11-03-2020, 10:24 PM
मायके की ओर
ड्राइव मैं कर रही थी ,
और ये मेरे बगल में रात भर लुटी गौने की दुल्हन की तरह ,थके , सुस्ताते ,आधी नींद में मेरे कंधे पर सर रखे ,
सड़क एकदम साफ़ थी , सुबह अभी ठीक से हुयी भी नहीं थी ,
बस कहीं कहीं सड़क पर बगल से साइकिल चलाते दूधवाले ,
इनका मायका तीन साढ़े तीन घण्टे की ड्राइव पर था ,
और मेरा दिमाग एक बार फिर पुरानी बातों में ,
इनकी मायकेवालियों की , खास तौर से इनकी उस छिपकली ममेरी बहन के कमेंट्स ,
जेठानी जी के ताने ,...
दूसरा कोई समय होता तो इस समय मैं वो सब सोच सोच कर काँप रही होती , घबड़ा रही होती , मन करता की न जाऊं इनके मायके ,
लेकिन ये अब खुद थे मेरे साथ ,
सबसे बड़ी बाजी अपने ससुराल में मैं मैंने जीत ली थी इन्हें ,
इनका बदला हुआ बिहैवियर , ऐटिट्यूड , पसंद , और नया मेट्रोसेक्सुअल लुक ,
मैंने कनखियों से इनकी ओर देखा ,
पिंक फ्लोरल शर्ट , वैक्स्ड लुक , परफ्यूम ,कानों में स्टड्स ,
और सबसे बढ़कर , टोटल क्लीन शेव्ड लुक , मूंछे सफाचट ,
जिसे इनकी वो छिनाल ममेरी बहन बार बार कहती थी , अरे मूंछे तो मर्द की शान होती हैं और ये भी ,
लेकिन उस का असली राज तो कमल जीजू ने खोला ,
कॉलेज में ये परफेक्ट चिकने थे , वो कॉलेज क्या पूरे शहर के लौंडेबाज इनके पीछे ,
और कालेज में भी यही हाल , तो बस उस लुक को चेंज करने के लिए ,इन्होंने शेव करना बंद कर दिया और मूंछे रख ली।
और उसे डिफेंड भी करने लगे ,मर्द की शान बता के।
मैं उनके चिकने गालों को देख के मुस्कराने लगी , मेरी मुंहबोली छोटी बहन और इनकी साली ,
तनु , अरे वही ब्यूटी पार्लर वाली , फेसियल के साथ साथ उसने न इनकी सिर्फ मूंछे साफ़ की बल्कि ऐसा वैक्स किया की
लौटना भी मुश्किल , बेचारी मेरी जेठानी ये लुक देख के तो उनकी ,
और , व्हाट अ चेंज ,
ये मेरे बगल में बैठे मैं ड्राइविंग सीट पर ,
और इनके पिछवाड़े पूरी मलाई भरी , गांड पूरी तरह रात भर मूसल घोंटने के बाद अच्छी तरह फैली।
और उनका फोन वाइब्रेट हुया , मैंने उठाया , मॉम का मेसेज था इन लिए ,
" सदा सुहागन रहो , तेरे पिछवाड़े के उद्द्घाटन की फोटो देखीं , एकदम मस्त , आधी शर्त तो पूरी कर दी तूने , बस मायके पहुँच के अपनी बहन चोद दो , तो ,... तो तुझे मादरचोद बनाने की जिम्मेदारी मेरी। अगवाड़ा पिछवाड़ा सब दिलवाऊंगी अपनी समधन की। "
रीनू ने जो फोटुएं खींची थी ,स्टिल वीडयो सब उसी समय मैंने मम्मी को व्हाट्सअप कर दिया था और बाद में मेल भी , अपने और इनके फोन पे भी ट्रांसफर कर दी थी।
वो थोड़ा आंखे बंद किये कुनमुनाए और मैंने छेड़ा ,
क्यों क्या कमल जीजू की याद आ रही है ,बहुत मोटा था क्या ,... या फिर अपनी उस छिनाल बहन की ,पक्की चुदवासी है। "
इन्होंने एक बार फिर से सोने की कोशिश की और मेरे मन में उनकी ममेरी बहन की बातें , नकचढ़ी
" भाभी आप क्या जानेगी मेरे भैया को ,आप तो अभी अभी आयी हैं , मैं जानती हूँ बचपन से ,सब पसंद नापसन्द। "
इत्ता खराब लगता था , शादी के बाद अगर आपके पति के बारे में कोई इस टोन में बात करे
जैसे वो उसे ओन करता है और आप तो बाहरवाली हो
आउटसाइडर ,
कभी कभी वो इनके सामने भी बोलती ,
" भैय्या ये सब बातें हम लोगों की अपनी है ,आउटसाइडर के सामने नहीं करनी चाहिए। "
और वो भी उसी का साथ देते ,हंस के बोलते ,तू एकदम सही बोल रही है ,
और मैं जल के ख़ाक हो जाती। मन करता था उससे पूछुं ,
" क्यों इनसाइडर , तुझे मालुम है तेरे भैया को कैसे लेना पसंद है। कभी पकड़ के देखा है क्या , तू तो सब जानती है न। '
कभो लगता ,
ननद है की सौत ,
वो तो मम्मी के फोन ,... घर में मेरे और तो कोई था नहीं बस बचपन से वही मेरी सखी सहेली फ्रेंड गार्जियन ,
बस मम्मी की बातों ने मेरी सैनिटी बरकरार रखी।
और अब बाजी एकदम पलट गयी थी ,
मेरा पति सिर्फ मेरा।
मैंने मुस्कराकर उनकी ओर देखा ,
भोर की पहली किरण उनके गाल पे छेड़ रही थी।
दुष्ट तू भी मेरे पति पे लाइन मार रही है ,
मैंने हलके से बोला और उन्हें चूम लिया।
उनकी आँख खुल गयी और उन्होंने ड्राइव करने का ऑफर दिया , और हम लोगों ने सीट बदल ली।
हलकी हलकी पुरवाई चल रही थी।
हवा में ताज़ी हुयी बारिश की भीगी भीगी सी महक घुली हुयी थी ,लगता था अभी बस थोड़ी ही देर पहले बारिश थमी थी।
सड़क के किनारे छोटे छोटे गड्ढो में जमा बारिश का पानी इस बात की गवाही भी दे रहा था।
आधे से ज्यादा रास्ता उनके मायके का पार हो चुका था।
आसमान में अभी भी शावक से सफ़ेद भूरे बादल एक दूसरे का पीछा कर रहे थे ,आपस में खिलवाड़ कर रहे थे।
और दरवाजे से झांकती शर्माती नयी बहुरिया की तरह ,
ताज़ी ताज़ी सुबह की शरमाती किरणे भी बादल का घूंघट हटाने की कोशिश कर रही थीं।
दूर दूर तक धानी चूनर की तरह धान के खेत फैले थे
और उनमें झुकी रोपनी करने वाली ग्राम्याएँ , सोहनी के गाने गा रही थीं।
आम के घने बगीचे , और गन्ने के खेत ,
ड्राइव मैं कर रही थी ,
और ये मेरे बगल में रात भर लुटी गौने की दुल्हन की तरह ,थके , सुस्ताते ,आधी नींद में मेरे कंधे पर सर रखे ,
सड़क एकदम साफ़ थी , सुबह अभी ठीक से हुयी भी नहीं थी ,
बस कहीं कहीं सड़क पर बगल से साइकिल चलाते दूधवाले ,
इनका मायका तीन साढ़े तीन घण्टे की ड्राइव पर था ,
और मेरा दिमाग एक बार फिर पुरानी बातों में ,
इनकी मायकेवालियों की , खास तौर से इनकी उस छिपकली ममेरी बहन के कमेंट्स ,
जेठानी जी के ताने ,...
दूसरा कोई समय होता तो इस समय मैं वो सब सोच सोच कर काँप रही होती , घबड़ा रही होती , मन करता की न जाऊं इनके मायके ,
लेकिन ये अब खुद थे मेरे साथ ,
सबसे बड़ी बाजी अपने ससुराल में मैं मैंने जीत ली थी इन्हें ,
इनका बदला हुआ बिहैवियर , ऐटिट्यूड , पसंद , और नया मेट्रोसेक्सुअल लुक ,
मैंने कनखियों से इनकी ओर देखा ,
पिंक फ्लोरल शर्ट , वैक्स्ड लुक , परफ्यूम ,कानों में स्टड्स ,
और सबसे बढ़कर , टोटल क्लीन शेव्ड लुक , मूंछे सफाचट ,
जिसे इनकी वो छिनाल ममेरी बहन बार बार कहती थी , अरे मूंछे तो मर्द की शान होती हैं और ये भी ,
लेकिन उस का असली राज तो कमल जीजू ने खोला ,
कॉलेज में ये परफेक्ट चिकने थे , वो कॉलेज क्या पूरे शहर के लौंडेबाज इनके पीछे ,
और कालेज में भी यही हाल , तो बस उस लुक को चेंज करने के लिए ,इन्होंने शेव करना बंद कर दिया और मूंछे रख ली।
और उसे डिफेंड भी करने लगे ,मर्द की शान बता के।
मैं उनके चिकने गालों को देख के मुस्कराने लगी , मेरी मुंहबोली छोटी बहन और इनकी साली ,
तनु , अरे वही ब्यूटी पार्लर वाली , फेसियल के साथ साथ उसने न इनकी सिर्फ मूंछे साफ़ की बल्कि ऐसा वैक्स किया की
लौटना भी मुश्किल , बेचारी मेरी जेठानी ये लुक देख के तो उनकी ,
और , व्हाट अ चेंज ,
ये मेरे बगल में बैठे मैं ड्राइविंग सीट पर ,
और इनके पिछवाड़े पूरी मलाई भरी , गांड पूरी तरह रात भर मूसल घोंटने के बाद अच्छी तरह फैली।
और उनका फोन वाइब्रेट हुया , मैंने उठाया , मॉम का मेसेज था इन लिए ,
" सदा सुहागन रहो , तेरे पिछवाड़े के उद्द्घाटन की फोटो देखीं , एकदम मस्त , आधी शर्त तो पूरी कर दी तूने , बस मायके पहुँच के अपनी बहन चोद दो , तो ,... तो तुझे मादरचोद बनाने की जिम्मेदारी मेरी। अगवाड़ा पिछवाड़ा सब दिलवाऊंगी अपनी समधन की। "
रीनू ने जो फोटुएं खींची थी ,स्टिल वीडयो सब उसी समय मैंने मम्मी को व्हाट्सअप कर दिया था और बाद में मेल भी , अपने और इनके फोन पे भी ट्रांसफर कर दी थी।
वो थोड़ा आंखे बंद किये कुनमुनाए और मैंने छेड़ा ,
क्यों क्या कमल जीजू की याद आ रही है ,बहुत मोटा था क्या ,... या फिर अपनी उस छिनाल बहन की ,पक्की चुदवासी है। "
इन्होंने एक बार फिर से सोने की कोशिश की और मेरे मन में उनकी ममेरी बहन की बातें , नकचढ़ी
" भाभी आप क्या जानेगी मेरे भैया को ,आप तो अभी अभी आयी हैं , मैं जानती हूँ बचपन से ,सब पसंद नापसन्द। "
इत्ता खराब लगता था , शादी के बाद अगर आपके पति के बारे में कोई इस टोन में बात करे
जैसे वो उसे ओन करता है और आप तो बाहरवाली हो
आउटसाइडर ,
कभी कभी वो इनके सामने भी बोलती ,
" भैय्या ये सब बातें हम लोगों की अपनी है ,आउटसाइडर के सामने नहीं करनी चाहिए। "
और वो भी उसी का साथ देते ,हंस के बोलते ,तू एकदम सही बोल रही है ,
और मैं जल के ख़ाक हो जाती। मन करता था उससे पूछुं ,
" क्यों इनसाइडर , तुझे मालुम है तेरे भैया को कैसे लेना पसंद है। कभी पकड़ के देखा है क्या , तू तो सब जानती है न। '
कभो लगता ,
ननद है की सौत ,
वो तो मम्मी के फोन ,... घर में मेरे और तो कोई था नहीं बस बचपन से वही मेरी सखी सहेली फ्रेंड गार्जियन ,
बस मम्मी की बातों ने मेरी सैनिटी बरकरार रखी।
और अब बाजी एकदम पलट गयी थी ,
मेरा पति सिर्फ मेरा।
मैंने मुस्कराकर उनकी ओर देखा ,
भोर की पहली किरण उनके गाल पे छेड़ रही थी।
दुष्ट तू भी मेरे पति पे लाइन मार रही है ,
मैंने हलके से बोला और उन्हें चूम लिया।
उनकी आँख खुल गयी और उन्होंने ड्राइव करने का ऑफर दिया , और हम लोगों ने सीट बदल ली।
हलकी हलकी पुरवाई चल रही थी।
हवा में ताज़ी हुयी बारिश की भीगी भीगी सी महक घुली हुयी थी ,लगता था अभी बस थोड़ी ही देर पहले बारिश थमी थी।
सड़क के किनारे छोटे छोटे गड्ढो में जमा बारिश का पानी इस बात की गवाही भी दे रहा था।
आधे से ज्यादा रास्ता उनके मायके का पार हो चुका था।
आसमान में अभी भी शावक से सफ़ेद भूरे बादल एक दूसरे का पीछा कर रहे थे ,आपस में खिलवाड़ कर रहे थे।
और दरवाजे से झांकती शर्माती नयी बहुरिया की तरह ,
ताज़ी ताज़ी सुबह की शरमाती किरणे भी बादल का घूंघट हटाने की कोशिश कर रही थीं।
दूर दूर तक धानी चूनर की तरह धान के खेत फैले थे
और उनमें झुकी रोपनी करने वाली ग्राम्याएँ , सोहनी के गाने गा रही थीं।
आम के घने बगीचे , और गन्ने के खेत ,