13-02-2019, 11:04 AM
अपडेट - 7
तभी सुबह हो गयी राज उठा तो उसे वो सपना बार बार तंग कर रहा था। उसने सोचा क्यों ना नानी को बताया जाए। लेकिन फिर सोचा अगर नानी ने सोच लिया कि मैं कहानी से डर गया तो फिर कहाँनी कभी नहीं सुनाएंगी। वहीं नानी सुबह उठते ही घर के काम करने में जुट गई और राज को खेलने छोटू के साथ बाहर भेज दिया । ताकि राज का दिल लगा रहे।
वही दूसरी और राज के पाप भी रात को घर पहुंच गए थे।
अब आगे....
राज के पापा घर पहुंचे तो घर पर थोड़ा सा सुना-सुना महसूस हो रहा था। हालांकि राज घर पर होता है तब भी कुछ खास हंसी वाला माहौल नही होता। लेकिन गिरधारी को शायद राज को छोड़ कर आना अच्छा नही लग रहा था।
घर पहुँचते ही गिरधारी अपनी कमरे मैं चला गया। जहां पर गिरधारी की बीवी सरिता सो रही थी। घर का दरवाजा रानी ने खोला था। वो अभी भी पढ़ रही थी। जब गिरधारी ने डोर बेल बजायी तो दरवाजा खोलने आ गयी।
गिरधारी अपने कमरे मैं आकर अपने कपड़े बदलने लगा। रह रह कर गिरधारी को रास्ते में हुए मौसम के अजीब-ओ-गरीब बदलाव परेशान कर रहे थे। सारी रात गिरधारी करवट बदल-बदल कर काट दिया।
जब सुबह हुई तो गिरधारी की बीवी सरिता को उठते ही गिरधारी नज़र आता है। वो उसे गुड मोर्निंग विश करके फ्रेश होने चली जाती है।और मन ही मन सोचती है कितनी बेवकूफ हूँ पता नही ये रात को कब आये होंगे और मैं घोड़े बेच कर सो रही थी।
वहीं दूसरी और रानी उठती है। फ्रेश होकर एक जीन्स और ब्लैक कलर की बनियान पहनती है और सोनिया को उठाने उसके कमरे में चली जाती है। सोनिया के कमरे में हल्की लाइट थी और सोनिया बेसुध सो रही थी। रानी मुस्कुराती हुई सोनिया के कमरे की विंडो ओपन करती है जिस से सारे कमरे में लाइट हो जाती है। वो मुस्कुराते हुए पीछे मुड़ती है सोनिया को उठाने। और सोनिया के बेड की तरफ चली जाती है।
जैसे ही रानी सोनिया के सामने जाती है सोनिया बेढंगे तरीके से सो रही थी। सोनिया एक टी-शर्ट और शार्ट पहन कर सो रही थी। सॉर्ट नीचे से ढीला था जिसमे से सोनिया की मखमली वर्जिन चूत नज़र आ रही थी। और ऊपर से उसके कच्चे टिकोरे।
रानी अपने सर के हाथ लगा बोलती पागल लड़की सोया तो ठीक से कर। वो तो अच्छा हुआ न तो राज घर में है और ना ही पाप कमरे में आये। इतना बड़बड़ा कर रानी सोनिया को उठाती है और कॉलेज के लिए रेडी होने को बोल देती हूं।
सोनिया थोड़े नखरे करके उठती है और अंगड़ाई लेकर वाशरूम चली जाती है।
वही गिरधारी सुबह रेडी होकर नाश्ता करता है और आफिस चला जाता है ।
रानी और सोनिया दोनों तैयार होकर नीचे आती है। सरिता दोनों को नाश्ता करवाकर खुद भी कर लेती है। रानी और सोनिया कॉलेज के लिए निकल जाती है और हमेशा की तरह सरिता अपने क्लिनिक मैं।
यही कोई एक हफ्ता बीता होगा गिरधारी, सरिता, रानी और सोनिया चारों को राज के बिना रहने की आदत धीरे-धीरे पड़ने लगी थी। अब उनकी रोजमर्रा की ज़िंदगी फिर से पटरी पर थी। हालांकि राज को सभी याद करते रहते थे। लेकिन अब राज के लिए की भी इतना परेशान नही था।
वहीं दूसरी और राज की आंखें सुबह 8 बजे खुलती है।
राज उठते ही अपनी नानी को देखने की कोशिश करता है लेकिन नानी तो वहाँ आस-पास भी नहीं थी। नानी सुबह जल्दी उठ कर अपना घर का काम करने लगी थी।
राज हाथ मुह धोकर फ्रेश हो आता है और सीधा नानी के पास बाहर चला जाता है। नानी राज को देख कर मुस्कुरा देती है। नानी लस्सी बना रही थी। नानी पास मैं रखे लस्सी का गिलास उठा कर राज की तरफ कर देती है। राज सबसे पहले नानी के पैर छू ता है और फिर लस्सी का गिलास पकड़ कर पीने लगता है।
अभी थोड़ी ही देर हुई थी कि राज नानी को बार - बार कल वाले सवालों के बारे में पूछता और नानी उसे नहीं मालूम बोलकर टाल देती है।
राज फिर भी नानी को बार बार कहानियों को लेकर परेशान करता रहता है। बहुत परेशान होकर नानी राज को थोड़ा रुक कर कहानी सुनाने को बोलती है। राज बेसबरा होकर नानी से कहानी सुनाने का इंतजार कर रहा था। तभी नानी के घर में छोटू आ जाता है। छोटू जो कल ही राज से मिला था और आज राज का अच्छा दोस्त हो गया था।
नानी छोटू को देख कर बोलती है.......
नानी: अरे छोटू अच्छा हुआ जो तू आ गया। अब एक काम कर राज को बाहर घुमा ला ताकि ये मुझे कुछ काम कर लेने दे और मेरी जान छुटे। और हां उन आवारा लड़को के पास मत ले जाना।
छोटू: जी नानी (छोटू बहुत खुश था की अपने नए दोस्त के साथ गांव घूमने को लेकर तभी राज बीच में बोल पड़ता है)
राज: लेकिन नानी मैं तो अभी नहाया भी नहीं हूं।
छोटू: कोई बात नही भाई हम लोग नदी में नहा लेंगें।
नानी: हाँ ये भी ठीक रहेगा अगर इसे तैरना आता हो तो।
राज अब क्या बोलता। तभी नानी फिर से बोल पड़ती है।
नानी: राज तुझे तैरना तो आता है ना?
राज : हाँ नानी , मैं कॉलेज में स्विमिंग कॉम्पिटिशन मैं हमेशा गोल्ड जीत ता हूँ।
नानी: अरे तैरने का पढ़ने से क्या काम,
राज नानी के इस सवाल से अपने सर पर हाथ लगा कर बोलता है।
राज: अरे नानी मैं तैरने के कॉम्पिटिशन मैं ही गोल्ड लाता हूँ।
नानी: वह ऐसा क्या तब तो बहुत अच्छा है (इतना बोल कर नानी हसने लगती है।)
नानी राज को छोटू के साथ नदी में नहाने के लिए और गांव घूमने के लिए भेज देती है। रास्ते में छोटू उसे खेतों से होते हुए शॉर्टकट रास्ते से ले जा रहा था।
पूरा गांव हरा भरा था। चारों और हरियाली का अदभुत नज़ारा था।
तभी छोटू को कुछ लड़के आवाज देते है। ये सभी छोटू के दोस्त थे। दोस्त क्या था छोटू ने इन सब से दोस्ती की नही बल्कि ज़बरदस्ती इन सब से दोस्ती करनी पड़ गयी।
बात ये है कि छोटू इतना ताकतवर नही था कि दूसरे लड़के जब उसे परेशान कर तो उनसे लड़ सके इस लिए ये लड़के छोटू की मदद करते है बदले में छोटू कभी खाने के लिए तो कभी कुछ पैसे अपने ही घर से चुरा चुरा कर इन लड़कों को दे देता हैं।
छोटू:- कालू, श्याम, मंगल अरे तुम लोग यहां कैसे?
कालू: अरे इसका बाप है ना साले ने हमको दम मारते देख लिया तो साला लठ लेकर दौड़ा दिया। हम कोनसा साले की बीवी बेटी की चुदाई कर रहे थे।
मंगल: किसी दिन साले की बीवी भी चोद देंगे।
फिर कालू और मंगल दोनों एक दूसरे को ताली देते हुए हसने लगते है।
तभी वहां से ट्यूबवैल से पानी भरकर चरी को अपनी कमर पर लगाये मंगल की बहन जाती हुई नजर आती है। वो कालू की तरफ देख कर हल्की सी मुस्कुराती है। और वही श्याम भी उसे देख कर मुस्कुरा देता है। मंगल दोनों को मुस्कुराता देख कर पीछे मुड़ कर देखता है तो उसे अपनी बड़ी बहन नज़र आती है। मंगल भी अपनी बहन की आंखों में देख कर अपना लुंड सहलाने लगता है। जब मंगल की बहन की नज़र मंगल पर पड़ती है तो मंगल अपनी बहन की आंखों में देखते हुए अपने होंटों पर जीभ फिराता है। जिसे देख कर मंगल की बहन शर्मा जाती है और जल्दी जल्दी चलते हुए जाने लगती है।
तभी सुबह हो गयी राज उठा तो उसे वो सपना बार बार तंग कर रहा था। उसने सोचा क्यों ना नानी को बताया जाए। लेकिन फिर सोचा अगर नानी ने सोच लिया कि मैं कहानी से डर गया तो फिर कहाँनी कभी नहीं सुनाएंगी। वहीं नानी सुबह उठते ही घर के काम करने में जुट गई और राज को खेलने छोटू के साथ बाहर भेज दिया । ताकि राज का दिल लगा रहे।
वही दूसरी और राज के पाप भी रात को घर पहुंच गए थे।
अब आगे....
राज के पापा घर पहुंचे तो घर पर थोड़ा सा सुना-सुना महसूस हो रहा था। हालांकि राज घर पर होता है तब भी कुछ खास हंसी वाला माहौल नही होता। लेकिन गिरधारी को शायद राज को छोड़ कर आना अच्छा नही लग रहा था।
घर पहुँचते ही गिरधारी अपनी कमरे मैं चला गया। जहां पर गिरधारी की बीवी सरिता सो रही थी। घर का दरवाजा रानी ने खोला था। वो अभी भी पढ़ रही थी। जब गिरधारी ने डोर बेल बजायी तो दरवाजा खोलने आ गयी।
गिरधारी अपने कमरे मैं आकर अपने कपड़े बदलने लगा। रह रह कर गिरधारी को रास्ते में हुए मौसम के अजीब-ओ-गरीब बदलाव परेशान कर रहे थे। सारी रात गिरधारी करवट बदल-बदल कर काट दिया।
जब सुबह हुई तो गिरधारी की बीवी सरिता को उठते ही गिरधारी नज़र आता है। वो उसे गुड मोर्निंग विश करके फ्रेश होने चली जाती है।और मन ही मन सोचती है कितनी बेवकूफ हूँ पता नही ये रात को कब आये होंगे और मैं घोड़े बेच कर सो रही थी।
वहीं दूसरी और रानी उठती है। फ्रेश होकर एक जीन्स और ब्लैक कलर की बनियान पहनती है और सोनिया को उठाने उसके कमरे में चली जाती है। सोनिया के कमरे में हल्की लाइट थी और सोनिया बेसुध सो रही थी। रानी मुस्कुराती हुई सोनिया के कमरे की विंडो ओपन करती है जिस से सारे कमरे में लाइट हो जाती है। वो मुस्कुराते हुए पीछे मुड़ती है सोनिया को उठाने। और सोनिया के बेड की तरफ चली जाती है।
जैसे ही रानी सोनिया के सामने जाती है सोनिया बेढंगे तरीके से सो रही थी। सोनिया एक टी-शर्ट और शार्ट पहन कर सो रही थी। सॉर्ट नीचे से ढीला था जिसमे से सोनिया की मखमली वर्जिन चूत नज़र आ रही थी। और ऊपर से उसके कच्चे टिकोरे।
रानी अपने सर के हाथ लगा बोलती पागल लड़की सोया तो ठीक से कर। वो तो अच्छा हुआ न तो राज घर में है और ना ही पाप कमरे में आये। इतना बड़बड़ा कर रानी सोनिया को उठाती है और कॉलेज के लिए रेडी होने को बोल देती हूं।
सोनिया थोड़े नखरे करके उठती है और अंगड़ाई लेकर वाशरूम चली जाती है।
वही गिरधारी सुबह रेडी होकर नाश्ता करता है और आफिस चला जाता है ।
रानी और सोनिया दोनों तैयार होकर नीचे आती है। सरिता दोनों को नाश्ता करवाकर खुद भी कर लेती है। रानी और सोनिया कॉलेज के लिए निकल जाती है और हमेशा की तरह सरिता अपने क्लिनिक मैं।
यही कोई एक हफ्ता बीता होगा गिरधारी, सरिता, रानी और सोनिया चारों को राज के बिना रहने की आदत धीरे-धीरे पड़ने लगी थी। अब उनकी रोजमर्रा की ज़िंदगी फिर से पटरी पर थी। हालांकि राज को सभी याद करते रहते थे। लेकिन अब राज के लिए की भी इतना परेशान नही था।
वहीं दूसरी और राज की आंखें सुबह 8 बजे खुलती है।
राज उठते ही अपनी नानी को देखने की कोशिश करता है लेकिन नानी तो वहाँ आस-पास भी नहीं थी। नानी सुबह जल्दी उठ कर अपना घर का काम करने लगी थी।
राज हाथ मुह धोकर फ्रेश हो आता है और सीधा नानी के पास बाहर चला जाता है। नानी राज को देख कर मुस्कुरा देती है। नानी लस्सी बना रही थी। नानी पास मैं रखे लस्सी का गिलास उठा कर राज की तरफ कर देती है। राज सबसे पहले नानी के पैर छू ता है और फिर लस्सी का गिलास पकड़ कर पीने लगता है।
अभी थोड़ी ही देर हुई थी कि राज नानी को बार - बार कल वाले सवालों के बारे में पूछता और नानी उसे नहीं मालूम बोलकर टाल देती है।
राज फिर भी नानी को बार बार कहानियों को लेकर परेशान करता रहता है। बहुत परेशान होकर नानी राज को थोड़ा रुक कर कहानी सुनाने को बोलती है। राज बेसबरा होकर नानी से कहानी सुनाने का इंतजार कर रहा था। तभी नानी के घर में छोटू आ जाता है। छोटू जो कल ही राज से मिला था और आज राज का अच्छा दोस्त हो गया था।
नानी छोटू को देख कर बोलती है.......
नानी: अरे छोटू अच्छा हुआ जो तू आ गया। अब एक काम कर राज को बाहर घुमा ला ताकि ये मुझे कुछ काम कर लेने दे और मेरी जान छुटे। और हां उन आवारा लड़को के पास मत ले जाना।
छोटू: जी नानी (छोटू बहुत खुश था की अपने नए दोस्त के साथ गांव घूमने को लेकर तभी राज बीच में बोल पड़ता है)
राज: लेकिन नानी मैं तो अभी नहाया भी नहीं हूं।
छोटू: कोई बात नही भाई हम लोग नदी में नहा लेंगें।
नानी: हाँ ये भी ठीक रहेगा अगर इसे तैरना आता हो तो।
राज अब क्या बोलता। तभी नानी फिर से बोल पड़ती है।
नानी: राज तुझे तैरना तो आता है ना?
राज : हाँ नानी , मैं कॉलेज में स्विमिंग कॉम्पिटिशन मैं हमेशा गोल्ड जीत ता हूँ।
नानी: अरे तैरने का पढ़ने से क्या काम,
राज नानी के इस सवाल से अपने सर पर हाथ लगा कर बोलता है।
राज: अरे नानी मैं तैरने के कॉम्पिटिशन मैं ही गोल्ड लाता हूँ।
नानी: वह ऐसा क्या तब तो बहुत अच्छा है (इतना बोल कर नानी हसने लगती है।)
नानी राज को छोटू के साथ नदी में नहाने के लिए और गांव घूमने के लिए भेज देती है। रास्ते में छोटू उसे खेतों से होते हुए शॉर्टकट रास्ते से ले जा रहा था।
पूरा गांव हरा भरा था। चारों और हरियाली का अदभुत नज़ारा था।
तभी छोटू को कुछ लड़के आवाज देते है। ये सभी छोटू के दोस्त थे। दोस्त क्या था छोटू ने इन सब से दोस्ती की नही बल्कि ज़बरदस्ती इन सब से दोस्ती करनी पड़ गयी।
बात ये है कि छोटू इतना ताकतवर नही था कि दूसरे लड़के जब उसे परेशान कर तो उनसे लड़ सके इस लिए ये लड़के छोटू की मदद करते है बदले में छोटू कभी खाने के लिए तो कभी कुछ पैसे अपने ही घर से चुरा चुरा कर इन लड़कों को दे देता हैं।
छोटू:- कालू, श्याम, मंगल अरे तुम लोग यहां कैसे?
कालू: अरे इसका बाप है ना साले ने हमको दम मारते देख लिया तो साला लठ लेकर दौड़ा दिया। हम कोनसा साले की बीवी बेटी की चुदाई कर रहे थे।
मंगल: किसी दिन साले की बीवी भी चोद देंगे।
फिर कालू और मंगल दोनों एक दूसरे को ताली देते हुए हसने लगते है।
तभी वहां से ट्यूबवैल से पानी भरकर चरी को अपनी कमर पर लगाये मंगल की बहन जाती हुई नजर आती है। वो कालू की तरफ देख कर हल्की सी मुस्कुराती है। और वही श्याम भी उसे देख कर मुस्कुरा देता है। मंगल दोनों को मुस्कुराता देख कर पीछे मुड़ कर देखता है तो उसे अपनी बड़ी बहन नज़र आती है। मंगल भी अपनी बहन की आंखों में देख कर अपना लुंड सहलाने लगता है। जब मंगल की बहन की नज़र मंगल पर पड़ती है तो मंगल अपनी बहन की आंखों में देखते हुए अपने होंटों पर जीभ फिराता है। जिसे देख कर मंगल की बहन शर्मा जाती है और जल्दी जल्दी चलते हुए जाने लगती है।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
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[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
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Hawas ka ghulam
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