03-03-2020, 12:39 PM
(This post was last modified: 04-06-2021, 11:51 AM by komaalrani. Edited 5 times in total. Edited 5 times in total.)
हम दोनों बहने ब्रा और ,... मैं अपनी अल्ट्रा लो कट स्किन टाइट जीन्स और रीनू ,छोटी सी स्कर्ट में।
लड़के कम बदमाश नहीं होते, बल्कि ज्यादा ही होते हैं, और आज ये भी न एकदम मेरे जीजू लोगों का कान काट रहे थे,
असल में पहले भी हम लोगों ने स्ट्रिप पोकर खेली थी , पर मम्मी के साथ और एक तो मम्मी के सामने इनकी हिम्मत नहीं पड़ती थी दूसरे हम माँ बेटी मिल के,... जी आप ने सही समझा, बिना कडुआ तेल लगाए इनकी मार लेते थे,
पर आज मेरे दोनों जीजू के साथ ये शेर हो रहे थे और उससे भी ज्यादा मेरी कमीनी बहन रीनू, इन्हे बढ़ाने चढाने उकसाने में, कभी इनकी ब्रीफ के ऊपर से इनके तन्नाए खूंटे को रगड़ती बोलती,
" हाय मेरे जीजू, ये मेरी स्साली पांच दिन वाली छुट्टी को अभी आनी थी, वर्ना ये साली कोमलिया देखती रहती और जीजू मैं तझे यहीं पटक के अब तक दो राउंड चोद चुकी होती, पर चल स्साले , अभी लौटूंगी न काठमांडू से पक्का, इस कमीनी कोमलिया को पास भी नहीं आने दूंगी,... हचक हचक के , बिन चुदे तो अब तू बच नहीं सकता, मेरी इस स्साली छिनार कमीनी बहन ने इत्ते मस्त माल को ताले चाभी में बंद रखा था, अकेले अकेले मजा लूटती थी न,... "
ये भी मम्मी और मम्मी से ज्यादा मंजू और गीता की संगत में , फिर इनकी मुंहबोली साली, मेरी सहेली सुजाता जो उन्हें उकसाती रहती थी, बोल तो नहीं रहे थे पर ललचायी नज़रों से मेरी बहन को देख रहे थे,
मुझसे नहीं रहा गया, मैंने खिलखिलाते हुए बोल ही दिया,
" अरे यार क्यों ललचा रहे हो, मुझसे दो चार महीने बड़ी सही, पर है तो तेरी साली ही, मांग लो दे देगी। "
" अरे मांगने की क्या बात, क्यों जीजू ये चाहिए, कोमलिया से एक साइज बड़े हैं छू के देख लो न ,... " ब्रा के ऊपर से अपने उभारों को सहलाती, इन्हे ललचाती इनकी साली बोली और इनका हाथ खींच के ब्रा के ऊपर से अपने कड़े गदराये उभारों पर रख दिया,
टॉप तो हम दोनों बहनों के भी उतर चुके थे, पर हम दोनों सालिया थीं नंबरी बेईमान और बहने भी तो,
लड़के तीनो सिर्फ अब एक कपडे में और हम दोनों बहने तीन तीन, ब्रा पैंटी के साथ मेरी जींस और इनकी साली की स्कर्ट बची थी।
कमल जीजू और अजय जीजू की निगाहें सिर्फ पत्तों पर , अबकी हम दोनों को , मुझे रीनू को हराना ही है , और अब हम दोनों बहने बेईमानी भी नहीं कर रह थे
हम दोनों ने सोच लिया था एकाध राउंड इन तीनों बेचारों को भी जीत लेने दें, उसके बाद तो आज इन तीनों को नंगा कर के नचाना ही था,
और अगले राउंड में जीते ये हारी इनकी साली रीनू, इन्हे ज्यादा दांव पेंच तो मालूम नहीं थे और इनकी निगाह भी रीनू की ब्रा से झांकते,
पर तबतक कमल जीजू ने इनके कान में मंत्र फूंक दिया,
लड़के न सब नंबरी बदमाश, सीधे भरतपुर स्टेशन पर जा के रुकना चाहते थे, कमल और अजय जीजू तो थे ही और आज उनकी संगत में ये भी न ,...
थोड़ी देर ये रीनू को देख के मुस्कराते रहे फिर उन्होंने बोल दिया,
" पैंटी ".
लड़कों ने खूब हल्ला मचाया जब रीनू अपनी पैंटी हारी ,पर वो छिनार , ...
स्कर्ट के नीचे हाथ डाल के बिना अपनी सोन चिरैया दिखाए ,
उसने गुलाबी लेसी पैंटी निकाल के सीधे इनके चेहरे पर फेंक दिया।
एक अच्छे जीजू की तरह न उन्होंने सिर्फ कैच किया बल्कि बहुत प्यार से चूम भी लिया।
खुश तो बहुत हुए ये अपनी साली की पैंटी पा के चूम के , लेकिन उनकी आँखे अभी भी ब्रा से तोपी ढंकी मेरी बहन के रसीले उभारों पर,... और फिर सीधे स्कर्ट से छुपी जाँघों पे,
रीनू पत्ते फेंटते हुए मुस्करा रही थी और इनके कान में बोली, " जीजू वो स्साली पांच दिन वाली छुट्टी न होती न तो आपको तड़पना न पड़ता, मैं खुद आपको भरतपुर टहला लाती। "
लेकिन वो राउंड बीच में ही रोकना पड़ा एक तो दारु ख़तम हो गयी थी, ये गए तो इनकी साली साथ साथ नयी बोतल लाने, फिर कोई फोन,...
अबकी मुकाबला कांटे का था, मैं रीनू दोनों लड़कों की चाल समझ गए थे वो सब सीधे अंदर वाले कपड़ों पर आएंगे, ...
देर तक चला, दो बोतलें पूरी खाली हो चुकी थी,
पर अबकी ये सब लोग मिले थे और मैं हार गयी जीते अजय जीजू ,... और एक बार फिर उन्होंने सीधे बोल दिया, तेरी थांग,...
अबकी शोर और तेज था , मेरे दोनों जीजू ,
जीन्स उतारो ,जीन्स उतारो ,
मैंने कुछ परेशान होने का नाटक किया ,जीन्स के एक दो बटन खोले भी ,लेकिन
चाल मैं समझ रही थी, इनकी साली ने तो स्कर्ट पहन रखी थी, इसलिए बिना स्कर्ट उतारे भी उसने पैंटी निकाल ली, लेकिन मैंने तो जींस पहन रखी थी,
अजय का दिमाग,... और रूल भी ये था की एक बार जो कपडा उतर गया उसे पहन नहीं सकते, तो एक बार में मेरे दो कपडे उतर जाते फिर तो मैं सिर्फ ब्रा में ,
मेरे दोनों जीजू और साथ में ये भी जोर जोर से हल्ला मचा रहे थे,
जींस उतारो,जींस उतारो ,...
जींस के नीचे मैंने एक थांग पहन रखी थी,
रीनू थी तो मेरे साथ लेकिन वो भी देख रही थी की मैं कैसे लड़कों की इस चाल से बच पाती हूँ,
अल्ट्रा लो जीन्स का फायदा भी तो है ,
मेरी थांग की स्ट्रिंग बाहर निकली थी और एक बहुत छोटे से हुक से फंसी थी , बस
मैं हुक खोला ,खींचा और मेरी थांग बाहर ,
पतली सी थांग,... मैं समझ रही थी मेरे जीजू लोगों के दिमाग में क्या चल रहा था, थांग के अंदर वाली चीज, ...
साली जीजू के रिश्ते का तो यही मजा है, चिढ़ाना , छेड़ना ललचाना, ...
मैं एक हाथ में से थांग पहले टांग के दोनों जीजू लोगों को दिखाई, फिर जींस के ऊपर से अपनी दोनों जाँघों के बीच, जैसे उन लोगों को दिखा रही होऊं सिर्फ थांग में मैं कैसी लगती हूँ , फिर थांग को ब्रा के ऊपर से अपने दोनों उभारों के ऊपर हलके हलके रगड़ा,
दोनों जीजू की हालत ख़राब,
हालत तो इनकी भी खराब थी, इनकी कमीनी स्साली अब इनकी गोद में बैठ गयी थी, और अपने भारी भारी चूतड़ों से ब्रीफ फाड़ते इनके तन्नाए खूंटे को रगड़ रही थी , और ऊपर से ये अभी भी थोड़ा हिचकते थे पर मेरी बहन हिचकने वाली नहीं थी, उसने इनका हाथ पकड़ के सीधे ब्रा के अंदर, ...
मैं अपने दोनों जीजू को ललचा रही थी अपने थांग से , और फिर
मैंने सीधे कमल जीजू के तंबू में बम्बू के ऊपर निशाना लगा के फेंका।
सीधे कमल जीजू के खूंटे पे,
गेम अब थोड़ा रुक गया था, क्योंकि एक किसी के भी सारे कपडे उतर जाने पर वो गेम से बाहर हो जाता, ... लड़के तीनो सिर्फ एक कपडे में थे, और हम दोनों दो दो , मैं ब्रा जींस और रीनू ब्रा स्कर्ट में, ...
पत्ते अबकी मैंने फांटे भी बांटे भी,
पेग रीनू बना रही थी और अपने जीजू को तो डबल पटियाला ही, तबतक बोतल की ओर देखकर कमल जीजू ने कुछ इशारा किया, कबाब भी ख़त्म हो गए थे
व्हिस्की की दूसरी बोतल भी आधी से ज्यादा खाली हो चुकी थी ,
कमल जीजू का हाथ जो इनके कंधे पर था ,
अब सरकते हुए इनकी नंगी पीठ पर फिसलता हुआ बार बार नीचे तक जा रहा था ,
और उनकी निगाहें भी ,एकदम कमल जीजू के बालिश्त भर से लंबे मोटे खूँटे पर ,
रीनू अंदर गयी थी ,
और बाहर आयी तो व्हिस्की की बोतल के साथ
उसके हाथ में ट्रुथ और डेयर गेम्स के कार्ड ,
वही जो हम लोग लेडीज क्लब में खेलते थे।