08-03-2020, 09:32 AM
(This post was last modified: 23-06-2021, 12:44 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
कार्ड
" ये नहीं कर पायेगा , तू , चल दूसरा खोलती हूँ। " रीनू हलके से बोली।
नहीं नहीं , मैं कमल जीजू ,अजय सब एक साथ बोल रहे थे।
बेईमानी नहीं चलेगी ,बोलो बोलो , कार्ड खोलो।
लेकिन रीनू की निगाह अपने जीजू की ओर , इनकी ओर लगी थी।
हलके से किसी तरह उन्होंने भी बोल दिया , हाँ हाँ बोलो न ,फिर ,...
और रीनू ने कार्ड खोल दिया ,
…………………………..
" अपने बाएं बैठे , ... "
और चुप हो गयी।
ये कमल और अजय जीजू के बीच बैठे थे ,अजय जीजू इनके बाएं ,
" बोल न छिनार , अपने जीजू के लिए बेईमानी नहीं चलेगी। अरे ये करेंगे , बोल न क्या करना है। "
मैंने रीनू को कोहनी से टोका ,
" अपने बाएं बैठे मर्द का ,... "
फिर एक झटके में उसने सेंटेंस पूरा कर दिया और कमरे में सन्नाटा पसर गया।
" अपने बाएं बैठे मर्द का लन्ड , तीन मिनट तक मुंह में लेकर चूसो । "
कोई कुछ नहीं बोल रहा था।
ये तो खैर ,नीचे फर्श की ओर देख रहे थे , अपने पैर के अंगूठे से जमीन कुरेद रहे थे ,चेहरा एकदम सफ़ेद , लेकिन अजय जीजू भी एकदम चुप
जैसे किसी ने क्या काम उन्हें बता दिया हो।
गनीमत थी ,उनकी साली रीनू ने ,सन्नाटा तोडा , उन पास जा के बैठ के उनका चेहरा उठाती ,समझाती बोली ,
" अरे जीजू , सिर्फ तीन ही मिनट तो ,एक सेकेण्ड भी ज्यादा नहीं ,मैं हूँ न , टाइम काउंट करने के लिए। "
वो कुछ नहीं बोले ,लेकिन अब चेहरा उठा के साली की बात सुन रहे थे ,
" सच्ची जीजू ,सिर्फ तीन मिनट आपको पता भी नहीं चलेगा , और जज तो मैं ही रहूंगी न ,बस थोड़ा सा ऊपर वाला लेके ,हलके से होंठ लगा दीजियेगा , डेयर पूरा। "
साली की बातों से उन्हें थोड़ी थोड़ी हिम्मत बंध रही थी।
" जीजू ,सच में अरे तीन मिनट तो शुरू होते ही , और कौन आपको मलाई घोंटनी है , प्लीज जीजू ,... "
अब वो थोड़े थोड़े नार्मल हो गए थे , लेकिन अभी भी हिचक रहे थे , रीनू आखिर बोली ,
" और अगर आप न माने तो दूसरा कार्ड ,या कहिये तो गेम ख़तम ,... " साली ने आखिरी दांव फेंका।
और मैं आगयी बीच मैदान में ,
पहले तो मैंने अजय जीजू को ले जाके गद्दे के कोने की ओर खड़ा कर दिया था जहां मैंने चार पांच मोटे मोटे कुशन लगा दिए थे ,
फिर उनका हाथ पकड़ के मैंने उठा दिया ,
" अरे वाह साली हो तो बेईमानी करोगी , अरे दूसरा कार्ड क्यों , करेंगे ये ,देखना तू अरे तेरे जीजू किसी से कम नहीं है ,"
और खींच के जहाँ अजय खड़े थे ले गयी और हलके से उन्हें समझाते बोली ,
" देख यार ,कुछ ख़ास नहीं , पहले मैं करती हूँ न बस तुम ध्यान से देखते रहो , और फिर वैसे ही , खाली तीन मिनट ही तो , "
" ये नहीं कर पायेगा , तू , चल दूसरा खोलती हूँ। " रीनू हलके से बोली।
नहीं नहीं , मैं कमल जीजू ,अजय सब एक साथ बोल रहे थे।
बेईमानी नहीं चलेगी ,बोलो बोलो , कार्ड खोलो।
लेकिन रीनू की निगाह अपने जीजू की ओर , इनकी ओर लगी थी।
हलके से किसी तरह उन्होंने भी बोल दिया , हाँ हाँ बोलो न ,फिर ,...
और रीनू ने कार्ड खोल दिया ,
…………………………..
" अपने बाएं बैठे , ... "
और चुप हो गयी।
ये कमल और अजय जीजू के बीच बैठे थे ,अजय जीजू इनके बाएं ,
" बोल न छिनार , अपने जीजू के लिए बेईमानी नहीं चलेगी। अरे ये करेंगे , बोल न क्या करना है। "
मैंने रीनू को कोहनी से टोका ,
" अपने बाएं बैठे मर्द का ,... "
फिर एक झटके में उसने सेंटेंस पूरा कर दिया और कमरे में सन्नाटा पसर गया।
" अपने बाएं बैठे मर्द का लन्ड , तीन मिनट तक मुंह में लेकर चूसो । "
कोई कुछ नहीं बोल रहा था।
ये तो खैर ,नीचे फर्श की ओर देख रहे थे , अपने पैर के अंगूठे से जमीन कुरेद रहे थे ,चेहरा एकदम सफ़ेद , लेकिन अजय जीजू भी एकदम चुप
जैसे किसी ने क्या काम उन्हें बता दिया हो।
गनीमत थी ,उनकी साली रीनू ने ,सन्नाटा तोडा , उन पास जा के बैठ के उनका चेहरा उठाती ,समझाती बोली ,
" अरे जीजू , सिर्फ तीन ही मिनट तो ,एक सेकेण्ड भी ज्यादा नहीं ,मैं हूँ न , टाइम काउंट करने के लिए। "
वो कुछ नहीं बोले ,लेकिन अब चेहरा उठा के साली की बात सुन रहे थे ,
" सच्ची जीजू ,सिर्फ तीन मिनट आपको पता भी नहीं चलेगा , और जज तो मैं ही रहूंगी न ,बस थोड़ा सा ऊपर वाला लेके ,हलके से होंठ लगा दीजियेगा , डेयर पूरा। "
साली की बातों से उन्हें थोड़ी थोड़ी हिम्मत बंध रही थी।
" जीजू ,सच में अरे तीन मिनट तो शुरू होते ही , और कौन आपको मलाई घोंटनी है , प्लीज जीजू ,... "
अब वो थोड़े थोड़े नार्मल हो गए थे , लेकिन अभी भी हिचक रहे थे , रीनू आखिर बोली ,
" और अगर आप न माने तो दूसरा कार्ड ,या कहिये तो गेम ख़तम ,... " साली ने आखिरी दांव फेंका।
और मैं आगयी बीच मैदान में ,
पहले तो मैंने अजय जीजू को ले जाके गद्दे के कोने की ओर खड़ा कर दिया था जहां मैंने चार पांच मोटे मोटे कुशन लगा दिए थे ,
फिर उनका हाथ पकड़ के मैंने उठा दिया ,
" अरे वाह साली हो तो बेईमानी करोगी , अरे दूसरा कार्ड क्यों , करेंगे ये ,देखना तू अरे तेरे जीजू किसी से कम नहीं है ,"
और खींच के जहाँ अजय खड़े थे ले गयी और हलके से उन्हें समझाते बोली ,
" देख यार ,कुछ ख़ास नहीं , पहले मैं करती हूँ न बस तुम ध्यान से देखते रहो , और फिर वैसे ही , खाली तीन मिनट ही तो , "