08-03-2020, 11:13 PM
(This post was last modified: 23-06-2021, 12:50 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
थोड़ा सा फ्लैशबैक
मुझे वो दिन याद आ रहा था , किस तरह से पेश आये थे मेरे साथ , क्या क्या नहीं बोला नहीं था उन्होंने ,
और बिना बोले भी जिस तरह से वो देख रहे थे हम लोगों को , ...
सब को बहुत बुरा लगा था उनका तरीका , ... जीजू लोगों को , रीनू चीनू , मेरी मौसी लोगों को , ... बोला किसी ने कुछ नहीं था , ... लेकिन
मैं तो सब समझ रही थी , गलती इनकी नहीं थी , इनकी माँ बहन भौजाई सब की , वही इन्हे चढ़ा चढ़ा कर , ...
तभी मैंने तय कर लिया था उन सब को , उन की ममेरी बहन , मेरी जेठानी सास सब को ,
लेकिन उस के पहले इनका बदलना जरूरी था , ... ये सब इनके बदलने के पहले की बात थी , ..बताया था आप को , ...
आखिर जीजा साली में , नन्दोई सलहज में ,...और फिर शादी बियाह में तो और ज्यादा मस्ती होती है , बस उस दिन चीनू के भाई की शादी में , दुल्हन आयी थी और बस थोड़ी देर बाद हम ननदें उसे सुहागरात के लिए कमरे में पहुंचा कर ,.. इनका मेसेज आया था ये नहीं पाएंगे , एक दो दिन बाद आएंगे ,...
बस मेरी कमीनी दोनों बहनों ने प्लान बना लिया , एक कमरे में जहाँ हमारी भाभी सील टूटेगी ,
उसी के बगल के सटे हुए कमरे में , मेरे ऊपर मेरे दोनों जीजू , मेरी सैंडविच बनेगी ,
हम तीनो बहने और दोनों जीजू ,...
जब वो आये तो ग्रुप सूटिंग हो रही थी ,
और शादी वादी में तो सालियाँ खुद जीजू के गोदी में बैठ के फोटो खिंचवाती है ,
और जीजू लोग भी थोड़ा बहुत इधर उधर छोटे हैं दबाते मस्ती करते हैं , फिर कहाँ मिलना होता है , ...
और मेरे दोनों जीजू बहुत रसीले हैं , और मैं भी छोटी साली होने के नाते , ...
बचपन से मेरी दोनों बहाने ही नहीं मौसियां भी चिढ़ाती थीं , कोमल तेरे ऊपर तो चीनू रीनू के मर्द पहले चढ़ेंगे , छोटी साली हो ,... मम्मी भी मेरी तीन बहनों में सबसे छोटी थी , और वो मेरी हिम्मत बढ़ाती थीं , ... तो क्या हुआ सबसे छोटी साली होने का फायदा है ये मर्द का इंतजार नहीं करना पड़ेगा , लेकिन सबसे पहले मेरी ही शादी हुयी , ...
तो उस दिन ग्रुप फोटो में मैं दोनों जीजू के गोद में बैठी थी ,
बगल में मेरी दोनों दुष्ट कमीनी बहनें , दोनों ने मेरा हाथ पकड़ के अपने अपने जीजू के खूंटे पर रख दिया था , ...
मैं क्यों छोड़ती , मैंने भी उन दोनों को दिखाते दबोच लिया , दोनों जीजू ने पहले ही ,...
मैं एक बहुत छोटी बैकलेस , सिर्फ एक स्ट्रिंग से बंधी कच्छी चोली पहने थी , ...
पीछे से मेरी भाभियाँ एक ने कमल जीजू का हाथ उठा के मेरे चोली के ऊपर और जीजू क्यों मौका छोड़ते उन्होंने हाथ अंदर , ..
और अजय ने पेट पर से सेंध लगा रखी थी , भाभियाँ , ननद को छेड़ने का कोई मौका नहीं छोड़तीं और यहाँ नन्दोई भी अपनी सलहज के साथ मिल कर छोटी साली की , ... पीछे से संध्या भाभी ने मेरी स्ट्रिंग चोली की डोरी खोल दी ,
बस अब तो कोई रोक टोक नहीं बची थी , और कच्छी चोली के साथ ब्रा पहनने का मतलब नहीं था , बस अब मेरे दोनों जोबन एकदम खुल के मेरे दोनों जीजू के हाथ , ... मुझे भी मजा आ रहा था , ... ऊपर से भाभियाँ फोटोग्राफर को चढ़ा रही थीं क्लोज अप लेने को , ... औ
र मधु भाभी तो ओर जो थोड़ी बहुत चोली देह के सहारे टंगी थी , वो भी सरका दिया ,
मेरे दोनों हाथ भी मेरे जीजू की दो सलहजों ने पकड़ रखा था , और वैसे भी हाथ से मैंने दोनों जीजू के जींस फाड़ते फनफनाये खूंटे पकड़ रखे थे , .... दोनों कबूतर तो जीजू लोगों के हाथ में थे ही बीच बीच में दोनों जीजू मेरे गाल का भी रस ,...
लेकिन उसी समय , ... वो आगये , ... और फिर तो जिस तरह से वो देख रहे थे ,... हम लोग झट से अलग हो गए ,... और उन्होंने जिद पकड़ ली की मैं तुरंत ऊके पास वापस चलूँ , ... मेरी दोनों मौसियों ने भी बहुत समझाया , सालियों ने भी लेकिन वो ,...
और उसके बाद भी उन्होंने मुझे क्या क्या नहीं कहा ,... मैं तो समझ रही थी ये , ये नहीं बोल रहे हैं , इनकी माँ भाभी बोल रही हैं , पर जिसे ये न मालूम हो ,.. बाद में मुझे अंदाज लग गया था, चलने के पहले ही की कमल जीजू एकदम अलफ , ... इतने खुशमिज़ाज वो , ... लेकिन उनकी जगह कोई भी वो सब बातें अगर सुनता
मैं इनके साथ नीचे उतर आयी , .... पर मुझे लगा की अगर जीजू लोगों से बिना मिले मैं गयी तो हमेशा के लिए , ...और मैंने इनसे बहाना बनाया की मेरा मोबाइल ऊपर ही रह गया है , और जब तक ये कुछ बोलेन मैं धड़ धड़ सीढी से ऊपर
मुझे वो दिन याद आ रहा था , किस तरह से पेश आये थे मेरे साथ , क्या क्या नहीं बोला नहीं था उन्होंने ,
और बिना बोले भी जिस तरह से वो देख रहे थे हम लोगों को , ...
सब को बहुत बुरा लगा था उनका तरीका , ... जीजू लोगों को , रीनू चीनू , मेरी मौसी लोगों को , ... बोला किसी ने कुछ नहीं था , ... लेकिन
मैं तो सब समझ रही थी , गलती इनकी नहीं थी , इनकी माँ बहन भौजाई सब की , वही इन्हे चढ़ा चढ़ा कर , ...
तभी मैंने तय कर लिया था उन सब को , उन की ममेरी बहन , मेरी जेठानी सास सब को ,
लेकिन उस के पहले इनका बदलना जरूरी था , ... ये सब इनके बदलने के पहले की बात थी , ..बताया था आप को , ...
आखिर जीजा साली में , नन्दोई सलहज में ,...और फिर शादी बियाह में तो और ज्यादा मस्ती होती है , बस उस दिन चीनू के भाई की शादी में , दुल्हन आयी थी और बस थोड़ी देर बाद हम ननदें उसे सुहागरात के लिए कमरे में पहुंचा कर ,.. इनका मेसेज आया था ये नहीं पाएंगे , एक दो दिन बाद आएंगे ,...
बस मेरी कमीनी दोनों बहनों ने प्लान बना लिया , एक कमरे में जहाँ हमारी भाभी सील टूटेगी ,
उसी के बगल के सटे हुए कमरे में , मेरे ऊपर मेरे दोनों जीजू , मेरी सैंडविच बनेगी ,
हम तीनो बहने और दोनों जीजू ,...
जब वो आये तो ग्रुप सूटिंग हो रही थी ,
और शादी वादी में तो सालियाँ खुद जीजू के गोदी में बैठ के फोटो खिंचवाती है ,
और जीजू लोग भी थोड़ा बहुत इधर उधर छोटे हैं दबाते मस्ती करते हैं , फिर कहाँ मिलना होता है , ...
और मेरे दोनों जीजू बहुत रसीले हैं , और मैं भी छोटी साली होने के नाते , ...
बचपन से मेरी दोनों बहाने ही नहीं मौसियां भी चिढ़ाती थीं , कोमल तेरे ऊपर तो चीनू रीनू के मर्द पहले चढ़ेंगे , छोटी साली हो ,... मम्मी भी मेरी तीन बहनों में सबसे छोटी थी , और वो मेरी हिम्मत बढ़ाती थीं , ... तो क्या हुआ सबसे छोटी साली होने का फायदा है ये मर्द का इंतजार नहीं करना पड़ेगा , लेकिन सबसे पहले मेरी ही शादी हुयी , ...
तो उस दिन ग्रुप फोटो में मैं दोनों जीजू के गोद में बैठी थी ,
बगल में मेरी दोनों दुष्ट कमीनी बहनें , दोनों ने मेरा हाथ पकड़ के अपने अपने जीजू के खूंटे पर रख दिया था , ...
मैं क्यों छोड़ती , मैंने भी उन दोनों को दिखाते दबोच लिया , दोनों जीजू ने पहले ही ,...
मैं एक बहुत छोटी बैकलेस , सिर्फ एक स्ट्रिंग से बंधी कच्छी चोली पहने थी , ...
पीछे से मेरी भाभियाँ एक ने कमल जीजू का हाथ उठा के मेरे चोली के ऊपर और जीजू क्यों मौका छोड़ते उन्होंने हाथ अंदर , ..
और अजय ने पेट पर से सेंध लगा रखी थी , भाभियाँ , ननद को छेड़ने का कोई मौका नहीं छोड़तीं और यहाँ नन्दोई भी अपनी सलहज के साथ मिल कर छोटी साली की , ... पीछे से संध्या भाभी ने मेरी स्ट्रिंग चोली की डोरी खोल दी ,
बस अब तो कोई रोक टोक नहीं बची थी , और कच्छी चोली के साथ ब्रा पहनने का मतलब नहीं था , बस अब मेरे दोनों जोबन एकदम खुल के मेरे दोनों जीजू के हाथ , ... मुझे भी मजा आ रहा था , ... ऊपर से भाभियाँ फोटोग्राफर को चढ़ा रही थीं क्लोज अप लेने को , ... औ
र मधु भाभी तो ओर जो थोड़ी बहुत चोली देह के सहारे टंगी थी , वो भी सरका दिया ,
मेरे दोनों हाथ भी मेरे जीजू की दो सलहजों ने पकड़ रखा था , और वैसे भी हाथ से मैंने दोनों जीजू के जींस फाड़ते फनफनाये खूंटे पकड़ रखे थे , .... दोनों कबूतर तो जीजू लोगों के हाथ में थे ही बीच बीच में दोनों जीजू मेरे गाल का भी रस ,...
लेकिन उसी समय , ... वो आगये , ... और फिर तो जिस तरह से वो देख रहे थे ,... हम लोग झट से अलग हो गए ,... और उन्होंने जिद पकड़ ली की मैं तुरंत ऊके पास वापस चलूँ , ... मेरी दोनों मौसियों ने भी बहुत समझाया , सालियों ने भी लेकिन वो ,...
और उसके बाद भी उन्होंने मुझे क्या क्या नहीं कहा ,... मैं तो समझ रही थी ये , ये नहीं बोल रहे हैं , इनकी माँ भाभी बोल रही हैं , पर जिसे ये न मालूम हो ,.. बाद में मुझे अंदाज लग गया था, चलने के पहले ही की कमल जीजू एकदम अलफ , ... इतने खुशमिज़ाज वो , ... लेकिन उनकी जगह कोई भी वो सब बातें अगर सुनता
मैं इनके साथ नीचे उतर आयी , .... पर मुझे लगा की अगर जीजू लोगों से बिना मिले मैं गयी तो हमेशा के लिए , ...और मैंने इनसे बहाना बनाया की मेरा मोबाइल ऊपर ही रह गया है , और जब तक ये कुछ बोलेन मैं धड़ धड़ सीढी से ऊपर