06-03-2020, 01:02 PM
(This post was last modified: 23-06-2021, 12:43 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
और रीनू ने कार्ड खोल दिया
क्या कोई मर्द चोदेगा , जिस तरह मेरी छिनार बहनिया चोद रही थी , बुर पानी फेंक रही थी ,
मेरी हालत खराब ,लेकिन मुझसे ज्यादा मेरे जीजू लोगों की ,
और रीनू ने चार पांच मिनट मुझे ऊँगली से चोदने के बाद ,
रस से भीगी अपनी ऊँगली ,पहले तो कमल जीजू के मुंह में ,फिर अजय जीजू के और बचा खुचा इनके होंठों पर लथेड़ दिया।
मुझे दो मिनट की मोहलत मिल गयी ,लेकिन चार आने का खेल अभी बचा था।
रीनू के होंठ एक बार फिर मेरी भीगी चूत पे
दो मिनट तक जम कर चूसने के बाद ,
मेरी बुर के रस से गीले होंठ पहले कमल जीजू के होंठों पर , फिर अजय जीजू के और अंत में ,
अब मैंने आँखे खोल दी थी ,
ये सुट्टा लगा रहे थे उसी स्पेशल सिगी का ,
उनके हाथ से सिगरेट छीन के , उनके होंठों पे रीनू ने अपने होंठ रगड़े और बोला ,
"ले तू भी चाट ले मेरी बहन की बिल का रस , अब बोल हो गया न जो मादरचोद तूने डेयर दिया था। "
जब तक रीनू मेरी बगल में आके बैठी , मैंने फिर से जीन्स धारण कर ली थी।
सिगरेट का एक सुट्टा लगा के रीनू ने मुझे पकड़ा दिया ,
ओफ़्फ़्फ़ , इसका नशा तो पहले वाली से भी तेज था , मेरी चूत में एकदम आग लग गयी।
" चल बहनचोद , नम्बरी गांडू अब तेरा कार्ड खोलती हूँ , तू भी क्या याद करेगा। "
अपने जीजू को देख छेडती मुस्कराती
उनकी साली ,रीनू बोली।
लेकिन कार्ड देख के रीनू की जैसे फट के हाथ में आ गयी। नशा आधा हो गया।
" ये नहीं कर पायेगा , तू , चल दूसरा खोलती हूँ। "
रीनू हलके से बोली।
नहीं नहीं , मैं कमल जीजू ,अजय सब एक साथ बोल रहे थे।
बेईमानी नहीं चलेगी ,बोलो बोलो , कार्ड खोलो।
लेकिन रीनू की निगाह अपने जीजू की ओर , इनकी ओर लगी थी।
हलके से किसी तरह उन्होंने भी बोल दिया , हाँ हाँ बोलो न ,फिर ,...
और रीनू ने कार्ड खोल दिया ,
क्या कोई मर्द चोदेगा , जिस तरह मेरी छिनार बहनिया चोद रही थी , बुर पानी फेंक रही थी ,
मेरी हालत खराब ,लेकिन मुझसे ज्यादा मेरे जीजू लोगों की ,
और रीनू ने चार पांच मिनट मुझे ऊँगली से चोदने के बाद ,
रस से भीगी अपनी ऊँगली ,पहले तो कमल जीजू के मुंह में ,फिर अजय जीजू के और बचा खुचा इनके होंठों पर लथेड़ दिया।
मुझे दो मिनट की मोहलत मिल गयी ,लेकिन चार आने का खेल अभी बचा था।
रीनू के होंठ एक बार फिर मेरी भीगी चूत पे
दो मिनट तक जम कर चूसने के बाद ,
मेरी बुर के रस से गीले होंठ पहले कमल जीजू के होंठों पर , फिर अजय जीजू के और अंत में ,
अब मैंने आँखे खोल दी थी ,
ये सुट्टा लगा रहे थे उसी स्पेशल सिगी का ,
उनके हाथ से सिगरेट छीन के , उनके होंठों पे रीनू ने अपने होंठ रगड़े और बोला ,
"ले तू भी चाट ले मेरी बहन की बिल का रस , अब बोल हो गया न जो मादरचोद तूने डेयर दिया था। "
जब तक रीनू मेरी बगल में आके बैठी , मैंने फिर से जीन्स धारण कर ली थी।
सिगरेट का एक सुट्टा लगा के रीनू ने मुझे पकड़ा दिया ,
ओफ़्फ़्फ़ , इसका नशा तो पहले वाली से भी तेज था , मेरी चूत में एकदम आग लग गयी।
" चल बहनचोद , नम्बरी गांडू अब तेरा कार्ड खोलती हूँ , तू भी क्या याद करेगा। "
अपने जीजू को देख छेडती मुस्कराती
उनकी साली ,रीनू बोली।
लेकिन कार्ड देख के रीनू की जैसे फट के हाथ में आ गयी। नशा आधा हो गया।
" ये नहीं कर पायेगा , तू , चल दूसरा खोलती हूँ। "
रीनू हलके से बोली।
नहीं नहीं , मैं कमल जीजू ,अजय सब एक साथ बोल रहे थे।
बेईमानी नहीं चलेगी ,बोलो बोलो , कार्ड खोलो।
लेकिन रीनू की निगाह अपने जीजू की ओर , इनकी ओर लगी थी।
हलके से किसी तरह उन्होंने भी बोल दिया , हाँ हाँ बोलो न ,फिर ,...
और रीनू ने कार्ड खोल दिया ,