बाहर निकल आईं।
सोना के दोनों कबूतर नंगे देखकर मेरे लण्ड को एक कस कर झटका लगा। गज़ब की हसीन चूचियां थीं। जिसे मैंने दो तीन बार कस कस कर दबा दिया.मेरे लण्ड से थोड़ा सा वीर्य निकल गया था। अब सोना नग्न-वक्ष एक पेटीकोट में खड़ी थी।
मैंने रोमा भाभी को आँख मारी और बोला- आप अपने कमरे में बेठो ! मैं इसकी चूत का भूत उतरता हूँ !
रोमा भाभी बाहर चली गई।