08-03-2020, 10:38 AM
(This post was last modified: 23-06-2021, 12:46 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
उनका डेयर
यह है सबसे छोटी साली होने का फायदा ,
एक साथ दो दो मस्त ,लन्ड एक मुंह में ,एक मुट्ठी में ,
मैंने सोचा।
तब तक निगाह उनकी ओर पड़ी ललचाते देख रहे थे ,वो अजय जीजू के तगड़े लन्ड को।
जैसे कोई लॉलीपॉप चूसती लड़की अपनी सहेली को चिढाती है न , बिलकुल वैसे ही ,
मैंने अजय जीजू का सुपाड़ा मुंह से बाहर निकाल के उन्हें ललचवाते हुए दिखाया और छेड़ा ,
" बोल लेना है , .. नहीं दूंगी , ...अच्छा चल बस एक लिक ,...एक लिक मतलब एक लिक सिर्फ ,"
और सुपाड़ा उनके मुंह से आलमोस्ट सटा दिया।
बस मैं कहीं हटा न लूँ ऐसे बेताब वो ,
जीभ निकाल के उन्होंने उस मस्त मोटे मांसल सुपाड़े को एक लिक कर लिया ,
फिर सुपाड़े के ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ से सटासट ,चाटने लगे।
जबरन उनके सर को दूर हटाते मैं बोली ,
" नहीं नहीं बेईमानी ,बेईमानी ,.... सिर्फ एक लिक की बात हुयी थी। "
और एक बार फिर अजय का सुपाड़ा मेरे हलक तक ,मैं जोर जोर से चूस रही थी ,लार मेरे मुंह से हलकी हलकी निकल कर ठुड्डी से ,
मजे का असर मेरे चेहरे पर साफ दिख रहा था।
और वो एकदम नदीदों की तरह मुझे चूसते देख रहे थे।
" हे नजर मत लगा , चल तू भी एक बाइट ले ले , बस हलकी सी बाइट ,... "
और जैसे कोई लड़की अपनी सहेली को कोरनेटो का कोन बहुत मिन्नत के बाद एक बाइट के लिए पकड़ा दे उसी तरह ,
अबकी अजय जीजू का लन्ड उन्होंने अपनी मुट्ठी में पकड़ा ,
और थोड़ा सा सुपाड़ा मुंह में लेकर चुभलाने चूसने लगे ,
थोड़ी देर मैंने उन्हें चूसने दिया , और जब उन्हें खूब मजा आने लगा ,तो धक्का देकर हटा दिया ,
" बेईमान ,तेरे सारे घर वालों की फुद्दी मारूँ ,गांड मारूँ ,सिर्फ एक बाइट की बात हुयी थी। "
और एक बार फिर मैं अजय जीजू का लन्ड ,
अब अजय जीजू बेसबरे हो रहे थे ,
क्या कोई बुर चोदेगा ,जिस तरह से वो मेरा मुंह चोद रहे थे ,
और मैं भी वैक्यूम क्लीनर को मात करने के ढंग से चूस रही थी।
और ये बिचारे कभी मेरे होंठों को ,कभी अजय जीजू के ,...
मैं साथ में कमल जीजू के मोटे खूंटे को मुठिया रही थी।
" चल यार तू भी क्या याद करेगा , मेरे पास तो एक और है , ... "
कहकर मैंने अजय जीजू का लन्ड मुंह से निकाल के उनकी ओर बढ़ा दिया ,
और जैसे मैं कहीं इरादा बदल के फिर से , वापस न ले लूँ उसके पहले ,
बिना हिचक जल्दी से उन्होंने अजय जीजू का पूरा सुपाड़ा अपने मुंह में ,....
और मैं ,
जैसे डाक्टर के यहां बड़ा सा आ आ करवाते है न बस उसी तरह मुंह खोल के ,.... पूरी ताकत से किसी तरह उनका सुपाड़ा घोंट पायी।
कमल जीजू मेरा सर सहला रहे थे , और अजय जीजू उनका।
थोड़ी देर तक मैं कमल जीजू का लन्ड चूसती रही
और वो अजय जीजू का ,
कुछ ही देर में एक एक्सपर्ट छिनार की तरह उन्होंने आधे से ज्यादा लन्ड घोंट लिया था।
( इस में उनकी सास का भी बड़ा हाथ था ,
जिन्होंने पहले गाजर , फिर कच्चा केला , और फिर डिल्डो पूरे ८ इंच का इनके मुंह में हलक तक डलवा के अच्छी तरह ट्रेन किया था ,
बिना नागा रोज इन्हें चूसने की ट्रेनिंग देती थीं वो )
हम दोनों चूसते हुए बीच बीच में एक दूसरे से अपनी मुस्कराती आँखे चार कर लेते थे ,
लेकिन थोड़ी देर में ही उनकी आँखे बंद थी , और ये पूरी शिदत्त से चूसने में मगन था।
चूत चाटते समय भी इनका यही हाल होता था जब पूरे मूड में होते थे तो आँखे बंद कर के पूरी मस्ती में ,... और फिर उन्हें दीन दुनिया की कोई खबर नहीं होती थी।
मेरे दिमाग में कुछ और चलने लगा ,
मैंने कमल जीजू के लन्ड से मुंह हटाया , उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने उन्हें एकदम चुप रहने का इशारा किया और उनका लन्ड पकड़ के ही दबे पाँव पीछे की ओर ,....
रीनू ने आलरेडी उनकी चड्ढी नीचे सरका दी थी , और रीनू ,उनकी साली का ,बायां हाथ ,उन्हें मुठिया रहा था।
साइज में ' उनका वो ' भले ही मेरे जीजू से १८-१९ हो , लेकिन कड़ेपन में , देर तक इस्तेमाल में , मजे देने में वो उन से २० नहीं तो १९ भी नही था।
और मेरी भाभियों ,सहेलियों ,लेडीज क्लब के नोट्स से मुझे साफ़ अंदाज चल गया था की बाकी से तो वो असल में २० ही हैं।
उनकी साली हमें देख के अपनी सेक्सी हस्की आवाज में बोली,
" अरे तेरे जीजू के लन्ड मस्ती करें , और मेरे जीजू का ,...मेरी पांच दिन वाली छुट्टी चल रही है वरना मैं कब तक घोंट चुकी होती। "
लेकिन असली शरारत तो रीनू के दाएं हाथ की उंगलियां कर रही रही ,
बार बार इनके पिछवाड़े की दरार को रगड़ , दरेर रही थी और हम लोगो को दिखा के ,
पूरी ताकत से ऊँगली की पहली टिप का कुछ हिस्सा उसने अंदर ठेल दिया।
जिस तरह गांड का छेद दुबदुबा रहा था , साफ लग रहा था , उन्हें कितना मजा आ रहा है ,
लेकिन कमल जीजू की निगाहें तो अब एकदम चिड़िया की आँख की तरह सीधे वहीँ ,
उनका गोरा ,चिकना ,मांसल ,फर्म बबल बॉटम ,और दोनों अर्ध गोलों के बीच छिपा ,दुबका कोरा कुंवारा छेद
" क्यों जीजू चहिये , "मुस्कराते उकसाते ,उनके मोटे खूंटे को दबाते ,मैंने छेड़ा।
नेकी और पूछ पूछ , ... मुस्कराते हुए वो बोले।
उधर रीनू ने अपने दोनों हाथों से उनके गांड की दरार कस के फैला दी , दोनों अंगूठे लगा के पूरी ताकत से चियार दिया ,
छोटा सा कसा कसा छेद,मुश्किल से दिखता था ,
बिचारे कमल जीजू ,हालत खराब थी उनकी।
यह है सबसे छोटी साली होने का फायदा ,
एक साथ दो दो मस्त ,लन्ड एक मुंह में ,एक मुट्ठी में ,
मैंने सोचा।
तब तक निगाह उनकी ओर पड़ी ललचाते देख रहे थे ,वो अजय जीजू के तगड़े लन्ड को।
जैसे कोई लॉलीपॉप चूसती लड़की अपनी सहेली को चिढाती है न , बिलकुल वैसे ही ,
मैंने अजय जीजू का सुपाड़ा मुंह से बाहर निकाल के उन्हें ललचवाते हुए दिखाया और छेड़ा ,
" बोल लेना है , .. नहीं दूंगी , ...अच्छा चल बस एक लिक ,...एक लिक मतलब एक लिक सिर्फ ,"
और सुपाड़ा उनके मुंह से आलमोस्ट सटा दिया।
बस मैं कहीं हटा न लूँ ऐसे बेताब वो ,
जीभ निकाल के उन्होंने उस मस्त मोटे मांसल सुपाड़े को एक लिक कर लिया ,
फिर सुपाड़े के ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ से सटासट ,चाटने लगे।
जबरन उनके सर को दूर हटाते मैं बोली ,
" नहीं नहीं बेईमानी ,बेईमानी ,.... सिर्फ एक लिक की बात हुयी थी। "
और एक बार फिर अजय का सुपाड़ा मेरे हलक तक ,मैं जोर जोर से चूस रही थी ,लार मेरे मुंह से हलकी हलकी निकल कर ठुड्डी से ,
मजे का असर मेरे चेहरे पर साफ दिख रहा था।
और वो एकदम नदीदों की तरह मुझे चूसते देख रहे थे।
" हे नजर मत लगा , चल तू भी एक बाइट ले ले , बस हलकी सी बाइट ,... "
और जैसे कोई लड़की अपनी सहेली को कोरनेटो का कोन बहुत मिन्नत के बाद एक बाइट के लिए पकड़ा दे उसी तरह ,
अबकी अजय जीजू का लन्ड उन्होंने अपनी मुट्ठी में पकड़ा ,
और थोड़ा सा सुपाड़ा मुंह में लेकर चुभलाने चूसने लगे ,
थोड़ी देर मैंने उन्हें चूसने दिया , और जब उन्हें खूब मजा आने लगा ,तो धक्का देकर हटा दिया ,
" बेईमान ,तेरे सारे घर वालों की फुद्दी मारूँ ,गांड मारूँ ,सिर्फ एक बाइट की बात हुयी थी। "
और एक बार फिर मैं अजय जीजू का लन्ड ,
अब अजय जीजू बेसबरे हो रहे थे ,
क्या कोई बुर चोदेगा ,जिस तरह से वो मेरा मुंह चोद रहे थे ,
और मैं भी वैक्यूम क्लीनर को मात करने के ढंग से चूस रही थी।
और ये बिचारे कभी मेरे होंठों को ,कभी अजय जीजू के ,...
मैं साथ में कमल जीजू के मोटे खूंटे को मुठिया रही थी।
" चल यार तू भी क्या याद करेगा , मेरे पास तो एक और है , ... "
कहकर मैंने अजय जीजू का लन्ड मुंह से निकाल के उनकी ओर बढ़ा दिया ,
और जैसे मैं कहीं इरादा बदल के फिर से , वापस न ले लूँ उसके पहले ,
बिना हिचक जल्दी से उन्होंने अजय जीजू का पूरा सुपाड़ा अपने मुंह में ,....
और मैं ,
जैसे डाक्टर के यहां बड़ा सा आ आ करवाते है न बस उसी तरह मुंह खोल के ,.... पूरी ताकत से किसी तरह उनका सुपाड़ा घोंट पायी।
कमल जीजू मेरा सर सहला रहे थे , और अजय जीजू उनका।
थोड़ी देर तक मैं कमल जीजू का लन्ड चूसती रही
और वो अजय जीजू का ,
कुछ ही देर में एक एक्सपर्ट छिनार की तरह उन्होंने आधे से ज्यादा लन्ड घोंट लिया था।
( इस में उनकी सास का भी बड़ा हाथ था ,
जिन्होंने पहले गाजर , फिर कच्चा केला , और फिर डिल्डो पूरे ८ इंच का इनके मुंह में हलक तक डलवा के अच्छी तरह ट्रेन किया था ,
बिना नागा रोज इन्हें चूसने की ट्रेनिंग देती थीं वो )
हम दोनों चूसते हुए बीच बीच में एक दूसरे से अपनी मुस्कराती आँखे चार कर लेते थे ,
लेकिन थोड़ी देर में ही उनकी आँखे बंद थी , और ये पूरी शिदत्त से चूसने में मगन था।
चूत चाटते समय भी इनका यही हाल होता था जब पूरे मूड में होते थे तो आँखे बंद कर के पूरी मस्ती में ,... और फिर उन्हें दीन दुनिया की कोई खबर नहीं होती थी।
मेरे दिमाग में कुछ और चलने लगा ,
मैंने कमल जीजू के लन्ड से मुंह हटाया , उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने उन्हें एकदम चुप रहने का इशारा किया और उनका लन्ड पकड़ के ही दबे पाँव पीछे की ओर ,....
रीनू ने आलरेडी उनकी चड्ढी नीचे सरका दी थी , और रीनू ,उनकी साली का ,बायां हाथ ,उन्हें मुठिया रहा था।
साइज में ' उनका वो ' भले ही मेरे जीजू से १८-१९ हो , लेकिन कड़ेपन में , देर तक इस्तेमाल में , मजे देने में वो उन से २० नहीं तो १९ भी नही था।
और मेरी भाभियों ,सहेलियों ,लेडीज क्लब के नोट्स से मुझे साफ़ अंदाज चल गया था की बाकी से तो वो असल में २० ही हैं।
उनकी साली हमें देख के अपनी सेक्सी हस्की आवाज में बोली,
" अरे तेरे जीजू के लन्ड मस्ती करें , और मेरे जीजू का ,...मेरी पांच दिन वाली छुट्टी चल रही है वरना मैं कब तक घोंट चुकी होती। "
लेकिन असली शरारत तो रीनू के दाएं हाथ की उंगलियां कर रही रही ,
बार बार इनके पिछवाड़े की दरार को रगड़ , दरेर रही थी और हम लोगो को दिखा के ,
पूरी ताकत से ऊँगली की पहली टिप का कुछ हिस्सा उसने अंदर ठेल दिया।
जिस तरह गांड का छेद दुबदुबा रहा था , साफ लग रहा था , उन्हें कितना मजा आ रहा है ,
लेकिन कमल जीजू की निगाहें तो अब एकदम चिड़िया की आँख की तरह सीधे वहीँ ,
उनका गोरा ,चिकना ,मांसल ,फर्म बबल बॉटम ,और दोनों अर्ध गोलों के बीच छिपा ,दुबका कोरा कुंवारा छेद
" क्यों जीजू चहिये , "मुस्कराते उकसाते ,उनके मोटे खूंटे को दबाते ,मैंने छेड़ा।
नेकी और पूछ पूछ , ... मुस्कराते हुए वो बोले।
उधर रीनू ने अपने दोनों हाथों से उनके गांड की दरार कस के फैला दी , दोनों अंगूठे लगा के पूरी ताकत से चियार दिया ,
छोटा सा कसा कसा छेद,मुश्किल से दिखता था ,
बिचारे कमल जीजू ,हालत खराब थी उनकी।