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Adultery लवली फ़ोन सेक्स चैट
#10
आंशिका: यार मैने कब कहा की इट वोंट बी डन, बट गिव सम टाइम,
मैं: उससे क्या होगा?

देन हम दोनो चुप छाप रहे 5 मीं. तक, मैं कहीं और देखता रहा और वो कहीं और थोड़ी देर बाद वो बोली, यार विशाल किस तक तो ठीक है बट आई डोंट थिंक सो डूयिंग एनितिंग फर्दर.

मैं: किस तक तो दी नहीं एंड टॉकिंग अबौट फर्दर थिंग्स.
आंशिका: ओक बाबा, गिविंग ना. वाइ गेटिंग अपसेट.

मेरी तो जैसे ज़िंदगी बन गयी और साथ साथ फट भी रही थी क्यूंकी आजतक मैने सपनो के अलावा कभी भी किसी लड़की को रियल मैं किस नहीं करा था और ना ही कुछ और करा था और ना ही मैं किस करना जानता था ढंग से, तो मैने सोचा क्यूँ ना उसी को करने दूं. वो मेरे पास आई और मेरी आँखों मैं देखे लगी और बोलने लगी – इसके बाद नो मूड ऑफ ओक?

मैने कुछ नहीं बोला, उसके कहा – अब बाबा करोगे भी या नहीं, मैं आगे हुआ उसकी तरफ और वो थोड़ी उपर उठकर उसने मेरे चीक्स को किस कर दिया, मैं उसे देखने लगा, वो बोली - डूयिंग ना, होल्ड ओंन. देन उसने मेरे 2न्ड चीक पर किस करा और फिर मैने भी उसके दोनो चीक्स पर किस करा (वो मेरे इतने पास आ चुकी थी की उसकी साँसे ज़ोर ज़ोर से चलने की वजह से उसके बूब्स मेरे से टकराते और कहते – प्लीज़ हमें दबा दो, पर मैने अपने आप को रोके रखा, फिर उसने मेरे लिप्स को चूमा और मैने भी उसके लिप्स अपने लिप्स से पकड़ लिए और उसने अपनी टंग मेरे मुँह मैं डाल दी. मैं पहले उसकी टंग तो अपनी टंग से चाटने लगा और फिर उसकी टंग को अपने मुँह मैं पकड़ कर आगे पीछे चूसने लगा. ऐसा मैंने एक पोर्न मैं देखा था. 5 मीं करने के बाद हम दोनो अलग हो गये, वो मेरे से नज़रें नहीं मिला रही थी, मैने उसकी चीन को उपर करा और देखा. वो हंस रही थी और शर्मा रही थी, मैने मौके का फ़ायदा उठाया और बोला – जान प्लीज़, वन मोर थिंग, प्लीज़. 

उसने एक दम ना मैं सिर हिला दिया, मैं उसे प्लीज़ प्लीज़ करता रहा और प्लीज़ प्लीज़ करते करते अपने हाथ उसके बूब्स पर ले जाकर रख दिए और वो मना करती रही फिर मैने अपने दूसरे हाथ से भी उसके [b]बूब्स पकड़ लिए और अब मेरे दोनो हाथ उसके बूब्स पर थे और वो बोले जा रही थी – प्लीस विशाल नोट टुडे, नोट टुडे और मैं उसके बूब्स को अपने हाथों मैं भर लिया वो एकद्ूम चुप हो गयी और फिर मैने अपने हाथों को उसकी चेस्ट की तरफ प्रेस करा जिसे उसके बूब्स सूट के उपर से बाहर आने लगे, मैं तो जैसे हवा मैं उड़ रहा था, समझ मैं नहीं आ रहा था की क्या करूँ, वो पीछे हटने लगी , [/b]
मैने उसके बूब्स को पकड़ कर उसे फिर से वापस आगे कर लिए और ज़ोर से उसके दोनो बूब्स दबा दिए फिर उसने अपने हाथ मेरे हाथ पर रखे और मेरी आंकों मैं आँखें डाल कर कहा, विशाल बस प्लीज़ अब तो हो गयी ना दोनो चीजे अब बस करो प्लीज़, मैने उसके बात मान ली और हम दोनो अब बायक पर बैठ गये,
वो पहले की तरह मेरे से दूर बैठी थी जिससे उसकी ब्रेस्ट टच नहीं हो पा रही थी मेरे से, मैने बायक स्टार्ट करी और हम चल पड़े. वो रास्ते मैं बोली – इतनी धीरे क्यूँ चला रहे हो बायक ? कल पहुँचाओगे क्या?
मैने कहा तुम इतनी देर क्यूँ बैठी हो?

वो बोली – मतलब?
मैने कहा _ मतलब यह की मेरे से सट के बैठो तो बायक की स्पीड तेज़ हो सकती है नहीं तो बैठी रहो आराम से बायक भी आराम से चल रही है ,
वो बोली- तुम ना एकद्ूम पागल हो,
मैं बोला – सो तो हूँ. हू मेरे से चिपक गयी और उसका दांया बूब मेरी बेक से लग गया वाव क्या फीलिंग थी, काश मेरे पीछे भी दो हाथ होते, फिर मैंने बायक की स्पीड तेज़ करी और उसको उसके घर के पास वाले बस स्टॉप पर छोड़ दिया जहाँ वो रोज़ बस से उतरती थी. मैं उससे एक गुड नाइट किस माँगी रात को 10 बजे कोई बस स्टॉप पर था भी नहीं,
उसने बोला – अछा जल्दी करो, मैने अपना हेल्मेट उतरा और उसने जल्दी से अपने लिप्स मेरे लिप्स को चूमा और गुड नाइट बोलकर चली गयी. मैं भी खुश होता हुआ घर चला गया.

घर पहुँचकर मैने उसे रात को 11 बजे मेसेज करा.

मैं हाय , थॅंक यु सो मच
आंशिका’स रिप्लाइ : हाय .. थॅंक्स किस लिए?

मैं फॉर गिविंग मी टाइम एंड आ वेरी स्वीट किस आंड उसके लिए …. यु नो
आंशिका: हां , इट्स ओक नो नीड टू थॅंक्स, चलता है, पर आइन्दा से कोई ज़िद नहीं, आज तो मैने मान ली, क्यूंकी तुम्हारा उदास चेहरा नहीं देखा जेया रहा था..

मैं क्या करूँ, मैं बहुत जल्दी उदास हो जाता हूँ, लोल . अभी क्या कर रही हो तुम?
आंशिका”स रिप्लाइ : कुछ नहीं , ऐसे ही टेरेस पर घूम रही हूँ नींद नहीं आ रही.

मैने उसका मेसेज पढ़ कर उसे कॉल करी अब.

मैं हेलो डियर
आंशिका: हाय , इस समय कॉल क्यूँ करी?

मैं ऐसे ही तुम्हे भी नींद नहीं आ रही और मुझे भी.
आंशिका: तुम तो बस रहने दो, सब पता है मुझे

मैं अछा जी क्या पता है ऐसा?
आंशिका: बस पता है, सब बातें नहीं बताई जाती.

कुछ देर कुछ भी नहीं बोला.

आंशिका: क्या हुआ? चुप क्यूँ हो?
मैं ऐसे ही यार, कुछ बोला ही नहीं जा रहा, तब से हवा मैं उड़ रहा हूँ.

आंशिका: ओहो, अब ऐसा भी कुछ नहीं हुआ, इट वाज़ नॉर्मल, तुम तो कई लड़कियों के साथ कर चुके होगे.
मैं पागल हो क्या, मैने पहले कभी किस नहीं करा, और किस तो फिर भी ठीक है बट वो तो मैं कभी सोच भी नहीं सकता था.

आंशिका: क्या वो ?
मैं यार वोही, ज ज ज ज..जो तुम्हारी ब्रेस्ट पर हाथ रखे थे. मैं पागल हो गया था.

आंशिका: उसके बारे मैं तो तुम बात ही नहीं करो तो अछा है, मैं बहुत गुस्सा हूँ.
मैंसॉरी यार, बट मैं क्या करूँ, वो हॉल मैं कपल को देख कर मेरे से रहा नहीं गया.

आंशिका: चलो वो ठीक है, समझ आता है, बट इसका मतलब खुले आम पकड़ लोगे, और दबा दी थी तुमने वहीं पर ज़ोर से, तुम्हे पता है मैं कितना डर गयी थी, वहाँ ओपन मैं तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए था यार.

(चलो मतलब उसे ब्रेस्ट दबाने से कोई ऐतराज़ नहीं, मेरी तो निकल पड़ी थी) ये सुनकर मैने कहा..

मैं सॉरी यार, कंट्रोल नहीं हुआ मुझसे और मैने वहीं पकड़ लिए पार्किंग मैं. पर मैं क्या करूँ वो भी मुझसे कह रहे थे ऐसा करने को.
आंशिका: वो? कौन वो? और क्या कह रहे थे?

मैं तुम्हारी ब्रेस्ट खुद ही आगे बढ़ बढ़ कर कह रही थी की हूमें पकड़ लो. लोल ...
अंशिका : (हंसने लगी ) तुम ना बिल्कुल पागल हो, कुछ भी बोलते हो.

मैं अरे मेरको जो फील हुआ वो बोल दिया और क्या.
आंशिका: हाँ बहुत फील करते हो तुम, तभी पार्किंग मैं शुरू हो गये.

मैं हहेहहहे, योउ नो योउ अरे वेरी स्वीट.
आंशिका: यआ आई नो.

मैं सच मैं यार उन्हे पकड़ के मज़ा आ गया.
आंशिका: क्यूँ पहले कभी नहीं पकड़े?

मैं ना, नेवेर.
आंशिका: झूठ बोल रहे हो.

मैं अरे सच मैं यार, तुमसे क्या छुपाना.
आंशिका: चलो यकीं कर लेते हैं.

मैं यार वैसे तुम्हारे कितने बड़े हैं
आंशिका: क्या मतलब?

मैं यार दोनो मेरी हथेली मैं नहीं आ रहे थे.
आंशिका: ह्म, आई नो.

मैं मे आई नो यौर साइज़?
आंशिका: क्यूँ करना है?

मैं यार पता तो हो जो चीज़ हाथ मैं ली, वो थी कितनी बड़ी
आंशिका: हहेहेहहे, तुम सच मैं पागल हो बहुत बड़े पागल

मैं बताओ ना प्लीज़.
आंशिका: इट्स 32 dd

मैं डीडी ?
आंशिका: हाँ, नेक्स्ट तो कप डी .

मैं (शॉक होते हुए और हंसते हुए) इतने बड़े, वाउ, सही है यार .
आंशिका: हाँ तो इसमें हैरान होने की क्या बात है, औरों के भी होते हैं आई एम् नोट यूनीक.

मैं मैं औरों को कहाँ जानता हूँ. सिर्फ़ तुम्हे जानता हूँ. यार इतने बड़े कैसे करे.
आंशिका: मैने क्या करा, बस हो गये.

मैं फिर भी, कुछ तो करा होगा
आंशिका: कुछ नहीं, बस ऐसे ही.

मैं अरे बताओ ना यार, कैसे करे?
आंशिका: अरे जैसे तुम बाय्स को बचपन मैं शौक होता है ना की बियर्ड आए, तो तुम एरेसर उसे कर लेते हो, ऐसे ही हम गर्ल्स को शौक होता है की हमारी ब्रेस्ट कैसे जल्द से बड़ी हो, सो कभी कभी मैं आयिल मसाज कर लेती थी बचपन मैं, तो शायद उसी का फल है.

मैं ओक, तो अब नहीं करती मसाज?
आंशिका: अब? अब क्या करना है, ये क्या कम बड़े हैं?

मैं हाँ ये भी है, हर चीज़ हमारे हाथ मैं रहे तो सही है हाथों से बाहर जाते ही कुछ ग़लत हो सकता है. हहेहहहे
आंशिका: (हंसते हुए) तुम तो चुप रहो पागल कहीं के.
मैं यार जब से तुमने साइज़ बताया है मेरा और मन कर रहा है उन्हे पकड़ने का.
आंशिका: इसमें कौनसी नयी बात है, हू तो तुम्हारा मन हमेशा करता है.

मैं अछा तुमने अभी क्या पहना है?
आंशिका: नाइट गाउन.

मैं ब्रा भी पहनी है?
आंशिका: नहीं मैं रात को नहीं पहेनटी.

मैं यार एक बार उनको मेरे लिए बाहर निकल दो.
आंशिका: पागल हो गये हो क्या तुम.

मैं प्लीज़ यार, बस एक बार, अछा सिर्फ़ एक बाहर निकल लो.
आंशिका: मैं इस वक़्त टेरेस पर हूँ, किसी ने देख लिया ना अपनी टेरेस से तो बस हो गे आ काम.

मैं वोही तो, इस वक़्त रात के 11.30 बजे कौन होगा?
आंशिका: क्यूँ जैसे मैं हूँ, और कोई भी हो सकता है.

मैं क्यूँ किसी और का भी 32ड्ड साइज़ है? हहेहेहेः
आंशिका: (हंसते हुए) हाँ, हुआ तो.
मैं प्लीज़ यार, एक बार.
आंशिका: मुझे ना यही नहीं पसंद, यु आर सो इमपेशेंट.

मैं क्या करूँ, आई एम् नोट एक्सपीरियेन्स्ड ना, इसलिए , चलो कोई बात नहीं रहने दो.

(मैं कुछ नहीं बोला 5मीं फिर)

आंशिका: यार, फिर चुप हो गये, मैं क्या करूँ तुम्हारा. रुको मैं टंकी के पीछे जाती हूँ, वहाँ कोई नहीं देख पाएगा
मैं (खुश होते हुए) थॅंक यु .

आंशिका:रहने दो बड़े आए थॅंक यु वाले .
मैं निकाल लिए?

आंशिका: रूको तो सही, पहले चेक कर लूँ की कोई है तो नहीं यहाँ वहाँ.
मैं ओक

आंशिका: हाँ, अब बोलो.
मैं निकाल लिए बाहर.

आंशिका: हाँ बाबा, टंकी के पीछे बैठी हूँ. और दोनो बाहर निकल रखे हैं, अब क्या?
मैं वाउ, तुम्हारे निपल्स का कलर क्या है?

आंशिका: लाइट ब्राउन.
मैं वाउ, नाइस फ्लेवर, लॉल

आंशिका: अब बोलॉगे भी, कर दूं वापिस अन्दर अब?
मैं अरे नहीं अनहीं अभी नहीं, अपनी ब्रेस्ट को उठा कर एक किस करो मेरे तरफ से.

( उसके हिलने की आवाज़ आई और फिर पुच की आवाज़ आई)

आंशिका: कर ली दोनो पर अब.
मैं अपने निपल्स को पकड़ कर मस्लो.

आंशिका: ओक.

मैं कर रही हो?
आंशिका: ( धीमी आवाज़ से) हा..हाँ यार.अया.

तभी पीछे से आवाज़ आई – अनुउऊुुुुुुुउउ, चलो नीचे आओ, बहुत रात हो गयी, कल कॉलेज भी जाना है ना तेर्को.
अंशिका ने बोला: आ रही हूँ मम्मी.

आंशिका: सुनो मेर्को जाना है एब्ब ओक.
मैं ओक, अच्छा सुनो एक बार दोनो को प्रेस कर दो ज़ोर से.

अन्हस्का: लो दबा दिया, अब जा सकती हूँ मैं
मैं अछा ये बताओ फिर कब मूवी देखने जा रहे हैं?

आंशिका: कभी नहीं, क्यूंकी तुम फिर किसी कपल को देख लोगे और फिर मुझे परेशन करोगे.
मैं लॉल, अछा नहीं देखूँगा किसी और को, सिर्फ़ तुमहरे साथ बिज़ी रहूँगा, हहेहहे

आंशिका: बदमाश कहीं के, चलो देखते हैं, इस वीक नहीं हो पाएगा, सॅटर्डे को कॉलेज मैं फेस्ट है और मेरी स्पीच भी है, तो उसकी प्रेपरेशन मैं बिज़ी होंगे सब.
मैं यार थोडा टाइम तो निकाला जा सकताहै ना मिलने के लिए

आंशिका: देखती हूँ, कुछ पक्का नहीं कह सकती.
मैं ओक, चलो ट्राइ करना.

आंशिका: ओक, बाइ गुड नाइट.
मैं ऐसे कैसे, गिव मी किस

आंशिका: बाबा यु आर सो डिमॅंडिंग, लो, मुआः
मैं मुआः, अब नींद अच्छी आएगी, गुड नाइट, स्वीट ड्रीम्स.

आंशिका: गुड नाइट.
नेक्स्ट डे , सुबह 10 बजे मैने उसे मेसेज करा ..

मैं हेलो, जानेमन क्या हाल चल है? कहाँ पर हो क्या कर रही हो?
आंशिका’स रिप्लाइ: हाय , गुड मोर्निंग , कहाँ हूँगी कॉलेज मैं हूँ, वो फेस्ट की प्रेपरेशन चल रही है, मैं तुम से बाद मैं बात करती हूँ, रियली बिज़ी, सॉरी, बाय .

मेरी हॉलिडेज़ थी और कुछ करने को भी नहीं था, मैं बोर हो रहा था, तभी मेरा मन करा की इस बारे मैं अपने किसी एक फ्रेंड को तो कम से कम बताना चाहिए. देन मैं अपने सबसे ट्रस्टवर्ती फ्रेंड के पास गया और मैने उसे बताना शुरू किया पर हाँ मेरा मन फिर भी पूरी बात बताने का नहीं था, कहीं वो किसी और को बता देता या फिर खुद ही कुछ करता, सो इसीलिए मैने उसे टूटी फूटी बातों मैं ही बताया …


मैं यार एक लड़की है, उससे बात कर रहा हूँ आजकल.
फ्रेंड: नेट पर?

मैं ना फोन पर.
फ्रेंड: अछा जी, क्या बात है.कहाँ से मिल गयी? कैसी है ?

मैं हे तो मस्त, आई मीन नेचर अछा है.
फ्रेंड: हाय , क्या नाम है?

मैं (मैने झूठ बोला) अनु नाम है
फ्रेंड: क्या करती है? कहाँ रहती है?

मैं वो यार देल्ही से बाहर की है, हरयाणा साइड की है, वो जॉब करती है एक कंपनी मैं.
फ्रेंड: फिर क्या फ़ायदा, यहाँ की होती तो उसे पटाकर दोनो चोदते .

(ठरकी साला , मैने तभी किसी को नहीं बताया था, क्यूंकी ये आग बड़ी तेज़ी से फैलती है और अभी तक तो मेरे हाथ भी गरम नहीं हुए थे तो औरों के कैसे होने देता)

मैं चल बे, चोदने वोदने का कोई प्लान नहीं है, वी आर जस्ट फ्रेंड्स, ऐसे ही बात हो जाती है.
फ्रेंड: नंबर दे उसका.

मैं हाँ उसकी गांड काटके तेरको ना दे दूं साले ठरकी , हमेशा लंड से ही सोचियो.. तेरे टाइप की नहीं है,
फ्रेंड: अरे तो कर दूँगा उसे मेरी टाइप की, हहेहेहेहहहीः

हम दोनों ऐसे बातें करके हंसते रहे, तभी उसने बताया की उसके किसी ब्रदर की शादी है कुछ दिनों मैं, मैने पूछा भाभी कैसी है? देखी है तूने?

फ्रेंड: हाँ यार मस्त है एकदम , कई बार मिल भी चूका हूँ.
मैं अछा जी, कैसे,

फ्रेंड: यार लव मॅरेज है, सो भेय्या मिलवा चुके हैं कई बार.
मैं सही है यार, कैसी है मस्त है भाभी?

फ्रेंड: साले ब्रेस्ट देखेगा तो पागल हो जाएगा.
मे : (सोचते हुए- अबे मैने पकड़ भी रखी है वो भी 32 डीडी) अछा जी, बड़ी होंगी.

फ्रेंड: अबे यार पूछ मत, वैसे ही भाभी डीप नेक के टॉप्स पहनेती है, यार रहा नहीं जाता, भेय्या के तो मज़े हैं यार
मैं तेरे भेय्या तो कई बार मज़े ले चुके होंगे.
फ्रेंड: कई बार? आब्बी हर दूसरे दिन चोदते थे,
मैं अछा जी, तुझे बेताके चोदते थे क्या?

फ्रेंड: अब्बे यही समझ ले, हर दूसरे दिन मिलने जाते थे, कॉंडम उनके पास वैसे ही रहते थे हमेशा और एक दो बार तो मेरे से भी मँगवाए थे.
मैं मस्त है यार, तेरे भेय्या की तो लाइफ सेट है.

फ्रेंड: यार उनकी तो लाइफ सेट है पर अप्नी तो हालत खराब हो जाती है भाभी के पास जाकर. कहीं जवानी मैं मुँह ना काला कर बैठून. हहेहहे
मैं हहेहेहहहीह. चल अगर मौका मिले तो मुझे भी याद कर लिओ.

फ्रेंड: साले अभी नंबर देते हुए तो तेरी गांड फट रही थी और मेर्को बोल रहा है शेयर करने को.
मैं अब्बे भोसड़ी के बोल तो ऐसे रहा है तू की तेरी भाभी तेरे बेड मैं लेटी हो नंगी इस वक़्त बस तेरा ही इंतेज़ार कर रही है आने का, साले तेरे भाई को पता चल गया ना, गांड तो मरेगा ही और तेरा लंड काट कर तेरे ही रूम की दीवार पर टाँग देगा निहारता रहियो अपने कटे हुए लंड को.

फ्रेंड: अब्बे यार एक बार मौका तो दे दे भाभी, बाद की कोई चिंता नहीं.
मैं सुन .. तू बस रंडियों को चोद , तेरे से वोही पट सकती है बस.

फ्रेंड: अब्बे यार क्या बोल दिया, अब तो जाना ही पड़ेगा एक दो दिन मैं.
मैं साले लंड सड़ जाएगा सड़ी हुई चूतों मैं डालकर,

फ्रेंड: अब्बे पागल है क्या, मैं कोई जी बी रोड थोड़ी ना जाता हूँ, मैं तो हाउसवाइव्स के पास जाता हूँ. लास्ट टाइम एक 16 साल की लड़की को चोदा था, मज़ा आ गया था यार, साली जो आवाज़ें निकल रही थी.
मैं (मेरी तो गांड ही जल गयी ये सुनकर) अछा जी.

फ्रेंड: तेर्को पता है मेरे फ्रेंड के साथ क्या हुआ?
मैं क्या हुआ?

फ्रेंड: अब्बे मेरा फ्रेंड ना एक रंडी को घर लेकर आया, उसके घर मैं उस दिन कोई नहीं था, रात को कर रहे होंगे, वो साली इतनी ज़ोर ज़ोर की आवाज़ें निकल रही जान भुजकर – “हाय बच्चेदानी मैं घुस गया, हाय कितना मोटा है, हाय और कितना छोड़ेगा ” उसके पड़ोस मैं पता चल गया की किसी की चुदाई हो रही है, अगले दिन उसका पड़ोसी पूछता है की रात को कौन आया था, मेरे दोस्त की तो गांड फट गयी वहीं पर, कहने लगा की कोई नहीं वो ब्लू फिल्म चल रही थी. हहेहेहेहेहेहेहेहहे
मैं हहेहेहहेहेहेहीहे.फिर कुछ कहा पड़ोसिओं ने उसके पेरेंट्स को?

फ्रेंड: ना, वो तो अछा थी की लड़के रहते हैं पड़ोस मैं, तो उन्होने कुछ नहीं कहा, अब साले ये दोनो पड़ोसी और मेरा फ्रेंड एक साथ चोदते हैं रंडियों को.
मैं हहेहेहेः, सही है, एक रंडी ने दो पड़ोसिओं को करीब ला दिया.हहेहेहहेहीः.


तभी आंशिका का मेसेज आया की आई विल कॉल यु अराउंड 1 पीयेम, इन लंच टाइम. उस समय 12:30 हो रहे थे, तो मैने अपने दोस्त के पास से खिसकना ही सही समझा और मैं वहाँ से चला गया और अपने गहर आ गया और एक बजे का इंतेज़ार करने लगा.

देन उसका 1:15 पे कॉल आया .,


अंशिका .: हाय .. कैसे हो?
मैं हाय , . आई एम् फायन एंड हाउ आर यु ?


आंशिका: आई एम् ऑल्सो फाइन थॅंक्स. सो क्या चल रहा है मिस्टर.?
मैं कुछ नहीं, ऐसे ही अपने दोस्त से मिलने गया था, उससे थोड़ी बातें करी बस.


आंशिका: ओक, तुम्हारे किसी दोस्त को पता है की यु टॉक विद मी ?
मैं नहीं, किसी को नहीं पता.


आंशिका: क्यूँ?
मैं नोबडी विल अंडरस्टॅंड और रीलेशन ऑफ ट्रू फ्रेंड्स, वॉट यु थिंक सो? तुमने अपने किसी फ्रेंड को बताया?


आंशिका: नहीं, मैने भी नहीं बताया है एस सच, हाँ यहाँ कॉलेज मैं एक मेरी सीनियर टीचर है,काफ़ी अची बनती है उससे, उसे ऐसे ही बताया था की एक नया फ्रेंड बना है हु इस एज ऑफ माय स्टूडेंट.
मैं ओक, कुछ कह रही थी वो ?


आंशिका: कुछ नहीं, कह रही थी की एक छोटी सी लव स्टोरी है क्या?
मैं हहेहहे, देन क्या बोला तुमने.


आंशिका: क्या बोलती? मैंने बोल दिया नहीं बस ऐसे ही बस.
मैंओक, कब बताया था?


आंशिका: परसों.
मैं ओक, सो लंच कर लिया?


आंशिका: हाँ कर लिया और तुमने?
मैं नहीं अभी करूँगा, सो अभी क्या हो रहा है कॉलेज मैं?
आंशिका: कुछ नहीं स्टूडेंट्स प्रॅक्टीस कर रहे हैं इवेंट्स की, और गर्ल्स सेक्सी ड्रेसस पहेंकर कॅट वॉक की प्रॅक्टीस कर रही हैं फॅशन शो के लिए.
मैं अछा जी , सही है


आंशिका:हाय , किसी के कान खड़े हो गये शायद.
मैं सिर्फ़ कान ही नहीं कुछ और भी खड़ा होता है.


आंशिका: चुप बदमाश, एक दम डफर हो तुम, कुछ भी बोलते हो.
मैं यार बस सच बोला.


आंशिका : तुम हमेशा ग़लत जगह ही ग़लत बात क्यूँ करते हो?
मैं तुम कभी सही जगह मिलती ही नहीं.


आंशिका: अरे बाबा, तुमसे तो बहस करना ही बेकार है,
मैं सो तो है, तो बताओ कब सही जाग होगी तुम जिससे सही बात कर सकूँ तब.


आंशिका: शाम को ही टाइम मिलेगा यार.
मैं ओक, मतलब शाम तक ना ही कान खड़े होंगे और ना ही ……..


आंशिका: हहेहेः, ऐसा ही समझो.

मैं अछा सुनो कल रात को मज़ा आ गया यार.


आंशिका: हाँ हाँ सही है मुझे परेशान करते रहो और मज़े लेते रहो.
मैं परेशान ? तुम्हे मज़ा नहीं आया? सच सच बताना.


आंशिका: हाँ आया तो बट स्टील यु नो.
मैं वॉट यु नो, किसी पड़ोसी ने कुछ देखा छत पर? किसी ने कुछ कहा ?


आंशिका: नहीं फिर भी.
मैं फिर भी क्या, मुझे तो बड़ा माज़ा आया.


आंशिका: घर बैठे बैठे ही मज़े ले लिए तुमने?
मैं ऐसे ही हैं हम, दूर से मज़े ले लेते हैं, जब साथ होगी तो और लेंगे.


आंशिका: पूरे हॉर्नी हो तुम.
मैं ( अंजान बनते हुए) अब ये हॉर्नी क्या होता है?


आंशिका: मुझे नहीं पता
मैं देन कहा क्यूँ? बताओ ना, क्या होता है?


आंशिका: नहीं पता, खुद पता लगा लो.
मैं मुझे तो कोई गाली लग रही आयी, यार हिन्दी मैं ही दे दो गाली.


आंशिका:आररीईईई, तुम पागल हो क्या? गाली क्यूँ दूँगी? हॉर्नी मीन्स होता है ठ ...ठ …ठरकी .
मैं ओह, तो ऐसे बोलो ना, अब क्या करूँ हूँ तो हूँ, और इसमें तुम्हारा भी फ़ायदा है, बोलो है की नहीं?


आंशिका: हहेहेहेहेहेहहे, य़ेस सर , अछा मैं फोन रखती हूँ, लंच टाइम ओवर, शाम को बात करती हूँ.
मैं ओक, एक बार प्रेस करो.


आंशिका: क्या?
मैं क्या करोगी?


आंशिका: तुम पागल हो गये हो, मैं कॉलेज मैं हूँ.
मैं तो क्या कॉलेज मैं प्रेस करना माना है?


आंशिका: यार इट्स टू मच, मैं रख रही हूँ फोन अब.


और उसने बिना बाइ बोले फोन रख दिया.


शाम को करीब 7 बजे उसका मेसेज आया –


आंशिका: हे, हाउ आर यु ?
मैं जैसा भी हूँ, तुम्हे उससे क्या?


.: अरे यार सॉरी फॉर नून, वो एक टीचर आ गई थी तो रख दिया था, सॉरी.
मैं हाँ, मुझे वैसे . पता क्या चलेगा की कोई आया था या नहीं?


आंशिका: इतना भी विश्वास नहीं है दोस्त पर?
मैंविश्वास है, इसीलिए अभी तक बात कर रहा हूँ, पर एक मेसेज भी हो सकता था न बाद मैं.


आंशिका: सॉरी आई वाज़ बिज़ी, और तुम भी ऐसी बात करते हो मेर्को भी गुस्सा आ गया था. हमेशा ग़लत जगह ही करते हो बात,
मैं हाँ ग़लत इंसान हूँ, तो ग़लत जगह ही करूँगा. तुम ही बता दिया करो ना की कौनसी सही जगह है वहीं करूँगा देन.


आंशिका: यार तुम तो बहुत जल्दी बुरा मान जाते हो, सही जगह अभी थोड़ी देर मैं होगी, अभी मैं खाना बना रही हूँ देन डिन्नर करके तुमसे फोन पर बात करूँगी, तब मैं अपने रूम मैं होंगी, तब कुछ भी बोलना ओक.
मैं ह्म, देखते हैं.


आंशिका: अब तो स्माइल पास कर दो, अछा एक किस करो जल्दी से, फिर स्माइल आएगी तुम्हे,
मैं मुआआह.


आंशिका: गुड बॉय, ऐसे ही रहा करो खुश. अछा चलो मैं तुम्हे थोड़ी देर मैं कॉल करती हूँ तुम भी तब तक डिन्नर कर लो, देन आज बात करेंगे आराम से काफ़ी देर तक, ओक.
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RE: लवली फ़ोन सेक्स चैट - by playboy131 - 19-03-2020, 10:40 PM



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