12-03-2020, 07:53 AM
जोर का झटका जोर से
बोले वही पहले
उन्होंने बात तो छोटी सी कही , लेकिन मैं हिल गयी , ... काशी पटना छपरा जैसे हिले थे , उससे भी जोर से ,...
ये पांच दिन तो पहाड़ से हो जाते थे , और ,...
मैं रोज गिनती थी , ये मुई ट्रेनिंग कितनी दिन और बची है ,...
और उन्होंने जोर का झटका जोर से दिया ,
और जैसे उनकी आदत थी , उसके लिए भी दोस मुझ पर ही धर दिया ,
वही जो प्रोजेक्ट रिपोर्ट उन्होंने भागते , भुगते , टैक्सी , हवाई जहाज में बैठ कर बनाई थी , और वो फर्स्ट आ गयी थी , प्रजेंटेशन में ,
उनके अनुसार , ...
घर आने के बाद एकदम से उनके नयी नयी आइडिया आयी और ,...
पर भुगतना मुझे पड़ना था ,
उनकी ट्रेनिंग एक हफ्ते तक बढ़ने वाली थी ,
असल में ये पूरे सात दिन का एक फॉरेन का असाइनमेंट ,...
चार दिन जेनेवा , ( वहीँ इनकी कंपनी का हेडक्वार्टर था और वहां तो पूरे ग्रुप को जाना था ) और इनको तीन दिन तक एमस्टर्डम , ... वो जो इनका प्रजेंटेशन था , उसी को फिर से एक कोई ग्रुप था उसके सामने ,
मैं तो एक दम चुप हो गयी लेकिन ऊँगली पर जोड़ने लगी , ...
अब इसका मतलब फागुन शुरू होने के करीब हफ्ते भर पहले ही वो आ पाएंगे और ,...
ये भी कोई बात होती है , ...
वो मुझे मनाने के लिए अलग अलग कहानी सुनाने लगे ,
फॉरेन ट्रेनिंग , ...
और एम्स्टर्डम तो उन्हें अकेले जाने का ,...
मैं जल बुझ के रह गयी , मेरे लिए तो बंगलौर भी बिदेस था ,
जहाँ मैं उनके साथ नहीं , वह हर जगह बिदेस ,
और जहां साजन साथ हो वो हर जगह देस।
" कुछ लाना है क्या है एम्स्टर्डम से ,.. "
उन्होंने मुझे कोंचा , मेरी आँखे भरभरा रही थी , किसी तरह मुंह से निकला
" मुझे तो यह लड़का चाहिए , जल्द से जल्द ,... "
उन्होंने मुझे कस के भींच लिया और बहाना बनाया ,
अभी कुछ पक्का नहीं है , हो सकता है नहीं भी हो ,
पर वो जब झूठ बोलते थे उसके पहले मुझे मालूम हो जाता था , .... मैंने भी उन्हें कस के भींच लिया ,
और चूम लिया ,...
मैं जानती नहीं थी क्या , की मन तो उनका भी यही करता है , मेरे पास रहने का ,... लेकिन क्या करें
नौकरी।
वो बदमाश , ...
उन्हें मालूम तो था की मैंने कौन सी नीली पीली फ़िल्में देखीं , बात बदलते हुए बोले
" सुन एम्स्टर्डम में खिलौने बहुत अच्छे मिलते हैं , एक से एक चाहिए ,... "
मैं समझ गयी वो किन खिलौनों की बात कर रहे हैं ,
डिल्डो , वाइब्रेटर , ...
मैं उनके ' उसको ' कस के पकड़ते बोली ,
" मेरे पास है , हाँ अपनी उस बहन के लिए तो चाहे तो लेते आना , ... पर नहीं , ... अब तो उसे भी यही ,... अभी तो तुम मान गए थे ,... "
एकदम से मूड मेरा बदल गया उन्हें चिढ़ा कर , छेड़ कर ,...
और वो भी जानते थे उनके बचपन के माल का नाम लेकर मुझे , उन्हें छेड़ना बहुत अच्छा लगता था ,
और मेरा मूड ठीक करने के लिए उन्होंने बात उसी ओर आगे बढ़ाई ,
" हे तूने उसकी ब्रा कैसे ,... "
उन्होंने मुझे चूम कर पूछा ,
बोले वही पहले
उन्होंने बात तो छोटी सी कही , लेकिन मैं हिल गयी , ... काशी पटना छपरा जैसे हिले थे , उससे भी जोर से ,...
ये पांच दिन तो पहाड़ से हो जाते थे , और ,...
मैं रोज गिनती थी , ये मुई ट्रेनिंग कितनी दिन और बची है ,...
और उन्होंने जोर का झटका जोर से दिया ,
और जैसे उनकी आदत थी , उसके लिए भी दोस मुझ पर ही धर दिया ,
वही जो प्रोजेक्ट रिपोर्ट उन्होंने भागते , भुगते , टैक्सी , हवाई जहाज में बैठ कर बनाई थी , और वो फर्स्ट आ गयी थी , प्रजेंटेशन में ,
उनके अनुसार , ...
घर आने के बाद एकदम से उनके नयी नयी आइडिया आयी और ,...
पर भुगतना मुझे पड़ना था ,
उनकी ट्रेनिंग एक हफ्ते तक बढ़ने वाली थी ,
असल में ये पूरे सात दिन का एक फॉरेन का असाइनमेंट ,...
चार दिन जेनेवा , ( वहीँ इनकी कंपनी का हेडक्वार्टर था और वहां तो पूरे ग्रुप को जाना था ) और इनको तीन दिन तक एमस्टर्डम , ... वो जो इनका प्रजेंटेशन था , उसी को फिर से एक कोई ग्रुप था उसके सामने ,
मैं तो एक दम चुप हो गयी लेकिन ऊँगली पर जोड़ने लगी , ...
अब इसका मतलब फागुन शुरू होने के करीब हफ्ते भर पहले ही वो आ पाएंगे और ,...
ये भी कोई बात होती है , ...
वो मुझे मनाने के लिए अलग अलग कहानी सुनाने लगे ,
फॉरेन ट्रेनिंग , ...
और एम्स्टर्डम तो उन्हें अकेले जाने का ,...
मैं जल बुझ के रह गयी , मेरे लिए तो बंगलौर भी बिदेस था ,
जहाँ मैं उनके साथ नहीं , वह हर जगह बिदेस ,
और जहां साजन साथ हो वो हर जगह देस।
" कुछ लाना है क्या है एम्स्टर्डम से ,.. "
उन्होंने मुझे कोंचा , मेरी आँखे भरभरा रही थी , किसी तरह मुंह से निकला
" मुझे तो यह लड़का चाहिए , जल्द से जल्द ,... "
उन्होंने मुझे कस के भींच लिया और बहाना बनाया ,
अभी कुछ पक्का नहीं है , हो सकता है नहीं भी हो ,
पर वो जब झूठ बोलते थे उसके पहले मुझे मालूम हो जाता था , .... मैंने भी उन्हें कस के भींच लिया ,
और चूम लिया ,...
मैं जानती नहीं थी क्या , की मन तो उनका भी यही करता है , मेरे पास रहने का ,... लेकिन क्या करें
नौकरी।
वो बदमाश , ...
उन्हें मालूम तो था की मैंने कौन सी नीली पीली फ़िल्में देखीं , बात बदलते हुए बोले
" सुन एम्स्टर्डम में खिलौने बहुत अच्छे मिलते हैं , एक से एक चाहिए ,... "
मैं समझ गयी वो किन खिलौनों की बात कर रहे हैं ,
डिल्डो , वाइब्रेटर , ...
मैं उनके ' उसको ' कस के पकड़ते बोली ,
" मेरे पास है , हाँ अपनी उस बहन के लिए तो चाहे तो लेते आना , ... पर नहीं , ... अब तो उसे भी यही ,... अभी तो तुम मान गए थे ,... "
एकदम से मूड मेरा बदल गया उन्हें चिढ़ा कर , छेड़ कर ,...
और वो भी जानते थे उनके बचपन के माल का नाम लेकर मुझे , उन्हें छेड़ना बहुत अच्छा लगता था ,
और मेरा मूड ठीक करने के लिए उन्होंने बात उसी ओर आगे बढ़ाई ,
" हे तूने उसकी ब्रा कैसे ,... "
उन्होंने मुझे चूम कर पूछा ,