03-03-2020, 10:55 AM
(This post was last modified: 03-06-2021, 11:59 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
हनी सिंह
मैने और मुझसे ज्यादा मम्मी ने उन्हें ड्रिंक तो टेस्ट करा दिया था ,लेकिन एक दो पेग तक , बहुत हुआ तो कभी तीन पेग , लेकिन यहाँ तो एक झटके में ,डबल पटियाला पेग ,
असर जो होना था वही हुआ , उनकी बची खुची थोड़ी बहुत शरम झिझक भी।
डबल मीनिंग डायलॉग्स जोक्स और फिर हनी सिंह छाप गाने और उससे भी ज्यादा ,आगे बढ़ के ,
" गांड में डंडा ,... "
अजय जीजू ने शुरू किया , और मैं और कमल जीजू ,
फिर तो वो और रीनू भी एकदम सुर में
गांड में डंडा ,
न बांस की बंसी
न सोने की सरिया ,अरे गांड में डंडा ,
नशे का असर सब पर चढ़ रहा था।
कमल जीजू तो हलके हलके उनकी पीठ सहला रहे थे , और कभी कभी उनके नमकीन गोरे गोरे गाल पे प्यार से चुटकी भी काट लेते थे।
और वो भी खुल के अब जीजू का तन्नाया खूँटा देख रहे थे ,
बालिश्त भर से बड़ा ही होगा और मोटा भी खूब ,जबरदंग। ललचायी निगाह से ,
" अरे डंडा क्यों ऐसी मस्त गांड में डालने के लिए मेरा मोटा लन्ड है न। "
कमल जीजू मस्ती से उनका गाल सहलाते बोले।
लेकिन तबतक रीनू उन्हें अगले गाने के लिए उकसा रही थी , और उन्होंने बड़े सुर में रैप चालू कर दिया ,
" तेरी चूत मारूँ ,
तेरे सर से चुदने का भूत उतारूँ ,... "
और रीनू ,उनकी साली भी मस्ती में साथ दे रही थे ,
उसके बाद तो उससे भी बढ़ के ,
अजय और कमल जीजू के हाथ अब मेरे हॉल्टर शोल्डर लेस टॉप में घुस चुके थे ,
और मेरे दोनों निपल उनकी उँगलियों के बीच रगड़े मसले जा रहे थे ,
और वोभी अपनी साली रीनू केजोबन को खुल के मीज रहे थे।
" हे चलो ताश खेलते हैं , ... " रीनू बोली , लेकिन फिर उसने टाइप भी बता दिया , स्ट्रिप पोकर।
इम्पोर्टेड सिंगल माल्ट स्काच की एक बोतल खाली हो चुकी थी और उनकी साली रीनू ने ये इंश्योर किया था की आधे से ज्यादा बोतल उसके जीजू के पेट में जाए।
और मेरी देह में झुरझुरी दौड़ गयी।
पिछली बार जब हम लोगों की ट्रिपल स्वैपिंग प्लान थी , बल्कि बस शुरू ही होने वाली थी, माहौल बनाने के लिए उस बार भी रीनू ने यही प्रपोज किया था , कार्ड्स
और माहौल बिगड़ गया था ,
ये मेरे कान में बोले , तुम्हे तो मालुम है मैं ये सब ,...
और थोड़ी देर में हम लोग इनके मायके जानी वाली ट्रेन पकड़ रहे थे।
इनके मायके में भी ,मैं नयी नयी आयी थी , शादी के बाद।
एक दिन बैठी बोर हो रही थी बस , मैंने जेठानी जी और अपनी छोटी ननद से कार्ड खेलने के बारे में बात कर दी , बस ,
दोनों अल्लफ।
जेठानी तो खैर जैसी उनकी आदत थी ,मुंह फुला के बैठ गयी।
और ननद , वही इनकी ममेरी बहन ,,एलवल वाली गुड्डी , ... कतरनी की तरह जबान ,
बोलने लगी ,
" भाभी , मैं आप से बार बार कहती ,हूँ ,आप तो नयी नयी आयी हैं , आप मुझसे पूछ लिया करिये , भैया को क्या पसंद है ,क्या नापसन्द है।
अरे ताश तो मवाली ,सड़क छाप लोग , .... कभी उनके सामने मत बोलियेगा , वो मेरे भैया कोई जुआरी , मवाली नहीं है। "
मैं मन मसोस कर रही गयी ,तय तो उसी समय कर लिया था , अरे तेरे से भी खेलवाउंगी और ये तेरी कच्ची अमिया दांव पर लगा के
लेकिन आज , अब बहुत कुछ बदल गया था।
सब पहले उन्होंने ही हामी भरी , ताश के खेल के लिए भी , स्ट्रिप पोकर के लिए भी।
मैने और मुझसे ज्यादा मम्मी ने उन्हें ड्रिंक तो टेस्ट करा दिया था ,लेकिन एक दो पेग तक , बहुत हुआ तो कभी तीन पेग , लेकिन यहाँ तो एक झटके में ,डबल पटियाला पेग ,
असर जो होना था वही हुआ , उनकी बची खुची थोड़ी बहुत शरम झिझक भी।
डबल मीनिंग डायलॉग्स जोक्स और फिर हनी सिंह छाप गाने और उससे भी ज्यादा ,आगे बढ़ के ,
" गांड में डंडा ,... "
अजय जीजू ने शुरू किया , और मैं और कमल जीजू ,
फिर तो वो और रीनू भी एकदम सुर में
गांड में डंडा ,
न बांस की बंसी
न सोने की सरिया ,अरे गांड में डंडा ,
नशे का असर सब पर चढ़ रहा था।
कमल जीजू तो हलके हलके उनकी पीठ सहला रहे थे , और कभी कभी उनके नमकीन गोरे गोरे गाल पे प्यार से चुटकी भी काट लेते थे।
और वो भी खुल के अब जीजू का तन्नाया खूँटा देख रहे थे ,
बालिश्त भर से बड़ा ही होगा और मोटा भी खूब ,जबरदंग। ललचायी निगाह से ,
" अरे डंडा क्यों ऐसी मस्त गांड में डालने के लिए मेरा मोटा लन्ड है न। "
कमल जीजू मस्ती से उनका गाल सहलाते बोले।
लेकिन तबतक रीनू उन्हें अगले गाने के लिए उकसा रही थी , और उन्होंने बड़े सुर में रैप चालू कर दिया ,
" तेरी चूत मारूँ ,
तेरे सर से चुदने का भूत उतारूँ ,... "
और रीनू ,उनकी साली भी मस्ती में साथ दे रही थे ,
उसके बाद तो उससे भी बढ़ के ,
अजय और कमल जीजू के हाथ अब मेरे हॉल्टर शोल्डर लेस टॉप में घुस चुके थे ,
और मेरे दोनों निपल उनकी उँगलियों के बीच रगड़े मसले जा रहे थे ,
और वोभी अपनी साली रीनू केजोबन को खुल के मीज रहे थे।
" हे चलो ताश खेलते हैं , ... " रीनू बोली , लेकिन फिर उसने टाइप भी बता दिया , स्ट्रिप पोकर।
इम्पोर्टेड सिंगल माल्ट स्काच की एक बोतल खाली हो चुकी थी और उनकी साली रीनू ने ये इंश्योर किया था की आधे से ज्यादा बोतल उसके जीजू के पेट में जाए।
और मेरी देह में झुरझुरी दौड़ गयी।
पिछली बार जब हम लोगों की ट्रिपल स्वैपिंग प्लान थी , बल्कि बस शुरू ही होने वाली थी, माहौल बनाने के लिए उस बार भी रीनू ने यही प्रपोज किया था , कार्ड्स
और माहौल बिगड़ गया था ,
ये मेरे कान में बोले , तुम्हे तो मालुम है मैं ये सब ,...
और थोड़ी देर में हम लोग इनके मायके जानी वाली ट्रेन पकड़ रहे थे।
इनके मायके में भी ,मैं नयी नयी आयी थी , शादी के बाद।
एक दिन बैठी बोर हो रही थी बस , मैंने जेठानी जी और अपनी छोटी ननद से कार्ड खेलने के बारे में बात कर दी , बस ,
दोनों अल्लफ।
जेठानी तो खैर जैसी उनकी आदत थी ,मुंह फुला के बैठ गयी।
और ननद , वही इनकी ममेरी बहन ,,एलवल वाली गुड्डी , ... कतरनी की तरह जबान ,
बोलने लगी ,
" भाभी , मैं आप से बार बार कहती ,हूँ ,आप तो नयी नयी आयी हैं , आप मुझसे पूछ लिया करिये , भैया को क्या पसंद है ,क्या नापसन्द है।
अरे ताश तो मवाली ,सड़क छाप लोग , .... कभी उनके सामने मत बोलियेगा , वो मेरे भैया कोई जुआरी , मवाली नहीं है। "
मैं मन मसोस कर रही गयी ,तय तो उसी समय कर लिया था , अरे तेरे से भी खेलवाउंगी और ये तेरी कच्ची अमिया दांव पर लगा के
लेकिन आज , अब बहुत कुछ बदल गया था।
सब पहले उन्होंने ही हामी भरी , ताश के खेल के लिए भी , स्ट्रिप पोकर के लिए भी।