07-03-2020, 11:45 AM
(This post was last modified: 07-03-2020, 02:59 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
गुड्डी
फिर तो ,... मिमिक करने में मैं कॉलेज में चैम्पियन थी ,... एकदम गुड्डी की आवाज , वही अंदाज ,... और परफेक्ट रोल प्ले
" भैया , नहीं न , नहीं प्लीज , ...दर्द होता है , ... उह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्ह नहीं नहीं ,... "
मैं एकदम गुड्डी की आवाज में चीख रही थी , सिसक रही थी।
" बस , बस थोड़ा सा , बस , ..डालने दो न ,... "
वो भी एकदम रोल प्ले वाले मोड में थे , ....
मैंने जान बूझ कर टाँगे थोड़ी सिकोड़ ली , जाँघे भी भींच ली , ...
" नहीं नहीं भइया , बहुत लगता है ,...ओह्ह नहीं , मेरी ,... ओह्ह , "
मैं एक नयी नवेली कच्ची कली की तरह , एकदम उनकी ममेरी बहन की तरह नखड़े कर रही थी , चीख रही थी ,
वो कौन रुकने वाले थे , उन्होंने ठेल दिया और मैं जोर से चीखी , एकदम गुड्डी की आवाज में
" नहीं नहीं भैया , तुम बहोत बदमाश हो , ....ओह्ह्ह फट गयी मेरी , भैया आपने फाड़ दी मेरी ,... "
और उन्होंने वही लॉजिक दिया जो मैं उन्हें दे देकर समझाती थी , उकसाती थी , और अब वही बात वो कह रहे थे ,
" अरे यार कोई न कोई तो तेरी फाड़ता न , ... तो चल मैंने फाड़ दी ,... और यार ये चीज बनी है फटने के लिए , ... जैसे ये चीज बनी है दबवाने मिजवाने रगड़वाने मसलवाने के लिए ,... "
और ये कह के कस कस के मेरी चूँचियाँ उन्होंने इस तरह मसली जैसे गुड्डी की मसल रहे हों , ...
" उफ़ , हलके से दबाओ न भइया ,... ओह्ह आप बहुत जोर से दबाते हो ,... "
मैं एकदम मदमस्त गुड्डी की आवाज में बोली
एकदम जैसे पागल हो कर उन्होंने एक बार में आधा खूंटा करीब ४ इंच पेल दिया , सुपाड़ा पहले ही घुस चुका था , ...
ओह्ह्ह्हह्हह नाहीई , ...अबकी मैं सचमुच जोर से चीखी ,...ये दुष्ट मोटा अभी भी ,.... जब के मैंने जम कर अंदर तक सरसों का तेल लगाया था ,
सच्च में जोर का दर्द हुआ ,
लेकिन जैसे कई भी मर्द कच्ची कली की फाड़ते हुए दर्द की परवाह नहीं करता , और करना भी नहीं चाहिए , वरना किसी की भी न फटे ,
उन्होंने और कस के पेल दिया ,
ओह्ह्ह नहीं नहीं , नहीं भैया ,
बस बस अब नहीं दर्द होगा , मान जा , बस फटते समय
जो जो बात मैं अपने साजन को समझाती थी वही अब वो बोल रहे थे ,...
यानी मन से वो अपनी बहिनिया की लेने के लिए तैयार थे
आज उनके चेहरे पर एक अलग तरह की मस्ती , एक अलग तरह का जोश था , और धक्के भी खूब जोरदार ,
दस मिनट तक लगातार चोदने के बाद वो रुके और एकदम रोल प्ले वाले ढंग में गाल पर चूमते बोले ,
" हे बहुत दर्द तो नहीं हुआ , तुझे "
" भैया अगर मैं कहूं , हुआ, तो क्या आप रुकते ,... शरारत से , बड़ी अदा से मै बोली , ...
" एकदम नहीं रुकता , और रुकता तो तेरी फटती कैसे ,... "
वो तो है ,
गोल गोल आँखे नचा कर मैं बोली।
उनके धक्के फिर से चालू हो गए , फिर पोज़ बदलकर साइड से ,
और उसी पोज में हम दोनों झड़े ,
फिर बहुत देर तक एक दूसरे की बाँहों में चिपके पड़े रहे
बोले वही पहले
उन्होंने बात तो छोटी सी कही , लेकिन मैं हिल गयी , ...
काशी पटना छपरा जैसे हिले थे , उससे भी जोर से ,...
फिर तो ,... मिमिक करने में मैं कॉलेज में चैम्पियन थी ,... एकदम गुड्डी की आवाज , वही अंदाज ,... और परफेक्ट रोल प्ले
" भैया , नहीं न , नहीं प्लीज , ...दर्द होता है , ... उह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्ह नहीं नहीं ,... "
मैं एकदम गुड्डी की आवाज में चीख रही थी , सिसक रही थी।
" बस , बस थोड़ा सा , बस , ..डालने दो न ,... "
वो भी एकदम रोल प्ले वाले मोड में थे , ....
मैंने जान बूझ कर टाँगे थोड़ी सिकोड़ ली , जाँघे भी भींच ली , ...
" नहीं नहीं भइया , बहुत लगता है ,...ओह्ह नहीं , मेरी ,... ओह्ह , "
मैं एक नयी नवेली कच्ची कली की तरह , एकदम उनकी ममेरी बहन की तरह नखड़े कर रही थी , चीख रही थी ,
वो कौन रुकने वाले थे , उन्होंने ठेल दिया और मैं जोर से चीखी , एकदम गुड्डी की आवाज में
" नहीं नहीं भैया , तुम बहोत बदमाश हो , ....ओह्ह्ह फट गयी मेरी , भैया आपने फाड़ दी मेरी ,... "
और उन्होंने वही लॉजिक दिया जो मैं उन्हें दे देकर समझाती थी , उकसाती थी , और अब वही बात वो कह रहे थे ,
" अरे यार कोई न कोई तो तेरी फाड़ता न , ... तो चल मैंने फाड़ दी ,... और यार ये चीज बनी है फटने के लिए , ... जैसे ये चीज बनी है दबवाने मिजवाने रगड़वाने मसलवाने के लिए ,... "
और ये कह के कस कस के मेरी चूँचियाँ उन्होंने इस तरह मसली जैसे गुड्डी की मसल रहे हों , ...
" उफ़ , हलके से दबाओ न भइया ,... ओह्ह आप बहुत जोर से दबाते हो ,... "
मैं एकदम मदमस्त गुड्डी की आवाज में बोली
एकदम जैसे पागल हो कर उन्होंने एक बार में आधा खूंटा करीब ४ इंच पेल दिया , सुपाड़ा पहले ही घुस चुका था , ...
ओह्ह्ह्हह्हह नाहीई , ...अबकी मैं सचमुच जोर से चीखी ,...ये दुष्ट मोटा अभी भी ,.... जब के मैंने जम कर अंदर तक सरसों का तेल लगाया था ,
सच्च में जोर का दर्द हुआ ,
लेकिन जैसे कई भी मर्द कच्ची कली की फाड़ते हुए दर्द की परवाह नहीं करता , और करना भी नहीं चाहिए , वरना किसी की भी न फटे ,
उन्होंने और कस के पेल दिया ,
ओह्ह्ह नहीं नहीं , नहीं भैया ,
बस बस अब नहीं दर्द होगा , मान जा , बस फटते समय
जो जो बात मैं अपने साजन को समझाती थी वही अब वो बोल रहे थे ,...
यानी मन से वो अपनी बहिनिया की लेने के लिए तैयार थे
आज उनके चेहरे पर एक अलग तरह की मस्ती , एक अलग तरह का जोश था , और धक्के भी खूब जोरदार ,
दस मिनट तक लगातार चोदने के बाद वो रुके और एकदम रोल प्ले वाले ढंग में गाल पर चूमते बोले ,
" हे बहुत दर्द तो नहीं हुआ , तुझे "
" भैया अगर मैं कहूं , हुआ, तो क्या आप रुकते ,... शरारत से , बड़ी अदा से मै बोली , ...
" एकदम नहीं रुकता , और रुकता तो तेरी फटती कैसे ,... "
वो तो है ,
गोल गोल आँखे नचा कर मैं बोली।
उनके धक्के फिर से चालू हो गए , फिर पोज़ बदलकर साइड से ,
और उसी पोज में हम दोनों झड़े ,
फिर बहुत देर तक एक दूसरे की बाँहों में चिपके पड़े रहे
बोले वही पहले
उन्होंने बात तो छोटी सी कही , लेकिन मैं हिल गयी , ...
काशी पटना छपरा जैसे हिले थे , उससे भी जोर से ,...